एम्बुलेंस
जब्त, अन्य आरोपी फरार
अनूपपुर। 19 वर्षीय युवती के साथ दुष्कर्म और सात माह बाद गर्भ ठहर जाने
पर युवती का गर्भपात कराने संजीवनी हॉस्पिटल अनूपपुर लाया गया, डॉक्टरो
द्वारा गर्भपात कराया गया। समय से पूर्व नवजात का जन्म हो हुआ, समय
से पूर्व नवजात के जन्म के कारण अधिक कमजोर होने पर संजीवनी हॉस्पिटल के डॉक्टरो
ने योजना बनाते हुए अपने ही हॉस्पिटल के एम्बुलेंस से नवजात को जिला चिकित्सालय
में भर्ती करते हुए नवजात के पिता का नाम फर्जी डाला गया। इस बीच जिला चिकित्सालय
में उपचार के दौरान ही 2 घंटे में नवजात की मौत हो गई। अस्पताल
की सूचना पर पुलिस ने जांच प्रारंभ की लेकिन इस बीच 19 वर्षीय
युवती ने कोतवाली पहुंचकर अपने साथ हुए दुष्कर्म और उसके बाद गर्भपात किए जाने की
शिकायत दर्ज कराई। पूरे मामले में पुलिस ने रविवार 8 मार्च को
संजीवनी हॉस्पिटल के एम्बुलेंस को जब्त कर डॉक्टर एवं सहयोगी को गिरफ्तार कर जेल
भेज दिया गया।
घटना 2 जून
2019
को जिला चिकित्सालय में नवजात की मौत की सूचना पर कोतवाली पुलिस ने मर्ग कायम कर
मामले की जांच प्रारंभ की। जांच में जिला चिकित्सालय में नवजात को उपचार के लिए
भर्ती करते समय उसकी मॉ के साथ उसके पिता अर्जुन यादव निवासी ग्राम निगवानी थाना
रामनगर के नाम की पतासाजी की गई। पुलिस को ग्राम बरतराई में अर्जुन यादव नाम के
व्यक्ति को महीनो ढूढऩे में लगा और अंत में ग्राम पंचायत निगवानी के सरपंच ने
अर्जुन नाम व्यक्ति के नही होने की पुष्टि की। जिसके बाद 22 जुलाई 2019 को 19
वर्षीय युवती ने कोतवाली अनूपपुर पहुंच अपने साथ हुए दुष्कर्म तथा जबरन गर्भपात
किए जाने की शिकायत दर्ज की। जिस पर कोतवाली पुलिस ने युवती की शिकायत पर पुलिस ने
आरोपी उमेश यादव पिता पंचू यादव 30 वर्ष निवासी बरतराई को 27
फरवरी को गिरफ्तार किया गया, जिसके बाद जिला मुख्यालय में संचालित
संजीवनी हॉस्पिटल द्वारा गर्भपात करने के खेल का उजागर हुआ।
गर्भपात के
लिए संजीवनी में कराया था भर्ती
युवती ने
कोतवाली थाने में शिकायत में बताया की उमेश यादव उसके साथ नाबालिग से ही दुष्कर्म
करतर रहा है। लगातार दुष्कर्म के बाद उसका गर्भ ठहर जाने पर उसका भर्गपात कराने
उसे संजीवनी हॉस्पिटल अनूपपुर में भर्ती कराया गया। पुलिस ने सबसे पहले आरोपी उमेश
यादव को गिरफ्तार करते हुए उसके खिलाफ विभिन्न धराओं के साथ पॉक्सो एक्ट के तहत
मामला पंजीबद्ध करते हुए कोतवाली निरीक्षक प्रफुल्ल राय के निर्देशन में
उपनिरीक्षक सोनम सोनी, सहायक उपनिरीक्षक महिपाल प्रजापति,
आरक्षक
विनोद पटेल, दिनेश बंधैया एवं धनीराम तिवारी ने ग्राम बरतराई से आरोपी उमेश
यादव को गिरफ्तार किया।
आरोपी उमेश
यादव को गिरफ्तार करने के बाद पुलिस की पूछताछ पर उसने बताया की युवती के गर्भ के
बाद उसी के मकान में किराए से रहने वाला झोलाछाप डॉक्टर ललित नारायण मिश्रा निवासी
जैतहरी से संपर्क किया गया, जहां ललित नारायण मिश्रा ने संजीवनी
हॉस्पिटल के डॉक्टर से फोन में उमेश यादव की बात कराई और उसके बाद झोलाझाप डॉक्टर
ललित नारायण मिश्रा ने अपनी कार से युवती का गर्भपात कराने उसे संजीवनी हॉस्पिटल
अनूपपुर में भर्ती करा दिया गया। संजीवनी हॉस्पिटल के डॉक्टर रिपेश कुशवाहा ने
अपने सहयोगियो के साथ मिलकर युवती का गर्भपात किया, गर्भ में
ठहरे सात माह के नवजात का समय पूर्व ही जन्म हो गया, इस दौरान
नवजात की नाजुक हालत देखते हुए उसे जिला चिकित्सालय में भर्ती करा दिया।
जिला
चिकित्सालय में 2 जून 2019 को नवजात की मौत पर पुलिस ने मर्ग कायम
कर नवजात के पिता का तलाश ही गई। जहां नवजात के पिता का फर्जी नाम लिखवाए जाने पर
पुलिस कई उलझनो में फंस गई। इस बीच नवजात को जिला चिकित्सालय में भर्ती करते समय
संजीवन हॉस्पिटल अनूपपुर के एम्बुलेंस में लाए जाने की जानकारी पर पुलिस ने
संजीवनी हॉस्पिटल से 14 सितम्बर 2019 को इस संबंध
में जानकारी चाही गई, जहां पर संजीवनी हॉस्पिटल के डॉक्टर ने किसी तरह की जानकारी की
पुष्टि नही करते हुए नवजात को जन्म के बाद हॉस्पिटल में लाने के संबंध में जानकारी
दी गई। वहीं युवती के बयान पर संजीवनी हॉस्पिटल की जांच एवं आरोपी की पूछताछ पर
पूरे मामला का खुलासा होने के बाद पुलिस ने संजीवनी हॉस्पिटल के एम्बुलेंस वाहन
क्रमांक एमपी 65 डीए 0210 को जब्त कर डॉक्टर रिपेश कुशवाहा पिता
राम बहोर कुशवाहा उम्र 34 वर्ष वार्ड क्रमांक 3
पटौराटोला एवं ओटी टैक्रिशियन धर्मेन्द्र तिवारी पिता रोहणी तिवारी 25
वर्ष निवासी पांडवनगर वार्ड क्रमांक 6 शहडोल सहित अन्य खिलाफ धारा 313,
317, 201, 120बी, 34 एवं गर्भ का चिकित्सीय समापन अधिनियम 3(2)5(2) के
तहत मामला पंजीबद्ध करते हुए दोनो आरोपी डॉ.रिपेश कुशवाहा एवं धर्मेन्द्र तिवारी
को गिरफ्तार करते हुए 8 मार्च को न्यायालय में पेश किया गया
जहां से उन्हे जेल भेज दिया गया है।