https://halchalanuppur.blogspot.com

शनिवार, 21 नवंबर 2020

बिना जांच को मजबूर किसान कर रहें खेती,शासन से नही मिला लक्ष्य


खंडहर होते मिट्टी परीक्षण केन्द्र,कर्मचारी झेल रहे बेरोजगारी की मार

अनूपपुर किसानों के खेत की उर्वरा क्षमता पता लगा कर मिट्टी को उपजाऊ बनाने के लिए शासन द्वारा मिट्टी परीक्षण किया जाता है लेकिन इस वर्ष कोरोना महामारी की वजह से मिट्टी परीक्षण का काम ठप पड़ा हुआ है। नया लक्ष्य ना आने से किसानों को बिना मिट्टी जांच कराए ही फसल लेनी पड़ रही है तथा नए नियमों के आने से मृदा परीक्षण केंद्र में मे ताले लटके हैं। आउट सोर्स कर्मचारी रखे गए थे वह भी अब काम बंद होने से बेरोजगारी की मार झेल रहे हैं

मिट्टी में जरूरी पोषक तत्व हैं या नहीं का पता लगाने के लिए मृदा परीक्षण योजना कृषि विभाग द्वारा लागू की गई है। इसके अंतर्गत खेतों की मिट्टी के नमूने लेकर जांच कर मिट्टी में जिन तत्वों की कमी निकल कर आती है उसे दूर करने के उपाय किसानों को बताए जाते हैं जिससे वे बेहतर फसल ले सकें। कृषि विभाग द्वारा जिला मुख्यालय सहित कोतमा जैतहरी और पुष्पराजगढ़ विकासखंड में मृदा परीक्षण केंद्र स्थापित किए गए हैं। जहां मिट्टी की जांच प्रयोगशालाओं में किए जाते हैं लेकिन इस वर्ष कोरोना महामारी की वजह से सभी मिट्टी परीक्षण केंद्र बंद पड़े हुए हैं।

शासन द्वारा मिट्टी परीक्षण का हर वर्ष लक्ष्य निर्धारित किया जाता है जो अभी तक नहीं आया है। एक अप्रैल से 31 मार्च तक मिट्टी परीक्षण का लक्ष्य निर्धारित होकर पूरा किया जाता है। गेहूं की फसल किसान द्वारा ली जा रही हैं लेकिन मिट्टी परीक्षण की जो सुविधा विभाग किसानों को देता आया है वह इस वर्ष अभी तक शुरू नहीं हो पाया है। पिछले वर्ष 1337 का लक्ष्य विभाग को मिला था। मिट्टी परीक्षण के कार्य में विभाग स्तर पर लगातार बदलाव किए जाने से यह व्यवस्था किसानों को पर्याप्त लाभ नहीं पहुंचा पा रही है।

पहले विभाग द्वारा पूरे जिले के किसानों का मिट्टी परीक्षण किया जाता था और यह कार्य खुद विभाग करता था। पिछले वर्ष मिट्टी परीक्षण के लिए नई व्यवस्था लागू करते हुए प्रत्येक विकासखंड में एक गांव का नमूना लिया जाने लगा जिससे लैब में कम नमूने पहुंचने लगे। हालांकि किसानों द्वारा खुद मिट्टी परीक्षण कराने शुल्क पूरी तरह से माफ रखा गया है लेकिन पहले विभाग द्वारा जिले के सभी किसानों का मिट्टी परीक्षण कराया जाता था अब उसमें कई बदलाव ला दिए गए जिससे परीक्षण का कार्य सिमट कर रह गया है।

इधर कोरोना महामारी के कारण मिट्टी जांच भी प्रभावित हो गई है और जांचने वाले कर्मचारी भी। बताया गया मिट्टी परीक्षण प्रयोगशाला खोले जाने के बाद आउट सोर्स कर्मचारी रखे गए जिन्हें एक मिट्टी नमूने के एवज में भुगतान किया जाता। जिले में 13 कर्मचारी विकासखंड स्तर के मिट्टी परीक्षण प्रयोगशाला में इस कार्य हेतु रखे गए जो कि मार्च माह के बाद से मिट्टी परीक्षण का कार्य बंद होने से बिना काम के रह गए हैं, अब यह कर्मचारी दूसरे रोजगार तलाश में हैं। कर्मचारियों का कहना हैं कि निर्धारित मानदेय मासिक रूप से न मिलने के कारण उन्हें आर्थिक परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।

जैतहरी स्थित मिट्टी परीक्षण प्रयोगशाला दो वर्ष से बनकर तैयार है लेकिन यह विभाग को अभी तक हस्तांतरित नहीं किया गया जिससे भवन धीरे-धीरे खंडहर होता जा रहा है, जो चारों तरफ से झाडिय़ों से घिरा हुआ है। जिससे परीक्षण का कार्य प्रभावित है।

ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी जैतहरी एसएल उद्दे ने बताया कि मिट्टी परीक्षण प्रयोगशाला अभी हमें सुपुर्द नहीं हुआ है, जो भी यहां जांच के लिए किसान आते हैं अनूपपुर से मिट्टी की जांच करा दी जाती है। नया लक्ष्य आने वाला है, आते ही क्षेत्र के ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारियों को मिट्टी नमूने के लक्ष्य लेने हेतु निर्देशित किया जाएगा।

 

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

सोते समय जहरीला कीड़ा काटने से युवती की मौत,परिवार में पसरा मातम

  अनूपपुर । कोतवाली थाना अनूपपुर अंतर्गत ग्राम बरबसपुर निवासी युवती को गुरुवार एवं शुक्रवार रात्रि सो रही थी सुबह जहरीले कीड़े ने हाथ की को...