अनूपपुर। सांसद हिमान्द्री सिंह पर भरोसा जताते हुए एक बार फिर शहडोल लोकसभा के टिकिट देकर अपना भरोसा जरूर जताया हैं किन्तु मतदाताओं को अब इन पर भरोसा नही रहा। मोदी लहर, राम लला मंदिर, लाडली बहना योजना की लहर में भारतीय जनता पार्टी चुनाव जीतने के लिए भवनात्मक रूप से कहा जा सकता हैं किन्तु जनप्रतिनिधि के लिए जनता की मांगो को पूरा करने से सबसे बड़ी जीत मिल सकती हैं। जबकि सांसद का पांच वर्ष का कार्यकाल शून्य रहा। लेकिन संसदीय क्षेत्र के लोग 5 वर्षों तक अपनी मांगों की पूर्ति का इंतजार करता रह और सांसद अपने मतदाओं से दूरी बना रखी। उपलब्धि के नाम पर उनके खाते में उमरिया और अनूपपुर के लिए बताने को कुछ नहीं। 5 वर्ष के कार्यकाल में केंद्र सरकार की योजनाओं को लाने एवं क्रियान्वयन कराने में वह पूरी तरह फेल रही। अनूपपुर रेलवे स्टेशन में जो कुछ रहा वह भी यहा से बंद हो गया।
अनूपपुर रेलवे स्टेशन के तीन कार्यालय बंद कर दियें गये यहीं सांसद की उपलब्धियां है। लोगों ने रेल समस्यओं के लिए लड़ाई लड़ी, आंदोलन किए जिसकी समाचार पत्रों में खूब सुर्खियां बटोरी, रेलवे संबंधित समस्याएं लगातार उठती रही, पत्र लिखे गये, ज्ञापन सौपे गये अलग-अलग माध्यमों से केंद्र सरकार तक पहुंचते रहे लेकिन सांसद की कानो तक नहीं पहुंच सकी। और कार्य का दिखावा करती रही। उन्होंने सही रूप से कोई उपलब्धि हासिल नहीं कर पाई। इसके साथ ही बिलासपुर रेलवे जोन एवं रेल मंडल की कार्य प्रणाली भाजपा विरोधी बताते हुए रेल मंत्री से तत्काल कुछ ट्रेनों के स्टॉपेज बहाल करने की मांग की। जिसके बाद स्टॉपेज बहाल होने की घोषणा हुई। लेकिन आज भी कई स्टॉपेज बहाल नहीं हुए जिससे लोग आंदोलन करने को बाध्य है। आज भी छोटे स्टेशनों पर ट्रेन बाय-बाय करते चली जाती है। अप-डाउन करने वाले छात्र-छात्राएं,व्यापारी सभी परेशान है। लेकिन सांसद को से कोई लेना-देना नहीं। जिसका परिणाम है कि जनता अधिक राशि खर्च कर सड़क मार्ग से अपनी यात्रा तय करती है।
संसदीय क्षेत्र के अनूपपुर जिले के अंतिम हिस्से से लगातार नागपुर ट्रेन की मांग उठती रही। लेकिन सांसद वह मांग भी पूरी नहीं करा पाई। कई लोगो के प्रयास से शहडोल से नागपुर ट्रेन जरूर प्रारंभ लेकिन वह भी रेल अधिकारियों की आदूरदर्शिता की वजह से घाटे का सौदा साबित हो रहा हैं। इस बात को बिलासपुर जोन के रेलवे महाप्रबंधक ने अनूपपुर के दौरे में कही थी। उन्होंने कहा था की सांसद दिल्ली में प्रयास करें तो ट्रेन अनूपपुर तक आ जाएगी। लेकिन वह यह भी नहीं कर सकी।
इतना ही नहीं कोरोना काल के बाद बंद गाडिया रानी कमलापति से संतरागाछी जाने वाली ट्रेन का ठहराव अनूपपुर में नहीं, रीवा से चिरमिरी के मध्य नियमित चल रही ट्रेन वह सप्ताह में 3 दिन चल रही है उसे भी नियमित नहीं करा पाई। जबकि यह ट्रेन रेलवे को अच्छा राजस्व देती हैं। अंबिकापुर से शहडोल एवं शहडोल से अंबिकापुर चलने वाली ट्रेन जिससे छात्र-छात्राओं का प्रतिदिन अप-डाउन होता था। यह ट्रेन आज भी अमलाई स्टेशन पर नहीं रुक रही। जबकि कोरोना के पूर्व इसका स्टॉपेज अमलाई में था। कई बार छात्र-छात्राओं ने मांग की लेकिन सांसद ने कभी इस और प्रयास नहीं किया। अब चुनाव आ गया फिर लोगों से लुभावने वादे करेगी और फिर जनता से दूरी इसी तरह बनी रहेगी। क्योंकि अब जनता उनके 5 वर्ष का कार्यकाल देख चुकी है जिसका जवाब देने का जनता ने मन बना लिया है और कोई बड़ी बात नहीं है कि अगर जनता का मन बन गया तो चुनाव जीतना असान नहीं होगा। दो अंत्योदय एक्सप्रेस ट्रेन पूरी तरह से बंद हो गई। बिलासपुर रेल मंडल से अंत्योदय ट्रेन पूरी तरह से अलविदा हो गई जिसको पुनः चलाने के लिए कोई प्रयास नहीं किया गया।
विधानसभा चुनाव में पुष्पराजगढ़ इस बात का उदाहरण है जहां भाजपा सरकार की कोई भी योजना कोई भी लहर नहीं चल पाई और कांग्रेस के विधायक पुष्पराजगढ़ से जीत हासिल कर भाजपा की हवा कर दी। अगर वास्तविकता देखी जाए तो अनूपपुर एवं उमरिया जिले की जनता सांसद हिमांद्री सिंह से काफी नाराज है और मतदाताओं ने मन बना लिया तो उम्मीदों पर पानी भी फिर सकता है।