जिले के 8 उपार्जन केन्द्रो
में 1459
किसान पंजीकृत
अनूपपुर। प्रदेश शासन द्वारा
कृषि को लाभ का धंधा बनाने के लिए अनेको योजनाओ के माध्यम से किसानो को लाभ दिलाने
प्रयास किया जा रहा है। जिसमें इस वर्ष किसानो की गेहूं जिले में बनाए गए 8 उपार्जन केन्द्रो
में 1735 रूपए
प्रति क्विंटल समर्थन मूल्य पर खरीदी किए जाने के साथ ही कृषि विभाग से प्रति
क्विंटल के हिसाब से 265
रूपए प्रोत्साहन राशि भी प्रदान किए जाने के निर्देश दिए गए है। लेकिन २५ मार्च से
प्रारंभ हुई गेहूं खरीदी में 18
दिन बीत जाने के बाद भी अब तक जिले के एक भी किसानो ने अपना गेहूं उपार्जन
केन्द्रो तक नही लाया।
जिले में
बनाए गए 8
उपार्जन केन्द्र
समर्थन मूल्य
पर गेहूं खरीदी के लिए इस वर्ष जिले भर में 8
खरीदी केन्द्र बनाए गए है, जहां
से इस वर्ष समर्थन मूल्य पर किसानो की उपार्जित गेहूं की खरीदी जिले के आदिम जाति
सेवा सहकारी समिति के माध्यम से की जाएगी। जिनमें अनूपपुर, कोतमा, जैतहरी, बेनीबारी, भेजरी, दुलहरा, फुनगा तथा
राजेन्द्रग्राम बनाए गए है, जहां
पर जिले के किसान अपने-अपने क्षेत्र अंतर्गत आने वाले उपार्जन केन्द्रो में अपनी
गेहूं की फसल को बेचेगें।
1459
पंजीकृत किसान बेचेगे अपनी फसल
जिले में
बनाए गए गेहूं उपार्जन केन्द्र में जिले के 1459
पंजीकृत किसान ही अपनी फसल बेच सकेगे। कनिष्ठ आपूर्ति अधिकारी प्रदीप द्विवेदी ने
बताया की पिछले वर्ष गेहूं की खरीदी के लिए पंजीकृत 1101 किसानो से गेहूं
खरीदी की गई थी, जिसके
बाद इस वर्ष 358
नए किसानो को पंजीकृति किया गया है। जहां जिले के खरीदी केन्द्रो के माध्यम से इस
वर्ष 1459
किसान अपनी गेहूं को समर्थन मूल्य में बेचेगे।
खाद्य
अधिकारी उदासीन
जहां इस वर्ष
समर्थन मूल्य का की जा रही गेहूं खरीदी प्रारंभ होने के १८ दिन बाद भी ८ उपार्जन
केन्द्र सूने पड़े हुए है, वहीं
जिला खाद्य एवं आपूर्ति अधिकारी विपिन पटेल प्रदेश शासन की इस महत्वपूर्ण योजना के
संचालन पर बिना कोई कार्ययोजना बनाए विभाग में बैठे कुर्सी तोडते नजर आते है। यह
कोई नई बात नही है की जब जिला खाद्य एवं आपूर्ति अधिकारी अपने कर्तव्यो के प्रति
कार्यो में उदासीनता दिखाते है, वहीं
इनकी उदासीनता के कारण वर्ष 2015-16 में खरीफ फसल पर
धान मे तीन ट्रक के गबन, वर्ष
२०१४-१५ में सजहा गोदाम से चावल का गबन तथा वर्ष 2016-17
में छिल्पा उपार्जन केन्द्र में में धान गबन पर भी संलिप्ता रही है।
खरीदी
केन्द्रो में अब तक नही हुई व्यवस्थाएं
खरीदी
केन्द्रो में रबी फसल की खरीदी के लिए पहले से किसी तरह की व्यवस्था नही की जा सकी
है। वहीं 18
दिन बीत जाने के बाद भी इन खरीदी केन्द्रो में खरीफ व रबी फसलो को बेचने के लिए
किसानो को दिक्कतो का सामना करना पडता रहा है। जिसके कारण प्रदेश शासन की इन
योजनाओ का पलीता लगाने खुद खाद्य एवं आपूर्ति अधिकारी की भूमिका संदिग्ध रही है।
जिसके कारण न तो इनके द्वारा अब तक किसी भी खरीदी केन्द्रो में व्यवस्थाओ के लिए
निरीक्षण किया गया है और न ही किसी तरह के निर्देश देने के साथ ही किसानो को अपनी
फसलो को केन्द्रो में बेचने के प्रोत्साहित किया जा रहा है।
हिन्दुस्थान
समाचार /
राजेश