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शनिवार, 30 अक्तूबर 2021

शिक्षको के के डिजिटल परिचय-पत्र स्केवन करने पर एक ही जानकारी, सैम्पल क्यूआर कोर्ड कापी पेस्ट से बना सभी का कार्ड

अनूपपुर। शासन द्वारा जिले के शिक्षकों के लिए क्यूआर कार्डयुक्त डिजिटल परिचय-पत्र बनाए जाने के दिए निर्देश जिला शिक्षा समन्वयक सर्व शिक्षा अभियान अनूपपुर द्वारा 900 से अधिक शिक्षकों की त्रुटिपूण परिचय पत्र बनाने का मामला सामने आया है। जिसमें सम्बंधित शिक्षकों की क्यूआर कोड परिचय-पत्र स्कैन करने पर शिक्षक की जगह किसी अन्य व्यक्ति की व्यक्तिगत जानकारी सामने आ रही है। यहीं नहीं ऐसे त्रुटिपूण डिजिटल कार्ड को विभागीय अधिकारी द्वारा शिक्षकों के बीच वितरित करवा दिया गया है, जिसके बाद शिक्षकों की असमंजस्यता बढ़ गई है। वहीं विभाग की दलील है कि परिचय-पत्र के सामने शिक्षकों की उनकी जानकारी है, क्यूआर कोर्ड में ज्यादा जानकारी नहीं होती है।लेकिन आश्चकश्चजर्य है कि जब शिक्षकों की व्यक्तिगत जानकारी त्रुटिपूर्ण ही प्रदर्शित की जानी थी। तो इन डिजिटल परिचय-पत्र के बनवाने का औचित्यकता क्या था। वहीं विभाग द्वारा दूसरी लॉट में बनाए गए लगभग 2 हजार परिचय-पत्र में सुधार कर अन्य शिक्षकों के बीच वितरण कराया गया है। लेकिन शेष 9 सैकड़ा से अधिक शिक्षक अब भी त्रुटिपूर्ण युक्त परिचय-पत्र अपने गले में लटकाए फिर रहे हैं। बताया जाता है कि शिक्षा विभाग संचालनालय द्वारा जिले के शिक्षकों के लिए क्यूआर कोर्ड आधारित डिजिटल परिचय-पत्र बनाए जाने के निर्देश दिए गए। जिसमें जिला शिक्षा समन्वयक शिक्षा अभियान (डीपीसी) और जिला शिक्षा विभाग कार्यलय शामिल हैं। इनमें जिला शिक्षा समन्वयक सर्व शिक्षा अभियान विभाग ने शासन द्वारा जारी निर्देशों की अनदेखी करते हुए प्रथम चरण के 900 शिक्षकों की त्रुटिपूर्ण क्यूआर कोर्ड आधारित परिचय-पत्र बनवा दिए। ऐसा भी नहीं है कि अधिकारियों के जानकारी में न हो। इसके बाद भी कार्यवाई नहीं हुई जानकारी के अनुसार शिक्षकों के परिचय-पत्र बनवाए जाने के दिए निदेश में विभाग को प्रोग्रामर द्वार पोटल पर दिए गए प्रक्रियाओं के तहत क्यूआर कोर्ड आधारित परिचय-पत्र बनाया जाना था। इसके लिए शासन ने प्रति शिक्षक कार्ड बनाने 50 रूपए का खर्च के भी प्रावधान रखे थे, जो सीधे शिक्षक के खाते में देय था। लेकिन विभाग ने यहां बैंडर के माध्यम से यूनिक आईडी की जगह पोटल पर सैम्पल के लिए भेजे गए क्यूआर कोर्ड परिचय-पत्र को ही कॉपी कर शिक्षकों के लिए बन रहे परिचय-पत्र पर पेस्ट कर दिया, जिसमें सम्बंधित शिक्षक के सामने नामों की जानकारी के बाद पीछे क्यूआरकोर्ड परिचय-पत्र स्कैन करने पर अन्य शिक्षक की जानकारी शो करता है। ऐसे में जरूरत के समय शिक्षक की वास्तविक पहचान करना मुश्किल हो जाएगा। विभागीय सूत्रों के अनुसार शिक्षक के लिए बनाए जाने वाले परिचय-पत्र के लिए सम्बंधित विभागीय अधिकारी के डिजिटल हस्ताक्षर अनिवार्य था, इसके अलावा जिला शिक्षा अधिकारी का हस्ताक्षर भी अनिवार्य हैं। लेकिन यहां विभागी अधिकारी ने अपने डिजिटल हस्ताक्षर की जगह स्कैन किया हुआ हस्ताक्षर क्यूआरकोर्ड आधारित परिचय-पत्र पर कर दिया, जबकि जिला शिक्षा अधिकारी के हस्ताक्षर को गौण कर शिक्षकों को परिचय-पत्र बांट दिया गया है। जानकारी के अनुसार कक्षा 1 से कक्षा 8वीं ढ्ढ तक के लिए लगभग 3 हजार परिचय-पत्र बनाए गए हैं, जिनमें 900 कार्डो में त्रुटियां पाई गई हैं। इस सम्बं ध में डीपीसी हेमंत खैरवाल ने बताया कि त्रुटि सुधार के लिए शिक्षकों को जानकारी भेजी गई है, जल्द ही उनमें सुधार करवा दिया जाएगा।

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