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मंगलवार, 20 अगस्त 2019

314 एनकाउंटर करने वाला देश का पहला जाबांज पुलिस कर्मी, जिले का नाम किया रोशन

नक्सलियों से कई बार हुआ आमना-सामना,छग मुख्यमंत्री ने किया सम्मानित
अनूपपुर। जिले के पुष्पराजगढ़ तहसील के ग्राम खेतगांव के संग्रामसिंह धुर्वे देश का पहला ऐसा पुलिस जवान बन गया है, जिसने 314 एनकाउंटर कर छत्तीसगढ़ पुलिस का नाम देश भर में रोशन किया है। संग्राम सिंह की बहादुरी व वीरता पर छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश सिंह बघेल ने सम्मानित किया है। संग्रामसिंह इन दिनों राजनांदगांव में थानाप्रभारी के पद पर पदस्थ है।

अनूपपुर के पुष्पराजगढ़ तहसील के ग्राम खेतगांव में जन्मे संग्रामसिंह पिता कुंवरसिंह धुर्वे 20 अगस्त 1997 में आरक्षक के पद पर पदस्थ हुआ, जिसकी पहली पोस्टिंग मप्र.सीधी में हुई थी। पहली पोस्टिंग में संग्रामसिह ने कुख्यात डकैत देवीसिंह यादव को दो नग पिष्टल के साथ अपनी जान का परवाह किये बिना जिंदा पकडने में सफलता हासिल की। इसके बाद वर्ष 2003 में मध्यप्रदेश से राज्य स्थानान्तरण के दौरान छत्तीसगढ़ प्रदेश हो गया और पुलिस मुख्यालय में आमद देने के तुरन्त बाद जिला दन्तेवाड़ा स्थानांतरण कर दिया गया। जिला दन्तेवाड़ा में आमद के बाद जिले के सबसे खतरनाक थाना भेजी में पोष्टिंग की गई, जहां पर नागा बटालियन के 5 जवानों को नक्सली मुड़भेड़ में शहीद होते देखकर यह ठान लिया की अब नक्सलियों से लड़ाई लडऩा जरूरी है। भेजी थाना जिला मुख्यालय राजनांदगांव से दूर होने के कारण मेन रोड से लगभग 15/20 किलो मीटर पैदल चलना पड़ता था और आने जाने के दौरान हमेशा नक्सलियों से एन्काउन्टर होता था रहता था जो आदत में सुमार हो गया। नक्सलियों के हर गतिविधियों को ध्यान देना शुरु कर दिया शुरु कर दिया।
16 वर्ष 314 एनकाउंटर किए
बताया जाता है कि 2008 से 2018 तक आरक्षक होने के बाद भी वरिष्ट अधिकारियों के निर्देशन में नक्सलियों के साथ लड़ाई का कमान खुद संभालकर और नक्सलियों के साथ लोहा लेने लगा बस्तर जिला दन्तेवाड़ा में 16 साल के तैनाती में कुल 313 एन्काउन्टर हुऐ जिससे में अलग,अलग पुलिस नक्सली मुड़भेड़ में 67 नक्सली शव बरामद करने में सफलता हासिल किया।
नक्सली कैम्प ध्वस्त किया
संग्रामसिंह की दन्तेवाड़ा से जिला राजनांदगांव स्थानांतरण के बाद बुकमरका पहाड़ में 4 नम्बर नक्सली कम्पनी के साथ मुड़भेड़ हुई,जहां पर नक्सलियों के कैम्प ध्वस्त करने में सफलता हासिल की। संग्रामसिंह की बहादुरी को देखते हुए छत्तीसगढ़ पुलिस विभाग ने 4 प्रमोशन किए, जिसके चलते संग्रामसिंह आरक्षक से पुलिस इंस्पेक्टर के पद पर पदस्थ हो गया।
नक्सलियों ने गोली मारी फिर भी लड़ता रहा
संग्राम सिंह ने छग के बस्तरसंभाग के सभीजिलों दन्तेवाड़ासुकमा,बीजापुर,नारायणपुर,कांकेर,कोण्डागांव और जगदलपुर में एनकाउंटर किए है, इस दौरान नक्सली बटालियननक्सली कम्पनी,नक्सली प्लाटून,नक्सली एलओएस,नक्सली एलजीएस और नक्सलियों के छोटे बड़े सभी संगठनों के साथ मुड़भेड़ हुई। नक्सलियों ने अपना निशाना भी बनाया, जिसमें संग्रामसिंह घायल हुआ, इसके बाद भी लड़ता रहा,यहां तक कि नक्सलियों के पीछा करने के दौरान नक्सलियों दवारा लगाऐ गऐ मूवीटेरेप में फंसने से लोहे के सरिया पैर से पार हो गया। 2 बार घायल होने के बाद जब 15 दिन रायपुर में ईलाज के भर्ती कराया गया।
उफनाती नदी में कूद गया था
छग के जिला दन्तेवाड़ा तैनाती के दौरान एक गोताखोर की अहम भूमिका भी निभाई है, जहां बाढ़ के दौरान उफनाती नदी में कूदकर चार लोगों के निकालकर लाया, इस दौरान चारों की मौत हो चुकी थी। इस बहादुरी के लिए एसपी दंतेवाड़ा ने संग्रामसिंह को सम्मानित किया।
किसान के बेटे की ऐसी हुई शिक्षा
अनूपपुर जिले के पुष्पराजगढ़ तहसील ग्राम खेतगांव के निवासी निरीक्षक संग्राम सिंह धुर्वे पिता कुंवर सिंह धुर्वे जो बचपन से ही काफी संघर्षशील रहा, एक गरीब परिवार में जन्म होने के कारण 8 वी तक की पढ़ाई गांव के स्कूल में की, इसके बाद क्रीड़ा परिसर अमरकंटक में 10 वी तक पढ़ाई फिर शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय लखौरा में 12 वी पास कर पुष्पराजगढ़ कालेज में पढाई पूरी की। एक गरीब परिवार के होने के कारण होस्टल में रहता और किराये के लिए पैसा की व्यवस्था नही होने के कारण घर से ही 22 किलोमीटर दौड़ते हुऐ जंगल पहाडियों के रास्ते से स्कूल जाते थे।
मजदूरी कर काफी, किताब खरीदता रहा
गर्मियों के छुट्टियों में मजदूरी कर अपने लिए कापी किताब खरीदता रहा, जिससे पढ़ाई में किसी प्रकार की रुकावट न आ सके। इस तरह से संग्रामसिंह ने अपनी शिक्षा पूरी की और पुलिस आरक्षक के लिए प्रयास किए और सफलता प्राप्त की।
खिलाड़ी के रुप में कई गोल्ड मैडिल प्राप्त किए

जवान संग्रामसिंह ने एक खिलाड़ी के रुप में जब मध्यप्रदेश छत्तीसगढ़ एक हुआ करता था उस समय 400 मीटर,800 मीटर,1500 मीटर दौड़ में गोल्ड मेडल जीतकर और मध्यप्रदेश चैम्पियनशिप का खिताब अपने नाम किया। छत्तीसगढ़ स्थानांतरण के बाद पुलिस मीट में कई बार 200मीटर,400 मीटर,800मीटर,1500 मीटर,3000 मीटर, 5000 मीटर, 10000 मीटर दौड रिले रेस एवं मैराथन दौड़ में भी मेडल जीता. एक खिलाड़ी के साथ, स्वयं गीत, लिखना गीत, गाना और स्वयं संगीत बनाने का कला भी है।

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