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सोमवार, 2 मई 2022

6 दिनों तक अमरकंटक में बहेगी ओशो विचारक जीवन सार की धारा

ओशो धारा के ध्यान समाधि और सुरती समाधि कार्यक्रम का शुभारंभ अनूपपुर। ओशो विचार धारा में जीवन को जीने की कला को संस्कृति और अध्यात्म दो भागो में बांटा गया। जिसमें संस्कृति में खान-पान, रहन-सहन, रीति-रिवाज, पर्व त्यौहार, धर्म ग्रंथ, महापुरुष, आदि और अध्यात्म में आत्मा का विज्ञान, स्वयं को जानना, बोध पूर्वक, साक्षी पूर्वक, जीने की कला,ध्यान और समाधि पूर्वक जीने की कला हैं। इन दोनों में जो व्यक्ति पारंगत होता है वही जीवन को जीने की कला जानता है। वही व्यक्ति धार्मिक है। सोमवार को शांति कुटी आश्रम अमरकंटक में ओशो धारा के ध्यान समाधि और सुरती समाधि कार्यक्रम के 6 दिवसीय कार्यक्रम के उद्घाटन पर आचार्य दर्शनजी ने कहीं। कार्यक्रम के प्रारंभ में महामंडलेश्वर महंत राम भूषण दासजी महाराज और ओशोधारा के आचार्यों ने दीप प्रज्वलित करके समाधि शिविरों का शुभारंभ किया । देशभर से 200 से अधिक साधक ध्यान समाधि और सुरती समाधि करने के लिए इन दिनों अमरकंटक आए हैं। कार्यक्रम 2 से 7 मई तक चलेगा। ओशोधारा के सद्गुरु सिद्धार्थ औलिया के मार्गदर्शन में चल रहे इस शिविर में लोग ध्यान और समाधि लगाने की कला और आनंदित जीवन जीने की कला भी सीख रहें हैं। संचालन आचार्य कर्नल अनुतोष, आचार्य अमरेश, आचार्य भक्ति पुर्णिमा, मां वंदना परिहार और मां जगदीश सलूजा ने किया। शिविर में महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, छत्तीसगढ़ और बिहार के साधक भाग ले रहे हैं।

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