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रविवार, 24 अप्रैल 2022

अमरकंटक में कोई नया निर्माण कार्य नहीं होगा,हरियाली अमावस्या पर होगा वृहद पौधरोपण

मुख्यमंत्री ने नर्मदा पुनर्जीवन कार्यक्रम की समीक्षा में कहा नर्मदा मध्यप्रदेश की जीवन रेखा, नर्मदा है तो मध्यप्रदेश है अनूपपुर। अमरकंटक में अब कोई भी नया निर्माण कार्य नहीं किया जाएगा, कोई नई आश्रम एवं संस्था नहीं बनेगी। पर्यटकों की सुविधा के लिए कोई स्थान चाहिए तो पर्वत की नीचे नया निर्माण कार्य हो जैसे कि रेस्टोरेंट होटल इत्यादि बनाया जाना। हरियाली अमावस्या पर्व पर अमरकंटक क्षेत्र में वृहद स्तर पर पौधरोपण कराया जाएगा। नर्मदा नदी मध्य प्रदेश की जीवन रेखा है। नर्मदा नदी मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु गुजरात, महाराष्ट्र एवं राजस्थान भी अपने समृद्धि के लिए बहुत हद तक इसमें निर्भर हैं। नर्मदा नदी हमारे आस्था एवं श्रद्धा का केंद्र है। लेकिन भौतिक रूप से अगर कोई मध्यप्रदेश को देखें तो सिंचाई का पानी, पीने का पानी, बिजली इत्यादि जो कुछ भी देती हैं हमें नर्मदा नदी ही देती हैं। नर्मदा हैं तो मध्यप्रदेश है। नर्मदा सेवा मिशन बनाकर कई काम मध्य प्रदेश सरकार ने नर्मदा झर झर कल कल बहती रहे, निरंतर प्रवाह मान रहे तथा हमें जीवन देती रहे, इसके लिए कई काम किए गए हैं तथा आगे भी कई काम किए जाएंगे। रविवार को अमरकंटक में नर्मदा पुनर्जीवन कार्यक्रम के लिए किए जा रहे कार्यों की समीक्षा की अध्यक्षता करते प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहीं। बैठक में केन्द्रीय पर्यावरण तथा जलवायु परिवर्तन विभाग के मंत्री भूपेन्द्र यादव, केन्द्रीय जलशक्ति राज्यमंत्री प्रह्लाद सिंह पटेल, प्रदेश के वन मंत्री विजय शाह, जनजातीय कार्य विभाग तथा अनूपपुर जिले की प्रभारी मंत्री मीना सिंह मांडवे, खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग के मंत्री बिसाहूलाल सिंह सहित प्रशासनिक अधिकारी उपस्थित रहें। मुख्यमंत्री ने कहा कि जिस प्रकार भारत देश में गंगा जी का नाम है, उसी पर पूरे मध्यप्रदेश में नर्मदा का नाम है। प्रधानमंत्री का जिस प्रकार गंगा मिशन एक मिशन है, उसी प्रकार मध्यप्रदेश में नर्मदा है, उसी मिशन के तहत नर्मदा मिशन भी बने। अमरकंटक कोई साधारण जगह नहीं है, यह कई ऋषि-मुनियों तथा तपस्वियों की भूमि है। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देशित किया कि नर्मदा नदी के संरक्षण एवं संवर्धन हेतु नर्मदा सेवा यात्रा प्रारंभ की जाएगी। नर्मदा सेवा यात्रा के दौरान जो योजना बनाई थी, उस समय फलों की खेती, वृक्षारोपण का बृहद स्तर पर अभियान शुरू किया था। वृक्षारोपण अभियान में 16 विभागों का जोड़ा जाएगा तथा इसके क्रियान्वयन समाज की अहम भूमिका रही है। प्रदेश का बड़ा सौभाग्य का दिन है कि केंद्रीय एवं वन मंत्री भूपेंद्र यादव तथा केंद्रीय जल शक्ति मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल अमरकंटक इसलिए आए हैं कि नर्मदा के प्रवाह को श्रद्धा और आस्था के कारण और प्रदेश जैसे राज्य नर्मदा की कृपा से लगातार समृद्ध रहे, इसके लिए लिए भी या उपस्थित हुए हैं। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि नर्मदा नदी को संरक्षित एवं संवर्धित करने के लिए रोडमैप तैयार किया जाएगा। 1 मई को नर्मदा सेवा अभियान से जुड़े हुए लोग जुड़ कर जन जागरण अभियान का शुभारंभ करेंगे तथा 5 जून को पर्यावरण दिवस है। पर्यावरण दिवस के दिन संकल्प लेने की किस किस स्थान पर कहां-कहां, कौन-कौन से वृक्ष लगाए जाएंगे तथा ऐसे वृक्ष लगाए जाएंगे जो यहां की इकोसिस्टम के अनुरूप हैं। प्रधानमंत्री ने आजादी के अमृत 75वें वर्ष में अमृत मान सरोवर बनाने का आह्वान किया है। इसके अंतर्गत नर्मदा को दो चीजों की आवश्यकता है, एक वृक्ष, जिसके जड़ों से नर्मदा नदी का जल निकलता है तथा वह वृक्ष स्थानीय हो जो यहां के इको फ्रेंडली सिस्टम से जुड़ा हुआ हो तथा दूसरा अलग-अलग जन संरचनाएं चाहिए जो अमृत सरोवर के रूप में नर्मदा तट पर स्थित हो। उन्होंने कहा कि नर्मदा जी के 41 सहायक नदियों के तट पर भी अमृत सरोवर का निर्माण किया जाएगा, जिससे नर्मदा नदी और अधिक विस्तृत एवं विशाल हो सके एवं हर जगह से पानी नर्मदा नदी पर आता रहे। केन्द्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेन्द्र यादव ने कहा कि नर्मदा नदी के संरक्षण और संवर्धन के लिए आज नर्मदा के उद्गम स्थल अमरकंटक में बैठक ली जा रही है। उन्होंने कहा कि नर्मदा नदी मध्यप्रदेश के साथ-साथ अन्य राज्यों की सांस्कृतिक, आध्यात्मिक एवं सामाजिक जीवन की आधारषिला है। उन्होंने कहा कि नर्मदा के संरक्षण और संवर्धन से ग्रामीण क्षेत्रों और शहरी क्षेत्रों का विकास होगा। उन्हों।ने कहा कि नर्मदा नदी भारत की सबसे महत्वपूर्ण नदी है, जिसे बचाने के लिए बेहतर कार्य योजना की आवश्यकता है। मुझे इस बात की बड़ी खुशी है कि 2018 में जो नर्मदा सेवा क्षेत्र का विकास कार्य प्रारंभ किया गया था, उसे और आगे बढ़ाने हेतु बैठक में विस्तृत चर्चा की जा रही है। अमरकंटक, धार्मिक, पारंपारिक, सांस्कृतिक एवं आध्यात्मिक रूप से हमारे पूर्वजों का अनंत काल से निवास स्थान रहा है। यहां से निकलने वाली नर्मदा का जल को संरक्षित एवं संवर्धित करना यह हम सब का कर्तव्य है। नर्मदा को सुरक्षित रखने के लिए सभी पक्षों को रखकर कार्यप्रणाली तैयार किया जाएगा। बैठक में केन्द्रीय जलशक्ति राज्यमंत्री प्रहलाद पटेल, वन मंत्री विजय शाह, पर्यावरण विद सुरेश सोनी ने भी नर्मदा के संरक्षण और संवर्धन के लिए सुझाव दिए। बैठक में कलेक्टर अनूपपुर सोनिया मीना ने नर्मदा उद्गम स्थल अमरकंटक में जल संरक्षण एवं सौन्दर्यीकरण के लिए कराए जा रहे कार्यों की विस्तृत जानकारी दी। बैठक में प्रमुख सचिव वन अशोक वर्णवाल, संभागायुक्त शहडोल राजीव शर्मा, अतिरिक्त पुलिस महानिदेषक डी.सी. सागर, मुख्य वन संरक्षक पी.के. वर्मा एवं केन्द्र सरकार के अधिकारी उपस्थित रहे।

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