एसडीएम ने कलेक्टर को सौंपा जांच
प्रतिवेदन, वितरण पर लगाई रोक,
नागरिक आपूर्ति प्रबंधक भी
पहुंचे जांच में
अनूपपुर। राजेन्द्रग्राम वेयरहाउस में 3754 क्विंटल अमानक चावल की खपाने के
प्रयास के साथ साथ 1500 क्विंटल अमानक गेहूं पहुंचने के बाद 15
फरवरी की दोपहर नागरिक आपूर्ति प्रबंधक आरबी तिवारी वेयरहाउस पहुंचें, जहां
नागरिक आपूर्ति विभाग प्रबंधक ने 8 ट्रक गेहूं में 6 ट्रक गेहूं
को कीटयुक्त और आटा फार्मेशन युक्त क्वालिटी पाते हुए पंचनामा तैयार कर वापस सजहा
गोदाम भेज दिया है। वहीं नागरिक आपूर्ति विभाग प्रबंधक की इस कार्रवाई की सूचना पर
शाम 4
बजे पुष्पराजगढ़ एसडीएम विजय डहेरिया भी वेयरहाउस गोदाम पहुंचे। लेकिन तब तक अमानक
गेहूं से लोड सभी ट्रक सजहा गोदाम के लिए निकल चुकी थी। इस दौरान एसडीएम ने गोदाम
का निरीक्षण करते हुए वहां भंडारित लगभग 3754 क्विंटल से
अधिक खराब गेहूं की जांच की। जिसे कीड़ा युक्त, जालीदार चावल
पाते हुए उसके वितरण पर रोक के निर्देश दिए। साथ ही जांच कार्रवाई का प्रतिवेदन
तैयार कर कलेक्टर को भेज दिया। एसडीएम विजय डहेरिया ने बताया कि गेहूं के सम्बंध
में जानकारी मिली थी, इस सम्बंध में नागरिक आपूर्ति विभाग अधिकारी से बातचीत की गई
थी। विभाग ने अमानक गेहूं को वापस कर दिया है। वहीं अमानक चावल की जांच करने पर
उसे खराब पाते हुए उसके वितरण पर रोक लगा दी गई है। कुछ चावल की बोरियों में हल्की
दवाई देकर उसे ढककर रखा गया है। वर्तमान में कुछ चावल साफ सुथरा है, जिसका
वितरण कराया जा रहा है। हालांकि कल तक इस मामले में बेखबर रही नागरिक आपूर्ति
विभाग ने भी जांच में गेहूं और चावल को अमानक बताया है। विभागीय जानकारी के अनुसार
विभाग सजहा वेयर हाउस से एसडब्ल्यूसी गोदाम राजेन्द्रग्राम के लिए 13 और 14
फरवरी को कुल 8 ट्रक की खेप पहुंची थी। जिसमें ६ ट्रकों में लदे लगभग 3700
बोरी (1863 क्विंटल) गेहूं को कीटयुक्त और आटा फार्मेशन युक्त बताते हुए
वापस सजहा गोदाम के लिए भेजा गया है। 13 फरवरी को 4 ट्रक भेजा
गया था, जिसमें सभी वाहनों पर लोड गेहूं अमानक साबित हुई। वहीं 15
फरवरी को भेजी गई 4 वाहनों की खेप में दो वाहनों पर लदे गेहूं को अमानक औ दो को
सही बताया गया है। लेकिन आश्चर्य ये वहीं गेहूं की बोरियां है, जिसे
पूर्व में सजहा से अनूपपुर वेयरहाउस पहुंची एक ट्रक की जांच में कर्मचारियों ने
गेहूं अमानक बताते हुए उसे उतारने से मनाही कर दी थी और उसकी सैम्पिंग लेकर उसे
वापस गोदाम के लिए भेजा था। लेकिन विभाग ने ऐसे अमानक गेहूं की बोरियों से लदा
ट्रक को अन्य ट्रकों की लॉट के साथ जिले के अनूपपुर, जैतहरी,
कोतमा
छोड़कर आदिवासी क्षेत्र पुष्पराजगढ़ के लिए भेज दिया था। और खुद इसपर पर्दा डालने
यह बात कह दी कि गलती से खराब लॉट को लोड कर वाहन राजेन्द्रग्राम चली गई होगी। फिलहाल
घटिया अनाज के खपाने के खेल में वास्तविकता सामने आ गई है।
विदित हो कि नागरिक आपूर्ति
विभाग और राईस मिलरों के बीच वर्षो से चल रहा अमानक खाद्यान्न वितरण के खेल में 13
फरवरी को सजहा गोदाम से राजेन्द्रग्राम वेयर हाउस के लिए 1500
क्विंटल अमानक गेहूं की खेप पहुंची थी। इसी लॉट की ट्रक क्रमांक एमपी 18 जीए
2888
गेहूं की खेप लेकर 12 फरवरी को सजहा गोदाम से बाल गोंविद राईस मिल अनूपपुर पहुंचा
था, जिसे
अमानक और घटिया गेहूं पाते हुए अधिकारियों ने उसे वापस सजहा भेज दिया था। गेहूं से
पूर्व कोतमा से राजेन्द्रग्राम वेयर हाउस के लिए 7598 बोरी लगभग 3754.09
क्विंटल गुणवत्ताहीन अमानक चावल का खेप भेजा गया था। जिसकी शिकायत जपं अध्यक्ष
पुष्पराजगढ़ द्वारा एसडीएम को करने पर तहसीलदार द्वारा जांच कर नागरिक आपूर्ति
विभाग से चावल के वितरण पर रोक लगाने के निर्देश दिए थे। लेकिन शिकायतों और पंचनामा के साथ जांच प्रतिवेदन के
बाद भी नागरिक आपूर्ति विभाग प्रबंधक ने लिखित आदेश की जगह मौखिक आदेश में वितरण
जारी रखा।
बॉक्स: घटिया चावल लेेने से
ग्रामीणों ने किया इंकार
१४ फरवरी को राजेन्द्रग्राम वेयर
हाउस से शासकीय उचित मूल्य की दुकान करौंदी पहुंचे चावल की खेप को ग्रामीणों ने
लेने से इंकार कर दिया। जिसके बाद दुकान संचालक कृष्णा महरा ने चावल के वितरण को
असम्भव बताते हुए उसे वापस उठाव के लिए कनिष्ठ आपूर्ति अधिकारी को पत्र लिखा है।
संचालक का कहना है कि ग्रामीणों से कीड़ायुक्त व जालीदार चावल लेने से इंकार कर
दिया है।
एसडीएम पुष्पराजगढ़ विजय डहेरिया
का कहना है कि अमानक गेहूं की खेप को वापस
गोदाम भेजा जा चुका है। खराब चावल के वितरण पर रोक लगा दिया गया है। साथ ही जांच
प्रतिवेदन कलेक्टर को भेजा गया है। चावल खराब पाया गया है।