अनूपपुर। पूरे भारत में 22 मई को अखिल भारतीय विरोध दिवस मनाया गया जिसमे सभी श्रम संगठनों के कर्मचारियों ने काला फीता बांधकर कार्य किया। एनएफआईआर नई दिल्ली के राष्ट्रीय महामंत्री डां. एम राघवैया एवं राष्ट्रीय उपाध्यक्ष एवं रेलवे मजदूर कांग्रेस बिलासपुर के महामंत्री के.एस.मूर्ति के नेतृत्व सभी रेलवे जोन के कर्मचारियों शुक्रवार को अपने कार्य के दौरान काला फीता बांधकर श्रम कानून में बदलाव, सरकारी सम्पत्ति के निजीकरण का विरोध किया, इसके साथ-साथ देशभर के विभिन्न क्षेत्रों के कामगार कोयला, विद्युत, संचार व संगठित असंगठित क्षेत्र के कामगारों ने भी विरोध प्रदर्शन में शामिल हुए।
रेलवे मजदूर कांग्रेस बिलासपुर के संयुक्त महामंत्री व कोयलांचल प्रभारी लक्ष्मण राव ने बताया बिलासपुर रेलवे जोन के तीनों मंडल में समन्यवक नियुक्त किया गया जिसमे नागपुर पीतांबर लक्ष्मीनारायण, बिलासपुर बीकृष्ण कुमार एवं रायपुर डी विजय कुमार के नेतृत्व में रेलवे कर्मचारी ने काला फीता बांधकर श्रम कानून संशोधन व केन्द्र सरकार के मजदूर विरोधी फैसले का विरोध किया। अनूपपुर रेल्वे स्टेशन में राव के नेतृत्व में रेलकर्मीयो ने अपना विरोध दर्ज कराया।
इस दौरान उन्होने वर्तमान केन्द्र सरकार पूंजीपतियों की हितैषी सरकार बताते हुए कहा मेहनतकश मजदूरो के प्रति संवेदनशील व सही नीति ना होने से शोषण का शिकार होकर लोग रेल व सड़क मार्ग से हजारों किलोमीटर पैदल चलने पर मजबूर है। सरकार के इशारे पर श्रम कानून में व्यापक परिवर्तन कर मजदूर का कानूनी अधिकार छिन रही उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश सरकारों ने केन्द्र सरकार श्रम कानून को बदलने का काम किया है।
इसके साथ ही नौकरी की सुरक्षा खत्म करना, काम के घंटे ज्यादा करना, मजदूरी कम करना, समाजिक सुरक्षा में कटौती, कर्मचारी संगठनों के अधिकारों का खात्मा, बोनस एक्ट खत्म करना, बंधुवा मजदूर नीति लागू करना, पूंजीवादी नीति से मजदूर के हक छीनना जैसे मजदूर विरोधी फैसले का संकेतिक विरोध किया गया।