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गुरुवार, 2 मई 2019

तापमान बढऩे के साथ पानी के लिये मचा हा हा कार

आदेशों के बाद भी नही सुधार,विभागीय आनाकानी
अनूपपुर जैसे-जैसे भास्कर अपना रौद रूप दिखा रहे वैसे-वैसे जिले के शहर और गांव में जल संकट गहराता जा रहा है। प्रशासन बैठको में बार-बार इन्हे समय से पहले दुरूस्त करने की बात सम्बधित विभाग के अधिकारी को निर्देशित किया बजूद इसके विभागीय आनाकानी से भीषण गर्मी में जलसंकट से प्रभावित क्षेत्रों में जलापूर्ति का अभाव दिख रहा है। शासन और प्रशासन द्वारा जारी किए गए आदेश हवा-हवाई हो गए है। जिले में जलसंकट प्रभावित गांवों के सर्वेक्षण के साथ जलापूर्ति की व्यवस्थाओं का शत प्रतिशत उपाय नहीं किए गए हैं। जिले के चारों विकासखंडों में 10 नलजल योजना सहित 150 से अधिक हैंडपम्प रखरखाव के अभाव में बंद पड़े है। हालांकि पीएचई विभाग खुद गर्मी के दिनों में गिरने वाली जलस्तर में 10 नलजल योजनाओं से अधिक सहित लगभग 200 हैंडपम्पों को बंद होने की बात मान रहा है। अनूपपुर जिले के अधिकांश ग्रामीण अचंल जलसंकट की समस्या से जूझ रहे है। अनूपपुर, कोतमा, जैतहरी तथा पुष्पराजगढ़ के पठारी क्षेत्र में निवासरत लोग बूंद-बूंद पानी के लिए ग्रामीण तरस रहे हैं। ग्रामीण पानी के अभाव में तालाब, झिरिया, नाला सहित दूर-दराज के जलस्त्रोत से पानी लाकर अपनी दैनिक जरूरतें पूरी कर रहे हैं। इनमें अनूपपुर के पड़ौर, भाद, भालूमाड़ा, पयारी, लतार, क्योंटार, आमाडांड क्षेत्र, राजनगर, बिजुरी, रामनगर, जैतहरी ग्रामीण अंचल सहित पुष्पराजगढ़ के बड़ी तुम्मी सहित पड़मनिया, गिरारी,तथा छोटी तुम्मी जैसे सुदूर ग्राम पानी के लिए हा हा कार मचा हैं। जिला प्रशासन ने जलसंकट से प्रभावित गांवों का न तो सर्वे कराया गया है और ना ही बंद पड़े नलजल योजनाओं को चालू कराने की पहल की जा रही है। विभागीय जानकारी के अनुसार जिले के दो विकासखंड जैतहरी और कोतमा में ठेकेदारी व्यवस्था के तहत हैंडपम्प और नलजल योजनाओं का कार्य कराया जाता है। लेकिन अनूपपुर और पुष्पराजगढ़ में ठेकेदारी व्यवस्था नहीं अपनाई गई है। जिसके कारण इन क्षेत्रों में उपयंत्रियों की मदद से ही बोर और सुधार कार्य कराए जाते हैं। आंकड़ों में देखा जाए तो जिले में 9569 हैंडपम्प और 177 नलजल योजनाएं लगाई गई है। जिसमें लगभग दो सैकड़ा हैंडपम्प बंद तथा 10 से अधिक नलजल योजनाएं विभिन्न कारणों से बंद पड़ी है। यह समस्या जिले में प्रत्येक वर्ष बनती है, जिनमें पुष्पराजगढ़ विकासखंड सबसे अधिक प्रभावित क्षेत्र माना गया है। दूरस्थ क्षेत्रों में ग्रामीण व्यवस्थाएं बनी होने के कारण ऐसे स्थानों पर तकनीकि कर्मियों के अभाव में पानी की समस्या से लोगों को सालों पर जूझना पड़ता है।
10 नलजल 150 से अधिक हैंडपम्प बंद
विभागीय जानकारी के अनुसार अनूपपुर विकासखंड में 2124 हैंडपम्प हैं, जिनमें 2100 चालू तथा 24 बंद हैं, जबकि जैतहरी विकासखंड में 3148 हैंडपम्प है इनमें चालू 3110 तथा 38 बंद है। इसी तरह कोतमा में कुल 1509 हैंडपम्प जिनमें चालू 1493 तथा बंद 16 और पुष्पराजगढ़ में कुल 2788 हैंडपम्पों में 2741 चालू तथा 47 बंद हैं। जबकि नलजल योजनाओं में अनूपपुर में कुल 50 नलजल योजनाओं में 48 चालू और 2 बंद हैं। जैतहरी विकासखंड में स्थापित 48 नलजल योजनाओं में 47 चालू और 1 बंद हैं। इसी तरह कोतमा में कुल 24 नलजल योजनाओं में 23 चालू और 1 बंद हैं। वहीं पुष्पराजगढ़ विकासखंड में 55 नलजल योजनाओ में 49 चालू और 6 बंद हैं। विभाग का मानना है कि गर्मी के दिनों में जलस्तर कम होने के कारण ऊंचे स्थानों मेंं नलजल योजनाओं तथा हैंडपम्पों में पानी ऊपर आने में समस्या बनती है।

हिन्दुस्थान समाचार/राजेश

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