शनिवार, 20 अप्रैल 2019
4 आदतन अपराधियों को जिला दण्डाधिकारी ने किया जिला बदर
जिला दण्डाधिकारी ने 2 को थाने में साप्ताहिक हाजिर देने का दिया आदेश
अनूपपुर। लोकसभा चुनाव में शांति से सम्पन्न हो इसके लिये 2 लोगो को कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी चन्द्रमोहन ठाकुर ने म०प्र०राज्य सुरक्षा अधिनियम, 1990 की धारा-3 (क) के अन्तर्गत थाने में उपस्थित देने के निर्देश दिये है। जिसमें शाहिद पिता बदरूद्दीन मुसलमान निवासी वार्ड नं.11 बिजुरी थाना बिजुरी, प्रदीप शर्मा पिता रामगोपाल शर्मा निवासी मौहरी थाना बिजुरी को 15 जून 2019 तक की कालावधि के लिये प्रत्येक मंगलवार को १२ बजें थाना प्रभारी,थाना बिजुरी के समक्ष व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होकर हाजिरी दर्ज कराने का आदेश दिया है। यह भी आदेशित किया गया है कि अपने आपराधिक कृत्यों को पूर्णत: त्याग दे अन्यथा एक भी आपराधिक प्रकरण दर्ज होने की दशा में उनके विरूद्घ जिला बदर का प्रकरण पुन: प्रारंभ किया जाकर कार्यवाही की जायेगी। यह भी स्पष्ट किया गया है। आदेश का पालन न करने, उल्लंघन करने या विरोध करने पर म०प्र० राज्य सुरक्षा अधिनियम 1990 की धारा 14 के अंतर्गत संबधित को गिरफ्तार किया जायेगा एवं 3 वर्ष के कारावास व जुर्मानें से दण्डित किया जायेगा।
मुख्य अभियन्ता के आदेश की उड़ाई जा रही धज्जियाँ

अनूपपुर। अमरकंटक ताप विद्युत गृह
चचाई में कार्यरत ठेका श्रमिकों के शोषण को रोकने के लिये श्रमायुक्त इंदौर ने अक्टूबर
2017 में श्रमिकों
की उपस्थिति बायोमेट्रिक मशीन से लगाने के लिए आदेशित किया था,साथ ही श्रमिकों को उपस्थिती
पत्रक, वेतन
पर्ची प्रतिमाह निर्देश दिये थे,जिस पर तत्कालीन मुख्य अभियन्ता ने 26 दिसम्बर 2017 को सभी अधीक्षण अभियन्ताओं
को पत्र लिखकर आदेश किया था कि सभी निविदाओं में बायोमेट्रिक मशीन लगाने की शर्त रखी
जाये और उसमें दर्ज उपस्थिती के अनुसार ही ठेकेदार का भुगतान देयक पारित किया जाये,
साथ ही बायोमेट्रिक
मशीन लगाने के लिये उत्पादन कंपनी द्वारा पैसा भी ठेकेदार को दिया गया लेकिन सेवायें
वृत्त द्वारा लगभग एक वर्ष बीत जाने के बाद नई निविदाओं में आज तक बायोमेट्रिक मशीन
नही लगायी गई। अधिकारियों ने ठेकेदारों से मिलकर श्रमिकों का शोषण जारी है,जहां पर मजदूर 30
से 31 दिन कार्य करता है,वही उसे 15 से 20 दिन की मजदूरी दी जाती है
एवं अतिकाल का भुगतान भी शासन के नियमानुसार दुगना दर से नहीं किया जाता है। श्रमिक
को से घरों में कार्य कराया जाता है। भारतीय
ठेका मजदूर संघ चचाई ने विगत तीन माह पहले भी संबंधित अधिकारियों को पत्र के माध्यम
से मांग की थी लेकिन आज तक कोई कार्यवाही नही हुई।
बरसी भोज के बाद पेट दर्द, उल्टी, बुखार से संक्रमित हुए लोग, दर्जनभर लोगों की हालत गम्भीर
सैकड़ाभर ग्रामीण व रिश्तेदार बने
फूड प्वाईजनिंग के शिकार
अनूपपुर। बरसी कार्यक्रम
के अगली सुबह 19 अप्रैल
को लगभग सैकड़ाभर लोग उल्टी-दस्त, बुखार, पेट दर्द की शिकायत की चपेट में आ गए। आनन फानन में परिजनों
ने तत्काल एम्बुलेंस को सूचना देते हुए गांव के ऑटो की मदद से सभी संक्रमित ग्रामीणों
को उपचार के लिए बेनीबारी उपस्वास्थ्य केन्द्र में भर्ती कराया। जबकि कुछ लोगों को
जिले से सटे डिंडौरी के गाडासरई इनमें लगभग आधा संख्या में मरीजों को प्राथमिक उपचार
के बाद छुट्टी दे दी गई, जबकि दर्जनभर गम्भीर लोगों को प्राथमिक उपचार के बाद सामुदायिक
स्वास्थ्य केन्द्र राजेन्द्रग्राम में भर्ती कराया गया है। करनपठार थाना के बसंतपुर
गांव में गोंड परिवार में 18 अप्रैल को आयोजित बरसी भोज का कार्यक्रम ग्रामीणों,
परिजनों व रिश्तेदारों
के लिए जहरीला साबित हो गया। डॉक्टरों का कहना है कि यह स्लो प्वाईजनिंग के लक्षण है।
जिसमें किसी प्रकार की अप्रिय घटना सामने नहीं आई है। वहीं घटना की सूचना के बाद सीएचसी
राजेन्द्रग्राम बीएमओ के नेतृत्व में एक टीम गठित कर बसंतपुर गांव में तैनात की गई
है, जहां डॉक्टरों
की टीम ग्रामीणों पर नजर रख उपचार में जुटी है। बताया जाता है कि 18 अप्रैल की रात करीब 8 बजे बसंतपुर गांव निवासी धन्नूलाल
नागेश की पत्नी की बरसी कार्यक्रम के तहत भोजन का आयोजन हुआ था, जिसमें ग्रामीणों के साथ
साथ धन्नूलाल के परिजन व दूर के रिश्तेदार भी शामिल हुए। खाना में चावल, दाल, सब्जी, पुड़ी, पापड़, और उड़द दाल के बाड़ा बनाया
गया था। रात्रि भोज्य के बाद सभी ग्रामीण अपने घर चले गए। अगली सुबह 19 अप्रैल की सुबह 25 वर्षीय राजू गोंड ने पेट
दर्द की शिकायत परिजनों से की। इसके बाद एक के बाद एक कर पूरे परिजनों, रिश्तेदारों व ग्रामीणों
को उल्टी, दस्त, बुखार और पेट-दर्द की शिकायत आने लगी। आनन फानन में धन्नूलाल नागेश का बहनोई महेश
नागेश ने तत्काल 108 एम्बुलेंस
को सूचना देते हुए ऑटो की मदद से मरीजो ंको उपचार के लिए उपस्वास्थ्य केन्द्र बेनीबारी
में भर्ती कराया। इसमें 60-65 मरीजों को उपस्वास्थ्य केन्द्र में तथा करीब 20-25 मरीजों को डिंडौरी के गाड़ासरई
स्थित स्वास्थ्य केन्द्र तथा 12-15 लोगों को निजी अस्पताल अस्पताल में भर्ती कराया गया। 19 अप्रैल की शाम को लगभग 40-45 लोगों को प्राथमिक उपचार
के बाद उपस्वास्थ्य केन्द्र बेनीबारी से छुट्टी दे दी गई। जबकि दर्जनभर मरीजों को गम्भीर
हालत में सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र राजेन्द्रग्राम में भर्ती कराया गया है। इनमें
4 वर्षीय बालक सागर कुमार,
9 वर्षीय द्रोपती,
9 वर्षीय अमन, 10 वर्षीय मौसम, 10 वर्षीय खिलावन, 9 वर्षीय शैलेन्द्र, 11 वर्षीय अंशिक कुमार,
13 वर्षीय वीरेन्द्र सहित अन्य
शामिल हैं। बेनीबारी उपस्वास्थ्य केन्द्र मेडिकल ऑफिसर अजीत मिश्रा ने बताया कि सम्भावना
है कि खाने पकाने के दौरान कोई जहरीला पदार्थ खाने में मिल गया होगा या फिर कोई सड़ी
खाद्य पदार्थ के इस्तेमाल के कारण खाना विषाक्त बन गया होगा। जिसके कारण खाने के तत्काल
उपरांत उल्टी-दस्त सहित अन्य संक्रमण का प्रभाव सामने नहीं आया। जबकि खाने के 10-12 घंटे बाद यह संक्रमण सामने
प्रकट हुआ।
निर्वाचन प्रशिक्षण में अनुपस्थित इंगांराजवि 3 साहायक प्रध्यापक को नोटिस जारी

शुक्रवार, 19 अप्रैल 2019
विकाश से कोषो दूर ग्राम चौरादादर,पानी के लिये 3 किमी पहाड़ी चढ़ते ग्रामीण
नेताओ के चुनावी वादे
विगत दो वर्ष पूर्व चौरादादर समेत
पडऱी, बकान,
नगुला, विचारपुर मे हैजे की बीमारी
फैली थी। तब चौरादादर के १७ लोग इस बीमारी के चपेट मे आ गये थे। दो व्यक्तियों की मौत
भी हो गई थी। डॉक्टरों ने इसे गंदे पानी का उपयोग से किया जाना पाया तब जल संसाधन विभाग
हरकत मे आया और कुछ दवाईयां बांटकर अपने कर्तव्यों को पूरा कर लिया था। इधर चुनाव आते
ही स्थानीय नेता ग्रामीणों से रुबरु होने पहुंचते है। चुनाव परिणाम आते ही अगले चुनाव
तक इन्हे देख पाना ग्रामीणों के लिये कोरी कल्पना सा होता है।
शहडोल लोकसभा - बराबर की टक्कर विधानसभा में मतों के आंकड़ो में पिछड़ी भाजपा, जीत के अपने-अपने दावें
अनूपपुर। शहडोल लोकसभा
की 8 विधानसभा
सीटों पर भाजपा के सभी प्रत्याशियों को कुल मिलाकर 4 लाख 92 हजार 249 मत मिले, जबकि कांग्रेस प्रत्याशियों को कुल
5 लाख 13 हजार 959 मत मिले,भाजपा से 21,710 मत अधिक थे जिसके चलते कांग्रेस
उत्साहित जरूर नजर आती है, लेकिन भाजपा को केंद्र की नीतियों और मोदी की छवि पर पूरा भरोसा
है। बाजी किसके हाथ लगती है ये तो 23 मई को परिणम आने के बाद तय होगा। जहां भाजपा और कांग्रेस
दोनों चार-चार सीटों पर कायम है। शहडोल लोकसभा से भाजपा से हिमाद्री सिंह और कांग्रेस
से प्रमिला सिंह वोटरों का दिल जीतने के लिए गलियों की खाक छान रही हैं। इस घमासान
में बाजी किसके हाथ लगेगी, इस पर से पर्दा 23 मई को उठेगा। एक ओर जहां हिमाद्री सिंह मोदी लहर और
केंद्र की नीतियों के दम पर जीतने का दम भर रही हैं तो वहीं कांग्रेस की प्रमिला सिंह
की उम्मीद प्र्रदेश सरकार पर हैं वही आंकड़ो
को देखे तो कांग्रेस कतार में आगे खड़ी है। संसदीय क्षेत्र में 8 विधानसभा सीटों में अनूपपुर
की कोतमा, अनूपपुर, पुष्पराजगढ़,शहडोल की जयसिंहनगर, जैतपुर, उमरिया की बांधवगढ़ व मानपुर है, एवं कटनी की बड़वारा सीट भी शामिल
है। सीटों के सियासी समीकरण में संख्या में दोनों पार्टियो की बराबर हैं, लेकिन वोटों के प्रतिशत पर
नजर डालें तो मुकाबला कांटे का लगता है। वोट प्रतिशत के मामले में कांग्रेस आगे है,
जो कटनी जिले की बड़वारा
विधानसभा से मिल रही है। यही आंकड़े कांग्रेस की उम्मीद को पुख्ता कर रहे हैं। साथ
ही प्रदेश में सत्तारूढ़ होने के चलते कांग्रेस को प्रदेश सरकार द्वारा की गयी कर्जमाफी
जैसी योजनाओं का भी लाभ मिलेगा। विधानसभा में भाजपा-कांग्रेस को मिले मत
अनूपपुर जिले के कोतमा में भाजपा
के दिलीप कुमार जायसवाल को 36,820 मत मिले थे, जबकि कांग्रेस विधायक सुनील सर्राफ 48,249 मत हासिल किए वहीं अनूपपुर
से भाजपा के रामलाल रौतेल ने 51,209 मत तो कांग्रेस के बिसाहूलाल सिंह 62,770 मतों के साथ जीत दर्ज की
थी, जबकि पुष्पराजगढ़
से भाजपा के नरेंद्र सिंह मरावी को 40,951 मत और कांग्रेस प्रत्याशी फुन्देलाल सिंह ने 62,352
मत हासिल कर जीत दर्ज
की। शहडोल के जयसिंहनगर से भाजपा विधायक जयसिंह मरावी को 84,669 मत मिले,कांग्रेस प्रत्याशी ध्यान
सिंह को 67,402 मत मिले थे. वहीं, जैतपुर में बीजेपी विधायक मनीषा सिंह को 74,279 वोट मिले जबकि कांग्रेस की
उमा धुर्वे को 70,063 मत मिले। उमरिया की मानपुर सीट से भाजपा विधायक मीना सिंह ने 82,287 मत हासिल किए ,कांग्रेस की ज्ञानवती सिंह
को 63,632 मत मिले। बांधवगढ़ से भाजपा के शिवनारायण सिंह ने 59,158 मत हासिल किए तो कांग्रेस
के ध्यानसिंह को 55,255 मत मिले थे.कटनी के बड़वारा सीट से भाजपा प्रत्याशी मोती कश्यप
को 62,876 वोट मिले थे, जबकि कांग्रेस के विजय राघवेंद्र सिंह ने 84,236 वोट हासिल कर जीत दर्ज की थी. इस
तरह 8 विधानसभा
सीटों पर भाजपा के सभी प्रत्याशियों को कुल मिलाकर 4,92,249 वोट मिले थे,वहीं कांग्रेस प्रत्याशियों
को कुल 5,13,959 वोट मिले, जोकि भाजपा से 21,710 वोट अधिक है। जिसके चलते कांग्रेस उत्साहित जरूर नजर आती है।
लेकिन यह अंतर बहुत मामूली है, बाजी किसके हाथ लगती है ये तो 23 मई को आने वाले नतीजे तय करेंगे।
गुरुवार, 18 अप्रैल 2019
आंधी और बारिश की थपेड़ों में हजारो एकड़ रबी फसल नुकसान,किसानों की बढ़ी मुश्किलें

24 घंटे में जिलें में 6.9 मिलीमीटर
औसत वर्षा
अधीक्षक भू-अभिलेख अनूपपुर द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार जिले
में बीते 24 घंटे में 6.9 औसत वर्षा दर्ज की गई। इस दौरान वर्षामापी केन्द्र में अनूपपुर
में 18.7, कोतमा में
11.0, जैतहरी
में 7.0, पुष्पराजगढ़
4.6, अमरकंटक
4.0, बिजुरी
में 2.3, वेंकटनगर
में 4.8, बेनीबारी
में 2.7 मिलीमीटर वर्षा दर्ज की गई है।लोकसभा निर्वाचन में प्रत्याशियों द्वारा अब तक 943219 रुपए का किया गया है व्यय
अनूपपुर। शहडोल लोकसभा चुनाव में
प्रत्यासियों ने प्रचार प्रसार में अब तक 943219 रुपए का व्यय करने लेखा प्रस्तुत किया
जिसमें कांग्रेस प्रत्यासी ने सबसे अधिक खर्च अन्य प्रत्यासियों में आगे है। कांग्रेस
प्रत्याशी प्रमिला सिंह ने 16 अप्रैल तक दिये गये खर्च में 6 लाख 32 हजार 646 रुपए
व्यय किया है। इसके बाद भाजपा प्रत्याशी हिमाद्री सिंह 1 लाख 73 हजार 73 रुपए खर्च
किया है। जिला व्यय नोडल अधिकारी द्वारा दी गयी जानकारी के अनुसार लोकसभा निर्वाचन
में प्रत्याशियों द्वारा राजनैतिक प्रचार गतिविधियों में अब तक 943219 रुपए का व्यय
किया गया है। प्रेक्षण रजिस्टर में विभिन्न
निगरानी दलों द्वारा दी गयी रिपोर्ट में कम्यूनिस्ट पार्टी आफ इण्डिया की केशकली ने
12500 रुपए, बहुजन समाज पार्टी के प्रत्याशी मोहदल पिता हुलासी द्वारा 12500 रुपए, भारतीय शक्ति चेतना पार्टी
कमला पिता लम्मू द्वारा 12500 रुपए, छत्तीसगढ़ विकास गंगा राष्ट्रीय पार्टी की प्रत्याशी
मीरा सिंह 12500 रुपए,पीपुल्स पार्टी ऑफ इण्डिया (डेमोक्रेटिक) के प्रत्याशी लक्ष्यपत सिंह 12500 रुपए,
गोंडवाना गणतंत्र पार्टी
के प्रत्याशी विमल सिंह कोंर्चें 12500 रुपए एवं निर्दलीय प्रत्याशियों गोकुल पिता
देवसिंह, झमक
लाल कोल, दुर्गा
बाई, नारायण
सिंह, मन्ना
सिंह 12500 रुपए का निर्वाचन प्रचार में व्यय 16 अप्रैल तक किया गया है। निर्वाचन व्यय
लेखा दल द्वारा अभ्यर्थियों के निर्वाचन व्यय लेखों का प्रथम निरीक्षण किया गया। निर्वाचन
व्यय लेखों का द्वितीय निरीक्षण 22 अप्रैल को किया जाना है। भारत निर्वाचन आयोग द्वारा
आईआरएस (कस्टम एंड इक्साइज) जी धर्मराज को व्यय प्रेक्षक नियुक्त किया गया है।
निर्वाचन प्रशिक्षण में अनुपस्थित 5 मतदान अधिकारी एवं 1 पीठासीन अधिकारी को नोटिस जारी

पति-पत्नी की धारदार हथियार से वार कर की गई हत्या, पुलिस जुटी जांच में
अनूपपुर। वेंकटनगर
चौकी अंतर्गत ग्राम पंचायत पोंडी स्थित घर में 18 अप्रैल को पति-पत्नी का खून से लथपथ
शव मिलने से ग्रामीणो में सनसनी फैल गई। जिसकी सूचना तत्काल वेंकटनगर चौकी पुलिस को
दी गई। जहां सूचना मिलते ही मौके पर पहुंचे उप निरीक्षक आकांक्षा सिंह, सहायक उप निरीक्षक विरेन्द्र
तिवारी एवं प्रधान आरक्षक सुरेश कोरी ने मौके पर पहुंच घटना स्थल का निरीक्षण कर सूचना
वरिष्ठ अधिकारियों को दी गई। जहां जैतहरी थाने थाना प्रभारी रवि शंकर शुक्ला,
उप निरीक्षक हरिशंकर
शुक्ला, प्रधान
आरक्षक चोखेलाल मल्लैया सहित फॉरेंसिक टीम के डॉ. आनंद नगपुरे ने पहुंच घटना स्थल व
शव निरीक्षण किया गया, जहां दोनो के शव में धारदार हथियार से वार करने के निशान एवं
अत्याधिक रक्त स्त्राव होने से मौत होने की आंशका जताते हुए पंचनामा तैयार कर शव को
पीएम के लिए सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र जैतहरी ले जाया गया, जहां पीएम उपरांत शव परिजनो
को सौंप दिया गया। वहीं पुलिस ने मर्ग कायम कर मामले की जांच में जुटी गई है। मामले
की जानकारी देते हुए चौकी प्रभारी विरेन्द्र सिंह ने बताया कि ग्राम पंचायत पोंडी के
खजुरहा मोहल्ला में निवास करने वाली मृतिका झम्मा बाई पति जयदीन बैगा उम्र 45 वर्ष
का शव घर से 200 मीटर की दूरी पर खून से लथपथ देखा गया, जिसके बाद ग्रामीणो ने मृतिका के
घर पहुंचे जहां घर के आंगन पर दरवाजे के बाहर मृतिका के पति पडरू उर्फ जयदीन बैगा पिता
थकला बैगा उम्र 50 वर्ष का शव खून से लथपथ मिला, जिसकी सूचना ग्रामीणो से मिलते ही
मौके पर पहुंच कर घटना स्थल का निरीक्षण किया गया, ग्रामीणो ने बताया कि चरित्र संदेह
को लेकर दोनो पति पत्नी में आए दिन विवाद होता था, जहां 17 अप्रैल की शाम को मृतिका
झम्मा बाई मजदूरी कर वापस आई और घर से 200 मीटर की दूरी पर स्थित लगे हैण्डपंप में
नहा कर वापस आते समय उसके पति पडरू उर्फ जयदीन बैगा द्वारा पहुंच कर विवाद करते हुए
मारपीट करने लगा जहां लाल सिंह उर्फ लल्ला पिता सुखलाल बैगा अपने खेत से घर जाते समय
दोनो के पति-पत्नी के बीच हुए विवाद में बीच बचाव करते हुए भी आसपास के लोगो ने देखा
था। वहीं ग्रामीणो में चर्चा का विषय रहा की विवाद का कारण लाल उर्फ बैगा पिता सुखलाल
बैगा का नाम सामने आया है। जिस पर पुलिस ने उसे पकडते हुए पूछताछ में जुटी हुई है।
बुधवार, 17 अप्रैल 2019
प्रशिक्षण के दौरान शराब के नशे में प्रशिक्षण ले रहे दो पर निलंबन की कार्यवाही

कांग्रेस के विधायकों को मंत्री पद का लालीपॉप
खरी-खरी
अनूपपुर। जैसे-जैसे
मतदान की तिथि करीब आ रही है, वैसे-वैसे प्रत्याशियों की धड़कन तेज हो रही है। कम समय और पूरे
लोकसभा में प्रत्येक लोगों से मिलना संभव नहीं हो पा रहा है। इसके लिए पार्टियों ने
सबको जिम्मेदारी दे रखी है। जहां प्रत्याशी न पहुंच सके वहां उनके प्रतिनिधि के रूप
में पार्टीजन लोगों के पास पहुंचकर अपने पक्ष में मतदान की अपील कर रहे हैं। किंतु
इस अपील का असर कितना होता है यह तो समय बतायेगा। वहीं मतदाताओं के बीच प्रत्याशी का
न होना लोकसभा में मतदान प्रतिशत में गिरावट का मुख्य कारण रहा है। इसके लिए प्रशासन
ने प्रयास कर रहा है कि अधिक से अधिक मतदान के लिए आम लोगों को प्रेरित किया जा सके।
किंतु इस चुनाव में अभी तक कोई शोरगुल अथवा यह प्रतीत नहीं हो रहा कि क्षेत्र में चुनाव
हो रहे हैं। न पार्टियों के झण्डा, बैनर और ना ही जनसंपर्क दिख रहा है। गत दिनों प्रदेश के मुख्यमंत्री
कमलनाथ ने भी अनूपपुर में चुनावी दौरे में उन्होंने अपने पूरे भाषण में प्रत्याशी का
न नाम लिया और ना ही वोट मांगा और ना ही इनके आने की कोई उत्साह लोगों में नहीं रहा।
अपना चुनावी दौरा कर मुख्यमंत्री रवाना हो गये शहर में इस बात की कोई चर्चा भी नहीं
हो सकी। ऐसे में लगता है कि शहडोल लोकसभा कांग्रेस के लिए बेमन की लड़ाई है। तो वहीं
दूसरी ओर कांग्रेस संगठन ने प्रदेश में अधिक सीटों के लिए क्षेत्रों के मंत्रियों की
तैनाती की है, इसके साथ ही उन विधायकों को भी लालीपॉप पकड़ाया गया है कि अगर आप अपने क्षेत्र
में अधिक मतदान पार्टी के पक्ष में करायेंगे तो मंत्री पद से नवाजा जायेगा। यह दिव्य
स्वप्र पार्टी ने विधायकों को दिखाया है, जिससे विधायक अपने-अपने क्षेत्रों में सक्रिय होकर पार्टी
के पक्ष में मतदान करा सकें। अनूपपुर जिले की तीनों विधानसभा में कांग्रेस का कब्जा
है और यह कांग्रेस के विधायकों के लिए कठिन परीक्षा है कि अपने-अपने क्षेत्रों से पार्टी
प्रत्याशी के लिए अधिक से अधिक मतदान कराकर मुख्यमंत्री के करीबी हो सकें और मंत्री
पद पा सकें। कांग्रेस ने अनूपपुर विधायक बिसाहूलाल सिंह को मंत्री न बनाकर पहले ही
अपमान कर चुकी है अब यह चुनावी लालीपॉप पकड़ा कर उन्हें फिर से सक्रिय करने का प्रयास
किया है। इसी सक्रियता में बिसाहूलाल ने मुख्यमंत्री के सामने प्रण लिया है कि अपने
क्षेत्र में कांग्रेस को अधिक मत दिलाऊंगा नहीं तो भोपाल नहीं जाऊंगा। ऐसा प्रण लेना
राजनीति में कहां तक सही है। विधानसभा में लोग भाजपा के प्रत्याशी व मुख्यमंत्री से
नाराजगी के कारण कांग्रेस को विजय मिली थी। जरूरी नहीं कि लोकसभा में भी लोग उसी दल
का अपना मतदान करें। समय के साथ व्यक्ति और पार्टियां बदल जाती हैं। मतदान विधानसभा
में व्यक्ति को मतदान किया था न कि पार्टी को, किंतु पार्टी ने यह माना कि यह मतदान
पार्टी के पक्ष में रहा है। भाजपा विधानसभा चुनाव में जिले की तीनों सीटों में प्रत्याशी
चयन सही करती तो शायद यह स्थिति न होती। इसीलिए शिवराज का गुरूर मतदाताओं ने तोड़ा
और बता दिया कि मतदाता से बड़ा कोई नहीं होता है। विधानसभा पुष्पराजगढ़ में भी कमोवेश
ऐसे ही हालात हैं, जहां लोग विधानसभा में प्रत्याशी से नाराज थे, जिसका फायदा कांग्रेस को मिला। तो
दूसरी ओर लोकसभा में स्थिति विपरीत है। मंत्री पद की चाहत पुष्पराजगढ़ विधायक ने प्रत्याशी
के साथ दौरे कर यह बता रहे हैं कि पार्टी के लिए जुटे हैं। पार्टी व्यापम के आरोपी
को मंत्री पद नहीं बना पायेगी इनके लिए भी यह लालीपॉप से कम नहीं है। कोतमा विधानसभा
में पहली बार विधायक बने सुनील सराफ के लिए जरूर अपनी विश्वसनीयता साबित करने का दबाव
है। जिसमें वो कितना सफल होंगे यह तो समय बतायेगा। चुनावी शोरगुल शांत, मतदाता की खामोशी का ऊंट
किस करवट बैठेगा यह तो २३ मई को पता चलेगा, किंतु एक बात तय है कि मतदाता अपने
मन में ठान चुका है कि वह किसे अपना मत देकर दिल्ली पहुंचायेगा। नये चेहरे अथवा पुराने
प्रत्याशी में किसे चुनता है।
मंगलवार, 16 अप्रैल 2019
100 डायल पर प्राप्त सूचना पर बचाया गया बचपन, देवरी में रोका गया बाल विवाह
शुक्रवार, 12 अप्रैल 2019
16 लाख से अधिक मतदाता 13 प्रत्याशीयों के भाग्य का करेगें फैसला

राष्ट्रीय गौ रक्षा संघ के राष्ट्रीय सह संगठन मंत्री मनोनीत हुए संग्राम सिंह

मुख्यमंत्री क्या कर पायेंगे डैमेज कंट्रोल, कांग्रेस का अंतरकलह कहीं मतदाताओं के बीच पडे न भारी
राजेश शुक्ला
अनूपपुर। मौसम के बदलते मिजाज से
जहां आम जन परेशान है। वहीं 40 डिग्री के तापमान में लोगों ने घरों से निकलना कम किया
है तो दूसरी ओर राजनीतिक पारा दिनोंदिन बढ़ता ही जा रहा है। शुक्रवार को नाम वापसी
के बाद 13 प्रत्याशी मैदान में हैं, जिनमें मुख्य मुकाबला दो दलों में है, दोनों ही दल के प्रत्याशी
एक-दूसरे दल के दलबदलू हैं। इससे पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ आम मतदाता भी सोचने को
मजबूर हो गया है। मतदाता यह तय नहीं कर पा रहा कि अपना मत किसे दें, आज जिसे हम मत देकर जितायें कल वह अपने स्वार्थ के लिए दल बदल दे इससे
कार्यकर्ता और मतदाता दोनों अपने आपको ठगा महसूस करते हैं। मतदाताओं को चुनना एक को
ही है, अभी
अनिर्णय की स्थिति बनी हुई है। शहडोल लोकसभा में भाजपा और कांग्रेस के बाद गोंडवाना
और बसपा ने अपनी पहचान बनाई है, इसके बाद कम्युनिष्ट पार्टी का भी कुछ क्षेत्रों मेें प्रभाव
है। विधानसभा चुनाव में भाजपा से टिकट न मिलने से नाराज जयसिंहनगर के पूर्व विधायक
प्रमिला सिंह को कांग्रेस में शामिल कर लोकसभा का प्रत्याशी बनाया है। जिनका राजनीतिक
इतिहास गत 5 वर्ष पहले जयसिंहनगर विधायक रहते हुए कोई खास नहीं रहा, जिससे भाजपा ने इनका टिकट
काटा। विधानसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस में शामिल होने के बावजूद भी कांग्रेस को कोई
फायदा नहीं हुआ है। इसके बावजूद भी पार्टी ने इन पर अपना विश्वास जताते हुए नये चेहरे
के रूप में दांव खेला है। यह दांव कितना कारगर साबित होगा यह तो आने वाले दिनों में
देखने को मिलेगा, जहां प्रत्याशी के पास अपनी उपलब्धि बताने के लिए कुछ खास नहीं है, वहीं पूरे लोकसभा में अपरिचित
चेहरा भी है। इनकी पैठ जयसिंहनगर विधायक के साथ आस-पास क्षेत्रों में है। किंतु पार्टी
का सहयोग रहा तो मतदाताओं के बीच अपनी पैठ बना सकती हैं। अनूपपुर जिले की तीन विधानसभा
सीटें कांग्रेस के पास हैं, इसके बावजूद भी तीनों विधायकों में अपने बर्चस्व की लड़ाई के
लिए एक-दूसरे की टांग खिंचाई में कोई कोर कसर नहीं छोड़ रहे हैं, जिसका नजारा 5 अप्रैल को
देखने को मिला। जहां कलेक्ट्रेट परिसर में अनूपपुर विधायक के समर्थक से कोतमा विधायक
भिड पडे और बीच बचाव कोतवाली निरीक्षक को करना पड़ा। इतना ही नहीं इसके बाद परिसर के
बाहर भी दोनों के बीच हाथापाई की नौबत आई, जिसमें प्रभारी मंत्री प्रदीप जायसवाल ने बीच बचाव कर
समर्थक को कड़ी फटकार लगाई। इसके पूर्व मंच पर पुष्पराजगढ़ विधायक ने अनूपपुर विधायक
के समर्थकों को कड़ी चेतावनी देते हुए कहा कि अगर मैं नारे लगाऊंगा तो कोई भी नहीं
रह पायेगा, इसके बाद अनूपपुर विधायक ने जब मंच पर माईक संभाला तो उन्होंने भी कुछ ऐसे शब्दों
का प्रयोग किया, जिसके बाद प्रभारी मंत्री माईक लेकर स्थिति को संभाला। ऐसी स्थिति में जब तीनों
विधायक एक नहीं हैं तो पार्टी किसके दम पर लोसभा का चुनाव में फतह की सोच रही है। अंतरकलह
को देखते हुए मुख्यमंत्री कमलनाथ १३ अप्रैल को अनूपपुर मुख्यालय में चुनावी सभा को
संबोधित करने आ रहे हैं, जिसके प्रभारी स्थानीय विधायक बिसाहूलाल को बनाया गया है। विधायकों
की आपस में बढ़ती दूरियां कार्यकर्ताओं एवं मतदाताओं के लिए शुभ संकेत नहीं है। इस
रिपोर्ट के बाद मुख्यमंत्री तीनों विधायकों से चर्चा कर सकते हैं और पार्टी हित में
अपने-अपने अहम को दूर रख लोकसभा की तैयारियों की जिम्मेदारियां सौंप सकते हैं। कांग्रेस
की यह अंतरकलह लोकसभा चुनाव में जनता के बीच क्या संदेश जायेगा यह तो आगामी दिनों में
देखने को मिलेगा, किंतु एक बात साफ है कि विधायकों में मंत्री बनने की चाह जिसमें पुष्पराजगढ़ विधायक
फुंदेलाल जोर लगा रहे हैं जिन पर व्यापम मामले में पुत्र को अनैतिक ढंग से प्रवेश दिलाने
के कारण न्यायालय से जमानत पर हैं। दूसरी ओर कोतमा विधायक अभी पहली बार निर्वाचित हुए
हैं, जिससे
उन्हें भी अपने क्षेत्र में कांग्रेस को विजय दिलाने का जिम्मा दिया गया है। इसके साथ
ही अनूपपुर विधायक बिसाहूलाल भी जोर लगा रहे हैं कि अपने विधानसभा में कांग्रेस को
बढत दिलाई जा सके, किंतु वहीं सूत्र बता रहे हैं कि दिग्विजय सिंह के विरोध के चलते इनका मंत्री पद
पाना संभव नहीं दिखाई दे रहा है। अब यह तय करना कमलनाथ को है कि किसे इस क्षेत्र से
मंत्री पद से नवाजा जाये।
भाजपा में भी कमोवेश कुछ कांग्रेस
की तरह ही अंतरकलह से जूझ रही है, 2016 के उपचुनाव में कांग्रेस से प्रत्याशी रही हिमाद्री सिंह
को भाजपा में शामिल किया है, जिससे पार्टी का एक वर्ग खासा नाराज चल रहा है। इसके साथ ही
सांसद ज्ञान सिंह की नाराजगी भी चल रही है। वहीं कांग्रेस से भाजपा में आई हिमाद्री
सिंह के पास जनता को बताने के लिए कोई खास उपलब्धि नहीं है। इनके पास सिर्फ अपने पिता
स्व. दलवीर सिंह एवं माता स्व. राजेश नंदिनी सिंह की उपलब्धियां हैं किंतु दोनों ही
कांग्रेस से रहे हैं, जहां आम मतदाता इस दल-बदल से पशोपेश में हैं वहीं कुछ इस बात को लेकर नाराज हैं
कि जिनके माता-पिता पूरी जिंदगी कांग्रेस में रह कर जीवन समाप्त कर दिये तो वहीं बेटी
ससुराल जाते ही ससुराल पक्ष की होकर रह गई। हिमाद्री का ससुराल पक्ष पूरी तरह भाजपा
में है, जिनमें
पूर्व मंत्री जयसिंह मराबी, पति नरेंद्र सिंह जिन्हें आयोग का अध्यक्ष बनाया गया था। इसके
साथ ही इनका पूरा परिवार भाजपा को समर्पित हैं। वर्तमान में दो विधायक इनके परिवार
से हैं। हिमाद्री पर परिवार का दबाव होने के कारण भाजपा में शामिल होना पड़ा,
जिससे इस परिवार से
जुडा व्यक्ति इस बात से नाराज चल रहा है। इन रूठों को मनाने की जिम्मेदारी भी इन्हीं
पर है, इसके
साथ ही गृह ग्राम पुष्पराजगढ़ के कार्यकर्ताओं की नाराजगी भी है कि जिनके खिलाफ वर्षों
से हम लडते आ रहे हैं आज उनके पक्ष में कैसे मतदान की अपील करें। भाजपा को इस विरोध
का सामना करना पड रहा है। ऐसे में चुनाव की डगर कठिन दिखाई दे रही है। अब पूरा दारोमदार
20 दिन के चुनाव प्रचार और रूठों को मनाने पर निर्भर है।
फेसबुक में आपत्तिजनक पोस्ट पर भाजपा को कलेक्टर ने दिया नोटिस
गुरुवार, 11 अप्रैल 2019
गठन के बाद से फाईलों में कैद टूरिज्म प्रमोशन कौंसिल तथा ईको टूरिज्म विकास की योजना
अनूपपुर। जिले में
पयर्टन को बढ़ावा देने के लिये प्रशासन ने टूरिज्म प्रमोशन कौंसिल तथा ईको टूरिज्म
का गठन किया और गठन के बाद इसके विकाश की योजनायें फाईलों में दम तोड़ रही है। इसका
उद्देश्य स्थानीय ग्रामीणों को रोजगार के साधन उपलब्ध कराने अमरकंटक सहित आसपास के
ग्रामीण क्षेत्रों को पर्यटक स्थल बनाने की थी। जिला टूरिज्म प्रमोशन कौंसिल तथा ईको
टूरिज्म बोर्ड की बैठक पिछले पांच सालों से आयोजित नहीं की गई है। जिसके कारण अमरकंटक
सहित आसपास के चिह्नित 5 स्थलों व गांवों में पर्यटन विकास की जिला प्रशासन और वनविभाग
की संयुक्त परियोजनाओं को अमल में नहीं लाया जा सका है। परियोजना में प्रस्तावित पोंडकी
जलाशय, जोहिला
जलाशय, गढ़ीदादर,किररघाट सहित बैहारटोला ग्राम
पंचायत के ऐसे स्थल शामिल थे, जिन्हें प्राकृतिक विरासत को थोड़ा निखारकर पर्यटकों के लिए
आकर्षक बनाया जा सकता है। जिसमें खास तौर पर वृहत स्थल के रूप में प्रकृति सौन्दर्यो
से सुशोभित पोंडकी जलाशय, जोहिला जलाशय, भुंडकोना जलाशय को जलविहार के साथ मत्स्य उत्पादन और
पर्यटक स्थल के रूप में अधिक विकसित बनाया जाना था। जबकि वनीय व पहाड़ी क्षेत्रों में
शामिल गढ़ीदादर, किररघाट तथा बैहारटोला को वनविभाग के सहयोग से रॉक क्लाईमिंग, रॉप वे सहित अन्य साहसिक
योजनाओं को शामिल करते हुए विकसित किया जाना था। लेकिन सारी की सारी योजनाओं पर अबतक
अमल नहीं किया जा सका। इसका मुख्य कारण योजनाओं के सम्बंध में शासन को भेजे गए प्रस्तावों
के अनुरूप दिशा निर्देश नहीं होना बताया गया है। जबकि योजना में शामिल रहे अधिकारियों
के तबादले के उपरांत जिला टूरिज्म प्रमोशन कौंसिल तथा ईको टूरिज्म बोर्ड के बैठक परियोजना
से दूर होती चली गई। बताया जाता है कि वर्ष 2015 के उपरांत जिला टूरिज्म प्रमोशन कौंसिल
तथा ईको टूरिज्म बोर्ड की कोई बैठक आयोजित नहीं हुई है, जिसके आधार पर अमरकंटक सहित आसपास
के चिह्नित स्थलों पर विचार विमर्श किया जा सके। बताया जाता है कि इस योजना का मुख्य
उददेश्य जिले में पर्यटन की अपार संभावनाओं को देखते हुए अमरकंटक में जनसंख्या या पर्यटकों
का अत्याधिक दबाव को कम करना था। इसके तहत पर्यटकों को स्थानीय स्तर पर सुविधाएं प्रदान
करने सहित लोगों को भी आजीविका के साधन उपलब्ध कराने के लिए ऐसे स्थानों में लोगों
के रुकने, भोजन आदि की व्यवस्था कराई जाती। प्रशासन का मनाना है कि इस प्रकार की योजनाओं
से जहां पर्यटन के क्षेत्र में विकास होता वहीं, आदिवासी सांस्कृति कलाओं पर आधारित
बांस, मिट्टी
और पत्थर से बनी सामग्रियों को भी पर्यटकों को आसानी से उपलब्ध कराया जाता। विभागीय
सूत्रो की माने तो शुरूआती समय में जिस प्रकार से योजनाओं को प्रस्तावित किया गया था,
अगर उसे रेगुलटी में
लाया जाता तो सम्भव था कि कुछ स्थान विकसित हो सकते थे। वहीं कम बजट के उपरांत इस योजना
के लिए बोर्ड द्वारा अधिक बजट के लिए शासन को रिवाईज भी नहीं भेजा गया। जबकि यह जरूरी
था कि बोर्ड द्वारा प्रस्तावों पर लगातार प्रयास किए जाए। पुष्पराजगढ़ में आदिवासी
बहुल्य क्षेत्र होने के साथ साथ आदिवासी कलाकृतियों से जुड़ी व्यवसाय भी लगभग लुप्त
होने की कगार पर पहुंच चुकी है। इसके अलावा अमरकंटक एकीकृत स्थली के रूप में विकसित
हो रही। इसके लिए जरूरी था कि आदिवासी कला कृतियों व व्यवसाय के साथ पर्यटक को विकेन्द्री
बनाया जा सकता था। इतना ही नही पोंड़की जलाशय में झील महोत्सव मनाए जाने की भी योजनाए
बनाई गई थी। इसका मकसद जलविहार तथा मत्स्य उत्पादन को बढ़ावा देना था। इसमें पोंडकी
जलाशय,भुंडाकोना,
जोहिला जलाशय जैसे
स्थल शामिल हैं। प्रकृति स्वरूपों तथा पहाड़ी ढालों के नीचे बसी ये जलाशय कश्मीर की
डलझील के समान दिखती है।
केन्द्रीय विद्यालय आयुक्त ने फंसाया पेंच,मांगा पूरा भवन उत्कृष्ठ विद्यालय बंद होने की स्थिति
कलेक्टर का प्राचार्यो को मौखिक आदेश
व्यवस्था बनाये पसोपेस में प्राचार्य
अनूपपुर। केन्द्रीय
विद्यालय की प्राथमिक कक्षाओं के संचालन में अब व्यवस्थाओं को लेकर पेंच फंसता नजर
आ रहा है। हाल के दिनों में केन्द्रीय विद्यालय आयुक्त जबलपुर ने उत्कृष्ठ विद्यालय
का मुआयना करते हुए केन्द्रीय विद्यालय संगठन ने अपनी मानकों के अनुरूप उत्कृष्ठ विद्यालय
की15-20 कक्षाओं
के साथ पूरे भवन की ही मांग की है। जिसपर विद्यालय प्राचार्य ने अपनी व्यवस्थाओं के
अनुरूप पूरा भवन देने इंकार कर दिया है। इसके बाद भवनों के अभाव में केन्द्रीय विद्यालय
की कक्षाओं का मुद्दा फिर से गरमा गया है। उत्कृष्ठ विद्यालय प्राचार्य की मनाही की
जानकारी केन्द्रीय विद्यालय आयुक्त ने कलेक्टर को दी। कलेक्टर ने आनन फानन में जिला
मुख्यालय की पूर्व चयनित तीन स्कूलों उत्कृष्ठ
विद्यालय अनूपपुर, शासकीय मॉडल स्कूल अनूपपुर तथा शासकीय एकलव्य स्कूल अनूपपुर के प्राचार्यो की बैठक
बुलाते हुए पूर्व प्रस्तावित उत्कृष्ठ विद्यालय में ही कक्षाओं के संचालन का फरमान
जारी कर दिया है। जिसके बाद उत्कृष्ठ विद्यालय प्राचार्य की मुसीबत बढ़ गई है। उत्कृष्ठ
विद्यालय के शिक्षकों का कहना है कि बिना केन्द्रीय विद्यालय संगठन और उत्कृष्ठ विद्यालय
के आपसी समन्वय से ही इस समस्या का हल निकाला जा सकता है। अगर केन्द्रीय विद्यालय की
मांगों के अनुरूप अधिक कक्षाओं को सौंपा जाएगा तो उत्कृष्ठ विद्यालय की सुबह की पाली
की जगह दोपहर की पाली लगानी होगी। लेकिन इसके लिए केन्द्रीय विद्यालय संचालक को दोपहर
12 बजे तक स्कूल
खाली करना होगा। जिसके उपरांत दोपहर 12 बजे से शाम 5 बजे तक उत्कृष्ठ विद्यालय की कक्षाओं
का संचालन कराया जा सकेगा। लेकिन केन्द्रीय विद्यालय संचालक ने सुबह 7 बजे से लेकर दोपहर 2 बजे तक पूरे स्कूल परिसर
की मांग रखी है। ऐसी स्थिति में एक मात्र विकल्प है कि केन्द्रीय विद्यालय संचालक और
उत्कृष्ठ विद्यालय प्राचार्य आपसी सहमति पर कम कक्षाओं में एक साथ स्कूल संचालन पर
रणनीति तैयार कर सकते हैं। लेकिन दोनों ही परिस्थितियों में छात्र-छात्राओं को परेशानियों
का सामना करना पड़ेगा। बताया जाता है कि वर्तमान में उत्कृष्ठ विद्यालय परिसर में लगभग
25 कक्ष बने
हुए हैं, जिनमें
7 कक्षों में
कार्यालय सहित प्रयोगशाला और भंडार कक्ष है तथा 10 कक्षों में अध्यापन कार्य सम्पन्न
कराए जाते हैं। इसके अलावा संकुल के 4 कक्ष तथा बीईओ कार्यालय के 4 कक्ष खाली पड़े हैं। केन्द्रीय विद्यालय
की मांग है कि उन्हें कम से कम 15-20 कक्ष चाहिए। इतनी संख्या में कक्ष उपलब्ध कराने पर उत्कृष्ठ
विद्यालय के बच्चे कहां बैठ पाएंगे।
कक्षा 9 वीं से 12वीं तक होता है संचालन
उत्कृष्ठ विद्यालय परिसर में कक्षा
9वीं से कक्षा
12 वीं तक 600 छात्र-छात्राए अध्यापन करते
है। जिसमें विभिन्न संकायों की अलग अलग कक्षाएं लगाई जाती है।
बे नतीजा रहा आयुक्त का दौरा
केन्द्रीय विद्यालय आयुक्त ने उत्कृष्ठ
विद्यालय में कक्षाओं के संचालन पर स्कूल का निरीक्षण करते नए भवन के साथ खेल परिसर
की मांग करते हुए पूरे भवन की मांग रखी। इस पर उत्कृष्ठ प्राचार्य ने बिल्डिंग देने
से इंकार कर दिया। उनका कहना था कि नए द्वितीय भवन में 17 कक्षों में 10 कक्षों में अध्यापन का कार्य
कराया जाता है। शेष 7 कक्षों में लैब, कार्यालय, अन्य विभागीय कार्यालय संचालित है। अगर समन्वय बनाया जाए तो नए भवन के 8-10
कक्षों को खाली कर
केन्द्रीय विद्यालय की प्राथमिक कक्षाओं के लिए दिया जा सकता है। उत्कृष्ठ विद्यालय
के बच्चों को अन्य पुराने भवन में बैठाया जा सकता है। लेकिन इसपर बिना कोई बातचीत किए
बिना आयुक्त वापस लौट गई।
बुधवार, 10 अप्रैल 2019
संवीक्षा में 1 अभ्यर्थी का नाम निर्देशन पत्र किया गया निरस्त,14 मैदान में
नाम वापस लेने की आखिरी तिथि12 अप्रैल
अनूपपुर। लोकसभा निर्वाचन
सामान्य प्रेक्षक रंजन कुमार एवं रिटर्निंग अधिकारी चंद्रमोहन ठाकुर की उपस्थिति में
संसदीय क्षेत्र-12 शहडोल हेतु प्राप्त नाम निर्देशन पत्रों की संवीक्षा की गई। उल्लेखनीय है कि शहडोल
संसदीय क्षेत्र हेतु 15 अभ्यर्थियों ने नाम निर्देशन पत्र जमा किए थे। संवीक्षा उपरांत
1 अभ्यर्थी
का नाम निर्देशन पत्र निरस्त कर दिया गया एवं 14 अभ्यर्थियों के नाम निर्देशन पत्र
उचित पाए गए। इसमें लक्ष्यपत सिंह पीपुल्स पार्टी ऑफ इण्डिया (डेमोके्रटिक),हिमाद्री सिंह भारतीय जनता
पार्टी, मीरा
सिंह छत्तीसगढ़ विकास गंगा राष्ट्रीय पार्टी,मोहदल सिंह पा बहुजन समाज पार्टी,प्रमिला सिंह काग्रेंस,
केशकली कम्यूनिस्ट
पार्र्टी ऑफ इण्डिया,विमल सिंह कोंर्चें गोंडवाना गणतंत्र पार्टी, कमला भारतीय शक्ति चेतना पार्टी,गोकुल सिंह निर्दलीय,तेजप्रताप सिंह गोंड़ निर्दलीय,नारायण सिंह निर्दलीय,मन्ना सिंह निर्दलीय दुर्गा
बाई निर्दलीय एवं झमक लाल कोल निर्दलीय शामिल है। नाम वापस लेने की आखिरी तिथि 12
अप्रैल है।
पुराने विवाद व झगड़े को लेकर की थी हत्या, तीन आरोपी गिरफ्तार
अनूपपुर। अमरकंटक
थाना क्षेत्र अंतर्गत बीते 5 माह पहले 9 नवम्बर 2018 को गुमशुदा हुए 28 वर्षीय युवक का शव 7 अप्रैल को बराती नाला के पास जमीन
में गड़ा हुआ मिला, जहां शव के सर और हाथ को जानवरो नोंच ले जाया गया था। जिसके बाद शव की शिनाख्त
उसके कपड़ो से पुलिस ने भीष्म पितामह उर्फ भीमा पिता चैतू बैगा के रूप में की गई,
पुलिस ने पंचनामा तैयार
करते हुए शव को पीएम के लिए अस्पताल में भेजते हुए मर्ग कायम कर मामले की विवेचना में
जुट गई। विवेचना के दौरान 9 नवम्बर को पुलिस ने बाराती निवासी तीन युवको को संदेह के आधार
पर पकड़ते हुए पूछताछ सख्ती के साथ की गई जिस पर तीनो आरोपियों ने पुराने विवाद को
लेकर हत्या कर शव गड्ढा खोद दफना देना स्वीकार किया। अमरकंटक थाना प्रभारी आर.बी.सोनी
ने बताया कि 15 नवम्बर 2018 को चैतू बैगा पिता पनकू बैगा उम्र 55 वर्ष निवासी हिण्डालको द्वारा थाना पहुंच सूचना देते
हुए बताया कि 9 नवम्बर 2018 को उसका पुत्र भीष्म पितामह उर्फ भीमा बैगा लापता की सूचना पर पुलिस ने गुमशुदगी
का मामला पंजीबद्ध करते हुए युवक की पड़ताल में जुट गई। जिसके बाद चैतू बैगा ने 7
अप्रैल को बाराती नाला
के पास से दुर्गांध आने पर तथा अपने पुत्र की हत्या कर उसे यहां पर गड़ा देने की आशंका
पर उसने मोहल्लेवासियों तथा पुलिस को दी गई। सूचना पर अमरकंटक थाना ने एसडीओपी पुष्पराजगढ़
को सूचना देते हुए पत्र के माध्यम से कार्यपालिक दंडाधिकारी को देते हुए उत्खनन की
आज्ञा मांगी,जिसके बाद तहसीलदार शशांक शिंदे की उपस्थिति में दुर्गांध आने वाले स्थल पर खोदाई
गई, खोदाई के
दौरान शव को बाहर निकाला गया, शव पूरी तरह से सड़ गया था तथा सर व हाथ नही थे, जिससे शव की शिनाख्त चैतू
बैगा ने शव के कपडो से अपने पुत्र भीष्म पितामह बैगा के रूप में की तथा पुलिस ने पंचनामा
तैयार करते हुए शव को पीएम के लिए अस्पताल भेजा गया, जहां पीएम उपरांत शव परिजनो को सौंप
दिया गया। सहायक उप निरीक्षक यू.एन.मिश्रा ने बताया कि विवेचना के दौरान मोहल्ले वासियों
में पूछताछ पर पता चला की उन्होने हिण्डालको के तीन युवको एवं मृतक की बीच 9
नवम्बर 2018
की रात झगड़ा होना
देखा था, जिसके
बाद पुलिस ने संदेह के आधार पर तीन युवक जिनमें सोनू टांडिया पिता कंधई लाल उम्र 21
वर्ष, संतोष पिता मथुरा सिंह मरावी
उम्र 27 वर्ष
एवं भूवन कुमार उर्फ गणेश पिता भान सिंह मरावी उम्र 22 वर्ष को 9 अप्रैल को मोहल्ले से पकड़ते हुए
थाने लाई जो सख्ती के साथ की गई पूछताछ पर उन्होने भीमा बैगा की हत्या कर बाराती नाला
के पास गड्ढा खोद कर गाड देना स्वीकार किया। पुलिस ने तीनो आरोपियों के खिलाफ धारा
302, 201 के
तहत मामला पंजीबद्ध करते हुए तीनो आरोपियों को गिरफ्तार करते हुए न्यायालय में पेश
किया गया जहां से उन्हे जेल भेज दिया गया। तीनो आरोपियों ने पूछताछ पर बताया की मृतक
आए दिन उनके साथ झगड़ा विवाद करता था जहां पुराने विवाद को लेकर 9 नवम्बर की रात भी विवाद हुआ
जहां तीनो आरोपियों ने मिलकर पत्थर, डंडे से मार कर भीमा बैगा को झाडियों में फेंक घर वापस
आ गए तथा आधे घंटे बाद पुन: घटना झाडियों के पास पहुंचे जहां भीमा की मौत हो गई जिसके
बाद घर से फडुआ व गैती लाकर रात में ही गड्ढा खोद कर जमीन में गाड दिए। वहीं आरोपियों
ने बताया की भीमा साहू की हत्या के बाद वे लाश को वैसे ही जमीन में गाड दिए थे उन्हे
शव के सर व हाथ के संबंध में कोई जानकारी नही है। वहीं पुलिस ने बताया की संभवत:गड्ढा
अधिक नही होने के कारण जंगली जानवरो द्वारा गड्ढा खोद सर व हाथ ले गए। वहीं हत्या का
खुलासा करने व आरोपियों को पकडने में थाना प्रभारी आर.बी. सोनी, उप निरीक्षक यू.एन. मिश्रा,
ताकेश्वरी मरकाम,
सहायक उप निरीक्षक
अजय सिंह टेकाम, आरक्षक धीरेन्द्र कोल, मनोज सिंह की भूमिका सराहनीय रही।
बोर के पानी से डायलसिस के मरीजों का हो रहा उपचार
बाहर के पानी से मरीज बुझा रहे प्यास
अनूपपुर। जिला चिकित्सालय
अनूपपुर में हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी अस्पताल प्रशासन की लापरवाही में पानी की
समस्या बन गई है, जहां चिकित्सालय आने वाले मरीजों के साथ साथ उपचार के लिए भर्ती मरीजों को पीने
के पानी नहीं मिल रहे हैं। 40 डिग्री सेल्सियस के गर्म तापमान में मरीज सहित परिजन पानी के
लिए आसपास के वार्डो की ओर भाग-दौड़ मचा रहे हैं। लोगों को ठंडा पानी उपलब्ध कराने
लगाया गया वॉटर कूलर भी मरीजों की संख्या में पानी उपलब्धता में अपर्याप्त साबित हो
रहा है। ऐसा नहीं कि इस सम्बंध में अस्पताल प्रशासन के अधिकारियों को जानकारी नहीं,
बावजूद पिछले साल पानी
की बनी समस्या से निजात देने अबतक किसी प्रकार की पहल नहीं की गई। बताया जाता है कि
जिला अस्पताल परिसर में पानी की सुविधा के लिए बोर कराए गए तीन बोर मशीनों में दो पानी
के अभाव में फेल हो गए है। जबकि एक बोर पम्प मशीन से कम पानी की मात्रा निकलने के कारण
उसे डायलसिस यूनिट के मरीजों के उपचार में खपाया जा रहा है। जबकि जलसंकट के कारण ही
वर्तमान में अस्पताल प्रशासन ने वार्डो में कूलर की व्यवस्था नहीं बनाई है। मरीज व
परिजन बाहर की दुकानों से महंगी सीलबंद बोतल का इस्तेमाल कर अपनी प्यास बुझा रहे हैं।
इन असुविधा में सबसे अधिक गरीब परिवारों के मरीजों और परिजनों को परेशानी का सामना
करना पड़ रहा है, जो मरीजों के लिए खुद ही खाना पकाने तथा पानी की व्यवस्था करते हैं। प्रसव कक्ष
में पानी की कमी से काम प्रभावित हो रहा है। अस्पताल सूत्रों के अनुसार इस सम्बंध में
पूर्व में ही जिला अस्पताल सिविल सर्जन को जानकारी दी गई थी। लेकिन जिला अस्पताल प्रशासन
ने लापरवाही बरते हुए पेयजल सुविधा के लिए कोई व्यवस्था नहीं कराई। आलम यह है कि अब
पूरा जिला अस्पताल पानी के लिए तरस रहा है।
दरअसल जिला अस्पताल में गर्मी के दौरान पानी की समस्या बनती है। इससे पूर्व
दो बोर पम्प लगे थे, जो गर्मी के दिनों में पूरी तक बंद हो गए। जिसे देखते हुए वर्ष 2017 में तीसरी बोर कराया गया।
लेकिन उस बोर से भी गर्मी के दिन कम पानी की मात्रा बह रही है। जिसका उपयोग डायलसिस
यूनिट में प्रयोग किया जा रहा है। डायलसिस यूनिट में दो मरीजों के उपचार में कम से
कम 4 हजार लीटर
पानी की खपत होती है। वहीं प्रसव कक्ष में रोजाना 8-10 प्रसव केस आते हैं। इसके अलावा स्टाफों
की जरूरतों के साथ साथ अस्पताल के शौचालयों के उपयोग में रोजाना आने वाले पानी की कम
से कम 10 हजार
लीटर पानी की आवश्यकता बताई गई है।
जिला कलेक्टर द्वारा स्वास्थ्य व्यवस्थाओं
को बेहतर बनाने शासकीय विभागीय अधिकारियों सहित न्यायिक सवंर्ग अधिकारियों से स्वास्थ्य
केन्द्रों के मॉनीटरिंग की जिम्मेदारी सौंपी गई थी। लेकिन जिला अस्पताल सहित अन्य स्वास्थ्य
केन्द्रों पर जनवरी 2018 से अबतक किसी अधिकारी ने व्यवस्थाओं की जांच पड़ताल नहीं की
और ना ही कलेक्टर को सुविधाओं व संसाधनों के सम्बंध में रिपोर्ट सौंपी। यह दुर्भाग्य
है कि प्रशासनिक अधिकारियों के नाको तले अस्पताल में पानी के लिए मरीज भटक रहे हैं
और अधिकारी बेखबर हैं।
सदस्यता लें
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