बिजुरी स्वास्थ्य केंद्र ले जाने के बावजूद चिकित्सक ने नहीं दी थाने में सूचना और नहीं कराया पीएम
अनूपपुर। जिले में झोलाछाप चिकित्सकों के विरुद्ध पूर्व में कलेक्टर के द्वारा कार्रवाई के निर्देश दिए गए थे इसके बावजूद स्वास्थ्य विभाग के द्वारा इस पर कोई कार्यवाही नहीं किए जाने की वजह से झोलाछाप चिकित्सक के इलाज से लोगों की जान पर बना रही है।
मामला 4 अगस्त का हैं जो 1 सितम्बझर को संज्ञान में आया हैं। बिजुरी थाना क्षेत्र अंतर्गत ग्राम बहेरा बांध निवासी 4 वर्षीय मासूम दिव्यांशी पनिका पिता दयाराम की तबीयत बिगड़ने पर उसे उपचार के लिए परिजनों के द्वारा बिजुरी नगर के एक झोलाछाप चिकित्सक के क्लीनिक ले जाया गया। जहां गलत उपचार किए जाने के कारण इंजेक्शन लगाने के कुछ ही समय के पश्चात उसकी मौत हो गई। मौत के पश्चात झोलाछाप चिकित्सक के द्वारा मासूम के बेहोश होने की बात कहते हुए उसे प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र बिजुरी ले जाने के लिए परिजनों को कहा गया। जहां ले जाए जाने पर स्टाफ नर्स एवं चिकित्सक के द्वारा उसे मृत बतलाया गया साथ ही अस्पताल के रजिस्टर में झोलाछाप चिकित्सक के क्लीनिक में उसकी मौत होने की सूचना दर्ज की गई ।
बिना पोस्टमार्टम तथा पुलिस को सूचना दिए ही कर दिया अंतिम संस्कार
इस मामले में झोलाछाप चिकित्सक के द्वारा खुद को फसता हुआ देख परिजनों पर दबाव बनाते हुए बिना पोस्टमार्टम के ही अंतिम संस्कार करा दिया गया। झोलाछाप चिकित्सक की लापरवाही से हुई इस मौत पर ना तो उसके विरुद्ध कोई कार्यवाही विभाग के द्वारा की गई और ना ही उसका क्लिनिक ही सील किया गया जिसके कारण अभी भी वह उपचार कर रहा है।
मृतक बच्ची के पिता ने बताया कि इलाज के लिए झोलाछाप डॉक्टर के पास गया तो उसके लड़के ने दवाई दी, उसके बच्ची में हलचल बंद हो गई तब शासकीय चिकित्सालय बिजुरी में ले गया जहां डॉक्टर ने मृत बता दिया। इसके बाद कुछ मीडिया वाले मेरे पास आकर डॉक्टर से समझौता करने की बात करते हुए सादे कागज में हस्ताक्षर कर लिया और मुझे वापस भेज दिया।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी अनूपपुर डॉ अशोक कुमार अवधिया ने बताया कि मासूम की मौत की जानकारी मिली है, बीएमओ को पत्र लिखकर मामले की जानकारी मांगी गई है, साथ ही टीम भेजकर क्लीनिक की जांच कराएंगे। लापरवाही पर कार्रवाई की जाएगी।
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