इंगांराजवि कुलपति ने किया ध्वजारोहण,बच्चों ने देशभक्तिपूर्ण सांस्कृतिक प्रस्तुति
अनूपपुर। आज का दिन गौरव दिवस है। इस गौरव दिवस के दिन हम उमंग उत्साह एवं आल्हद से परिपूर्ण होते हैं। गौरव पुरुषों को नमन करते हैं जिनके कारण हमें स्वतंत्रता की प्राप्ति हुई। आज के दिन हम संवैधानिक मूल्यों का ध्यान करते हैं। संविधान देश का सर्वाेच्च कानून और संविधान मर्यादाओं, मान्यताओं का कुंज और पुंज भी है। संकल्पों को सिखाता है। सभी के लिए समानता का भाव है। मंगलवार को इंदिरा गांधी राष्ट्रीय जनजातीय विश्वविद्यालय अमरकंटक में आयोजित 72वें गणतंत्र दिवस समारोह में कुलपति प्रो. श्रीप्रकाश मणि त्रिपाठी ने कहीं।
उन्होंने देश के संविधान, मूल्यों, मान्यताओं परंपरा एवं संस्कृति में निष्ठा व्यक्त करते हुए जननी जन्मभूमिस्च स्वर्गादपि गरीयसी के उद्घोश करते हुए कहा कि आज हमारा देश रामराज्य के पथ पर अग्रसर है। किसी भी व्यवस्था को सुचारू रूप से चलाने एवं सुशासन लाने हेतु चार बातों का ध्यान रखना होता है साधुमत, शास्त्रमत, लोकमत एवं राजज्ञमत। हम दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र हैं। ऋषि,कृषि परंपरा, विविधता में एकता, विहंगम संस्कृति का देश है। हमारे संस्कारों में प्रकृति वंदन है, नारी वंदन है।
ज्ञान, विज्ञान, कला, संस्कृति सभी में नेतृत्व प्रदान करने का कार्य आचार्य ही करते हैं। शिक्षण संस्थान में हम विकासार्थ आते हैं एवं बाहर कल्याणार्थ जाते हैं। हमने वर्तमान में बहुत प्रगति की है परंतु हमें अभी भी उन स्वप्नों को पूर्ण करना है जो हमारे राष्ट्र नायकों ने देखे हैं।
विश्वविद्यालय के विभिन्न विभाग निरंतर शोध एवं अनुसंधान की दिशा में कार्य कर रहे हैं परंतु हमें अभी भी प्रगति के कई सोपान तय करने हैं। अंतरराष्ट्रीय फलक पर मानक विश्वविद्यालय बनाना है। नई शिक्षा नीति की आत्मा भारतीय एवं स्वरूप वैष्विक है। हमें स्वतंत्रता से स्वालंबन की ओर जाना है।
इसके पूर्व विश्वविद्यालय के सुरक्षा प्रहरी छविलाल के नेतृत्व में सुरक्षाकर्मियों ने मार्चपास्ट करे ध्वज को सलामी दी। इस अवसर पर विष्वविद्यालय में लगन एवं निष्ठा से कार्य करने वाले कर्मचारियों को पुरूस्कृत भी किया गया।
इस दौरान आलोक श्रोत्रिय, निदेशक (अकादमिक), कुलसचिव पी.सिलुवैनाथन सहित संकायों के संकायाध्यक्ष, विभागाध्यक्ष एवं बड़ी संख्या में शिक्षक और विवि के कर्मचारी उपस्थित थे।
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