दो सदस्यी टीम ने सुबह जिला
चिकित्सालय का किया निरीक्षण,
शाम नोडल अधिकारियों की समीक्षा
बैठककर जताई प्रसन्नता
अनूपपुर। कायाकल्प योजना के तहत जिला चिकित्सालय
अनूपपुर में बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया कराने पिछले ढ़ाई माह से बदल
जा रही काया का अंतिम मुआयना करने भोपाल की दो सदस्यी टीम ने 7 फरवरी
की सुबह से लेकर शाम तक निरीक्षण किया,
जिसमे
नेत्र विभाग, डॉक्टर कक्ष, नि:शुल्क दवा वितरण केन्द्र, ड्रेसिंग
रूम, मरीज
भर्ती वार्ड, नर्स स्टाफ रूम, सुविधाघर, मेटरनिटी
विंग, ऑपरेशन थियेटर, टीबी वार्ड, सिकलसेल
वार्ड, एसएनसीयू वार्ड, पेड्रियाट्रिक वार्ड, महिला
वार्ड सहित मर्चुरी थियेटर व ट्रामा सेंटर बिल्डिंग में संचालित पोषण पुर्नवास
केन्द्र का निरीक्षण किया। टीम में डॉ.नीरज निगम तथा डॉ. संजय मिश्रा शामिल रहे,
जांच
टीम ने जिला चिकित्सालय के पदाधिकारियों के साथ निरीक्षण करते हुए विभागों में
कार्यरत कर्मचारियों से कार्य को लेकर उनसे पूछताछ की।
इस दौरान कर्मचारियों के
हिचकिचाहत को देखते हुए नहीं घबराने की बात कही। चिकित्सालय प्रबंधक व कायाकल्प से
जुड़े विभिन्न अधिकारियों को दिशा निर्देश भी दिए। जांच टीम अधिकारियों ने अपने
निरीक्षण में जिला चिकित्सालय में बदली गई काया पर संतोष जाहिर करते हुए
व्यवस्थाओं पर संतुष्टि जताई। साथ ही कहा यह अपने आप में बड़ी उपलब्धि है। इससे
पूर्व सभी नोडल अधिकारियों का सिविल सर्जन कार्यालय में समीक्षा बैठक आयोजित की
गई। बताया जाता है कि कायाकल्प योजना में शामिल होने पर भोपाल की टीम द्वारा
प्रत्येक छह माह पर एक बार जांच की जाएगी। जिसमें स्वास्थ्य सुविधाओं को विस्तारित
करने के साथ और बेहतर बनाने पर कार्य कराया जाता है। 7
फरवरी को
जांच टीम ने सेनिटेशन,
हाईजिन,
वेस्ट
मैनेजमेंट,
सर्विस प्रोमोशन,
सपोर्ट्स सर्विस,
इंफेक्शन
कंट्रोल,
क्लालिटी मैनेजमेंट,
फीड बैक सहित अन्य बिन्दूओं पर
जांच की। इस दौरान जांच टीम ने थोड़ी खामियां भी बताते हुए शीध्र दूर करने के
निर्देश दिए। विदित हो कि 23
जनवरी को भोपाल की ओर से जिला अस्पताल
की कायाकल्प का निरीक्षण कराया गया था,
जिसमें डॉ. महेन्द्र श्रीवास्तव,
और
डॉ.हेमंत अग्रवाल ने कायाकल्प का निरीक्षण किया था।
यह है कायाकल्प योजना
कायाकल्प अवार्ड योजना मुख्य रूप
से स्वास्थ्य केंद्रों में सफाई सहित अन्य मूलभूत सुविधाओं में दिए जाते हैं।
इनमें सेनिटेशन, हाईजिन, वेस्ट मैनेजमेंट, इंफेक्शन
कंट्रोल, सपोर्ट सर्विस सहित अन्य मानक को निर्धारित किया गया है। ताकि
अस्पतालों में प्रतिस्पर्धी भाव का भी विकास उत्पन्न कर शासन स्तर से मरीजों को
शासकीय अस्पतालों से ही बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराया जा सके। प्रदेश में
मेडिकल कॉलेज अस्पताल, जिला अस्पताल, सामुदायिक
स्वास्थ्य केंद्र तथा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों की कैटेगरी बनाकर अलग-अलग
श्रेणी में अलग-अलग इनामी राशि बतौर पुरस्कार दिया जाता है।
रिपोर्ट के आधार पर मिलेंगे अंक
सिविल सर्जन जिला चिकित्सालय
अनूपपुर डॉ.एससी राय ने बताया कि निरीक्षण का कार्य शाम 6 बजे चला है,
टीम
ने पूरे अस्पताल का बारीकि से परीक्षण किया है और समीक्षा बैठक लेकर दिशा निर्देश
भी दिए हैं। आगे जो रिपोर्ट होगी उसके आधार पर अंक मिलेंगे।