बिजुरी अस्पताल में परिजन 3 घंटे एम्बुलेंस का करते रहे इंतजार, तड़पती रही मासूम
अनूपपुर। कुटीर एवं ग्रामोद्योग राज्मंत्री दिलीप जायसवाल के गृह ग्राम बिजुरी नगर में एम्बुलेंस की सुविधा समय पर नही मिलने पर 12 वर्षीय मासूम ने बिजुरी अस्पताल में ही दम तोड़ दिया। जब मंत्री के गृह ग्राम में स्वास्थ्य विभाग की लचर प्रणाली से आमजन मानस में जमकर आक्रोश है। इसके पूर्व 10 अगस्त को भी 9 वर्षीय मासूम अखिल की हालत गंभीर होने पर जिला अस्पताल से मेडिकल कॉलेज शहडोल रेफर होने पर 2 घंटे तक एम्बुलेंस सेवा नही मिलने के कारण मासूम ने दम तोड़ दिया था। मरीजो को स्वास्थ्य सुविधाओं एवं बेहतर उपचार के लिए कलेक्टर हर्षल पंचोली ने स्वास्थ्य विभाग को सख्त निर्देश दिए गए थे। जिले में 20 एम्बुलेंस एवं जिला अस्पताल के लिए 4 एम्बुलेंस कुल 24 एम्बुलेंस रिकार्ड में चल रही है, बावजूद इसके आए दिन एम्बुलेंस की कमी के कारण किसी ना किसी मरीज की जान जा रही है।
जानकारी के अनुसार बिजुरी नगर के वार्ड क्रमांक 7 निवासी 12 वर्षीय मासूम सुष्मिता कुड़ाकू पिता रमा कुड़ाकू को सीने में दर्द एवं सांस लेने में तकलीफ होने पर परिजनों ने उसे 14 सितम्बर की सुबह लगभग 9 बजे उपचार हेतु प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र बिजुरी में भर्ती कराया गया था, जहां 10 बजे ड्यूटी डॉक्टर के पहुंचने पर बच्ची का उपचार किया गया, लेकिन हालत में सुधार नही होने के कारण बालिका को जिला चिकित्सालय अनूपपुर के लिए रेफर कर दिया गया था, लेकिन 3 घंटे तक एम्बुलेंस नही मिलने के कारण बच्ची ने बिजुरी अस्पताल में ही दम तोड़ दिया।
अव्यवस्था के कारण गई 12 वर्षीय बच्ची की जान
नगर पालिका बिजुरी के वार्ड क्रमांक 7 की पार्षद विमला पटेल ने बताया कि बच्ची के परिजनों ने उन्हे फोन कर सूचना दी गई कि रात में बच्ची की अचानक तबियत खराब होने पर उन्हे सुबह 9 बजे भर्ती कराया गया, जहां 10.30 बजे डॉक्टर के आने के बाद उनका उपचार करते हुए बच्ची का रेफर कर दिया गया था, लेकिन 1 बजे तक एम्बुलेंस नही पहुंच सकी। उन्होने कहा कि दुर्भाग्य की बात है बगल में ही हमारे मंत्री रहते है, लेकिन बच्ची के लिए एक एम्बुलेंस की व्यवस्था नही होने के कारण 12 वर्षीय बच्ची ने दम तोड़ दिया।
डॉक्टर ने माना एम्बुलेंस नही मिलने से हुई मौत
सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र बिजुरी में पदस्थ डॉक्टर पुष्पराज ङ्क्षसह बताया कि बच्ची को सीने में दर्द और सांस लेने में तकलीफ होने पर भर्ती कराया गया था, जिसका उपचार किया गया, लेकिन बच्ची की स्थिति में कोई सुधार नही होने पर उसे जिला अस्पताल रेफर कर दिया गया था लेकिन समय पर एम्बुलेंस नही मिलने के कारण बच्ची ने अस्पताल में ही दम तोड़ दिया, उन्होने बताया कि 3 बार एम्बुलेंस सेवा के लिए कॉल किया गया था, लेकिन हर कॉल में 15 से 20 मिनट का समय सिर्फ बात करने में लगा और 3 घंटे तक एम्बुलेंस के नही मिलने के कारण बच्ची की मौत हो गई। उन्होने बताया कि यह कोई पहला मामला नही है बहुत सारे ऐसे मामले आये जहां गंभीर मामले आये है, जिनके कारण मरीजो को समय पर एम्बुलेंस नही मिल पाया है।
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