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शनिवार, 4 जनवरी 2020

10 उपार्जन केन्द्रों में परिवहन के अभाव में भींग गई लाखों की धान

परिवहन के अभाव में सोसायटी पर सडऩे की कगार पर पहुंची धान,बारिश के कारण नहीं मिले मजदूर
अनूपपुर जिले में तीन दिनों की लगातार बारिश तथा जिले में उपार्जन केन्द्रों पर धान की सुरक्षा में सोसायटी व विभागीय अधिकारियों द्वारा बरती गई लापरवाही में लगभग 10 उपार्जन केन्द्र पर असुरक्षित भंडारित लाखों की धान भींग गई। इनमें जिले के 20 उपार्जन केन्द्रों पर लगभग अब भी 45 हजार 867 क्विंटल धान असुरक्षित भंडारित है। जिनमें लगभग आधी धान की बोरियां बारिश की झोंके तथा बेस में पानी भराव के कारण भींग गए। वहीं परिवहन कर भंडारण केन्द्रों तक पहुंचाई गई लगभग 30-35 हजार क्विंटल भी भंडारण के अभाव में खुले आसमान के नीचे रखी बोरियां बारिश में भींग गई। इस प्रकार विभागीय सूत्रों के अनुसार बारिश में जिलेभर में 60-65 हजार क्विंटल धान की बोरियां बारिश में गीली हो गई। इनमें जिला मुख्यालय स्थित अनूपपुर कृषि उपज मंडी अधीनस्थ दो ओपन कैप पर भी 10 हजार क्विंटल से अधिक धान की बोरियां भींग गई। कृषि उपज मंडी परिसर से बरबसपुर ओपन कैप तक परिवहन के लिए रास्ता तक नहीं है। जिस कारण पिछले चार दिनों से पानी में धान की बोरियां भींगी पड़ी है। धूप नहीं निकलने से बोरियों में बंद धान के अब सडऩे की आशंका जताई जा रही है।
वेंकटनगर उपार्जन केन्द्र पर 3 हजार क्विंटल से अधिक धान की बोरियां गीली गई, इनमें 750 किसानों में से 146 किसानों के द्वारा 6902 क्विंटल धान का उपार्जन किया गया था। जिसमें ३७८५ क्विंटल धान का मात्र परिवहन हो सका था, शेष 3117 क्विंटल धान अब भी सोसायटी पर भंडारित थी। लेकिन तिरपाल और जगह की कमी के कारण यहां लगभग 1000 क्विंटल धान सोसायटी पर भंडारित तथा 2000 क्विंटल धान किसानों की खरीदी के अभाव में गीली हो गई। ऐसे ही अमलाई, भलमुड़ी, मलगा, बिजुरी, कोठी, धनगवां, राजेन्द्रग्राम, बेनीबारी, दमेहड़ी, भेजरी उपार्जन केन्द्रों पर भंडारण के अभाव में धान की बोरियां भींग गई। बताया जाता है कि परिवहन के अभाव में धान की यह दुर्गति हुई है। मौसम विभाग की बार-बार चेतावनी के बाद भी सोसायटी प्रबंधकों, विभागीय अधिकारी व परिवहन ठेकेदार ने धान उठाव कराने में कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई। यहां तक विभागीय अधिकारियों ने भी उपार्जन केन्द्रों का भ्रमण  करना उचित नहीं समझा। उपार्जन के दौरान अधिकांश सोसायटी पर जगह और तिरपाल की कमी में किसानों द्वारा खरीदी गई धान बारिश की भेंट चढ़ गई। सोसायटी प्रबंधकों का कहना है कि धान खरीदी के उपरांत बनते लॉट को देखते हुए ठेकेदार सहित नागरिक आपूर्ति विभाग को भी सूचना देते हुए परिवहन की व्यवस्था बनाने की अपील की गई थी। लेकिन पांच दिनों से उपार्जन केन्द्रों पर एक भी वाहन नहीं भेजे गए। वहीं सोसायटी प्रबंधकों का कहना है कि बोरियों को लोड-अनलोड के लिए भी मजदूर नहीं मिले।
कैसे सुखेंगी धान
धान के गीले होने पर विभागीय अधिकारियों ने प्रबंधकों से धान को सुखाने के निर्देश दिए हैं। लेकिन जिले में तीन दिनों से धूप के दर्शन नहीं हुए है और आगामी एक सप्ताह तक धूप-छांव की सम्भावना जताई गई है। ऐसे में पानी में फूलकर मोटी हो चुकी धान के दाने कैसे सुखेंगे। यहां तक हवाओं में नमी व्याप्त है।
कितनी खरीदी कितना परिवहन
कुल उपार्जन केन्द्र- 20
कुल पंजीकृत किसान- 12004
अबतक किसान4147
कुल खरीदी धान- 18989.61 क्विंटल
किसानों को देय राशि- 344664710.30 रूपए
परिवहन- 144030.69 क्विंटल
शेष मात्रा- 45867.22 क्विंटल
परिवहन प्रतिशत- 75.85
परिवहन आरम्भ
आज से परिवहन आरम्भ करवा दिया गया है। जो धान गीली हो गई है उसे सुखाने के लिए भी निर्देशित किया गया है।

आरबी तिवारी, नागरिक आपूर्ति प्रबंधक अनूपपुर।

तीन साल बाद भी सिंहपुर डायवर्सन का निर्माण नहीं हुआ पूरा,ठेकेदार को नोटिस जारी

तीन साल बाद भी सिंहपुर डायवर्सन का निर्माण नहीं हुआ पूराठेकेदार को नोटिस जारी
नहर से 7 गांव 980 हेक्टेयर भूमि होती सिंचित, किसानों को नहीं मिला मुआवजा
अनूपपुर जैतहरी विकासखंड के ग्राम पंचायत वेंकटनगर अलान नदी पर सिंहपुर डायवर्सन योजना 22 करोड़ की लागत से पूर्ण होगी। जो अपने निर्धारित समय सीमा पूरी होने बाद भी निर्माण कार्य पूर्ण नहीं हो सका है। इस के निर्माण से स्टेयरिज वियर कैनाल के माध्यम से 10 किलोमीटर और मानइर करीब 5 किलोमीटर लम्बी बनाई जाएगी। इस कार्य को पूर्ण करने के लिए 10 करोड़ 34 लाख का वर्कआडर जारी किया गया है। छत्तीसगढ़ से जुड़ी अलाननदी वेंकटनगर, कदमसरा, चोरभटी, गोधन, खैरीटोला, सुलखारी, खोड्री उमरिया गांव तक नहर के माध्यम से सिंचाई की व्यवस्था बनाई जाएगी। जिससे 350 किसानों के 980 हेक्टेयर भूमि को पानी सिंचित किया जाएगा। विभागीय जानकारी के अनुसार वेंकटनगर और खैरीटोला गांव ५० किसानों की भूमि नहर के अंदर डूब क्षेत्र में आया है।
सिंहपुर डायवर्सन योजना का काम जलसंसाधन विभाग निर्माण एजेंसी के अधीनस्थ ग्वालियर के ठेकेदार द्वारा कराए गए जा रहे निर्माण कार्य में 150 मीटर लम्बी प्रस्तावित बांध निर्माण में अबतक मात्र 120 मीटर लम्बी कंक्रीटबॉल ही खड़ी की जा सकी है। इस डायवर्सन योजना से कदमसरा ग्राम पंचायत सहित वेंकटनगर, खैरीटोला, चोरभट्टी, गोधन, खुलखारी, खोड्री व उमरिया गांव के 980 हेक्टेयर भूमि को 10 किलोमीटर लम्बी नहर के माध्यम से सिंचित किया जाना प्रस्तावित था। अलाननदी पर बनाई जा रही सिंहपुर डायवर्सन योजना स्टेयरिज बियरर यानि नाला आधारित परियोजना है। जिसे वर्ष 2016 से आरम्भ करते हुए 2019 तक पूर्ण किया निर्धारित था, बावजूद राजस्व विभाग की अनदेखी और विभागीय अधिकारियों की उदासीनता में यह परियोजना अबतक आधे-अधूरे निर्माण में अटकी पड़ी है। माना जाता है कि इस परियोजना में राजस्व विभाग द्वारा मुआवजा वितरण को लेकर कोताही बरती जा रही है। वहीं शासन द्वारा तय किए गए मुआवजा राशि को लेकर कुछ किसानों में नाराजगी बनी है,सुलखारी गांव में किसानों ने जमीन नहीं देते हुए निर्माण कार्य पर रोक लगा दी है। जबकि शेष निर्माण कार्य ठेकेदार की मनमानी से अटक गया है। जलसंसाधन विभाग का कहना है कि इसके लिए सम्बंधित ठेकेदार को नोटिस जारी किया गया, जिसमें कार्य को जल्द पूरा कराने की चेतावनी दी गई है। अगर इसके बाद ठेकेदार द्वारा निर्माण कार्य नहीं किया जाता है तो विभाग आगे की प्रक्रिया पूरी करेगा। विभागीय जानकारी के अनुसार परियोजना पर पिछले छह माह से कार्य बंद है। जुलाई माह में अकारण ही ठेकेदार ने निर्माण कार्य बंद कर दिया था। फिलहाल कदमसरा गांव पंचायत सहित अन्य 7 गांव डायवर्सन योजना के पूर्ण होने उपरांत उससे सिंचित होने वाली खेतों को लेकर आशवान बनी हुई है। किसानों का कहना है कि इससे हदतक सिंचाई जैसी अव्यवस्था से किसानों को राहत मिलेगी और खेतों तक आसानी से पानी पहुंच सकेगा। 
अबतक नही हुआ मुआवजे का भुगतान
विभाग के अनुसार 350 किसानों से 10 मीटर चौड़ी नाला (नहर) के लिए जमीन ले रही है। लेकिन विभाग की इस कार्रवाई में किसानों को मुआवजा की राशि राजस्व विभाग द्वारा नहीं बांटा गया है। बताया जाता है कि सुलखारी के किसानों ने मुआवजा के अभाव तथा मुआवजा का दर सही मानते हुए निर्माण पर रोक लगा दी है। वहीं उमरिया गांव में मुआवजा के लिए आवंटित हुई 6 करोड़ की राशि में लगभग 3 लाख 350 हजार का ही वितरण हो सका है। जिसके कारण यह भी निर्माण में बाधा बनी हुई है। 

शुक्रवार, 3 जनवरी 2020

चंदन की लकड़ी काटकर चोरी करने वाले आरोपी की जमानत खारिज

अनूपपुर चंदन की लकड़ी काटकर चोरी करने वाले आरोपी ललित कुमार ढोलिया पिता मुन्ना ढोलिया 31 वर्ष निवासी ग्राम पयारी नं.10 बड़का टोला थाना भालूमाड़ा की जमानत याचिका न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी आरती रतौनिया की न्यायालय ने खारिज करते हुए जेल भेज भेजा दिया है।

शुक्रवार को मीडिया प्रभारी राकेश कुमार पाण्डेय ने बताया कि आरोपी ग्राम सिवनी स्थित अधिवक्ता अशोक मिश्रा के बाड़ी में रात में घुसकर चंदन की लकड़ी को काटकर अलग रखा था, उनके घर में सोने वाले तुलसी राठौर को घटना के बारे में भनक लगी तब उसने आस्तीक कृष्ण मिश्रा को बताया। आरोपी को मौके से पकड़कर थाने में सूचना दी गई, जहां थाना जैतहरी द्वारा आरोपी को गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया गया। आरोपी की ओर से जमानत आवेदन दिया गया, सहायक जिला अभियोजन अधिकारी विशाल खरे ने जमानत आवेदन का विरोध करने पर जमानत याचिका खारिज करते हुए जेल भेज दिया।  आरोपी से एक मोटरसायकल जब्त हुई है जिसकी पहचान नहीं हो पाई है, इस संबंध में कोई दस्तावेज पेश नहीं किया है। 

कार्यों में लापरवाही बरतने पर कलेक्टर ने एडीओ को किया निलंबित

अनूपपुर जनपद पंचायत पुष्पराजगढ़ के स्वसहायता भवन में 27 दिसम्बर 19 को कलेक्टर चंद्रमोहन ठाकुर की अध्यक्षता में आयोजित हितग्राहीमूलक एवं विकास कार्यों की समीक्षा बैठक में एडीओ आर.के.सिदार अनुपस्थित रहने तथा बिना किसी सूचना के अपने कत्र्तव्य में लगातार अनुपस्थित रहने पर शुक्रवार को कलेक्टर ने तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है।

निलंबन में कहा गया कि एडीओ आर.के.सिदार शासन की जन कल्याणकारी योजनाओं हितग्राहीमूलक एवं सीएम हेल्पलाईन के निराकरण कार्यों में तथा सेक्टर पटना के कार्य प्रभावित होने में घोर लापरवाही बरतने पर सहायक विकास विस्तार अधिकारी तथा प्रभारी पंचायत समन्वयक अधिकारी सेक्टर पटना आर.के.सिदार को म.प्र. सिविल सेवा ( वर्गीकरण,नियंत्रण तथा अपील) नियम 1966 के नियम 9 के निलंबित किया है। निलंबन अवधि में मुख्यालय जिला पंचायत अनूपपुर नियत किया गया है। इस दौरान नियमानुसार जीवन निर्वाह भत्ता देय होगा।   

नागरिकता कानून का विरोध कर,गांधी का अपमान कर रही है कांग्रेस-हिमाद्री सिंह

भाजपा कार्यालय में सांसद ने किया पत्रकार वार्ता
अनूपपुर नागरिकता संशोधन कानून को लेकर देश के अंदर कुछ दलों ने जानबूझकर एक विशेष समुदाय को गुमराह करने का जो कृत्य किया है वह समाज के हित में नहीं हैं, जबकि इस कानून से किसी भी समुदाय को कोई भी नुकसान होने वाला नहीं है प्रधानमंत्री और गृहमंत्री स्पष्ट रूप से बार-बार इस बात को बता रहे हैं कि यह कानून किसी की नागरिकता छीनने का नहीं बल्कि देने का है लेकिन वोट बैंक की राजनीति करने वाले कुछ दलों ने समाज के अंदर इस कानून की आड़ में जहर घोलने का जो काम कर रहे हैं उससे सभी को अवगत कराना हम सभी की जिम्मेदारी है शुक्रवार को सांसद हिमाद्री सिंह ने भारत सरकार का पक्ष रखते हुए कही। उन्होने कहा १२ दिसम्बर २०१९ को विधेयक राष्ट्रपति के हस्ताक्षर के बाद कानून बना अफगानिस्तान, बांग्लादेश और पाकिस्तान से धार्मिक प्रताडऩा के कारण आए लोग भारत के नागरिक बन सकेंगे।
31 दिसम्बर 2014 से पूर्व भारत में प्रवेश कर चुके हैं। पहले यह प्रावधान 11 वर्षों का था और अब 5 वर्षों की निवास अवधि प्रमाणित करनी होगी। मोदी सरकार ने केवल वही काम किया है, जिसका आदेश महात्मा गांधी ने 26 सितम्बर 1947 को दिया था। गांधी जी की इच्छा को कानूनी जामा पहनाने का काम भाजपा ने किया है। गांधी ने कहा था-पाकिस्तान में रहने वाले हिन्दू हर नजरिए से भारत आ सकते हैं, यदि वह वहां निवास नहीं करना चाहते। उन्हें नौकरी देना, उनके जीवन को सामान्य बनाना,भारत सरकार का कत्र्तव्य है।
सांसद ने कहा कि कांग्रेस सहित वे सभी दल जो नागरिकता संशोधन के नाम पर देश में आग लगाना चाहते हैं। वे गांधीजी का भी अपमान कर रहे हैं। विरोधी जवाब दे पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों की संख्या 23 प्रतिशत थी जो आज 3.7 प्रतिशत रह गई है। बांग्लादेश में 22 प्रतिशत थी जो आज 7.8 प्रतिशत हो गई है। ठीक इसी के उलट भारत में मुस्लिमों की संख्या 9.8 प्रतिशत थी, जो आज 14 प्रतिशत के ऊपर हो गई है। नये कानून का विरोधी बताये कि पाकिस्तान और बांग्लादेश में अल्पसंख्यक हिंदू, सिख, इसाई, जैन, बौद्घ, पारसी आदि को आसमान निगल गया या वे जमीन में समां गए। आज नागरिकता संशोधन के नाम पर जो लोग बवाल कर रहे हैं,मुसलमानों के खिलाफ  नहीं है।

सांसद ने बताया कुछ लोग कह रहे हैं कि यह बिल मुसलमानों के खिलाफ हैं। हम ऐसे लोगों को चुनौती देते हैं कि वे पूरे कानून में एक लाइन मुसलमानों के खिलाफ ढंूढकर बताएं। देश में बाहर के मुसलमानों को भी नागरिकता देने का प्रावधान है। मोदी के शासनकाल में ही पिछले 5 वर्षों में 566 मुसलमानों को नागरिकता दी गई है। पत्रवार्ता में सांसद ने कहा प्रदेश के मुख्यमंत्री सबकुछ जानकर भी वोटों के लालच में और अपने आकाओं को खुश करने के लिए नागरिकता कानून को मध्यप्रदेश में लागू नहीं करने की बात कह रहे हैं। जबकि नागरिकता देना और नहीं देना यह राज्यों का विषय है ही नहीं। नागरिकता देश की होती है, प्रदेश की नहीं। यह कमलनाथ भी भलिभांति जानते हैं, लेकिन दुर्भाग्य से इस मानवीय विषय पर भी वे वोटों की फसल उंगाने का प्रयास कर रहे हैं। इस दौरान भाजपा प्रदेश उपाध्यक्ष रामलाल रौतेल अनुसूचित जनजाति आयोग के पूर्व अध्यक्ष नरेंद्र सिंह मरावी, जिला महामंत्री भूपेंद्र सिंह सेंगर, जिला मीडिया प्रभारी राजेश सिंह, कार्यालय मंत्री चंद्रिका द्विवेदी उपस्थिति रहे।

जिम्मेदार पत्रकारिता एवं सजग प्रशासन सुशासन का आधार

जन सरोकार एवं मीडिया विषय पर संगोष्ठी संपन्न
अनूपपुरजनता की बेहतरी हेतु यह अहम है कि लोकतंत्र के दो महत्वपूर्ण आयाम पत्रकार एवं प्रशासन अपनी जिम्मेदारी को निभाते हुए आपसी सामंजस्य के साथ कार्य करें। शुक्रवार को कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में जन सरोकार एवं मीडिया विषय पर आयोजित संगोष्ठी में ग्रामीण विकास शहरी समस्याओं को दूर कर समेकित एवं सतत् विकास की प्राप्ति हेतु मीडिया एवं प्रशासन की भूमिका पर मंथन किया गया। संगोष्ठी में जिले के वरिष्ठ पत्रकारों द्वारा संदर्भित विषय में विस्तृत चर्चा की गई। चर्चा में इस बात पर बल दिया कि पत्रकारों द्वारा उल्लेखित विषय वस्तुनिष्ठ, तथ्यपरक एवं जन हितैषी हों, साथ ही यह अपेक्षा भी की गई कि प्रशासन उक्त समस्याओं के पत्रकारों द्वारा रेखांकित किए जाने पर संवेदनशीलता, तत्परता के साथ प्रभावपूर्ण कार्यवाही करे,ताकि लक्षित उद्देश्य की पूर्ति हो।  
सहायक संचालक जनसम्पर्क अंकुश मिश्रा ने विगत एक वर्ष में शासन प्रशासन द्वारा किए गए कार्यों से मीडिया प्रतिनिधियों को अवगत कराया। जिले में आमजनों को सुविधाओं का समय से प्रदाय एवं समग्र विकास सुनिश्चित करने हेतु शासन की मंशा अनुसार सतत् रूप से कल्याणकारी योजनाओं का क्रियान्वयन विभागीय अमलों द्वारा सुनिश्चित किया जा रहा है। वर्तमान वित्तीय वर्ष में अब तक 6 लाख 70 हजार 564 आवेदकों को लोक सेवा गारण्टी अधिनियम अंतर्गत समय-सीमा में सुविधाओं का प्रदाय किया गया है। 47 हजार 467 हितग्राहियों को इन्दिरा गांधी नि:शक्तजन, वृद्घावस्था, कन्या अभिभावक एवं अन्य सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजनाओं के तहत हर माह लगभग 2 करोड 84 लाख की राशि की पेंशन का भुगतान किया गया है। मत्स्य विभाग द्वारा मत्स्य उत्पादकता ब$ढाने एवं मत्स्य पालकों की आजीविका में सुधार हेतु सतत् रूप से प्रयास किए जा रहे हैं। जिले में अभिनव प्रयोग के तहत बंद पड़ी 50 खदानों में केज कल्चर के माध्यम से मत्स्य उत्पादन किया जा रहा है। जिनमें चालू वर्ष में 5.1 मेट्रिक टन मत्स्य उत्पादन किया गया है। जिले अंतर्गत 2286 ग्रामीण तालाबों के 2215 हेक्टेयर एवं 45 सिंचाई जलाशयों के 1277 हेक्टेयर रकबे में मत्स्य उत्पादन किया जा रहा है। विगत वर्ष ग्रामीण तालाबों में 2127 एवं सिंचाई जलाशयों में मत्स्य उत्पादकता 90 कि.ग्रा. प्रति हेक्टेयर रही। जिसे इस वर्ष क्रमश: 200 एवं 95 कि.ग्रा. प्रति हेक्टेयर करने का प्रयास किया जा रहा है। विगत वर्ष कुल उत्पादन 4420.29 मेट्रिक टन था,जिसे इस वर्ष प्रयासों द्वारा 5423.59 हेक्टेयर किया जाएगा। इसके साथ ही 4561 मत्स्य पालकों को दुर्घटना बीमा अंतर्गत बीमित एवं 171 कृषकों को मछुआ क्रेडिट कार्ड प्रदान किया गया है।
उन्होने बताया कि किसानों की आय में वृद्घि हेतु उद्यानिकी एवं कृषि विभाग द्वारा सतत् रूप से प्रयास किए जा रहे हैं। चालू वर्ष में फल पौध रोपण योजनांतर्गत 199 हितग्राहियों, व्यावसायिक उद्यानिकी प्रोत्साहन हेतु 39 हितग्राहियों, मसाला क्षेत्र विस्तार योजना अंतर्गत 124 एवं सब्जी क्षेत्र विस्तार योजना अंतर्गत 456 हितग्राहियों को लाभान्वित किया गया है। इसके साथ ही 21 हितग्राहियों को पावर ट्रिलर, 38 हितग्राहियों को पॉवर बीडर, 43 हितग्राहियों को पॉवर स्पेयर प्रदान किया गया। तेंदूपत्ता संग्रहण वर्ष 2019 में 23167 मानक बोरा तेंदूपत्ता संग्रहण पर 5 करोड़ 79 लाख की राशि प्रदान की गई है। इसके साथ ही तेंदूपत्ता संग्राहक कल्याण योजना अंतर्गत 39 हितग्राहियों को 13 लाख 50 हजार की बीमा राशि प्रदान की गई है। प्रधानमंत्री आवास योजनांतर्गत वर्तमान वर्ष में नगरीय निकायों में 2163 एवं जनपदों में 7212 आवासों के कार्य प्रगतिरत है। सिंचाई क्षमता में वृद्घि हेतु दमेहड़ी, झिलमिल, समरार, पिपरिया जलाशय एवं सिंहपुर, गोहराटी तथा बकान डायवर्जन परियोजनाओं पर कार्य चल रहा है। जिनसे 5525 हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई की सुविधा प्राप्त होगी। जिला व्यापार एवं उद्योग केन्द्र द्वारा वर्तमान वर्ष में 66 हितग्राहियों को विभिन्न स्वरोजगार योजनाओं अंतर्गत 5 करोड़ 60 लाख की राशि उपलब्ध कराई गई है। जिले में 1149 आंगनबाड़ी केन्द्र संचालित है, जिनमें 6 माह से 3 वर्ष आयु वर्ग के 30196, 3 वर्ष से 6 वर्ष तक के 24653 शिशुओं को पूरक पोषण आहार उपलब्ध कराया जा रहा है। इसके साथ ही 13302 गर्भवती एवं धात्री महिलाओं को तथा 1018 किशोरियों को पूरक आहार उपलब्ध कराया जा रहा है। संगोष्ठी के दौरान आपके द्वारा विगत एक वर्ष में प्रशासन द्वारा विभिन्न क्षेत्रों में किए गए कार्यों एवं उपलब्धियों से मीडिया प्रतिनिधियों को अवगत कराया गया। संगोष्ठी को मनोज द्विवेदी,रामचंद्र नायडू, सुनील चौरसिया, अजीत मिश्रा के साथ ही अन्य पत्रकारों ने भी अपने विचार व्यक्त किए।


गुरुवार, 2 जनवरी 2020

बे-मौसम बारिश से खुले आसमान में रखी दस हजार क्विंटल से अधिक धान भींगी

एक दो दिन और बारिश हुई तो होगा काफी नुकसान
अनूपपुर जिले भर में तीन दिनों से हो रही बारिश से जहा जनजीवन अस्त व्यस्त है वहीं किसानों से खरीदी गई धान का खुले में भंडारित कर बरबसपुर विभागीय अधिकारियों और सोसायटी प्रबंधक की लापरवाही में दस हजार क्विंटल से अधिक धान की बोरियां बारिश से गीली हो गई। कुछ बोरियां अब भी पानी के जमाव में भींगकर सडऩे के कगार पर है। आशंका है कि अगर एकाध दिन और बारिश हुई तो सभी भींगी धान की बोरियां सड़ जाएगी। जिसमें 1815 के समर्थन मूल्य में किसानो से खरीदी की गई लगभग लाखों रूपए की धान के नुुकसान की आशंका जताई जा रही है। कर्मचारियों का कहना है कि बिजली के अभाव में यह हालात बनी है। ग्राम पंचायत स्तर पर बिजली की आपूर्ति के कारण बोरियों की सिलाई नहीं हो सकी और ना ही उनका भंडारण। जिसके 31 दिसम्बर से आरम्भ हुई लगातार बारिश में खुली कैप पर असुरक्षित रखी गई धान की सभी बोरियां बारिश की बौछार में गीली हो गई है। कुछ बाोरियों की लॉट जिसे ढककर रखा गया है, वो भी औने पौने ढकाई की वजह से गीली पड़ी है। जबकि किसानों से पिछले एक सप्ताह में खरीदी हुई धान की बोरियां जमीन पर पानी के जमाव के कारण भींगकर बर्बाद हो गई है।
विभागीय जानकारी के अनुसार जिले में खरीफ उपार्जन के लिए 20 केन्द्र बनाए गए हैं। जिनमें 9 केन्द्रों पर उपार्जन के साथ भंडारण की व्यवस्था बनाई गई है। इनमें अनूपपुर कृषि उपज मंडी अंतर्गत दो स्थानों कृषि उपज मंडी परिसर और बरबसपुर ओपन कैप पर खरीदी और भंडारण के रूप में शामिल है। साथ ही जिन स्थानों पर गोदाम की व्यवस्था नहीं है, उन उपार्जन केन्द्रों से धान खरीदी कर बरबसपुर ओपन भंडारण कैप पर परिवहन कर लाया जा रहा है। जिसमें बरबसपुर ओपन कैप पर अबतक 758 पंजीकृत किसानों में से 325 किसानों द्वारा 11 हजार 902 क्विंटल धान की खरीदी की जा चुकी है। बताया जाता है कि ओपर कैप पर 1 लाख मीट्रिक टन क्षमता धान भंडारण की क्षमता है। जिसके कारण अनूपपुर के स्थानीय उपार्जन केन्द्र आदिम जाति सेवा सहकारी समिति दुलहरा, अमलाई, पयारी नम्बर 01, पटनाकला, जैतहरी विकासखंड के धनगवां, वेंकटनगर, जैतहरी, पुष्पराजगढ़ विकासखंड राजेन्द्रग्राम, बेनीबारी, भेजरी, दमेहड़ी जैसे उपार्जन केन्द्रों का धान भी गोदाम के अभाव में भंडारण के लिए बरबसपुर पहुंचता है। यह हालात सिर्फ बरबसपुर ओपर कैप की नहीं, बल्कि जिले के कोतमा, वेंकटनगर, सहित अन्य मुख्य उपार्जन केन्द्रों पर बनी है, जहां शासन द्वारा खरीदी पूर्व धान के सुरक्षित खरीदी और परिवहन के दिए निर्देश के पालन में विभाग और सोसायटी प्रबंधकों ने कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई।
विदित हो कि अनूपपुर जिले में चारो विकासखंड के 485 गांवों से 12004 किसानों ने धान उपार्जन के लिए अपना पंजीयन कराया था। जिसमें 2 दिसम्बर से आरम्भ हुई खरीदी में अबतक 4147 किसानों ने 1 लाख 87 हजार 897 क्विंटल धान की बिकवाली की है। इनमें अबतक कुल 1 लाख 44 हजार 30 क्विंटल धान का ही परिवहन हो सका है। शेष 45 हजार 867 क्विंटल धान उपार्जन केन्द्र पर असुरक्षित भंडारित हैं।
चार दिनों से नहीं हो सका परिवहन
सोसायटी प्रबंधक का कहना है कि बारिश के कारण धान की बोरियां गीली हो गई है,अधिक ठंड व बारिश के कारण केन्द्रों पर भंडारित धान के परिवहन के लिए सोसायटी को मजदूर भी नहीं मिल रहे हैं। जिसके कारण उपार्जन केन्द्रो से पिछले तीन-चार दिनों से एक भी बोरी का परिवहन नहीं हो सका है। यहां तक ट्रकों में लोड बोरियों को लोड और अनलोड भी नहीं किया जा सका है।
इनका कहना है।
धान की बोरियों को सिलकर लॉट में सुरक्षित भंडारित किया जाना था। लेकिन ये बोरी की सिलाई भी नहीं करवा सके। यह सोसायटी प्रबंधक की लापरवाही है,इस सम्बंध में शासन को पत्र के माध्यम से जानकारी दी जाएगी।
आरबी तिवारी, नागरिक आपूर्ति विभाग प्रबंधक अनूपपुर।

राजेश शुक्ला

रिमझिम बारिश बनी किसानों की मुसीबत,मंडराया खतरा, 24 घंटे बारिश की सम्भावना

दलहनी और तिलहनी फसलें हो सकती है प्रभावित कृषि विभाग ने किसानों को बचाव की दी सलाह
अनूपपुर। 31 दिसम्बर की रात से लगातार बारिश का सिलसिला बना हुआ है। और सम्भावना जताई जा रही है कि अभी और बारिश की बौछार धरती को भिंगोएगी। यह बारिश जिले के समस्त हिस्सों अनूपपुर, जैतहरी, कोतमा, पसान, बिजुरी और अमरकंटक में एक सामान्य रूप में बरस रही है, जिसमें कहीं ज्यादा तो कहीं कम बौछारें हैं। जिसके कारण अब गलनभरी ठंडक का माहौल बनी है। आसमान काले बादलों की चादर से ढकी है जिसमें सूर्यदेव का दर्शन पिछले तीन दिनों से नहीं हो सका है। तीन दिनों तक होने वाली बारिश से रबी की फसलों पर पाला का खतरा मंडराने लगा है। इस पाले के प्रकोप से दलहनी खासकर तुअर, मटर, मसूर, चना सहित तिलहनी फसल सरसों की फसल को नुकसान होने की आशंका जताई जा रही है। अधीक्षक भू-अभिलेख कार्यालय एसएस मिश्रा ने बताया कि 31 की शाम से आरम्भ हुए बारिश से 2 जनवरी की शाम तक जिले में अनुमानित औसत बारिश 20.1 मिमी बताई गई है। बंगाल की खाड़ी में बने निम्न दवाब और पश्चिमी विक्षोभ में हाल के दिनों में मौसम में आए बदलाव के कारण यह बारिश होना माना गया है। इसमें मौसम विभाग ने अभी 24 घंटे बारिश होने की आशंका जताई है। जिसमें तीसरे दिन बारिश के दौर जारी है,हवाओं में नमी अधिक बढ़ गई है और ठंडक गलन वाली महसूस की जा रही है। इस बारिश से खेतों में पाला पडऩे की सम्भावना अधिक बन गई है, इससे तुअर, मटर, मसूर व सरसों को नुकसान पहुंच सकता है। अभी आसमान में काले बादल छाए रहेंगे और बारिश निरंतर बनी रहेगी। अनूपपुर का दिन का अधिकतम तापमान 16 डिग्री तथा न्यूनतम 13 डिग्री सेल्सियस रिकार्ड किया गया है। जबकि अमकरंटक में अधिकतम तापमान 16 डिग्री तथा न्यूनतम १०डिग्री आंका गया है। कृषि विभाग की जानकारी के अनुसार जिले में इस वर्ष रबी फसल के लिए 63.31 हजार हेक्टेयर भूमि लक्षित की गई है। जिसमें 22 हजार हेक्टेयर पर गेहूं, जौ व अन्य अनाज फसल 80 हेक्टेयर, चना 10 हजार हेक्टेयर, मटर 2 हजार हेक्टेयर, मसूर 15 हजार हेक्टेयर, अन्य दलहनी फसल 220 हेक्टेयर, सरसों 8 हजार हेक्टेयर, अलसी 6 हजार हेक्टेयर, तथा गन्ना 10 हेक्टेयर निर्धारित की गई है। इनमें दलहनी और तिलहनी जैसी फसल पुष्पराजगढ़ विकासखंड में सर्वाधित की जाती है। लेकिन अमरकंटक क्षेत्र से सटे और पठारी क्षेत्र होने के कारण पुष्पराजगढ़ में ठंडक के दौरान पाला का असर भी इन क्षेत्रों में ही सर्वाधित चिह्नित की जाती रही है। जिसके कारण मौसम के बदले मिजाज में यह बारिश किसानों के लिए चिंता का सबब बनी हुई है। किसानों का कहना है कि खरीफ में शुरूआती मानसून की विलम्बता में विलम्ब से बोवनी हुई खरीफ फसल से किसानों को अभी राहत नहीं मिली थी कि रबी में अब तैयारी के कगार पर पहुंचे दलहनी और तिलहनी के साथ नगदी आलू, बैगन, सेम जैसे सब्जियों पर पाला की मार किसानों का कमर तोड़ देगी।

कृषि विभाग ने जारी की सामयिक सलाह
उप संचालक किसान कल्याण तथा कृषि विकास एनडी गुप्ता ने बताया कि शाम के समय आसमान साफ हो, हवा शांत हो एवं तापमान में कमी के साथ गलावट बढ़ रही हो तो तय मान लें कि उस रात पाला पडऩे वाला है। पाले के प्रति अति संवेदनशील फसल अरहर, मसूर, मटर, टमाटर, बैगन एवं आलू हैं। फसलों को पाले से बचाने के लिए सर्व प्रथम हल्की सिचाई करें तथा रात 10 बजे के बाद खेत के उत्तर एवं पश्चिम दिशा की मेडों पर धुंआ करें। जैविक नियंत्रण के लिए 500 मिली. ताजा गोमूत्र अथवा 500 मिली. गाय के दूध को प्रति पम्प (15 लीटर पानी) की दर से घोल बनाकर पाले से पूर्व फसल पर छिडकाव करें। स्थायी समाधान के लिए खेत के उत्तर-पश्चिम दिशा में वायुरोधक वृक्षों की बाड़ तैयार कर पाले के प्रभाव को कम किया जा सकता है। 
24 घंटे में जिलें में वर्षा
अधीक्षक भू-अभिलेख एस.एस.मिश्रा द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार जिले में बीते 24 घंटे में 20.1 मिलीमीटर औसत वर्षा दर्ज की गई। इसमें अमरकंटक में सर्वाधिक 40 मिलीमीटर ,वेंकटनगर में 26,कोतमा में 25,अनूपपुर 10.5,जैतहरी 17.6,पुष्पराजगढ़ 25.4, बिजुरी 12.8 एवं सबसे कम बेनीबारी में 4 मिलीमीटर वर्षा दर्ज की गई है।  

नव निर्वाचित एटक प्रदेश अध्यक्ष कॉ हरिद्वार सिंह ४ जनवरी को राजनगर में

अनूपपुर। कॉमरेड हरिद्वार सिंह के लगातार संघर्षो के बाद भोपाल में म.प्र. एटक के सम्मेलन में एटक यूनियन के म.प्र. के अध्यक्ष पद पर निर्वाचित किया गया है। वर्ष २०१६ में ही कॉ. हरिद्वार सिंह को संयुक्त कोयला मजदूर संघ एटक, एसईसीएल का महामंत्री चुना गया था। ओजस्वी वक्ता, प्रख्यात कम्युनिस्ट नेता कॉ. हरिद्वार सिंह के म.प्र. के एटक के अध्यक्ष चुने जाने के बाद ४ जनवरी की शाम ४ बजे शहीद भगत सिंह चौक राजनगर पर आमसभा का आयोजन, हसदेव क्षेत्र में स्वागत किया जाएगा। जानकारी के अनुसार कॉमरेड छात्र आंदोलन से ही राजनीति की शुरूआत किए थे।

ग्राम पंचायत दुलहरा एवं बलबहरा के सचिव को चेतावनी पत्र

अनूपपुर। मध्यप्रदेश लोक सेवाओं के प्रदान की गारंटी अधिनियम २०१० की धारा ५(१)(२) के अंतर्गत अधिसूचित सेवाओं का समय-सीमा में निराकरण नहीं करने पर जनपद पंचायत जैतहरी के दो ग्राम पंचायत सचिव को अपर कलेक्टर बी.डी. सिंह ने गुरूवार को चेतावनी पत्र जारी कर प्रकरणों को निराकरण समय-सीमा में करने की बात कहीं है। 

ग्राम पंचायत दुलहरा सचिव एवं बलबहरा सचिव कुंबर सिंह को चेतावनी पत्र जारी करते हुए निर्देश दिए हैं कि प्रकरणों का निराकरण समय-सीमा में करना सुनिश्चित करें, अन्यथा कारण बताओ नोटिस जारी न करते हुए स्वप्रेरणा से द्वितीय अपील में लेकर अधिनियम के तहत अर्थदण्ड अधिरोपित किया जायेगा। 

1 करोड़ 60 लाख में 12 पुलियों का निर्माण करेगा ठेकेदार,खोल रहा भ्रष्टाचार की पोल

एक सप्ताह में बनकर तैयार हुई पुलिया
अनूपपुर। जैतहरी जनपद में 12 पुलिया बनाने का ठेका बिजुरी निवासी जावेद ठेकेदार ने लिया है। जिला खनिज प्रतिष्ठान निधि से सहायक यंत्री द्वारा प्रदत्त तकनीकी स्वीकृति एवं प्रभारी मंत्री से अनुमोदन करा कर करोड़ो की राशि में पुलिया निर्माण कर जनपद का विकास करने की ठानी है। देखकर अन्दाजा लगाया जा सकता है कि कार्य के प्रति जिम्मेदार कितने ईमानदार हैं। पुलिया निर्माण कार्य के नाम पर संम्बधित एजेंसी द्वारा शासन-प्रशासन के सभी नियम निर्देशों को ताक रख अपने आर्थिक ग्राफ बढ़ाने के चक्कर में स्वीकृत पुलिया निर्माण कार्य को मजाक बना दिया है। कार्य आरंभ एवं कार्य पूर्ण की तिथि देखकर सहज ही लगाया जा सकता है। मात्र एक सप्ताह में पुलिया तैयार कर देना और चूना पुताई कर चमचमा कर दिखा देना इसके गुणवत्ता पर सवाल खड़े कर रहे हैं।  

स्थानीय ग्रामीण ने बताया कि जनपद पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी को अवगत कराने के बाद भी निर्माण कार्य को न देखना कई सवाल खड़े कर रहा है। ऐसे ऐसे जगहों पर प्रस्ताव तैयार कर निर्माण कार्य कराया जा रहा है जहां उसकी उपयोगिता नही है।
जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी ने जनपद पंचायत जैतहरी के ग्राम पंचायत लखनपुर, ताराडांड, ठोडीपानी, पडरी, दुधमनिया, केकरपानी के अंतर्गत आने वाले ग्रामों में १६०.९१ लाख रूपए के निर्माण कार्य स्वीकृत ठेकेदार जावेद इन ग्राम पंचायतों में १२ आरसीसी पुलिया का निर्माण करेगा और इसके एवज में ५० प्रतिशत की राशि अग्रिम भुगतान भी कर दी, जबकि अधिसूचना के मुताबिक यह राशि कोयले से प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से प्रभावित होने वाले ग्रामों के लिए कोल इंडिया के द्वारा राज्य सरकार को प्रदान की जाती है।
ग्राम पंचायतों के निर्माण कार्यो में आरसीसी पुलिया निर्माण को मंजूरी ७ ग्राम पंचायतों के विभिन्न ग्रामों में १६०.९१ हजार रूपए मंजूर किये गये है, जबकि भौतिक अवसंरचना, सिंचाई एवं वाटरशेड में ४० प्रतिशत की राशि ही मंजूर की जा सकती है। आरसीसी पुलिया निर्माण से राजपत्र के माध्यम से जारी की गई अधिसूचना का खुले तौर पर उल्लघंन किया गया, जबकि ६० प्रतिशत राशि उन अमुख योजना में खर्च की जानी थी, जिसमें प्रभावित और अप्रभावित क्षेत्रो के लोगो का कल्याण हो सके, लेकिन जनप्रतिनिधियों के चलते अधिकारियों ने अधिसूचना को भी रद्दी की टोकरी में डाल दिया।
इनका कहना है
ग्राम पंचायत में ठेकेदार कार्य नही कर सकता है, मैं स्वयं जाकर निर्माण कार्य देखूंगा, अगर किसी भी प्रकार की विसंगतियां पाई जायेगी तो कठोर कार्यवाही की जायेगी।

शक्तिकुंज पाडेय, सीईओ जनपद पंचायत जैतहरी

बुधवार, 1 जनवरी 2020

प्रस्तावित खदान की चट्टान के धंसकने से युवक की मौंत

अनूपपुररामनगर थाना के हसदेव क्षेत्र राजनगर अंतर्गत छोटी भलमुड़ी गांव में कोल इंडिया की प्रस्तावित खदान में स्थानीय ग्रामीण द्वारा गोफ के माध्यम से कोयला निकासी करने के दौरान चट्टान के धंसकने से 30 वर्षीय युवक मनहरन अगरिया पिता मैकू अगरिया निवासी छोटी भलमुड़ी की दबकर मौत हो गई। घटना सुबह 5.30 बजे के आसपास की बताई जा रही है। घटना की सूचना परिजनों ने पुलिस को सुबह 10.30 बजे दी, जहां पुलिस ने मौके पर पहुंचकर दोपहर 12.45 बजे जेसीबी के माध्यम से शव को गोफ से बाहर निकाला। जिसके बाद पुलिस ने शव का पंचनामा तैयार कर पोस्टमार्टम उपरांत परिजनों को सौंप दिया। पुलिस ने बताया कि सुबह 5.30 बजे मनहरण अन्य दिनों की भांति साइकिल, सब्बल, बोरी लेकर गोफ की ओर रवाना हुआ था, लेकिन सुबह 10 बजे तक उसके घर वापसी नहीं होने पर परिजन उसे खोजने गोफ की ओर गए थे, जहां पास के नाला के पास नई मिट्टी के धंसके हिस्से को पाया, साथ ही कुछ दूरी पर मनहरन की साइकिल खड़ी पाई गई। जिसके बाद परिजनों को यह आश्वस्त हो गया कि उसका पुत्र यहीं मिट्टी के नीचे दबा होगा। जेसीबी से लगभग 45 मिनट तक की गई खुदाई में मनहरन का शव गोफ से बाहर निकाला गया। जहां शव पाया गया, उसके नीचे भी एक अन्य गोफ बने हुए थे। सम्भावना है कि रात से लगातार हो रही बारिश के कारण चट्टान की मिट्टी गीली हो गईथी,गोफ में घुसकर कोयला निकालने के दौरान अचानक गोफ का उपरी हिस्सा भरभराकर धंसक गया और उसके नीचे दबकर मनहरन की मौत हो गई। पुलिस का कहना है कि घटना स्थल से आसपास अन्य 5-6 गोफ पाए गए हैं। सम्भावना है कि स्थानीय ग्रामीणों द्वारा इसमें घुसकर कोयला निकालने का कार्य किया जा रहा है, जो खतरनाक है। जानकारी के अनुसार वर्तमान में यह भूमि वनविभाग की है, जिसे कोयला खदान के लिए प्रस्तावित किया है। लेकिन फिलहाल यहां खदान संचालन की प्रक्रिया आरम्भ नहीं हो सकी है।




बारिश ने किया नये साल का जश्र फीका,नर्मदा उद्गम में श्रद्धालुओं की नही दिखी भीड़

रूक रूककर हो रही बारिश से मौसम रहा ठंड, तापमान में गिरावट किन्तु ठंड से राहत नही
अनूपपुर/अमरकंटक पुराने साल की विदाई और नए साल की शुभकामनाओं के साथ 31 दिसम्बर मंगलवार-बुधवार की अद्र्धरात्रि जिलावासियों ने बारिश की बौछारों के बीच नववर्ष का अभिनंदन किया। परिजनों को नववर्ष की बधाई दी और बड़े-बुजुर्गो का आशीष लिया। इसके अलावा मोबाईल के वाट्सएप, ब्लॉग, मेल सहित अन्य संचार माध्यमों से संवाद आदान प्रदान किए गए। जबकि अगली सुबह धार्मिक आस्थाओं में नववर्ष की शुरूआत अमरकंटक स्थित नर्मदा नदी सहित अन्य सोन, तिपान, जोहिला, केवई सहित अन्य नदीघाटों पर डुबकी लगा सूर्य को अघ्र्य देते हुए मंदिरों में विशेष पूजा अर्चना के साथ की गई। बारिश के कारण अन्य वर्षो की भांति इस वर्ष पवित्र नगरी अमरकंटक के नर्मदा मंदिर सहित अन्य धार्मिक स्थलों के दर्शन करने पहुंचे स्थानीय श्रद्धालुओं और सैलानियों की भीड़ भी कम ही रही। जबकि बारिश के कारण जिले के अनेक पिकनिक स्पॉट पर नववर्ष का जश्न फीका रहा, पिकनिक स्पॉट पर सन्नाटे पसरे थे। यहां तक ठंडक के कारण मुख्य मार्गो पर भी चहल पहल कम बनी थी। लोग ठंड के कारण अपने घरों में ही दुबके रहे और परिजनों के साथ नववर्ष का जश्न मनाया। अमरकंटक में चढ़ते दिन के साथ वीरानी पसरती चली गई। जानकारों के अनुसार अमरकंटक में नववर्ष के मौके पर अमूमन लगभग २०-२५ हजार से अधिक सैलानी दर्शन के लिए उमड़ते हैं। लेकिन इस वर्ष हजारों के आसपास नजर आया। अनूपपुर जिलावासियों ने भी इस जश्न के अभिनंदन में होटलों में साउंड पर थिरक कर नववर्ष के आगमन का जश्न मनाया। अधिकांश लोगों ने नई खुशियों की शुरूआत सुबह से ही आसपास के नदीघाटों पर स्नान कर मंदिरों में शंखनाद कर ईष्टदेवों की पूजा अर्चना से की। जिला मुख्यालय स्थित बूढ़ी मढिय़ा, खेरमाई, माता दुर्गा मंदिर, रामजानकी मंदिर, साईं मंदिर सहित हनुमान व शिवमंदिर, सामतपुर स्थित मारूति मंदिर, सहित सोन स्थित शिवमंदिरों में पूजा अर्चना के लिए लोगों की आवाजाही लगी रही। जबकि कोतमा में शारदा-काली मंदिर, पंचायती माता दुर्गा मंदिर, शिवमंदिर, बाबा ठाकुरधाम मंदिर, काली मंदिर, हनुमान मंदिर सहित अन्य मंदिरों में पूजा पाठ कर नए साल का स्वागत किया। इसके अलावा जैतहरी, बिजुरी, रामनगर, राजनगर, भालूमाड़ा, सहित बदरा व अन्य स्थानों पर लोगों ने आस्था के साथ नववर्ष का अभिनंदन किया। 
ठंड से कांपी अमरकंटक की वादियां


पवित्र नगरी अमरकंटक में बारिश के बाद सुबह से कंपकंपाती ठंड के कारण पूरी वादी में ठंडक व्याप्त है। वहीं सुबह से रूक रूककर हो रही बारिश के कारण पर्यटकों ने अमरकंटक की वादियों के लुफ्त उठाने से दूरी बनाई। सुबह से श्रद्धालुओं का जत्था नर्मदा कुंड में डुबकियां लगाकर उगते सूर्य वं माता नर्मदा की पूजा अर्चना तक सीमित रही। वहीं पर्यटकों के अभाव में प्रसिद्ध स्थान सोनमूड़ा, कपिलधारा, दूधधारा, माई की बगिया, कल्याण आश्रम, निर्माणाधीन विश्वप्रसिद्ध जैन मंदिर, जालेश्वर महादेव स्थल पर नाममात्र के श्रद्धालु व पर्यटक नजर आए।  

दवा विक्रेता संघ ने तीन ब्लॉक ईकाई की किया गठन

अनूपपूर। जिला दवा विक्रेता संघ के अध्यक्ष एवं सचिव ने जिले में तीन ब्लॉको का गठन किया है। अनूपपूर ब्लॉक में अनूपपूर,जैतहरी,वैंकेटनगर, फुनंगा, खूटाटोला, अमलाई ,चोलना एवं चचाई शमिल है। जिसके अध्यक्ष सत्यप्रकाश पटेल अनूपपूर,उपाध्यक्ष संजय दाहिया अमलाई,सचिव दिनेश राठौर जैतहरी,कोषाध्यक्ष सुनील सिंह जैतहरी एवं सहसचिव रशिद खान फुनंगा को बनाय गया है।
कोतमा ब्लॉक में कोतमा, बिजुरी, राजनगर, कोठी, भालूमाडा पौराधार बदरा जमुना फुलवारी टोला आमाड़ाड़, निगवानी एवं कपिलधारा के अध्यक्ष मकमुर असरफ कोतमा, उपाध्यक्ष ब्रिज त्रिपाठी,राजनगर,सचिव सचिन जैन कोतमा,कोषाध्यक्ष अमीन सिद्दीकी भालूमाड़ा,सह सचिव राज कुमार पांडेय आमाड़ाड़,संगठन सचिव अमित जयसवाल बिजुरी एवं जनसम्पर्क राम मिलन जयसवाल निगवानी को बनाया है। राजेंद्रग्राम ब्लॉक में राजेंद्रग्राम, अमरकण्टक, बेनिबारी एवं लीलाटोला के अध्यक्ष विवेक शुक्ला राजेंद्रग्राम,उपाध्यक्ष अशोक शुक्ला राजेंद्रग्राम, सचिव अनिल गुप्ता लीलाटोला,कोषाध्यक्ष लखन रजक राजेंद्रग्राम एवं सह सचिव-शिवम् मिश्रा अमरकण्टक को बनाया गया।

तापमान में गिरावट विद्यालयों में बढ़ा तीन दिवस का अवकाश, अब ४ जनवरी तक

अनूपपुर। जिले में गिरते तापमान से पड़ रही ठण्ड एवं शीत लहर के प्रकोप को दृष्टिगत रखते हुए बुधवार को कलेक्टर चंद्रमोहन ठाकुर ने जिले के सभी शासकीय एवं अशासकीय विद्यालयों,नवोदय विद्यालय, सीबीएसई, केन्द्रीय विद्यालयों एवं अन्य समस्त बोर्डों के विद्यालयों में तीन दिवस का अवकाश बढ़ाते हुए अब ४ जनवरी तक घोषित किया है। इस दौरान शिक्षक विद्यालयों में उपस्थित रहेंगे। आदेश में कहा है २ से ४ जनवरी २०२० तक बच्चो के लिए अवकाश घोषित किया है। ज्ञात हो कि इसके पूर्व ३१ दिसम्बर १९ एवं १ जनवरी २०२० तक का अवकाश दिया था। यह छात्र-छात्राओं के स्वास्थ्य एवं सुरक्षा को दृष्टिगत रखते हुए कक्षा एक से कक्षा १२वीं तक के लिए है। आदेश तत्काल प्रभाव से सभी शासकीय एवं अशासकीय विद्यालयों पर लागू होगा।  

सोते समय जहरीला कीड़ा काटने से युवती की मौत,परिवार में पसरा मातम

  अनूपपुर । कोतवाली थाना अनूपपुर अंतर्गत ग्राम बरबसपुर निवासी युवती को गुरुवार एवं शुक्रवार रात्रि सो रही थी सुबह जहरीले कीड़े ने हाथ की को...