शव लेकर रातभर स्वास्थ्य केन्द्र में रहे परिजन
आंगनबाड़ी में टीकाकरण, दूसरी शाम मासूम की हो गई मौत
अनूपपुर। भालूमाड़ा थाना क्षेत्र नगरपालिका पसान वार्ड क्रमांक 10 दफाई
नम्बर 3 निवासी राजकुमार कुशवाहा की 7 माह की
मासूम पुत्री तृष्णा की मौत २६ फरवरी की शाम 7 बजे हो गई।
जहां परिजनों ने अपनी पुत्री का मौत 25 फरवरी को वार्ड क्रमांक 10 के
ही आंगनबाड़ी केन्द्र पर दोपहर लगाए गए टीकाकरण के कारण माना है। साथ ही परिजनों
ने आरोप लगाया है कि उनकी पुत्री का मौत केन्द्र पर लगाए गए टीका के अधिक डोज के
कारण हुआ है। जिसे लेकर राजकुमार कुशवाहा ने भालूमाड़ा थाना में शिकायत दर्ज कराई
है कि उसके 7 माह की बच्ची की मौत टीका लगने से हुई है।
शिकायत पर भालूमाड़ा पुलिस ने
मर्ग कायम कर जांच में लिया है। वहीं जिला चिकित्सलय अनूपपुर प्रबंधन ने मासूम की
मौत पर तीन सदस्यी चिकित्सीय दल से पीएम कराने के निर्देश दिए, जहां
पीएम रिपोर्ट के आधार पर मौत के कारणों की जानकारी मिलने की बात कही गई है।
परिजनों द्वारा 27 फरवरी की दोपहर पीएम के लिए लाए गए शव को जिला चिकित्सलय के
डॉक्टरों ने शाम को पीएम उपरांत परिजनों को सुपुर्द कर दिया है।
राज कुमार कुशवाहा ने बताया कि
उसकी पुत्री सामान्य थी, 25 फरवरी की दोपहर वार्ड के आंगनबाड़ी
केन्द्र पर पत्नी सीमा कुशवाहा टीकाकरण के लिए ले गई थी,एएनएम द्वारा
बच्ची को तीन टीके लगाए गए थे। टीकाकरण के बाद शाम को तृष्णा को बुखार आया।
परिजनों ने बुखार आने पर कोई दवाई का उपयोग नहीं किया। उनका कहना था कि बुखार आने
और उसके उपचार के लिए कोई दवा की जानकारी नहीं दी गई। हालांकि २६ फरवरी की सुबह
तृष्णा के बुखार में सुधार आया और वह सामान्य दिनों की भांति दिखी। लेकिन अचानक
शाम 6-7 बजे
के बीच तृष्णा को हिचकियां आई और उसने आंखे बंद कर ली। पुत्री की तबियत खराब होने
पर तत्काल ही उसे एसईसीएल के क्षेत्रीय चिकित्सालय कोतमा कॉलरी भालूमाड़ा में
भर्ती कराया गया। तृष्णा की हालत नाजुक देखते हुए कॉलरी अस्पताल के डॉक्टरों ने
उसे तत्काल कोतमा सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र रेफर कर दिया, जहां
प्राथमिक जांच में ही डॉक्टरों ने तृष्णा को मृत घोषित कर दिया। लेकिन रात होने के
कारण तृष्णा के शव का पंचनामा और पोस्टमार्डम नहीं हो सका। बताया जाता है कि
परिजनों की मुसीबत यहां कम नहीं हुई। रात के समय शव का पीएम की व्यवस्था नहीं होने
के कारण परिजन पुत्री का शव लेकर रातभर कोतमा स्वास्थ्य केन्द्र में ही रहे। वहीं 27 फरवरी
की सुबह कोतमा स्वास्थ्य केन्द्र ने शव को जिला चिकित्सालय अनूपपुर रेफर कर दिया।
जहां दोपहर 1.30 बजे पहुंचने पर शव का डॉक्टरों की तीन सदस्यी टीम डॉ.एसआरपी
द्विवेदी, डॉ. अलका तिवारी, डॉ. हेमेन्द्र चौहान ने
पोस्टमार्डम किया।
रात के समय क्यों नहीं हुआ पोस्टमार्डम
गम्भीर मामलों को लेकर पूर्व में
स्वास्थ्य संचालनालय ने आदेश जारी करते हुए गम्भीर मामलों में रात 8 बजे
तक पीएम कराने के निर्देश दिए थे। जिसमें कलेक्टर की अनुमति उपरांत पोस्टमार्डम
कराया जा सकता है। लेकिन कोतमा में नवजात की मौत के मामले में डॉक्टरों ने इसकी सूचना
न तो कलेक्टर और ना ही सीएमएचओ को दी। जिसके कारण परिजनों को रातभर पुत्री का शव
लेकर स्वास्थ्य केन्द्र कोतमा में रहना पड़ा, वहीं सुबह 11.30 बजे
कोतमा स्वास्थ्य केन्द्र ने पूरी प्रक्रियाओं के उपरांत जिला अस्पताल के लिए रेफर
किया। जहां 1 बजे के आसपास परिजन शव लेकर जिला अस्पताल पहुंचे और शाम 4-5 बजे
के बीच पोस्टमार्डम की प्रक्रिया पूरी हो सकी। सीएमएचओ ने बताया कि उन्हें इस
सम्बंध में सुबह जानकारी मिली थी।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ
अधिकारी अनूपपुर बीडी सोनवानी ने बताया कि टीकाकरण से मौत नहीं हो सकती, अगर
टीकाकरण से मौत होना होता तो कुछ देर बाद हो जाता। पोस्टमार्डम रिपोर्ट के आने के
बाद सही जानकारी आ पाएगी।