अनूपपुर। युवा पीढ़ी
में मानसिक चेतना विकसित करने तथा छात्र-छात्राओं के साथ पुलिस की सामन्जस्यता स्थापित
करने 14 सितम्बर को जिला मुख्यालय के एकलव्य स्कूल परिसर में स्टूडेंट पुलिस कैडेट योजना
का शुभारम्भ पुलिस अधीक्षक तिलक सिंह ने कर चयनित 20 बच्चों को शाम में कोतवाली
थाना परिसर का भ्रमण कराया। जानकारी के अनुसार यह योजना एनसीसी कोर्स का वैकल्पिक स्वरूप
है, जिसे पुलिस जिले की अंदरूनी व्यवस्थाओं में प्रशिक्षित छात्र-छात्राओं को अपराध
की रोकथाम व नियंत्रण, सामुदायिक पुलिसिंग व्यवस्था, सड़क सुरक्षा और यातायात सम्बंधी
जागरूकता, सामाजिक बुराईयों का निवारण, महिलाओं व बच्चों क सुरक्षा, आपदा प्रबंधन सहित ड्रिल,
आत्मरक्षा और
शारीरिक प्रशिक्षण के रूप में कर सकेगी। इससे जहां बच्चों में उचित मानवीय मूल्यों
और नीतियों के विकास का प्रयास होगा, वहीं नैतिकता, धैर्य, सहिष्णुता, समानुभूति व सहानुभूति,
बड़ों का सम्मान,
दृष्टिकोण,
समूह भावना,
अनुशासन सहित
अन्य बातों के प्रति छात्र-छात्राओं में जागरूकता भी आएगी। पुलिस अधीक्षक तिलक सिंह
का कहना है कि हमारा देश युवा देश है इसे भीड़ की शक्ति नहीं बनना है। युवाओं में असीमित
शक्ति है इसे सही दिशा देकर देश के सम्मान और खुद युवाओं के आत्मसम्मान बढाने में सहायक
होगा। अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक वैष्णव शर्मा ने बताया कि स्टूडेंट पुलिस योजना के तहत
जिले में 10 स्कूलों का चयन किया गया है, जिसमें प्रत्येक स्कूलों से 20-20 छात्र-छात्राओं को चयनित
किया गया है। ऐसे चयनित छात्र-छात्राओं को एससीसी तर्ज पर ही पुलिस पदाधिकारियों की
निगरानी में प्रशिक्षित किया जाएगा। योजना के तहत भाग लेने वाले बच्चों को दो साल तक
प्रशिक्षण दी जाएगी। इसमें कक्षा 8 और 9 वीं के बच्चों को शामिल किया गया है। प्रतिमाह कम से
कम एक अतिरिक्त कक्षा आयोजित की जाएगी। बाद में अशासकीय स्कूलों को भी जोंड़े जाने
की भी योजना बनाई गई है। बच्चे आउटडोर की ट्रेनिंग स्कूल समय के बाद या सप्ताह के आखिर
में कर सकेंगे। जबकि शासन प्रशिक्षित कैडेट्स को प्रमाण पत्र भी प्रदान करेगी।
बताया जाता है कि यह जन-आकांक्षी
योजना भारत के प्रधानमंत्री और केन्द्रीय गृहमंत्री द्वारा 21 जुलाई 2018 को गुरूग्राम से आरम्भ की
गई थी। जिसे नेशनल पुलिस मिशन, बीपीआर एंड डी द्वारा नियोजित किया गया है। इसे एनसीसी
योजना का सहायक रूप माना गया है। आरम्भिक चरणों में इस योजना का क्रियान्वयन स्कूल
शिक्षा विभाग और पुलिस विभाग के मार्गदर्शन में शासकीय स्कूलों और जिला पुलिस बल के
समन्वय से किया जाएगा। जिला स्तर की स्टीयरिंग समिति में कलेक्टर अध्यक्ष, एसपी व जिला शिक्षा अधिकारी
सदस्य होंगे। वहीं पुलिस विभाग से जिले में एक राजपत्रित अधिकारी इसके नोडल अधिकारी
नियुक्त होंगे।