भाजपा ने पुष्पराजगढ़
विधानसभा के लिए उम्मीदवार किया घोषित
अनूपपुर। मध्यप्रदेश
विधानसभा चुनाव के लिए भाजपा ने कमर कसते
हुए कांग्रेस को पछाडते हुए 39 विधानसभा क्षेत्रों के लिए उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है। 39 उम्मीदवारों
की सूची जारी यह सभी विधानसभा क्षेत्र हैं,
जिन पर भाजपा पिछले विधानसभा चुनाव में
हारी का मुंह देखना पड़ा था। बुधवार देर रात दिल्ली में हुई केंद्रीय चुनाव समिति
की बैठक में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा था कि मध्यप्रदेश में हारी हुई सीटों पर
फोकस करना है। बैठक के अगले ही दिन प्रदेश में हारी हुई सीटों पर सबसे पहले
उम्मीदवारों की घोषणा की गई हैं। इसमें अनूपपुर जिले की अनुसूचित जनजाति के लिए
अरक्षित 88 पुष्पराजगढ़ विधानसभा के लिए हीरा सिंह श्याम को अपना उम्मीदवार बनाया
हैं।
मध्यप्रदेश भाजपा ने गुरूवार को 39
विधानसभा क्षेत्रों के लिए उम्मीदवारों की घोषणा
इसमें अनूपपुर की पुष्पराजगढ़ विधानसभा की सीट के लिए हीरा सिंह श्याम के नाम पर
मुहर लगाते हुए अभी से प्रचार में जुटने के निर्देश दिये हैं। यहां के लिए कयास लगाये जा रहें थे कि सांसद हिमाद्री सिंह को विधानसभा चुनाव लड़ाया जा सकता है।
इस बार पुष्पराजगढ़ में भाजपा में कांग्रेस के संभावित उम्मीदवार विधायक फुंदेलाल
सिंह को कांटे टक्कर मिलेगी। भाजपा आलाकमान ने नए चेहरे पर भरोसा जताया है। हीरा
सिंह श्याम की क्षेत्र में पकड़ ठीक है। युवा चेहरा होने के कारण पार्टी ने उन पर
भरोसा जाताया। पिछला बार जनपद पंचायत के अध्यक्ष भी रहें हैं।
पुष्पराजगढ़ विधानसभा क्षेत्र
अनूपपुर जिले की पुष्पराजगढ़ विधानसभा
क्षेत्र आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र है, जहां से फुंदेलाल सिंह मार्को वर्तमान
में कांग्रेस के विधायक हैं। फुंदेलाल सिंह मार्को पिछले दो बार से लगातार विधायक
हैं। पुष्पराजगढ़ में 84% मतदाता आदिवासी वर्ग से हैं। जहां कुल मतदाताओं की संख्या 1 लाख 96 हज़ार 163 हैं। विधानसभा क्षेत्र की मुख्य
तहसील राजेंद्रग्राम हैं। पुष्पराजगढ़ में अमरकंटक मां नर्मदा का उदगम स्थल हैं।
यह शहडोल लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र के अंतगर्त आता हैं।
2018 में किस पार्टी को मिले कितने सीट
इस सीट पर 2018 के विधानसभा चुनाव में फुंदेलाल
सिंह मार्को ने 69192 वोट हासिल कर जीत दर्ज की थी। कांग्रेस के फुंदेलाल सिंह ने
भाजपा के उम्मीदवार नरेंद्र सिंह मरावी को 35647 मतों के अंतर से हराया था। वहीं
10 हज़ार 759 वोटों के साथ तीसर स्थान जीजीपी के ललन परस्ते का था, जबकि 5
हज़ार 349 वोट नोटा में पड़े थे. 2018 के विधानसभा चुनाव में कुल 138345 मत पड़े
थे यानी कुल 77.4% मतदान हुआ था।
2023 के चुनाव में नये उम्मीदवार पर चर्चा
पुष्पराजगढ़ विधानसभा में इस बार नये उम्मीदवार
पर चर्चा चल रही हैं। मतदाताओं का मानना भाजपा कांग्रेस दोनों को मौका देकर देख
लिया हैं। इस बार वह नये पर विचार कर रहें हैं। यह तो वक्त बताएगा कि पुष्पराजगढ़
विधानसभा चुनाव में कौन सा दल दम दिखाता हैं।
पुष्पराजगढ़ विधानसभा अनूपपुर जिले से पूरी
तरह कटा हुआ पहाड़ों पर बसा हैं। अनूपपुर जिले से करीब 35 किलोमीटर का जंगली
क्षेत्र हैं। पुष्पराजगढ़ में पहुंचने के लिए आपको घाटी तय करते हुए दुर्गम रास्ते
से होकर यहां पहुंचना पड़ेगा। यह कह सकते हैं कि हजारों फीट की ऊंचाई पर पहाड़ों
के बीचो-बीच बसा हैं।
पलायन की समस्या
आदिवासी बाहुल्य विधानसभा पुष्पराजगढ़ में
रोजगार के लिए ऐसे कुछ भी खास संसाधन नहीं हैं। लिहाजा यहां पर मजदूर और कामगार
वर्ग को काम की तलाश में दूसरे जिले या दूसरे प्रदेशों की ओर पलायन करना पड़ता है।
इस बात को लेकर भी यहां के स्थानीय लोगों और खासकर आदिवासी समुदाय में नाराजगी
देखने को मिलती हैं। खेती किसानी ही यहां आय का मुख्य साधन है।
119 पंचायतों का विधानसभा
पुष्पराजगढ़ विधानसभा क्षेत्र में 119
पंचायत हैं,
लेकिन सभी पंचायतों में वही मूलभूत यानी की बिजली पानी और खराब सड़कों
की समस्या अभी भी बनी हुई हैं। क्षेत्र में अस्पताल है, लेकिन
डॉक्टर नहीं हैं जिससे लोगो को परेशानियों का सामना करना पड़ता हैं।
मां नर्मदा का उदगम स्थल
नर्मदा नदी अनूपपुर ज़िले के पुष्पराजगढ़
विधानसभा क्षेत्र के अमरकंटक पठार में उद्गम है। जो अमरकंटक से निकलते हुए डिंडोरी
पहुंचती है, उसके बाद मध्य प्रदेश के विभिन्न शहरों के 1,312
किमी (815.2 मील) पश्चिम की ओर बहकर यह भरूच से 30 किमी (18.6 मील) पश्चिम में
खम्भात की खाड़ी में गिरती है, जो अरब सागर की एक खाड़ी है।
सांसद का निवास पुष्पराजगढ़ में
शहडोल की भाजपा सांसद हिमाद्री सिंह भी
पुष्पराजगढ़ विधानसभा में निवास हैं, इसके बाद भी पुष्पराजगढ़ को कोई
ख़ास फायदा नहीं मिला हैं।
विधानसभा में पानी की समस्या
पुष्पराजगढ़ विधानसभा क्षेत्र में पानी की सबसे
बडी और जटिल समस्या है, कई सौ करोड़ की पानी की परियोजना को मंजूरी
नहीं मिल पा रही है। वजह पहाड़ पर होने के कारण खासी परेशानी हो रही हैं। लिहाजा
लिफ्ट एरीगेशन के जरिए यहां पानी लाने की योजना है, लेकिन अब
तक ज़मीन पर नहीं आ पाई है।इसके साथ ही विद्युतीकरण के लिए 60 करोड़ की योजना को
मंजूरी नहीं मिल पा रही है, जिसके चलते यहां बिजली की समस्या
है। पुष्पराजगढ़ विधानसभा क्षेत्र में एक शासकीय कॉलेज और एक यूनिवर्सिटी हैं। मूलभूत
सुविधा से अछूता क्षेत्र हैं सड़क को लेकर भी लोग परेशान हैं।
कब कौन रहा विधायक
1957: ललन सिंह, भारतीय
राष्ट्रीय कांग्रेस
1962: चिन्ता राम प्रजा सोशलिस्ट पार्टी
1967: एल सिंह, भारतीय
राष्ट्रीय कांग्रेस
1972: दलबीर सिंह, निर्दलीय
1977: हजारी सिंह, जनता
पार्टी
1980: अंबिका सिंह, इंडियन
नेशनल कांग्रेस (I)
1985: दीलन सिंह, भारतीय
राष्ट्रीय कांग्रेस
1990: कुंदन सिंह, जनता दल
1993: शिवप्रसाद सिंह, भारतीय
राष्ट्रीय कांग्रेस
1998: शिवप्रसाद सिंह, भारतीय राष्ट्रीय
कांग्रेस
2003: सुदामा सिंह, भारतीय
जनता पार्टी
2008: सुदामा सिंह, भारतीय
जनता पार्टी
2013: फुंदलाल सिंह मार्को, भारतीय
राष्ट्रीय कांग्रेस
2018: फुंदलाल सिंह मार्को, भारतीय
राष्ट्रीय कांग्रेस
पुष्पराजगढ़
विधानसभा में विधायक फुंदेलाल सिंह की स्थिति ठीक नहीं हैं हीरा सिंह श्याम की उम्मीदवारी से फुंदेलाल सिंह को कड़ी टक्कर मिल
सकती है। जिससे जीत की हैट्रिक लगाने में हीरा सिंह रूकावट डाल सकते हैं।