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घने कोहरे में शहर |
प्रशासन ने अधिकारियों से
क्षेत्र निरीक्षण कर मांगी रिपोर्ट
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दर्जनभर गांव ओलावृष्टि में |
अनूपपुर। मौसम में लगातार आ रही तब्दीली और दो दिनों से हो रही बारिश के साथ
ओलावृष्टि से जिले के अधिकांश हिस्सा प्रभावित हुआ है। 23 फरवरी की
अहले सुबह सफेद घने कोहरे ने शहर को अपने आगोश में सिमट रखा था। चंद कदमों की
विजिविलिटी के अलावा दूर स्थानों को देखना मुश्किल था। इस दौरान सुबह 5 बजे
से लेकर 9.30 बजे तक वातवरण में कोहरे के साथ नमी का माहौल बना रहा। दूसरे
दिन रविवार को भी शाम हुई बारिश के साथ ओलावृष्टि में लगभग दर्जनभर से अधिक गांव
की हजारो हेक्टेयर भूमि की फसल को नुकसान पहुंचा है। इनमें जैतहरी विकासखंड की
लगभग आधादर्जन गांव वेंकटनगर, खोड्री, सुलखारी,
सिंघौरा,
चोरभटी,
गोधन,
लखनपुर,
दुधमनिया,
धिरौल,
डोंगराटोला,
किरर
सहित अन्य आसपास के गांव शामिल हैं। वहीं जिले में हुई बारिश के दौरान पुष्पराजगढ़
क्षेत्र में भी ओलावृष्टि की सम्भावना जताई जा रही है। ग्रामीणों का कहना है कि
बारिश से पूर्व सूखे रूप में लगभग एक से डेढ़ मिनट तक चना और आंवला आकार की
ओलावृष्टि हुई है, इसके बाद बारिश के साथ भी बड़ी आकार में ओलावृष्टि ने लगभग 4-5
मिनट से अधिक समय तक कहर बरपाया है। जिले के अनुविभागीय अधिकारी राजस्व ने आशंका
जताई है कि ओलावृष्टि के प्रकोप में दर्जन से अधिक गांव शामिल हो सकते हैं। लेकिन
इसकी वास्तविक रिपोर्ट 24 फरवरी को सर्वेक्षण उपरांत ही सामने आ
पाएगी। वहीं राजस्व अधिकारियों ने पटवारी, आरआई सहित अन्य राजस्व अमले को
अपने अपने क्षेत्रों का निरीक्षण कर वास्तविक रिपोर्ट देने के निर्देश दिए हैं।
उपसंचालक कृषि एनडी गुप्ता ने बताया कि ओलावृष्टि का प्रभाव जिले के कुछ हिस्सों
में अवश्य पड़ी है। जिसमें जैतहरी विकासखंड का अधिकांश हिस्सा प्रभावित होने की
बात सामने आई है। लगातार बारिश और ओलावृष्टि से गेहूं के साथ दलहनी खासकर तुअर,
मटर,
मसूर,
चना
सहित तिलहनी फसल सरसों की फसल को अधिक नुकसान होगा। इसके अलावा तेज बारिश से फूल
निकलने की तैयारी में मसूर, की फसल को अधिक नुकसान हो सकता है।
बारिश के कारण फूल काले पड़कर झड़ जाएंगे। साथ ही बटरा की फसल भी प्रभावित होगी।
बारिश के कारण मसूर और अलसी में उकथा रोग प्रभावित करेगा। तिलहनी सरसों में माहू
का प्रकोप बढ़ेगा और फसल को नुकसान पहुंचाएगा। वहीं टमाटर, की फसल को भी
नुकसान होगा। उल्लेखनीय है कि इससे पूर्व जनवरी माह में हुई ओलावृष्टि से
पुष्पराजगढ़ के उमनिया, वेलगवां, अमगवां,
करौंदी,
अचलपुर,
बघर्रा
सहित आसपास के गांव प्रभावित हुए थे।
जहां लगभग 250
-300
हेक्टेयर में लगी फसलों को नुकसान पहुंचा था। फिलहाल 23
फरवरी को
हुई बारिश और ओलावृष्टि में जिले के चारो विकासखंड अनूपपुर,
कोतमा,
जैतहरी
और पुष्पराजगढ़ की फसलों को नुकसान पहुंचा है। जहां राजस्व अमला ओलावृष्टि
प्रभावित गांवों के निरीक्षण और नुकसान के आंकड़ों को खंगालने में जुटा है। फिलहाल
ओलावृष्टि की मार से किसानों को अधिक नुकसान उठाना पड़ सकता है और इससे उबरने में
अभी समय लगेगा।
24 घंटे में बारिश की बूंदो ने 10.8
मिमी दर्ज
रात हुई झमाझम बारिश के बाद
रविवार को दिनभर आसमान पर काले बादलों की जमघट लगी रही और बारिश बरसी, वहीं
पश्चिमी दिशा से बह रही तेज हवाओं के कारण वातावरण में ठंड बनी रही। रात के समय
बारिश की आशंका जताई गई है। जबकि अधीक्षक भू-अभिलेख अधिकारी एसएस मिश्रा के अनुसार
जिले में बीते 24 घंटे में 10.8 मिलीमीटर
औसत वर्षा दर्ज की गई। वर्षामापी केन्द्र अनूपपुर में 8.5, जैतहरी
में 14.6, पुष्पराजगढ़ में 7.6, अमरकंटक
में 5.0, बिजुरी में 2.6, वेंकटनगर में
45.0.,
बेनीबारी
में 0, कोतमा 3.0 मिलीमीटर
वर्षा दर्ज की गई है।
सर्वेक्षण के दिए गए निर्देश
कलेक्टर चंद्रमोहन ठाकुर ने
बताया कि कुछ स्थानों पर ओलावृष्टि की सूचना है। राजस्व अमला को सर्वेक्षण के
निर्देश दिए गए हैं,जानकारी मिलने के उपरांत ही वास्तविक नुकसान का आंकलन किया जा
सकेगा।