दोषमुक्त पर प्रदेश सरकार पर खड़े होते सवाल
अनूपपुर। फर्जी भर्ती से हुए शासकीय कोष को हुई हानि की वसूली भी इन्हीं आरोपी अधिकारियों से वसूली के आदेश दिए गए थे। दोषी अधिकारियों ने अपने बच्चों तक की भर्ती नगर परिषदों के विभिन्न पदों में कर ली थी, लेकिन सरकार का रुख अब इन पर नरम पड़ गया है। जानकारी के अनुसार मुख्यमंत्री कार्यालय ने 8 महीने पहले बर्खास्त किए भर्ती घोटाले के आरोपित रहे, नगरीय प्रशासन विभाग भोपाल ने तत्कालीन संयुक्त संचालक मकबूल खान, प्रभारी कार्यपालन यंत्री राकेश तिवारी सहित दोषी पाए गए 4 अन्य मुख्य नगरपालिका अधिकारियों को सेवा से बर्खास्त कर दिया था।
शहडोल एवं अनूपपुर जिले में नवगठित नगरपरिषदों में फर्जी तरीके से 300 से अधिक लोगों की भर्ती की गई थी। इस मामले में जांच कर नगरीय प्रशासन विभाग भोपाल ने तत्कालीन संयुक्त संचालक मकबूल खान, प्रभारी कार्यपालन यंत्री राकेश तिवारी सहित दोषी पाए गए 4 अन्य मुख्य नगरपालिका अधिकारियों को सेवा से बर्खास्त कर दिया था। फर्जी भर्ती से हुए शासकीय कोष को हुई हानि की वसूली भी इन्हीं आरोपी अधिकारियों से वसूली के आदेश दिए गए थे। दोषी अधिकारियों ने अपने बच्चों तक की भर्ती नगर परिषदों के विभिन्न पदों में कर ली थी, लेकिन सरकार का रुख अब इन पर नरम पड़ गया है।
जानकारी के अनुसार मुख्यमंत्री कार्यालय ने 8 महीने पहले बर्खास्त किए भर्ती घोटाले के आरोपित रहे वापस से बहाल कर फिर से उसी कार्यालय में उसी पद पर नियुक्ति के आदेश जारी किए हैं। प्रदेश के वरिष्ठ आईएएस अधिकारियों द्वारा की गई जांच में दोषी पाए गए बर्खास्त अधिकारियों को इस तरह दोषमुक्त करने से मध्य प्रदेश सरकार पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें