कोतमा में 24 से
अधिक,जैतहरी
में 12 गांव में ओला ने बरपाया कहर,आम और महुआ
के बौर पत्ते भी झड़े
अनूपपुर।
जिले में पिछले 19 दिनों से लगातार रूक रूककर हो रही असामायिक बारिश और
ओलावृष्टि का कहर किसानों कड़ी मेहनत के बाद तैयार होने वाली फसलों पर जारी है। १९
मार्च को जिले के चारो विकासखंड में ओलावृष्टि और बारिश से खेतों में लगी सैकड़ो
हेक्टेयर की फसल को प्रभावित किया है। इनमें सबसे अधिक कोतमा विकासखंड में
ओलावृष्टि का कहर बरपा, जहां 50 ग्राम वजन
के आसमान से ओला बरसे। जिसमें गेहूं, चना, आम, महुआ
सहित दलहनी और तिलहनी फसलों को नुकसान पहुंचाया है। ओलो की मार में आम और महुआ के
बौर सहित उसके पत्ते से टहनियों से झड़कर जमीन पर गिर पड़े हैं। गुरूवार को मौसम
के बदले मिजाज में जिले के तीन नगरीय क्षेत्र जैतहरी, भालूमाड़ा
(पसान नगरपालिका)और कोतमा सहित आसपास के तीन दर्जन गांव से अधिक क्षेत्रों में लगी
रबी की फसल ओलावृष्टि की मार से प्रभावित हुई है। कोतमा विकासखंड में सुबह 11 बजे
बिना बारिश लगभग 20 मिनट तक 30-50 ग्राम वजन
के रूप में ओलावृष्टि हुआ। जिसके उपरांत तेज झमाझम बारिश हुई। लोगों को लगा बारिश
के उपरांत मौसम साफ हो जाएगा। लेकिन फिर मौसम में तब्दीली आई और प्रथम ओलावृष्टि
के एक घंटा बाद पुन: दोबारा ओलावृष्टि हुई जो 5-7
मिनट तक बरसे। हालांकि इस बार चना और आवंला आकार के रूप में ओला गिरे। लेकिन पहली
बार में हुई ओलावृष्टि से फसलों को अधिक नुकसान पहुंच चुका था। जानकारी के अनुसार
असामायिक बारिश और ओलावृष्टि में अनूपपुर विकासखंड के आमाडांड, सेमरा,राजनगर,
बरतराई,झिरियाटोला
में ओलावृष्टि हुई है।
कोतमा विकासखंड के पसान नगरपालिका, कोतमा नगर
सहित दारसागर, पोंडी, परासी, बेलियाछोट,
चंगेरी,
पडोर,
हरद,
मोहरी,
पैरीचुआ,
पयारी,
बरबसपुर,
निगवानी,
बसखली,
रेउला,
देवगवां,
केशवाही
सहित अन्य गांव में ओला का कहर के रूप में आसमान से बरसा। वहीं जैतहरी विकासखंड के
जैतहरी नगरीय क्षेत्र सहित आदर्श गांव, धनगवां, सिवनी,
महुदा,
क्योंटार,
गुआरी,
चांदपुर,
बेलिया,
अमगवां,
मुंडा,
खूंटाटोला,
पपरोडी,
लपटा
व अन्य गांव में बारिश के साथ ओलावृष्टि हुई। जिसमें यहां भी सैकड़ों हेक्टेयर की
लगी रबी फसल को नुकसान पहुंचा है। इसी तरह पुष्पराजगढ़ विकासखंड में बारिश के साथ
ओलावृष्टि की सूचना है, जिसमें फसलों के नुकसान की आशंका जताई
गई है। विदित हो कि लगातार बारिश के उपरांत 18 मार्च को
तीखी धूप निकली थी, जिसके बाद किसानों को लगा कि अब बारिश और ओलावृष्टि नहीं होगी।
लेकिन 19 मार्च की सुबह अचानक मौसम ने करवट बदली, देखते ही
देखते आसमान काले बादलों से घिर गया। बादल इतने घनघोर नजर आए कि वातावरण में
अंधेरा छा गया और जगह जगह ओलावृष्टि के साथ झमाझम बारिश हुई। अनूपपुर जिला
मुख्यालय सहित जैतहरी, कोतमा, पसान,
बिजुरी,
राजेन्द्रग्राम
सहित अन्य हिस्सों में तेज हवाओं के साथ बारिश भी हुई है।
उल्लेखनीय है
कि इससे पूर्व भी जिले में ओलावृष्टि के कारण चारो विकासखंड के 19 गांव
के 1376 किसानों की लगभग 624 हेक्टेयर की फसल बर्बाद हो गई
थी। जिसमें गेहूं के साथ चना, अलसी, दलहन और अन्य
फसलें शामिल है। जिससे अभी किसान उबर भी नहीं पाए थे और राजस्व विभाग पूरी तरह सर्वेक्षण भी नहीं कर पाया था कि 19
मार्च की सुबह बारिश और ओलावृष्टि से किसानों की कमर तोड़ दी। पत्रिका की लगातार
बारिश और ओलावृष्टि में बर्बाद हुए किसानों की खबरों पर 18 मार्च को
शहडोल कमिश्नर जैतहरी के प्रभावित गांवों के निरीक्षण में पहुंचे थे, किसानों
से चर्चा कर उन्हें मुआवज प्रदान करने के प्रति आश्वस्त करते हुए राजस्व विभाग से
सर्वेक्षण को शीध्र पूरा कराने के निर्देश दिए थे। कृषि विभाग उपसंचालक एनडी
गुप्ता का कहना है कि इससे पूर्व हुई ओलावृष्टि और बारिश से रबी की फसलों को अधिक
नुकसान पहुंचा है। कुछ क्षेत्रों में ओला से फसलें बची थी और सम्भावना थी कि
किसानों की फसल यहां बच जाएगी। लेकिन अब प्रकृति की मार में बचे हुए हिस्से भी
प्रभावित होने लगे हैं।
दो घंटे तक
खेतों में पसरा रहा ओला
कोतमा
क्षेत्र के किसानों का कहना है कि सुबह बिना बारिश ओलावृष्टि गिरना आरम्भ हुआ,
जो
20
मिनट तक गिरा, इसके साथ हल्की बूंदाबांदी भी हुई। लेकिन खेतों में गिरा ओला
लगभग दो घंटे तक जमा रहा। परिणामस्वरूप तेज हवाओं के कारण वातावरण में ठंडक बन
आई।
एसडीएम पुष्पराजगढ़ विजय डहेरिया ने बताया कि गुरूवार को
पुष्पराजगढ़ में हुई बारिश और ओलावृष्टि को लेकर सर्वे के निर्देश राजस्व अमला को
दिए हैं। जानकारी और क्षतिग्रस्त फसलों के आंकड़े मंगवाए गए हैं।