भद्रा का साया न
होने से सूर्योदय से शाम 5.58 तक रहेगा शुभ मुहूर्त
अनूपपुर। इस वर्ष
रक्षाबंधन पर्व 15 अगस्त स्वतंत्रता
दिवस के साथ ही भाई-बहन के प्यार का पर्व मनाया जाएगा। ज्योतिषियों के अनुसार इस
बार रक्षाबंधन पर भद्रा नहीं है। इसलिए पूरा दिन राखी बांधने के लिए शुभ रहेगा। कई
ऐसे संयोग बनेंगे, जिससे इस पर्व का
महत्व और बढ़ जाएगा। चार दिन पहले 11 अगस्त को गुरू
मार्गी होकर सीधी चाल चलेंगे। रक्षाबंधन पर लगभग 13 घंटे तक शुभ मुहूर्त रहेगा। जबकि दोपहर 1.43 से 4.20 तक राखी बांधने का विशेष
फल मिलेगा। सावन माह में 15 अगस्त के दिन
चंद्र प्रधान श्रवण नक्षत्र में स्वतंत्रता दिवस और रक्षाबंधन का संयोग एक साथ बन
रहा है। इस बार बहनों को भाई की कलाई पर प्यार की डोर बांधने के लिए मुहूर्त का
इंतजार नहीं करना पड़ेगा बल्कि राखी बांधने के लिए काफी लंबा मुहूर्त मिलेगा। 15 अगस्त की सुबह 5
बजकर 49 मिनट से शाम 6 बजकर 1 मिनट तक राखी बांध
सकेंगी। राखी बांधने के लिए 12 घंटे 58 मिनट का समय मिलेगा। शुभ मुहूर्त दोपहर में
साढ़े तीन घंटे रहेगा। 19 वर्ष बाद
रक्षाबंधन और स्वतंत्रता दिवस एक साथ मनाया जाएगा। चंद्र प्रधान श्रवण नक्षत्र का
संयोग बहुत खास रहेगा। सुबह से ही सिद्धि योग बनेगा जिसके चलते पर्व की महत्ता और
अधिक बढ़ेगी। इसी दिन योगी अरविंद जयंती, मदर टेरेसा जयंती और संस्कृत दिवस भी मनाया जाएगा।
नहीं रहेगा भद्रा
का साया
ज्योतिषाचार्य पं.
संतोष शुक्ला के मुताबिक इस बार रक्षाबंधन भद्रा मुक्त रहेगी। भद्रा के समय कोई भी
शुभ कार्य करना वर्जित माना गया है। इसलिए भद्रा काल में राखी नहीं बांधी जाती
लेकिन, इस बार बहनें सूर्य अस्त
होने तक किसी भी समय राखी बांध सकती हैं।
बनेंगे कई शुभ
संयोग
ज्योतिषाचार्य पं.
संतोष शुक्ला ने बताया कि रक्षा बंधन के 4
दिन पहले ही गुरु मार्गी होकर सीधी चाल चलने लगेंगे। श्रवण नक्षत्र, सौभाग्य योग, बव करण के साथ सूर्य कर्क राशि में और चंद्रमा मकर राशि में होंगे। ये सभी
शुभ संयोग मिलकर इस बार रक्षाबंधन को खास बना रहे हैं। पं. संतोष शुक्ला
ज्योतिषाचार्य ने कहा- लंबे समय बाद रक्षाबंधन पर कई शुभ संयोग बन रहे हैं। इस बार
भद्रा का साया नहीं होने से दिनभर राखी बांधने के लिए मुहूर्त रहेगा। रक्षाबंधन से
ठीक चार दिन पहले गुरु मार्गी होकर सीधी चाल चलेंगे। साथ ही रक्षाबंधन पर श्रवण
नक्षत्र, सौभाग्य योग, बव करण के साथ सूर्य कर्क राशि में और चंद्रमा
मकर राशि में होने से रक्षाबंधन को बेहद खास बना रहे हैं।
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