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बुधवार, 20 जनवरी 2021

सोनमुड़ा का सोन टॉवर जर्जर,लोहे के गाटर में लगा जंग से हुआ खराब,अमरकंटक विकाश में शामिल


100 फिट नीचे सोन नदी के गिरते पानी और उगते हुए सूर्य देखने वाले की जान खतरे में

अनूपपुर/अमरकंटक मैकल पहाडिय़ों में स्थित पवित्र नगरी अमरकंटक से नर्मदा, सोन एवं जोहिला नदियों का उद्गम स्थल होने के साथ ही तीर्थस्थल व साधु संतो की तपोभूमि है। वनो एवं पहाडिय़ो से अच्छादित यह क्षेत्र पर्यटको को अपनी ओर आकर्षित करता है। लेकिन सोन नदी के उद्गम स्थल सोनमुड़ा प्रशासन की अनदेखी और राजनीति का शिकार हो रहा हैं। पर्यटकों के लिए पहाडिय़ों की सुन्दरता निहारने के लिए बना सोन टॉवर (सनराइज प्वांइट) र्जजर हालत में हैं जहां रोज सैंकड़ों लोग यहां से घाटी और जंगल से ढ़की पहाडियों के सुंदर दृश्य तथा झरने के रूप से गिरती सोन नदी को देखने आते हैं। र्जजर हो चुके सोन टॉवर पर चढ़कर कई दर्जनों पर्यटक 100 फीट नीचे का नाजारा देख आनंद लेते है। जों कभी भी धरासाई हो सकती हैं जिसस बड़ी दुर्घटना की संभावना बनी हुई है। इस सम्बध में महंत सोमेश्वर गिरी स्थानिय प्रशासन के साथ एसडीएम से शिकायत भी की हैं। वहीं प्रशासन का कहना हैं कि भारत सरकार पर्यटन मंत्रालय द्वारा माँ नर्मदा एवं सोन नदी के उद्गम क्षेत्र तीर्थराज अमरकंटक में दर्शनार्थियों की सुविधा एवं पर्यटन के विकास हेतु प्रसाद (तीर्थयात्रा कायाकल्प और आध्यात्मिक संवर्धन ड्राइव) योजना अंतर्गत 49.98 करोड़ रुपए प्रदान किए गए हैं। जिसमे इसे शामिल किया गया हैं।


सोन टॉवर जर्जर,
प्रशासन दुर्घटनाओं के इंतजार में

सोनमुड़ा में 100 फिर नीचे गिरते सोन नदी के पानी को देखने के लिए प्रशासन द्वारा सोन टॉवर बनवाया गया था, जो अब पूरी तरह से जर्जर हो गया है। सोन टॉवर में लगे दोनो ओर लोहे के गाटर जंग लग कर पूरी तरह से खराब हो चुके है, जिसके बाद भी जिम्मेदार विभाग सोन टॉवर के मरम्मत के नाम पर खाना पूर्ति की गई थी, लेकिन सोन टॉवर में लगे लोहे के गाटरों को नही बदला गया। जिस पर चढऩे वाले दर्जनो श्रद्धालुओं एवं पर्यटको के वजन से कभी भी धरासाई हो सकता है। जबकि इस टॉवर की गहराई लगभग 100 फिट है फिर भी जिला प्रशासन बिना किसी सुरक्षा के बड़ी दुर्घटना के इंतजार में बैठे है।

महंत सोमेश्वर गिरी कर चुके है शिकायत

नर्मदाकुंड से लगभग 1.5 किलो मीटर दूर स्थित मैकन पहाडिय़ों के किनारे श्री सिद्ध शोणाक्षी शक्ति पीठ एवं सोनभद्र उद्गम स्थल की दयनीय हालत को सुधारने कई शिकायत नगर परिषद् अमरकंटक सहित पुष्पराजगढ़ राजस्व विभाग के अधिकारियों से की जा चुकी है। जिनमें सनराइज प्वांइट (सोन टॉवर) में सुरक्षा की दृष्टि से किसी भी तरह की सुरक्षा नही होने से यह सनराइज प्वांइट की जगह सोसाइट प्वांइट के नाम से नई पहचान मिलती जा रही है। इसके साथ ही यहां लगे लोगो के एंगल, गॉटर जंग लगकर पूरी तरह से जर्जर हो चुके है। जहां दर्शनार्थियो की सुरक्षा पर सवाल खड़ा हो रहा है।

महंत सोमेश्वर गिरी ने बताया कि सोन प्रपात व पहाडिय़ों में शराबियो और नशेडिय़ो का अड्डा बना हुआ है, जिससे स्थल की पवित्रता भंग हो रही है।

लगातार हो रही मिट्टी का कटाव

महंत शोमेश्वर गिरी महराज ने बताया कि पर्यावरण की दृष्टि से निरंतर मिट्टी का कटाव हो रहा है, मिट्टी के कटाव को रोकने के लिए वृक्षो का रोपण आवश्यक है। लेकिन जिला प्रशासन द्वारा सोनमुड़ा स्थल पर किसी तरह की ध्यान नही दिया जा रहा है। अमरकंटक क्षेत्र में पन्नी के बैन होने के बाद भी ऊपर खुले दुकानदारों द्वारा पन्नी में भरकर समान की बिक्री की जा रही है। जिसके कारण उक्त स्थल के चारो ओर गदंगी फैली हुई है। जिसके कारण अमरकंटक मेकल पर्वत की दुर्लभ जड़ी बूटी विलुप्त के कागार पर है।

नगर परिषद के सीएमओं रविकरण त्रिपाठी ने बताया कि इसकी जिम्मेदारी पर्यटक विभाग की हैं। हमारा काम साफ -सफाई का जिसे हम कराते हैं।

पर्यटक विभाग का कहना हैं कि सोनमूड़ा सहित पूरे अमरकँटक को भारत सरकार पर्यटन मंत्रालय द्वारा माँ नर्मदा एवं सोन नदी के उद्गम क्षेत्र तीर्थराज अमरकंटक में दर्शनार्थियों की सुविधा एवं पर्यटन के विकास हेतु प्रसाद (तीर्थयात्रा कायाकल्प और आध्यात्मिक संवर्धन ड्राइव) योजना अंतर्गत 49.98 करोड़ रुपए प्रदान किए गए हैं। जिसमे इसे शामिल किया गया हैं।

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