शिव भक्ति में डूबी
रही पवित्र नगरी
अनूपपुर। श्रावण माह के आखिरी सोमवार
को जिलेभर के शिवालयों में शिव भक्तों ने पहुंचकर महादेव का अभिषेक किए। लोगों ने
महादेव का जल एवं दुग्धाभिषेक कर उन्हें पुष्प, बेलपत्र, नैवेद्य, श्रीफल, धूप, मदार के पुष्प इत्यादि
अर्पित किए। 12 अगस्त सावन का अंतिम सोमवार होने के विभिन्न शिव मंदिरों में दिन
भर अनुष्ठान आयोजित किए तथा भजन कीर्तन का दौर दिन भर चलता रहा। मंदिरों में विशाल
भंडारों का आयोजन किया गया,जहां लोगों ने
प्रसाद ग्रहण किया। इनमें पहला और दूसरा सोमवार कई महत्वपूर्ण योगो के साथ आया
इसके साथ सावन के पहले और तीसरे सोमवार पर नागपंचमी को दुर्लभ संयोग बना। जिसके
बाद सावन का अंतिम सोमवार भी एक विशेष संयोग के साथ समाप्त हुआ। जहां त्रयोदशी
तिथि होने से सोम प्रदोष व्रत का संयोग बना रहा।
पवित्र नगरी
अमरकंटक में हजारों श्रद्घालु अंतिम सावन सोमवार के दिन पहुंचे। जहां मॉ नर्मदा
कुंड में स्नान कर पवित्र जल से मां नर्मदा उद्गम स्थल के सामने शिवलिंग पर जल
चढ़ा बम-बम भोलेनाथ के जयघोष लगाए जिसके कारण पवित्र नगरी शिव जी की भक्ति में
डूबा हुआ नजर आया। इसी दिन त्रयोदशी तिथि होने से सोम प्रदोष व्रत का संयोग भी
बना। जिसके कारण मॉ नर्मदा मंदिर, शिवालयों, अनेको मंदिरो एवं आश्रमो में भारी संख्या में
भक्तो की आस्था की लंबी कतार देखी गई। वहीं सोम प्रदोष व्रत होने के कारण मंदिरो
में विशेष पूजन, अर्चन कर अनुष्ठान
किए गए।
जालेश्वर धाम
पहुंची कावडियो एवं भक्तो की भीड़
नर्मदा उद्गम
अमरकंटक के जालेश्वर घाम में हजारों की सख्या में श्रद्धालु शिव जी का जलाभिषेक
करने पहुंचे। जहां अंतिम सावन सोमवार होने के कारण 10 किलोमीटर दूर पैदल चलकर
कांवरों में मॉ नर्मदा का जल भरकर श्रद्धालु भगवान शिव का जलाभिषेक किए। जलाभिषेक
के लिए म.प्र., छत्तीसगढ़,ओड़ीसा सहित अन्य राज्यों से कांवरिये और श्रद्धालु
पहुंचे जो ब्रहममुहूर्त से ही जलाभिषेक करने का सिलसिला बना रहा।
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