अनूपपुर। ग्राम से कस्बा
और 2003 में अनूपपुर जिले का रूप
लिया। इसके बाद कस्बा धीरे-धीरे शहर का स्वरूप ले रहा है जिससे शहर का आकार बढ़ रहा
है,ऐसे में
भारी वाहनो के लिये शहर के बाहर से सड़क का निर्माण जरूरी है। इसके लिये कृषि उपज मंडी
से कलेक्ट्रेट कार्यालय तक बनाई जाने वाली बाईपास मार्ग के निर्माण की रूपरेखा बनी
किन्तु तकनीकि अड़चनों व प्रशासकीय उदासीनता का शिकार बनी है। 104 लाख रूपए की लागत
से बननी वाली 1 किलोमीटर लम्बी डामरीयुक्त सड़क के निर्माण की टीसी पीडब्ल्यूडी विभाग
ने 3 साल पूर्व अपने उच्च शाखा को भेज दी है, लेकिन सड़क निर्माण की प्रक्रिया
के लिए अबतक हरी झंडी नहीं मिल सकी है। जिसके कारण शहर में भारी वाहनों का प्रवेश जारी
है। बायपास सड़क के अभाव में भारी वाहनों के प्रवेश से यातायात व्यवस्था बिगड़ गई है।
आबादी वाले क्षेत्रों में भारी भरकम वाहनों के प्रवेश से हादसों की आशंका बनी रहती
है। बताया जाता है कि बायपास मार्ग निर्माण के लिए लोक निर्माण विभाग अनूपपुर ने दो
बार सर्वे भी कराया और उसके इस्टमेट भेजे। लेकिन हर बार टीसी सेक्शन में मामला अड़ा
और विभाग को रिवाईज प्रक्रिया अपनानी पड़ी। अंतिम प्राक्कलन जून 2016 में की गई सर्वे
प्रक्रिया के बाद दिसम्बर में भेजा गया था। लोक निर्माण विभाग की माने तो पूर्व में
सड़क निर्माण के लिए प्रशासकीय स्तर पर एसओआर पर विभाग ने कार्य कराने से मना कर दिया
था। इसमें विभाग का तर्क था कि आगामी निर्माण में दर पर विवाद की स्थिति बन सकती है।
इसके लिए विभाग ने प्रथम भेजी गई रिपोर्ट पर नया एसओआर बनाकर विभाग को भेजने के निर्देश
दिए। वर्तमान में जिला मुख्यालय के जैतहरी, कोतमा, शहडोल व अमरकंटक जैसे स्थानों पर
जाने के लिए चारों दिशाओं में अलग अलग मुख्य मार्ग बने हुए हैं। इनमें सर्वप्रथम शहडोल
बाया अनूपपुर से कोतमा जोडने की पहल पर सर्वे कार्य कराया गया। जिसमें 13 फीट चौड़ी
व एक किलोमीटर लम्बी सड़क बनाए जाने के प्रस्ताव पर योजना बनाई गई। लेकिन अमरकंटक से
कोतमा, जैतहरी
से कोतमा, कोतमा से जैतहरी तथा अमरकंटक जाने वाली अन्य मुख्य मार्ग को जोडऩे के लिए बायपास
सड़क योजना पर अबतक कोई कार्ययोजना तैयार नहीं किया गया है। प्रशासन का मानना है कि
शहरी विकास परियोजना के अंतर्गत अनूपपुर जिला मुख्यालय विस्तृत क्षेत्र बनता जा रहा
है जहां भारी वाहनों का मार्ग के अभाव में शहरी क्षेत्र में दिनरात प्रवेश हो रहा है।
इससे किसी बड़े दुर्घटना के साथ सड़कों को भी नुकसान होने की सम्भावना बनी रहती है।
जबकि कभी कभी वाहनों के बिगडने पर जाम स्थिति स्थिति निर्मित हो जाती है। अनूपपुर-जैतहरी मार्ग की मुख्य नगरीय क्षेत्र का
2 किलोमीटर हिस्सा प्रतिदिन मौत के साए से खौफजादा है। नगर की अत्याधिक धनी आबादी सहित
व्यापारिक प्रतिष्ठानों के साथ जिला अस्पताल, एक्सीलेंस स्कूल, तहसील कार्यालय, न्यायालय तथा कॉलेज जैसे
संस्थान के बावजूद सैकड़ों की तदाद में कैप्सूल वाहन, कोयला लदा ट्रक,रेत और पत्थरों से लदा डम्फर
तेज रफ्तार में दौड़ती नजर आती है। जहां थोड़ी सी चूक में दर्जनों जानें एक साथ खत्म
हो जाएगी। इसके अलावा अनूपपुर सामतपुर चौराहा-कोतमा मार्ग भी खतरों से भरा मार्ग माना
गया है।
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