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सोमवार, 25 जनवरी 2021

ललई और भूरी बाई ने श्रीराम मन्दिर के लिये अर्पित किया एक माह का वेतन


संपर्क महाअभियान में दिखी सामाजिक समरसता की मिठास

अनूपपुर/अमरकंटक अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि मन्दिर निर्माण के लिये राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ एवं विश्वहिन्दू परिषद के रामसेवकों द्वारा श्रीराम जन्मभूमि मन्दिर निर्माण महासंपर्क अभियान देश भर में चलाया जा रहा है। मन्दिर निर्माण के लिये शहर से लेकर गाँव स्तर के लोगों में श्रद्धा की भावना उफान मार रही है। हर छोटा - बड़ा व्यक्ति / परिवार पूरी आस्था के साथ भगवान श्रीराम के चरणों में अपना सब कुछ समर्पित कर देना चाहता है। इस अटूट समर्पण भाव के दर्शन मां नर्मदा की उद्गम नगरी अमरकंटक में सोमवार को वार्ड क्रमांक 13 अयोध्या बस्ती की भूरी बाई और ललई मोंगरे का गरीब परिवार निधि समर्पण के लिये आगे बढ़ कर सामने आया। अनुसूचित जाति परिवार के इन भक्तों के असीम प्रेम के आगे मृत्युंजय आश्रम के महामंडलेश्वर स्वामी हरिहरानंद जी स्वत: श्रद्धा वनत होकर इनके दरवाजे जा पहुंचे। जहां भूरी बाई ने अपने एक माह का वेतन 5500 रुपये एवं ललई मोगरे ने 5100 रुपये की मजदूरी मन्दिर निर्माण के लिये अर्पित की।


अमरकंटक में गरीब परिवार के लोगों ने नगर में भ्रमण कर रहे राम सेवकों से संपर्क कर श्रीरामजन्मभूमि मन्दिर निर्माण के लिये राशि अर्पित करने की इच्छा प्रकट की। सूचना मिलने पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के विभाग प्रचारक राकेश द्विवेदी , महामंडलेश्वर स्वामी हरिहरानंद जी महाराज के साथ ललई और भूरी बाई के घर पहुंचे। राम सेवकों को अपने घर पर पाकर परिवार के लोग गदगद हो गये। घर के आंगन में रंगोली सजाई गयी थी। मंगल कलश के पूजन उपरांत स्वामी हरिहरानंद जी ने भगवान श्री राम के आदर्शों तथा जीवन चरित्र के बारे में विस्तार से वर्णन करते हुए लोगों को इसे अपने चरित्र में अपनाने की बात कही।

विभाग प्रचारक ने कहा कि इस शुभ वेला मे इस परिवार मे आना हुआ। पूरे देश मे अयोध्या जी में श्री रामजन्मभूमि मन्दिर निर्माण को लेकर उत्साह है। उन्होंने श्री राम जी की कथा, मर्यादा पुरुषोत्तम के जीवन का विस्तार से उल्लेख किया। उनके संस्कार, देशभक्ति, कर्तव्यपरायणता, मातृ पितृ भक्ति, उनके जीवन की महानता अनुकरणीय है। रामराज्य की कल्पना आज सुशासन के लिये की जा रही है। मुगलों के शासन मे बाबर के सेनापति मीर बाकी ने अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि मन्दिर विध्वंस करके मस्जिद बनाया। सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के बाद श्रीराम जन्मभूमि मन्दिर बन रहा है। श्रीराम जन्मभूमि मन्दिर तीर्थ न्यास का गठन हुआ है। रामसेतु के निर्माण में गिलहरी ने अपना सहयोग किया। उसी गिलहरी की तरह आज हमे मन्दिर के निर्माण में प्रत्येक छोटे-बड़े व्यक्ति को अर्पण करना चाहिए।

भूरी बाई ने अपने एक माह का वेतन 5500 रुपये एवं ललई मोगरे ने 5100 रुपये की मजदूरी मन्दिर निर्माण के लिये अर्पित की। भूरी बाई, ललई मोंगरे की छवि मोहल्ले में धार्मिक,समाजसेवी के रुप में है। भगवान श्री राम के अनन्य भक्तों की छवि वाले ऐसे गरीब परिवारों की श्रद्धा, समर्पण की सर्वत्र सराहना हो रही है। वहीं दूसरी ओर समाजसेवी संत स्वामी हरिहरानंद जी महाराज के साथ राम सेवकों के रुप में दलित परिवारों के बीच उनके पारिवारिक सदस्यों की तरह का व्यवहार सामाजिक समरसता का अनुकरणीय उदाहरण माना जा सकता है।

हिन्दुस्थान समाचार/ राजेश शुक्ला

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