
बुधवार, 17 अप्रैल 2019
प्रशिक्षण के दौरान शराब के नशे में प्रशिक्षण ले रहे दो पर निलंबन की कार्यवाही

कांग्रेस के विधायकों को मंत्री पद का लालीपॉप
खरी-खरी
अनूपपुर। जैसे-जैसे
मतदान की तिथि करीब आ रही है, वैसे-वैसे प्रत्याशियों की धड़कन तेज हो रही है। कम समय और पूरे
लोकसभा में प्रत्येक लोगों से मिलना संभव नहीं हो पा रहा है। इसके लिए पार्टियों ने
सबको जिम्मेदारी दे रखी है। जहां प्रत्याशी न पहुंच सके वहां उनके प्रतिनिधि के रूप
में पार्टीजन लोगों के पास पहुंचकर अपने पक्ष में मतदान की अपील कर रहे हैं। किंतु
इस अपील का असर कितना होता है यह तो समय बतायेगा। वहीं मतदाताओं के बीच प्रत्याशी का
न होना लोकसभा में मतदान प्रतिशत में गिरावट का मुख्य कारण रहा है। इसके लिए प्रशासन
ने प्रयास कर रहा है कि अधिक से अधिक मतदान के लिए आम लोगों को प्रेरित किया जा सके।
किंतु इस चुनाव में अभी तक कोई शोरगुल अथवा यह प्रतीत नहीं हो रहा कि क्षेत्र में चुनाव
हो रहे हैं। न पार्टियों के झण्डा, बैनर और ना ही जनसंपर्क दिख रहा है। गत दिनों प्रदेश के मुख्यमंत्री
कमलनाथ ने भी अनूपपुर में चुनावी दौरे में उन्होंने अपने पूरे भाषण में प्रत्याशी का
न नाम लिया और ना ही वोट मांगा और ना ही इनके आने की कोई उत्साह लोगों में नहीं रहा।
अपना चुनावी दौरा कर मुख्यमंत्री रवाना हो गये शहर में इस बात की कोई चर्चा भी नहीं
हो सकी। ऐसे में लगता है कि शहडोल लोकसभा कांग्रेस के लिए बेमन की लड़ाई है। तो वहीं
दूसरी ओर कांग्रेस संगठन ने प्रदेश में अधिक सीटों के लिए क्षेत्रों के मंत्रियों की
तैनाती की है, इसके साथ ही उन विधायकों को भी लालीपॉप पकड़ाया गया है कि अगर आप अपने क्षेत्र
में अधिक मतदान पार्टी के पक्ष में करायेंगे तो मंत्री पद से नवाजा जायेगा। यह दिव्य
स्वप्र पार्टी ने विधायकों को दिखाया है, जिससे विधायक अपने-अपने क्षेत्रों में सक्रिय होकर पार्टी
के पक्ष में मतदान करा सकें। अनूपपुर जिले की तीनों विधानसभा में कांग्रेस का कब्जा
है और यह कांग्रेस के विधायकों के लिए कठिन परीक्षा है कि अपने-अपने क्षेत्रों से पार्टी
प्रत्याशी के लिए अधिक से अधिक मतदान कराकर मुख्यमंत्री के करीबी हो सकें और मंत्री
पद पा सकें। कांग्रेस ने अनूपपुर विधायक बिसाहूलाल सिंह को मंत्री न बनाकर पहले ही
अपमान कर चुकी है अब यह चुनावी लालीपॉप पकड़ा कर उन्हें फिर से सक्रिय करने का प्रयास
किया है। इसी सक्रियता में बिसाहूलाल ने मुख्यमंत्री के सामने प्रण लिया है कि अपने
क्षेत्र में कांग्रेस को अधिक मत दिलाऊंगा नहीं तो भोपाल नहीं जाऊंगा। ऐसा प्रण लेना
राजनीति में कहां तक सही है। विधानसभा में लोग भाजपा के प्रत्याशी व मुख्यमंत्री से
नाराजगी के कारण कांग्रेस को विजय मिली थी। जरूरी नहीं कि लोकसभा में भी लोग उसी दल
का अपना मतदान करें। समय के साथ व्यक्ति और पार्टियां बदल जाती हैं। मतदान विधानसभा
में व्यक्ति को मतदान किया था न कि पार्टी को, किंतु पार्टी ने यह माना कि यह मतदान
पार्टी के पक्ष में रहा है। भाजपा विधानसभा चुनाव में जिले की तीनों सीटों में प्रत्याशी
चयन सही करती तो शायद यह स्थिति न होती। इसीलिए शिवराज का गुरूर मतदाताओं ने तोड़ा
और बता दिया कि मतदाता से बड़ा कोई नहीं होता है। विधानसभा पुष्पराजगढ़ में भी कमोवेश
ऐसे ही हालात हैं, जहां लोग विधानसभा में प्रत्याशी से नाराज थे, जिसका फायदा कांग्रेस को मिला। तो
दूसरी ओर लोकसभा में स्थिति विपरीत है। मंत्री पद की चाहत पुष्पराजगढ़ विधायक ने प्रत्याशी
के साथ दौरे कर यह बता रहे हैं कि पार्टी के लिए जुटे हैं। पार्टी व्यापम के आरोपी
को मंत्री पद नहीं बना पायेगी इनके लिए भी यह लालीपॉप से कम नहीं है। कोतमा विधानसभा
में पहली बार विधायक बने सुनील सराफ के लिए जरूर अपनी विश्वसनीयता साबित करने का दबाव
है। जिसमें वो कितना सफल होंगे यह तो समय बतायेगा। चुनावी शोरगुल शांत, मतदाता की खामोशी का ऊंट
किस करवट बैठेगा यह तो २३ मई को पता चलेगा, किंतु एक बात तय है कि मतदाता अपने
मन में ठान चुका है कि वह किसे अपना मत देकर दिल्ली पहुंचायेगा। नये चेहरे अथवा पुराने
प्रत्याशी में किसे चुनता है।
मंगलवार, 16 अप्रैल 2019
100 डायल पर प्राप्त सूचना पर बचाया गया बचपन, देवरी में रोका गया बाल विवाह
शुक्रवार, 12 अप्रैल 2019
16 लाख से अधिक मतदाता 13 प्रत्याशीयों के भाग्य का करेगें फैसला

राष्ट्रीय गौ रक्षा संघ के राष्ट्रीय सह संगठन मंत्री मनोनीत हुए संग्राम सिंह

मुख्यमंत्री क्या कर पायेंगे डैमेज कंट्रोल, कांग्रेस का अंतरकलह कहीं मतदाताओं के बीच पडे न भारी
राजेश शुक्ला
अनूपपुर। मौसम के बदलते मिजाज से
जहां आम जन परेशान है। वहीं 40 डिग्री के तापमान में लोगों ने घरों से निकलना कम किया
है तो दूसरी ओर राजनीतिक पारा दिनोंदिन बढ़ता ही जा रहा है। शुक्रवार को नाम वापसी
के बाद 13 प्रत्याशी मैदान में हैं, जिनमें मुख्य मुकाबला दो दलों में है, दोनों ही दल के प्रत्याशी
एक-दूसरे दल के दलबदलू हैं। इससे पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ आम मतदाता भी सोचने को
मजबूर हो गया है। मतदाता यह तय नहीं कर पा रहा कि अपना मत किसे दें, आज जिसे हम मत देकर जितायें कल वह अपने स्वार्थ के लिए दल बदल दे इससे
कार्यकर्ता और मतदाता दोनों अपने आपको ठगा महसूस करते हैं। मतदाताओं को चुनना एक को
ही है, अभी
अनिर्णय की स्थिति बनी हुई है। शहडोल लोकसभा में भाजपा और कांग्रेस के बाद गोंडवाना
और बसपा ने अपनी पहचान बनाई है, इसके बाद कम्युनिष्ट पार्टी का भी कुछ क्षेत्रों मेें प्रभाव
है। विधानसभा चुनाव में भाजपा से टिकट न मिलने से नाराज जयसिंहनगर के पूर्व विधायक
प्रमिला सिंह को कांग्रेस में शामिल कर लोकसभा का प्रत्याशी बनाया है। जिनका राजनीतिक
इतिहास गत 5 वर्ष पहले जयसिंहनगर विधायक रहते हुए कोई खास नहीं रहा, जिससे भाजपा ने इनका टिकट
काटा। विधानसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस में शामिल होने के बावजूद भी कांग्रेस को कोई
फायदा नहीं हुआ है। इसके बावजूद भी पार्टी ने इन पर अपना विश्वास जताते हुए नये चेहरे
के रूप में दांव खेला है। यह दांव कितना कारगर साबित होगा यह तो आने वाले दिनों में
देखने को मिलेगा, जहां प्रत्याशी के पास अपनी उपलब्धि बताने के लिए कुछ खास नहीं है, वहीं पूरे लोकसभा में अपरिचित
चेहरा भी है। इनकी पैठ जयसिंहनगर विधायक के साथ आस-पास क्षेत्रों में है। किंतु पार्टी
का सहयोग रहा तो मतदाताओं के बीच अपनी पैठ बना सकती हैं। अनूपपुर जिले की तीन विधानसभा
सीटें कांग्रेस के पास हैं, इसके बावजूद भी तीनों विधायकों में अपने बर्चस्व की लड़ाई के
लिए एक-दूसरे की टांग खिंचाई में कोई कोर कसर नहीं छोड़ रहे हैं, जिसका नजारा 5 अप्रैल को
देखने को मिला। जहां कलेक्ट्रेट परिसर में अनूपपुर विधायक के समर्थक से कोतमा विधायक
भिड पडे और बीच बचाव कोतवाली निरीक्षक को करना पड़ा। इतना ही नहीं इसके बाद परिसर के
बाहर भी दोनों के बीच हाथापाई की नौबत आई, जिसमें प्रभारी मंत्री प्रदीप जायसवाल ने बीच बचाव कर
समर्थक को कड़ी फटकार लगाई। इसके पूर्व मंच पर पुष्पराजगढ़ विधायक ने अनूपपुर विधायक
के समर्थकों को कड़ी चेतावनी देते हुए कहा कि अगर मैं नारे लगाऊंगा तो कोई भी नहीं
रह पायेगा, इसके बाद अनूपपुर विधायक ने जब मंच पर माईक संभाला तो उन्होंने भी कुछ ऐसे शब्दों
का प्रयोग किया, जिसके बाद प्रभारी मंत्री माईक लेकर स्थिति को संभाला। ऐसी स्थिति में जब तीनों
विधायक एक नहीं हैं तो पार्टी किसके दम पर लोसभा का चुनाव में फतह की सोच रही है। अंतरकलह
को देखते हुए मुख्यमंत्री कमलनाथ १३ अप्रैल को अनूपपुर मुख्यालय में चुनावी सभा को
संबोधित करने आ रहे हैं, जिसके प्रभारी स्थानीय विधायक बिसाहूलाल को बनाया गया है। विधायकों
की आपस में बढ़ती दूरियां कार्यकर्ताओं एवं मतदाताओं के लिए शुभ संकेत नहीं है। इस
रिपोर्ट के बाद मुख्यमंत्री तीनों विधायकों से चर्चा कर सकते हैं और पार्टी हित में
अपने-अपने अहम को दूर रख लोकसभा की तैयारियों की जिम्मेदारियां सौंप सकते हैं। कांग्रेस
की यह अंतरकलह लोकसभा चुनाव में जनता के बीच क्या संदेश जायेगा यह तो आगामी दिनों में
देखने को मिलेगा, किंतु एक बात साफ है कि विधायकों में मंत्री बनने की चाह जिसमें पुष्पराजगढ़ विधायक
फुंदेलाल जोर लगा रहे हैं जिन पर व्यापम मामले में पुत्र को अनैतिक ढंग से प्रवेश दिलाने
के कारण न्यायालय से जमानत पर हैं। दूसरी ओर कोतमा विधायक अभी पहली बार निर्वाचित हुए
हैं, जिससे
उन्हें भी अपने क्षेत्र में कांग्रेस को विजय दिलाने का जिम्मा दिया गया है। इसके साथ
ही अनूपपुर विधायक बिसाहूलाल भी जोर लगा रहे हैं कि अपने विधानसभा में कांग्रेस को
बढत दिलाई जा सके, किंतु वहीं सूत्र बता रहे हैं कि दिग्विजय सिंह के विरोध के चलते इनका मंत्री पद
पाना संभव नहीं दिखाई दे रहा है। अब यह तय करना कमलनाथ को है कि किसे इस क्षेत्र से
मंत्री पद से नवाजा जाये।
भाजपा में भी कमोवेश कुछ कांग्रेस
की तरह ही अंतरकलह से जूझ रही है, 2016 के उपचुनाव में कांग्रेस से प्रत्याशी रही हिमाद्री सिंह
को भाजपा में शामिल किया है, जिससे पार्टी का एक वर्ग खासा नाराज चल रहा है। इसके साथ ही
सांसद ज्ञान सिंह की नाराजगी भी चल रही है। वहीं कांग्रेस से भाजपा में आई हिमाद्री
सिंह के पास जनता को बताने के लिए कोई खास उपलब्धि नहीं है। इनके पास सिर्फ अपने पिता
स्व. दलवीर सिंह एवं माता स्व. राजेश नंदिनी सिंह की उपलब्धियां हैं किंतु दोनों ही
कांग्रेस से रहे हैं, जहां आम मतदाता इस दल-बदल से पशोपेश में हैं वहीं कुछ इस बात को लेकर नाराज हैं
कि जिनके माता-पिता पूरी जिंदगी कांग्रेस में रह कर जीवन समाप्त कर दिये तो वहीं बेटी
ससुराल जाते ही ससुराल पक्ष की होकर रह गई। हिमाद्री का ससुराल पक्ष पूरी तरह भाजपा
में है, जिनमें
पूर्व मंत्री जयसिंह मराबी, पति नरेंद्र सिंह जिन्हें आयोग का अध्यक्ष बनाया गया था। इसके
साथ ही इनका पूरा परिवार भाजपा को समर्पित हैं। वर्तमान में दो विधायक इनके परिवार
से हैं। हिमाद्री पर परिवार का दबाव होने के कारण भाजपा में शामिल होना पड़ा,
जिससे इस परिवार से
जुडा व्यक्ति इस बात से नाराज चल रहा है। इन रूठों को मनाने की जिम्मेदारी भी इन्हीं
पर है, इसके
साथ ही गृह ग्राम पुष्पराजगढ़ के कार्यकर्ताओं की नाराजगी भी है कि जिनके खिलाफ वर्षों
से हम लडते आ रहे हैं आज उनके पक्ष में कैसे मतदान की अपील करें। भाजपा को इस विरोध
का सामना करना पड रहा है। ऐसे में चुनाव की डगर कठिन दिखाई दे रही है। अब पूरा दारोमदार
20 दिन के चुनाव प्रचार और रूठों को मनाने पर निर्भर है।
फेसबुक में आपत्तिजनक पोस्ट पर भाजपा को कलेक्टर ने दिया नोटिस
गुरुवार, 11 अप्रैल 2019
गठन के बाद से फाईलों में कैद टूरिज्म प्रमोशन कौंसिल तथा ईको टूरिज्म विकास की योजना
अनूपपुर। जिले में
पयर्टन को बढ़ावा देने के लिये प्रशासन ने टूरिज्म प्रमोशन कौंसिल तथा ईको टूरिज्म
का गठन किया और गठन के बाद इसके विकाश की योजनायें फाईलों में दम तोड़ रही है। इसका
उद्देश्य स्थानीय ग्रामीणों को रोजगार के साधन उपलब्ध कराने अमरकंटक सहित आसपास के
ग्रामीण क्षेत्रों को पर्यटक स्थल बनाने की थी। जिला टूरिज्म प्रमोशन कौंसिल तथा ईको
टूरिज्म बोर्ड की बैठक पिछले पांच सालों से आयोजित नहीं की गई है। जिसके कारण अमरकंटक
सहित आसपास के चिह्नित 5 स्थलों व गांवों में पर्यटन विकास की जिला प्रशासन और वनविभाग
की संयुक्त परियोजनाओं को अमल में नहीं लाया जा सका है। परियोजना में प्रस्तावित पोंडकी
जलाशय, जोहिला
जलाशय, गढ़ीदादर,किररघाट सहित बैहारटोला ग्राम
पंचायत के ऐसे स्थल शामिल थे, जिन्हें प्राकृतिक विरासत को थोड़ा निखारकर पर्यटकों के लिए
आकर्षक बनाया जा सकता है। जिसमें खास तौर पर वृहत स्थल के रूप में प्रकृति सौन्दर्यो
से सुशोभित पोंडकी जलाशय, जोहिला जलाशय, भुंडकोना जलाशय को जलविहार के साथ मत्स्य उत्पादन और
पर्यटक स्थल के रूप में अधिक विकसित बनाया जाना था। जबकि वनीय व पहाड़ी क्षेत्रों में
शामिल गढ़ीदादर, किररघाट तथा बैहारटोला को वनविभाग के सहयोग से रॉक क्लाईमिंग, रॉप वे सहित अन्य साहसिक
योजनाओं को शामिल करते हुए विकसित किया जाना था। लेकिन सारी की सारी योजनाओं पर अबतक
अमल नहीं किया जा सका। इसका मुख्य कारण योजनाओं के सम्बंध में शासन को भेजे गए प्रस्तावों
के अनुरूप दिशा निर्देश नहीं होना बताया गया है। जबकि योजना में शामिल रहे अधिकारियों
के तबादले के उपरांत जिला टूरिज्म प्रमोशन कौंसिल तथा ईको टूरिज्म बोर्ड के बैठक परियोजना
से दूर होती चली गई। बताया जाता है कि वर्ष 2015 के उपरांत जिला टूरिज्म प्रमोशन कौंसिल
तथा ईको टूरिज्म बोर्ड की कोई बैठक आयोजित नहीं हुई है, जिसके आधार पर अमरकंटक सहित आसपास
के चिह्नित स्थलों पर विचार विमर्श किया जा सके। बताया जाता है कि इस योजना का मुख्य
उददेश्य जिले में पर्यटन की अपार संभावनाओं को देखते हुए अमरकंटक में जनसंख्या या पर्यटकों
का अत्याधिक दबाव को कम करना था। इसके तहत पर्यटकों को स्थानीय स्तर पर सुविधाएं प्रदान
करने सहित लोगों को भी आजीविका के साधन उपलब्ध कराने के लिए ऐसे स्थानों में लोगों
के रुकने, भोजन आदि की व्यवस्था कराई जाती। प्रशासन का मनाना है कि इस प्रकार की योजनाओं
से जहां पर्यटन के क्षेत्र में विकास होता वहीं, आदिवासी सांस्कृति कलाओं पर आधारित
बांस, मिट्टी
और पत्थर से बनी सामग्रियों को भी पर्यटकों को आसानी से उपलब्ध कराया जाता। विभागीय
सूत्रो की माने तो शुरूआती समय में जिस प्रकार से योजनाओं को प्रस्तावित किया गया था,
अगर उसे रेगुलटी में
लाया जाता तो सम्भव था कि कुछ स्थान विकसित हो सकते थे। वहीं कम बजट के उपरांत इस योजना
के लिए बोर्ड द्वारा अधिक बजट के लिए शासन को रिवाईज भी नहीं भेजा गया। जबकि यह जरूरी
था कि बोर्ड द्वारा प्रस्तावों पर लगातार प्रयास किए जाए। पुष्पराजगढ़ में आदिवासी
बहुल्य क्षेत्र होने के साथ साथ आदिवासी कलाकृतियों से जुड़ी व्यवसाय भी लगभग लुप्त
होने की कगार पर पहुंच चुकी है। इसके अलावा अमरकंटक एकीकृत स्थली के रूप में विकसित
हो रही। इसके लिए जरूरी था कि आदिवासी कला कृतियों व व्यवसाय के साथ पर्यटक को विकेन्द्री
बनाया जा सकता था। इतना ही नही पोंड़की जलाशय में झील महोत्सव मनाए जाने की भी योजनाए
बनाई गई थी। इसका मकसद जलविहार तथा मत्स्य उत्पादन को बढ़ावा देना था। इसमें पोंडकी
जलाशय,भुंडाकोना,
जोहिला जलाशय जैसे
स्थल शामिल हैं। प्रकृति स्वरूपों तथा पहाड़ी ढालों के नीचे बसी ये जलाशय कश्मीर की
डलझील के समान दिखती है।
केन्द्रीय विद्यालय आयुक्त ने फंसाया पेंच,मांगा पूरा भवन उत्कृष्ठ विद्यालय बंद होने की स्थिति
कलेक्टर का प्राचार्यो को मौखिक आदेश
व्यवस्था बनाये पसोपेस में प्राचार्य
अनूपपुर। केन्द्रीय
विद्यालय की प्राथमिक कक्षाओं के संचालन में अब व्यवस्थाओं को लेकर पेंच फंसता नजर
आ रहा है। हाल के दिनों में केन्द्रीय विद्यालय आयुक्त जबलपुर ने उत्कृष्ठ विद्यालय
का मुआयना करते हुए केन्द्रीय विद्यालय संगठन ने अपनी मानकों के अनुरूप उत्कृष्ठ विद्यालय
की15-20 कक्षाओं
के साथ पूरे भवन की ही मांग की है। जिसपर विद्यालय प्राचार्य ने अपनी व्यवस्थाओं के
अनुरूप पूरा भवन देने इंकार कर दिया है। इसके बाद भवनों के अभाव में केन्द्रीय विद्यालय
की कक्षाओं का मुद्दा फिर से गरमा गया है। उत्कृष्ठ विद्यालय प्राचार्य की मनाही की
जानकारी केन्द्रीय विद्यालय आयुक्त ने कलेक्टर को दी। कलेक्टर ने आनन फानन में जिला
मुख्यालय की पूर्व चयनित तीन स्कूलों उत्कृष्ठ
विद्यालय अनूपपुर, शासकीय मॉडल स्कूल अनूपपुर तथा शासकीय एकलव्य स्कूल अनूपपुर के प्राचार्यो की बैठक
बुलाते हुए पूर्व प्रस्तावित उत्कृष्ठ विद्यालय में ही कक्षाओं के संचालन का फरमान
जारी कर दिया है। जिसके बाद उत्कृष्ठ विद्यालय प्राचार्य की मुसीबत बढ़ गई है। उत्कृष्ठ
विद्यालय के शिक्षकों का कहना है कि बिना केन्द्रीय विद्यालय संगठन और उत्कृष्ठ विद्यालय
के आपसी समन्वय से ही इस समस्या का हल निकाला जा सकता है। अगर केन्द्रीय विद्यालय की
मांगों के अनुरूप अधिक कक्षाओं को सौंपा जाएगा तो उत्कृष्ठ विद्यालय की सुबह की पाली
की जगह दोपहर की पाली लगानी होगी। लेकिन इसके लिए केन्द्रीय विद्यालय संचालक को दोपहर
12 बजे तक स्कूल
खाली करना होगा। जिसके उपरांत दोपहर 12 बजे से शाम 5 बजे तक उत्कृष्ठ विद्यालय की कक्षाओं
का संचालन कराया जा सकेगा। लेकिन केन्द्रीय विद्यालय संचालक ने सुबह 7 बजे से लेकर दोपहर 2 बजे तक पूरे स्कूल परिसर
की मांग रखी है। ऐसी स्थिति में एक मात्र विकल्प है कि केन्द्रीय विद्यालय संचालक और
उत्कृष्ठ विद्यालय प्राचार्य आपसी सहमति पर कम कक्षाओं में एक साथ स्कूल संचालन पर
रणनीति तैयार कर सकते हैं। लेकिन दोनों ही परिस्थितियों में छात्र-छात्राओं को परेशानियों
का सामना करना पड़ेगा। बताया जाता है कि वर्तमान में उत्कृष्ठ विद्यालय परिसर में लगभग
25 कक्ष बने
हुए हैं, जिनमें
7 कक्षों में
कार्यालय सहित प्रयोगशाला और भंडार कक्ष है तथा 10 कक्षों में अध्यापन कार्य सम्पन्न
कराए जाते हैं। इसके अलावा संकुल के 4 कक्ष तथा बीईओ कार्यालय के 4 कक्ष खाली पड़े हैं। केन्द्रीय विद्यालय
की मांग है कि उन्हें कम से कम 15-20 कक्ष चाहिए। इतनी संख्या में कक्ष उपलब्ध कराने पर उत्कृष्ठ
विद्यालय के बच्चे कहां बैठ पाएंगे।
कक्षा 9 वीं से 12वीं तक होता है संचालन
उत्कृष्ठ विद्यालय परिसर में कक्षा
9वीं से कक्षा
12 वीं तक 600 छात्र-छात्राए अध्यापन करते
है। जिसमें विभिन्न संकायों की अलग अलग कक्षाएं लगाई जाती है।
बे नतीजा रहा आयुक्त का दौरा
केन्द्रीय विद्यालय आयुक्त ने उत्कृष्ठ
विद्यालय में कक्षाओं के संचालन पर स्कूल का निरीक्षण करते नए भवन के साथ खेल परिसर
की मांग करते हुए पूरे भवन की मांग रखी। इस पर उत्कृष्ठ प्राचार्य ने बिल्डिंग देने
से इंकार कर दिया। उनका कहना था कि नए द्वितीय भवन में 17 कक्षों में 10 कक्षों में अध्यापन का कार्य
कराया जाता है। शेष 7 कक्षों में लैब, कार्यालय, अन्य विभागीय कार्यालय संचालित है। अगर समन्वय बनाया जाए तो नए भवन के 8-10
कक्षों को खाली कर
केन्द्रीय विद्यालय की प्राथमिक कक्षाओं के लिए दिया जा सकता है। उत्कृष्ठ विद्यालय
के बच्चों को अन्य पुराने भवन में बैठाया जा सकता है। लेकिन इसपर बिना कोई बातचीत किए
बिना आयुक्त वापस लौट गई।
बुधवार, 10 अप्रैल 2019
संवीक्षा में 1 अभ्यर्थी का नाम निर्देशन पत्र किया गया निरस्त,14 मैदान में
नाम वापस लेने की आखिरी तिथि12 अप्रैल
अनूपपुर। लोकसभा निर्वाचन
सामान्य प्रेक्षक रंजन कुमार एवं रिटर्निंग अधिकारी चंद्रमोहन ठाकुर की उपस्थिति में
संसदीय क्षेत्र-12 शहडोल हेतु प्राप्त नाम निर्देशन पत्रों की संवीक्षा की गई। उल्लेखनीय है कि शहडोल
संसदीय क्षेत्र हेतु 15 अभ्यर्थियों ने नाम निर्देशन पत्र जमा किए थे। संवीक्षा उपरांत
1 अभ्यर्थी
का नाम निर्देशन पत्र निरस्त कर दिया गया एवं 14 अभ्यर्थियों के नाम निर्देशन पत्र
उचित पाए गए। इसमें लक्ष्यपत सिंह पीपुल्स पार्टी ऑफ इण्डिया (डेमोके्रटिक),हिमाद्री सिंह भारतीय जनता
पार्टी, मीरा
सिंह छत्तीसगढ़ विकास गंगा राष्ट्रीय पार्टी,मोहदल सिंह पा बहुजन समाज पार्टी,प्रमिला सिंह काग्रेंस,
केशकली कम्यूनिस्ट
पार्र्टी ऑफ इण्डिया,विमल सिंह कोंर्चें गोंडवाना गणतंत्र पार्टी, कमला भारतीय शक्ति चेतना पार्टी,गोकुल सिंह निर्दलीय,तेजप्रताप सिंह गोंड़ निर्दलीय,नारायण सिंह निर्दलीय,मन्ना सिंह निर्दलीय दुर्गा
बाई निर्दलीय एवं झमक लाल कोल निर्दलीय शामिल है। नाम वापस लेने की आखिरी तिथि 12
अप्रैल है।
पुराने विवाद व झगड़े को लेकर की थी हत्या, तीन आरोपी गिरफ्तार
अनूपपुर। अमरकंटक
थाना क्षेत्र अंतर्गत बीते 5 माह पहले 9 नवम्बर 2018 को गुमशुदा हुए 28 वर्षीय युवक का शव 7 अप्रैल को बराती नाला के पास जमीन
में गड़ा हुआ मिला, जहां शव के सर और हाथ को जानवरो नोंच ले जाया गया था। जिसके बाद शव की शिनाख्त
उसके कपड़ो से पुलिस ने भीष्म पितामह उर्फ भीमा पिता चैतू बैगा के रूप में की गई,
पुलिस ने पंचनामा तैयार
करते हुए शव को पीएम के लिए अस्पताल में भेजते हुए मर्ग कायम कर मामले की विवेचना में
जुट गई। विवेचना के दौरान 9 नवम्बर को पुलिस ने बाराती निवासी तीन युवको को संदेह के आधार
पर पकड़ते हुए पूछताछ सख्ती के साथ की गई जिस पर तीनो आरोपियों ने पुराने विवाद को
लेकर हत्या कर शव गड्ढा खोद दफना देना स्वीकार किया। अमरकंटक थाना प्रभारी आर.बी.सोनी
ने बताया कि 15 नवम्बर 2018 को चैतू बैगा पिता पनकू बैगा उम्र 55 वर्ष निवासी हिण्डालको द्वारा थाना पहुंच सूचना देते
हुए बताया कि 9 नवम्बर 2018 को उसका पुत्र भीष्म पितामह उर्फ भीमा बैगा लापता की सूचना पर पुलिस ने गुमशुदगी
का मामला पंजीबद्ध करते हुए युवक की पड़ताल में जुट गई। जिसके बाद चैतू बैगा ने 7
अप्रैल को बाराती नाला
के पास से दुर्गांध आने पर तथा अपने पुत्र की हत्या कर उसे यहां पर गड़ा देने की आशंका
पर उसने मोहल्लेवासियों तथा पुलिस को दी गई। सूचना पर अमरकंटक थाना ने एसडीओपी पुष्पराजगढ़
को सूचना देते हुए पत्र के माध्यम से कार्यपालिक दंडाधिकारी को देते हुए उत्खनन की
आज्ञा मांगी,जिसके बाद तहसीलदार शशांक शिंदे की उपस्थिति में दुर्गांध आने वाले स्थल पर खोदाई
गई, खोदाई के
दौरान शव को बाहर निकाला गया, शव पूरी तरह से सड़ गया था तथा सर व हाथ नही थे, जिससे शव की शिनाख्त चैतू
बैगा ने शव के कपडो से अपने पुत्र भीष्म पितामह बैगा के रूप में की तथा पुलिस ने पंचनामा
तैयार करते हुए शव को पीएम के लिए अस्पताल भेजा गया, जहां पीएम उपरांत शव परिजनो को सौंप
दिया गया। सहायक उप निरीक्षक यू.एन.मिश्रा ने बताया कि विवेचना के दौरान मोहल्ले वासियों
में पूछताछ पर पता चला की उन्होने हिण्डालको के तीन युवको एवं मृतक की बीच 9
नवम्बर 2018
की रात झगड़ा होना
देखा था, जिसके
बाद पुलिस ने संदेह के आधार पर तीन युवक जिनमें सोनू टांडिया पिता कंधई लाल उम्र 21
वर्ष, संतोष पिता मथुरा सिंह मरावी
उम्र 27 वर्ष
एवं भूवन कुमार उर्फ गणेश पिता भान सिंह मरावी उम्र 22 वर्ष को 9 अप्रैल को मोहल्ले से पकड़ते हुए
थाने लाई जो सख्ती के साथ की गई पूछताछ पर उन्होने भीमा बैगा की हत्या कर बाराती नाला
के पास गड्ढा खोद कर गाड देना स्वीकार किया। पुलिस ने तीनो आरोपियों के खिलाफ धारा
302, 201 के
तहत मामला पंजीबद्ध करते हुए तीनो आरोपियों को गिरफ्तार करते हुए न्यायालय में पेश
किया गया जहां से उन्हे जेल भेज दिया गया। तीनो आरोपियों ने पूछताछ पर बताया की मृतक
आए दिन उनके साथ झगड़ा विवाद करता था जहां पुराने विवाद को लेकर 9 नवम्बर की रात भी विवाद हुआ
जहां तीनो आरोपियों ने मिलकर पत्थर, डंडे से मार कर भीमा बैगा को झाडियों में फेंक घर वापस
आ गए तथा आधे घंटे बाद पुन: घटना झाडियों के पास पहुंचे जहां भीमा की मौत हो गई जिसके
बाद घर से फडुआ व गैती लाकर रात में ही गड्ढा खोद कर जमीन में गाड दिए। वहीं आरोपियों
ने बताया की भीमा साहू की हत्या के बाद वे लाश को वैसे ही जमीन में गाड दिए थे उन्हे
शव के सर व हाथ के संबंध में कोई जानकारी नही है। वहीं पुलिस ने बताया की संभवत:गड्ढा
अधिक नही होने के कारण जंगली जानवरो द्वारा गड्ढा खोद सर व हाथ ले गए। वहीं हत्या का
खुलासा करने व आरोपियों को पकडने में थाना प्रभारी आर.बी. सोनी, उप निरीक्षक यू.एन. मिश्रा,
ताकेश्वरी मरकाम,
सहायक उप निरीक्षक
अजय सिंह टेकाम, आरक्षक धीरेन्द्र कोल, मनोज सिंह की भूमिका सराहनीय रही।
बोर के पानी से डायलसिस के मरीजों का हो रहा उपचार
बाहर के पानी से मरीज बुझा रहे प्यास
अनूपपुर। जिला चिकित्सालय
अनूपपुर में हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी अस्पताल प्रशासन की लापरवाही में पानी की
समस्या बन गई है, जहां चिकित्सालय आने वाले मरीजों के साथ साथ उपचार के लिए भर्ती मरीजों को पीने
के पानी नहीं मिल रहे हैं। 40 डिग्री सेल्सियस के गर्म तापमान में मरीज सहित परिजन पानी के
लिए आसपास के वार्डो की ओर भाग-दौड़ मचा रहे हैं। लोगों को ठंडा पानी उपलब्ध कराने
लगाया गया वॉटर कूलर भी मरीजों की संख्या में पानी उपलब्धता में अपर्याप्त साबित हो
रहा है। ऐसा नहीं कि इस सम्बंध में अस्पताल प्रशासन के अधिकारियों को जानकारी नहीं,
बावजूद पिछले साल पानी
की बनी समस्या से निजात देने अबतक किसी प्रकार की पहल नहीं की गई। बताया जाता है कि
जिला अस्पताल परिसर में पानी की सुविधा के लिए बोर कराए गए तीन बोर मशीनों में दो पानी
के अभाव में फेल हो गए है। जबकि एक बोर पम्प मशीन से कम पानी की मात्रा निकलने के कारण
उसे डायलसिस यूनिट के मरीजों के उपचार में खपाया जा रहा है। जबकि जलसंकट के कारण ही
वर्तमान में अस्पताल प्रशासन ने वार्डो में कूलर की व्यवस्था नहीं बनाई है। मरीज व
परिजन बाहर की दुकानों से महंगी सीलबंद बोतल का इस्तेमाल कर अपनी प्यास बुझा रहे हैं।
इन असुविधा में सबसे अधिक गरीब परिवारों के मरीजों और परिजनों को परेशानी का सामना
करना पड़ रहा है, जो मरीजों के लिए खुद ही खाना पकाने तथा पानी की व्यवस्था करते हैं। प्रसव कक्ष
में पानी की कमी से काम प्रभावित हो रहा है। अस्पताल सूत्रों के अनुसार इस सम्बंध में
पूर्व में ही जिला अस्पताल सिविल सर्जन को जानकारी दी गई थी। लेकिन जिला अस्पताल प्रशासन
ने लापरवाही बरते हुए पेयजल सुविधा के लिए कोई व्यवस्था नहीं कराई। आलम यह है कि अब
पूरा जिला अस्पताल पानी के लिए तरस रहा है।
दरअसल जिला अस्पताल में गर्मी के दौरान पानी की समस्या बनती है। इससे पूर्व
दो बोर पम्प लगे थे, जो गर्मी के दिनों में पूरी तक बंद हो गए। जिसे देखते हुए वर्ष 2017 में तीसरी बोर कराया गया।
लेकिन उस बोर से भी गर्मी के दिन कम पानी की मात्रा बह रही है। जिसका उपयोग डायलसिस
यूनिट में प्रयोग किया जा रहा है। डायलसिस यूनिट में दो मरीजों के उपचार में कम से
कम 4 हजार लीटर
पानी की खपत होती है। वहीं प्रसव कक्ष में रोजाना 8-10 प्रसव केस आते हैं। इसके अलावा स्टाफों
की जरूरतों के साथ साथ अस्पताल के शौचालयों के उपयोग में रोजाना आने वाले पानी की कम
से कम 10 हजार
लीटर पानी की आवश्यकता बताई गई है।
जिला कलेक्टर द्वारा स्वास्थ्य व्यवस्थाओं
को बेहतर बनाने शासकीय विभागीय अधिकारियों सहित न्यायिक सवंर्ग अधिकारियों से स्वास्थ्य
केन्द्रों के मॉनीटरिंग की जिम्मेदारी सौंपी गई थी। लेकिन जिला अस्पताल सहित अन्य स्वास्थ्य
केन्द्रों पर जनवरी 2018 से अबतक किसी अधिकारी ने व्यवस्थाओं की जांच पड़ताल नहीं की
और ना ही कलेक्टर को सुविधाओं व संसाधनों के सम्बंध में रिपोर्ट सौंपी। यह दुर्भाग्य
है कि प्रशासनिक अधिकारियों के नाको तले अस्पताल में पानी के लिए मरीज भटक रहे हैं
और अधिकारी बेखबर हैं।
मंगलवार, 9 अप्रैल 2019
जंगल से 3 लाख रूपए की 200 लीटर शराब 6 हजार किलो महुआ लहान जब्त,आबकारी विभाग की कार्यवाही
ससुराल पक्ष के साथ मायके पक्ष का भी दायित्व है कि बेटी को जिताए- नरेन्द्र सिंह तोमर
शक्ति प्रदर्शन के साथ हिमाद्री ने
भरा नामांकन
अनूपपुर। हिमाद्री
पहले कांग्रेस परिवार की बेटी थी अब भाजपा परिवार की बहू बन गई है। इसलिए अब ससुराल
पक्ष के साथ साथ मायके पक्षवालों का भी दायित्व है कि हम अपनी बेटी व बहू को भारी मतों
से विजयी बनाकर लोकसभा में भेजें। यह बात केन्द्रीय ग्रामीण विकास मंत्री नरेन्द्र
सिंह तोमर ने मंगलवार को अनूपपुर में शहडोल लोकसभा क्षेत्र के लिए भाजपा प्रत्याशी
हिमांद्री सिंह के नामांकन व प्रचार के दौरान आमसभा में कही। शहडोल संसदीय क्षेत्र
के लिए मंगलवार 9 अप्रैल
नामांकन का आखिरी दिन था। जिसमें भाजपा प्रत्याशी ने शक्ति प्रदर्शन के भाजपा के वरिष्ठ
नेताओं व कार्यकर्ताओं के साथ अपना नामांकन दाखिल किया। इससे पूर्व हिमांद्री सिंह
6 अप्रैल को अनौपचारिक रूप
में अपना नामांकन दाखिल किया था। भाजपा प्रत्याशी हिमाद्री सिंह के नामांकन के दौरान
राज्यसभा सांसद अजय प्रताप सिंह, प्रदेश उपाध्यक्ष रामलाल रौतेल, लोकसभा प्रभारी गिरीश द्विवेदी,
संयोजक अनिल गुप्ता,
सह संयोजक मिथिलेश
पयासी, जिलाध्यक्ष
ब्रजेश गौतम, इंद्रजीत छाबडा, विधायक जयसिंह मरावी, मीना सिंह, मनीषा सिंह, शिवनारायण सिंह, जिलापंचायत अध्यक्ष रूपमती सिंह, रामदास पुरी, नरेन्द्र मरावी हीरासिंह,
मनोज द्विवेदी,
विधानसभा प्रभारी राम
अवध सिंह, सहित बडवारा, शहडोल, उमरिया, अनूपपुर के हजारों कार्यकर्ता
उपस्थित रहे। इंदिरा चौक में आयोजित आम सभा को संबोधित करते हुए नरेन्द्र सिंह तोमर
ने कहा कि यह चुनाव राष्ट्र को विकास की ओर अग्रसर करने तथा विश्व शक्ति बनाने के लिए
महत्वपूर्ण है। देश प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली सरकार पर पूरा भरोसा
कर रही है। कांग्रेस पर कड़ा हमला बोलते हुए कहा कि वह भ्रष्टाचार व झूठ का पर्याय
बन चुकी है। महागठबंधन नरेन्द्र मोदी से डर कर बना हुआ है। राहुल और सोनिया रोटी कहा
से खाएंगें, जब भ्रष्टाचार बंद हो जाएगा। भ्रष्टाचार कांग्रेस की कोख से पैदा हुआ है। आजादी
से पहले भ्रष्टाचार नहीं था और आजादी के बाद से भ्रष्टाचार कैसे आ गया है। यह कांग्रेस
को बताने की जरूरत है। मां-बेटा पर 420 का मामला दर्ज है जो जमानत पर चल रहे है। ऐसे
व्यक्ति नरेन्द्र मोदी जैसे सूरज को दीपक दिखाने का प्रयास करें तो गलत होगा। इससे
पूर्व सांसद अजय प्रताप सिंह ने मंच को संबोधित करते हुए कहा कि यह चुनाव दो सरकारों
के लिए है। अजय प्रताप सिंह ने कहा कि इस चुनाव में जनता के एक वोट दो सरकारों का चयन
करने वाला होगा, एक सरकार केन्द्र में बैठेगी, तो दूसरी मध्यप्रदेश में कमलनाथ की भ्रष्ट सरकार का हटना तय
हो जाएगा। यह कोई घाटे का सौदा नहीं होगा कि एक वोट से दो सफलताएं सभी को मिलेगी। उन्होंने
दावा किया है कि 30 जून तक प्रदेश के अंदर फिर से भाजपा की सरकार बनेगी। इस मौके पर
उन्होंने हिमाद्री सिंह के समर्थन में अपील
करते हुए उन्होंने कहा कि जो गलती विधानसभा चुनाव में हुई यह उसे सुधारने का अवसर है।
प्रदेश उपाध्यक्ष रामलाल रौतेल ने कहा कि उपस्थित विशाल जनसैलाब भाजपा की जीत का संकेत
है। जनता नरेन्द्र मोदी को फिर से प्रधानमंत्री बनाने का मन बना चुकी है। मंच से हिमाद्री
सिंह ने उपस्थित जनसमुदाय से कहा कि यह चुनाव आप सभी लड़ रहे हैं। नरेन्द्र मोदी की
रीति-नीति उनके कार्यों से देश प्रगति के मार्ग पर अग्रसर है। आप कार्यकर्ता सभी आगे
चलें मैं आपके पीछे रहूंगी।
पुत्र ने दर्ज कराई उपस्थित,
पिता रहे नदारद
भाजपा की शक्ति प्रदर्शन और नामांकन
में मंगलवार को आयोजित आमसभा कार्यक्रम में सांसद ज्ञान सिंह नदारद दिखे। जबकि उनके
पुत्र शिवनारायण सिंह आमसभा के अंतिम क्षणों काफिले के साथ उपस्थित दर्ज कराते हुए
यह जता दिया कि वे पार्टी के साथ हैं।
विकास को बनाया मुद्दा
भाजपा प्रत्याशी हिमाद्री सिंह ने
सभा में यह भरोसा दिया कि उनके संसदीय क्षेत्रवासियों के मान-सम्मान और गौरव में कोई
कमी नहीं आने देंगी। हर कार्यकर्ताओं के विश्वास के दम पर हम इस चुनाव में सभी के आशीर्वाद
से जीत दर्ज कराते हुए क्षेत्र के विकास में कोई कसर नहीं छोड़ेगें। सभी को विश्वास
दिलाती हूं कि वह उनके सपनो को जरूर साकार करेगी।
राहुल की भाषा न बोले पत्रकार
नामांकन के उपरांत प्रेसवार्ता के
दौरान मीडिया के एक सवाल पर नरेन्द्र सिंह तोमर ने कहा राहुल की भाषा नहीं बोले पत्रकार।
नरेन्द्र सिंह तोमर के 72 हजार रूपए के जवाब में पत्रकार ने भाजपा के 15 लाख पर सवाल पूछा था।
सोमवार, 8 अप्रैल 2019
कांग्रेस प्रत्याशी के पास 72 लाख से अधिक सम्पति के साथ पिस्टल भाजपा प्रत्याशी पति से ज्यादा पत्नी की सम्पति
लोकसभा संसदीय क्षेत्र शहडोल- अजाज
प्रत्याशीयों का ब्योरा
अनूपपुर। शहडोल लोकसभा
निर्वाचन क्षेत्र के लिए कांग्रेस की ओर से प्रमिला सिंह तथा भाजपा की ओर से हिमाद्री
सिंह ने अपनी उम्मीदवारी पेश करते हुए नामांकन दाखिल किया है। उम्मीदवारी के रूप में
दोनों ही प्रत्याशी करोड़पति हैं। जबकि चुनाव आयोग को दिए गए सम्पत्ति विवरण सहित शिक्षा
में कांग्रेस प्रत्याशी प्रमिला सिंह अमीर प्रत्याशी के साथ साथ भाजपा प्रत्याशी हिमाद्री
सिंह से अधिक शिक्षित होने के भी प्रमाण दिए हैं। प्रमिला सिंह ने 5 अप्रैल को अपना नामांकन दाखिल किया
था। जबकि भाजपा प्रत्याशी हिमाद्री सिंह 6 अप्रैल को अनौपचारिक रूप में पर्चा भरा तथा पुन:9 अप्रैल को औपचारिक रूप में अपना
नामांकन पेश करेगी।
शपथ पत्र में कांग्रेस प्रत्याशी
करोड़पति
कांग्रेस की उम्मीदवार प्रमिला ङ्क्षसह
के पास कुल चल-अचल सम्पत्ति के रूप में 72 लाख 55 हजार 659 रूपए तथा पति अमरपाल सिंह के पास 14 लाख 12 हजार 86 रूपए व पुत्र के नाम 10 लाख 62 हजार 50 रूपए दर्शायी गई है। इसमें प्र्रमिला सिंह के हाथ 3 लाख नगद, विभिन्न बैंक खातों में 2496368 रूपए हैं। पति अमरपाल सिंह
के पास 12 हजार रूपए नगद तथा विभिन्न
बैंक खातों में 592782 रूपए बताए गए हैं। इसके अलावा प्रमिला सिंह के नाम विभिन्न बीमा राशि 387641 रूपए की है। कांग्रेसी प्रत्याशी
के पास वाहन टाटा सफारी कीमत 1391000 रूपए, आभूषण चांदी 1 किलोग्राम 38 हजार रूपए, सोना 405 ग्राम कीमत 1239000 रूपए दर्शाया गया है। जबकि पति अमरपाल सिंह के पास आभूषण
मात्र 30 ग्राम कीमत 91800 रूपए के हैं। प्रमिला सिंह
के पास .32 बोर रिवाल्वर कीमत 122513 रूपए तथा घरेलू सामान अनुमानित
2 लाख, पेट्रोल पम्प 10 लाख 81 हजार 137 रूपए(डीजल-पेट्रोल) की जानकारी
दी गई है। पति अमरपाल के पास .32 बोर रिवाल्वर कीमत 86117 रूपए, रायफल .22 बोर कीमत 14408 रूपए, घरेलू सामान अनुमानित कीमत 15 लाख रूपए की सम्पत्ति है। वहीं जमीनी सम्पत्ति में प्रमिला
सिंह के पास 1 एकड़
जमीन तो पति अमरपाल सिंह के नाम 17 एकड़ जमीन के साथ गैर कृषि भूमि लगभग 23 हजार 490 वर्ग फीट अनुमानित कीमत
1 करोड़ आंका गया है। प्रमिला
सिंह शिक्षा में एमए पास बताई गई है।
भाजपा प्रत्याशी 58 लाख नगद और सम्पति
भाजपा प्रत्याशी हिमाद्री सिंह द्वारा
शपथ पत्र में दिए गए जानकारी के अनुसार वह अपने पति नरेन्द्र मरावी से बहुत ज्यादा
अमीर है। हिमाद्री के पास 58 लाख 45 हजार 292 रूपए तो पति नरेन्द्र मरावी के पास मात्र 2 लाख 19 हजार 16 रूपए की सम्पत्ति है। हालंाकि
हिमाद्री के पास करोड़ों की जमीन है। निर्वाचन आयोग को दी गई जानकारी के अनुसार हिमाद्री
सिंह के पास नगद 50 हजार
रूपए तथा विभिन्न बैंकों में 790292 रूपए हैं। जबकि पति नरेन्द्र सिंह मरावी के पास नगद 5 हजार रूपए तथा विभिन्न बैंकों में
19095 रूपए हैं। हिमाद्री सिंह
के पास बीमा के रूप में 20 हजार रूपए, फॉच्र्युनर गाड़ी 35 लाख, 1 टै्रैक्टर 2.50 लाख, 35 तोला सोना 11 लाख 20 हजार रूपए, चांदी के बर्तन व जेवरात लगभग 13 लाख 5 हजार रूपए दर्शाए गए हैं। जमीन में
हिमाद्री ने शपथ पत्र में पति के साथ 1 करोड़ 5 लाख की सम्पत्ति बताई है। इससे पूर्व हिमाद्री सिंह ने पहली
बार लोक सभा उपचुनाव शहडोल 2016 में कांग्रेस की ओर से प्रत्याशी के रूप में अपनी सम्पत्ति
ब्यौरा में नगद 10 लाख
रूपए के साथ कुल 21 लाख
40 हजार तथा अचल सम्पत्ति 2 करोड़ 85 लाख रूपए का बताया था। हिमाद्री
शिक्षा में बीए उत्र्तीण है।
रविवार, 7 अप्रैल 2019
3 दिन की सुमन एवं नवजात बालक को पोलियो ड्रॉप पिलाकर कलेक्टर ने किया अभियान का शुभारम्भ
अनूपपुर। जिला चिकित्सालय
स्थित एनआरसी भवन में 3 दिवस की सुमन एवं नवजात बालक को पोलियो ड्रॉप पिलाकर राष्ट्रीय
सघन पल्स पोलियो टीकाकरण अभियान का शुभारम्भ रविवार को कलेक्टर चंद्रमोहन ठाकुर ने
किया। कलेक्टर ने शिक्षा विभाग एवं महिला एवं बाल विकास विभाग को स्वास्थ्य विभाग के
साथ सामंजस्य स्थापित कर अभियान को सफल बनाने में अपेक्षित सहयोग की बात कहीं। इस दौरान
कलेक्टर ने जिला चिकित्सालय के विभिन्न वार्डों
कि निरीक्षण किया एवं आवश्यक सुधार हेतु निर्देश दिए। जिला चिकित्सालय में स्थापित
वन स्टॉप सेंटर की व्यवस्था का निरिक्षण किया। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी
डॉ.आर.पी.श्रीवास्तव ने बताया कि जिले के चारो विकासखंडो में 7 अप्रैल से लेकर 9 अप्रैल
तक राष्ट्रीय सघन पल्स पोलियो टीकाकरण अभियान चलाया जाएगा। जिले में 991 बूथो में पोलियो
वैक्सिनेशन किया जाएगा। अनूपपुर विकासखंड में 164, जैतहरी विकासखंड में 142, कोतमा विकासखंड में 267 एवं पुष्पराजगढ़ विकासखंड में 396 बूथ
स्थापित किए गए हैं। 8 एवं 9 अप्रैल को घर
घर जाकर छूटे हुए बच्चों का टीकाकरण किया जाएगा। इस अभियान के तहत अनूपपुर जिले के
0-5 वर्ष आयु वर्ग के 114063 बच्चों का टीकाकरण का लक्ष्य है। अभियान के शुभारम्भ में
सिविल सर्जन डॉ.एस. आर .परस्ते, डॉ.आर.पी.सोनी,जिला टीकाकरण अधिकारी डॉ.एस.बी.चौधरी, उपस्थित रहे।
शनिवार, 6 अप्रैल 2019
अनूपपुर रेलवे स्टेशन में रेलवे डॉक्टर हेतु सर्वसुविधायुक्त क्लीनिक की मिली मंजूरी
अनूपपुर। बिलासपुर मंडल रेल प्रशासन
एवं रेलवे मजदूर कांग्रेस के मध्य पीएनएम बैठक ४ एवं ५ अप्रैल को डीआरएम सभागार में
मंडल रेल प्रबंधक आर.राजगोपाल के मुख्य आतिथ्य एवं अपर मंडल रेल प्रबंधक सौरभ बंदोपाध्याय
की अध्यक्षता में आयोजित की गई। बैठक में रेलवे कर्मचारियों के ओर से रेलवे मजदूर कांग्रेस,
बिलासपुर के मंडल समन्वयक
बी कृष्णकुमार, जोनल पदाधिकारी डी.के.स्वाइन,आशुतोष स्वर्णकार,लक्ष्मण राव , राजकुमार शांडे, बिलासपुर मंडल के सभी शाखा
सचिव मनेन्द्रग$ढ राजेश खोब्राग$डे, अनूपपुर
जयंतो दास गुप्ता, करंजी पप्पू सिंह, चाम्पा जे.पी. यादव, कोरबा प्रमोद पटेल, शहडोल संजय कुमार मेश्राम,
बिलासपुर सचिवगण जीएस
आइच, मलयशील,
एम. डब्लू. इस्लाम,
डी.डी. महेश,
एल.एल. पटेल,
व्ही. अनंत रामन,
नरेश कुर्रे आदि उपस्थित
रहे। वहीं इस १८ वीं स्थायी वार्ता में कर्मचारियों के हितों की ९६ मुद्दों पर चर्चा
हुई, जिस पर
लगभग ५५ मुद्दों पर रेल प्रशासन एवं कर्मचारी पक्ष के बीच में चर्चा उपरांत सहमति बनी।
बैठक में सबसे महत्वपूर्ण मुद्दा ट्रैकमैनों के १० प्रतिशत इंटेक कोटा के तहत विभाग
परिवर्तन कर दूसरे विभाग में जाने का अवसर, ब्रजराज नगर, मनेन्द्रगढ, अंबिकापुर, चाम्पा, कोरबा आदि क्षेत्रों में
स्वास्थ्य सुविधा बेहतर करने का प्रयास, जैतहरी मोजर वेयर सायडिंग में रनिंग कर्मचारियों के रेस्ट
हाउस की सुविधा बढ़ाने व उनके समस्याओं को निराकरण करने संयुक्त कमेटी का गठन,
मंडल के गुड्स गार्ड
एवं पैसेंजर गार्ड खाली पदों को भरने हेतु विशेष पहल करने का निर्णय, सफाई रेल कर्मचारियों के
रेलवे बोर्ड के नीति के तहत सम्मान जनक सहमति से विभाग परिवर्तन, रेल कर्मचारियों की विद्युत
कटौती की समीक्षा हेतु १० अप्रैल को विशेष बैठक करने का निर्णय, सभी आईओडब्लू ग्रुप-डी स्टॉफ
को वाटर बोटल सप्लाई करने का निर्णय, कमर्शियल विभाग के रूके हुए जूनियर कमर्शियल क्लर्क से
सीनियर कमर्शियल क्लर्क एवं सभी प्रमोशन को कोर्ट के आदेशों की समीक्षा करते हुए तत्काल
प्रमोशन जारी करना, ट्रैकमैनों के अलग से समस्या सुलझाने हेतु त्रैमासिक रनिंग बैठक की तरह इंजीनियरिंग
बैठक कराना, शहडोल रेलवे कॉलोनी में सिटी पुलिस थाना खोलने हेतु जमीन उपलब्ध कराना,
ऑपरेटिंग विभाग के
खाली ट्रैफिक असिस्टेंट के पदों को तत्काल भरना, अनूपपुर रेलवे स्टेशन में रेलवे डॉक्टर
हेतु सर्वसुविधायुक्त क्लीनिक की मंजूरी, मनेन्द्रगढ़ में कर्मचारियों को पैथोलॉजिकल टेस्ट की
मंजूरी दिलाई गई; एस एडं टी कर्मचारियों को ओवरटाइम भत्ता दिलाने हेतु मंजूरी,ट्रैकमेंटनरों को आर्टीजन
केटेगरी में पदोन्नति के लिए मंजूरी, ट्रैकमेंटनरों के एक डीटीएम से दूसरे डीटीएम स्थानांतरण
की मंजूरी, ब्रजराजनगर में दुर्घटना राहत ट्रेन में कार्यरत कर्मचारियों के लिए अलग से आवासों
का आबंटन, जीडीसीई कोटा के तहत सभी विभागों की मंजूरी दी जाएगी।
प्लेटफार्म क्रमांक 4 में स्थित पार्लर के स्टॉल नंबर 8 में लगी आग

महिला की चाकूओ से वार कर की गई हत्या का हुआ खुलासा,ब्लैकमेल करने पर की थी हत्या
अनूपपुर। चचाई थाना
क्षेत्र अंतर्गत 25 वर्षीय
महिला सपना उर्फ आरती मिश्रा की चाकूओं से गोदकर की गई हत्या का खुलासा 6 मार्च को अनूपपुर एसडीओपी उमेश गर्ग
में प्रेसवर्ता में जानकारी दी। एसडीओपी बताया कि 30 मार्च को अज्ञात 25 वर्षीय महिला की हत्या की सूचना मिलने के बाद जहां महिला की
पहचान धनपुरी नंबर 3 सपना
उर्फ आरती के रूम में की थी, विवेचना के दौरान परिजनो से पूछताछ पर पता चला की मृतिका अपने
पास मोबाइल फोन रखती थी, जहां घटना स्थल पर कोई भी मोबाइल फोन नही मिला था। जिसके बाद
एसडीओपी ने सायबर सेल से मृतिका के मोबाइल फोन का कॉल डिटेल निकलवाया जहां कॉल डिटेल
आने पर हत्या का खुलासा हो सका। कॉल डिटेल में मृतिका के मोबाइल से अंतिम बार हुए फोन
वाले एक व्यक्ति से पुलिस ने पूछताछ की गई। जहां उसने फोन किसी महिला नही बल्कि जगदीश
सिंह गोड़ पिता जग्गू सिंह गोड़ निवासी बरहा टोला थाना चचाई द्वारा बात करना बताया।
जहां पुलिस ने 6 अप्रैल
को हत्या की आशंका पर जगदीश सिंह गोड़ को गिरफ्तार किया गया। एसडीओपी ने बताया की आरोपी
जगदीश सिंह से की गई पूछताछ पर उसने हत्या करना स्वीकार करते हुए बताया कि हत्या के
बाद उसने मृतिका का मोबाइल फोन को उसने हत्या के बाद बुढ़ार थाना पहुंच शौच के लिए
टॉयलेट का उपयोग के बहाने अंदर गया और मोबाइल फोन को सेफ्टीटैंक में डाल दिया,
जिसके बाद पुलिस ने
बुढ़ार थाना के सेफ्टीटैंक तोड़ते हुए मृतिका का मोबाइल फोन, खून से सने आरोपी के कपड़े
एवं घटना में प्रयुक्त हुए मोटर साईकिल को पुलिस ने जब्त करते हुए आरोपी जगदीश सिंह
के खिलाफ धारा 201 तथा
जबरन महिला के साथ संभोग किए जाने पर धारा ३७६, ३७६ (2) के तहत मामला पंजीबद्घ करते हुए
आरोपी को गिरफ्तार करते हुए न्यायालय में पेश किया गया। थाना प्रभारी चचाई ने बताया
कि पूछताछ पर आरोपी जगदीश सिंह ने बताया की पिछले 1 वर्ष से उसका महिला के साथ संबंध था, जहां महिला कुछ दिनो से उससे
50 हजार की मांग को लेकर लगातार
ब्लैकमेल कर रही थी, जहां 29 मार्च
को भी पैसो की मांग को लेकर महिला जगदीश सिंह से मिली, जहां जगदीश सिंह ने बुढ़ार में पैसे
देने की बात कह महिला को मोटर साईकिल में बैठाकर बुढ़ार ले गया और वहां पर मृतिका के
मोबाइल फोन से किसी व्यक्ति को फोन कर 50 हजार रूपए मांगे जहां उसे व्यक्ति ने पैसा नही होने की बात
कही, जिसके
बाद जगदीश ने किसी और से पैसे की मांग को लेकर वापस आए, जहां दोनो ने शराब पी और आरोपी ने
जबरन महिला के साथ दुष्कर्म भी किया और उसके बाद चाकूओं से लगातार 20 से 25 वार कर महिला की हत्या कर
दी थी। वहीं पूरे मामले में आरोपी को पकडने एवं हत्या की गुत्थी सुलझाने में उप निरीक्षक
महिपाल प्रजापति,सहायक उप निरीक्षक एस.के.अहिरवार, आर.एन. तिवारी, सरिता लकडा एवं आरक्षक रितेश सिंह,
मनीष सिंह,
अरविंद परमार का विशेष
योगदान रहा।
अनुसूचित जाति महाविद्यालय छात्रावास में आयोजित हुआ विधिक साक्षरता शिविर

पत्नी के पक्ष मे आईएएस पति कर रहे चुनाव प्रचार,भाजपा ने की निर्वाचन आयोग से शिकायत
अनूपपुर। शहडोल संसदीय
क्षेत्र मे कांग्रेस प्रत्याशी प्रमिला सिंह के पक्ष मे उनके पति अमरपाल सिंह मैदान
में उतर आए हैं। आईएएस अमरपाल सिंह संसदीय क्षेत्र अन्तर्गत उमरिया जिले मे कलेक्टर
रहे हैं। आईएएस पति द्वारा पत्नी के पक्ष में चुनाव प्रचार करने की सूचना से भाजपा
ने शनिवार को निर्वाचन आयोग से इसकी शिकायत की है। भाजपा विधि प्रकोष्ठ के अध्यक्ष
महेन्द्र सिंह पटेल द्वारा निर्वाचन आयोग सहित अन्य संबधितों को की गयी शिकायत में
कहा गया है कि अमरपाल सिंह कांग्रेस प्रत्याशी प्रमिला सिंह के पति हैं। मार्च 2019
तक वे उमरिया कलेक्टर थे। इससे पूर्व वे लगातार अनूपपुर, शहडोल जिले मे विभिन्न पदों पर पदस्थ
रहे हैं। आचार संहिता लगने के बाद भाजपा की शिकायत के बाद इन्हे उप सचिव भोपाल बना
दिया गया। शिकायत में कहा गया है कि अमरपाल सिंह अपने रुतबे का इस्तेमाल कर कटनी,
उमरिया, शहडोल के कर्मचारियों पर
लगातार कांग्रेस के पक्ष में दबाव बना रहे हैं। शिकायत कर्ता ने अरोप लगाया है कि भोपाल
सचिवालय से गायब रह कर शहडोल संसदीय क्षेत्र मे अपनी पत्नी के पक्ष में चुनाव प्रचार
कर रहे हैं। इसकी पुष्टि सचिवालय के सीसीटीवी फुटेज से तथा काल डिटेल्स से की जा सकती
है। शिकायत कर्ता ने आयोग से मांग की है कि अमरपाल सिंह को चुनाव समय तक प्रदेश से
बाहर भेजा जाए ताकि वे अपने प्रभाव का बेजा इस्तेमाल ना कर सकें।
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