सालभर से गोदाम में पड़ा,विभागीय अधिकारियों ने साधी चुप्पी
अनूपपुर। जिले में गरीब हितग्राहियों के लिए निकलने वाले खाद्यान्न की हर खेप अमानक साबित हो रही है। जिला मुख्यालय से 15 किलोमीटर दूर ग्राम सजहा का निजी वेयरहाउस अमानक गेहूं और चावल आपूर्ति का केन्द्र बन गया है। सजहा वेयरहाउस में पिछले साल का भंडारित लगभग 4 स्टेप करोड़ो रूपए की लगभग 20 हजार क्विंटल गेहूं खराब हो गया है। गेहूं में घुन(कीड़ा) लग गया है। जिसे वेयरहाउस नागरिक आपूर्ति विभाग, जिला खाद्य आपूर्ति विभागीय अधिकारियों की मिलीभगत से पुष्पराजगढ़ सहित ग्रामीण क्षेत्रों की शासकीय उचित मूल्य की दुकानो में योजना अंतर्गत संचालित राशन की दुकानों पर भेजकर खपाने में जुटा है। इस दौरान वेयरहाउस द्वारा भेजे गए गेहूं की खेप में तीन दुकान से गेहूं की खेप अमानक होने और हितग्राहियों के नहीं लेने के कारण वापस किये गये हैं। इसके अलावा अन्य दुकानों से वापसी का इंतजार है। बावजूद नागरिक आपूर्ति विभाग प्रबंधक, जिला खाद्य आपूर्ति अधिकारी सहित जिला प्रशासन मामले में चुप्पी साधे हुए है।
अधिकारियों की लापरवाही,कभी नही हुई सैम्पलिंग
बताया जाता है कि यह गेहूं विभागीय अधिकारियों की लापरवाही के कारण खराब हुआ है। बफर स्टोक के माध्यम से बाहर से आने वाले गेहूं को रैक से सीधे गोदामों में भंडारित करवा दिया। विभागीय अधिकारियों ने आज तक इन खराब गेहूं की कभी न तो सैम्पलिंग कराई और ना ही डिस्पोजल जैसे कार्य कराए। हालात यह है कि सालभर से भंडारित गेहूं अब खराब हो गए हैं। जिसकी जानकारी प्रशासन तक को नहीं है। खराब होने की हालत में विभागीय निर्देश में वेयरहाउस प्रबंधक अपग्रेडशन की प्रक्रिया में जुटा है। उल्लेखनीय है कि इससे पूर्व भी जनवरी-फरवरी 2020 के दौरान सजहा वेयर हाउस से 3754 क्विंटल चावल की खेप के बाद 1500 क्विंटल अमानक गेहूं को राजेन्द्रग्राम भेजा गया था। जिसमें स्थानीय लोगों के विरोध और शिकायतों पर पुष्पराजगढ़ एसडीएम ने खाद्यान्नों के वितरण पर रोक लगाने के निर्देश के साथ अपग्रेडेशन उपरांत वितरण के निर्देश दिए थे। लेकिन वेयरहाउस प्रबंधक और विभागीय अधिकारियों ने एसडीएम के आदेश को दरकिनार कर कोरोना संक्रमण काल में दुकानों में वितरण करवा दिया गया। जबकि कुछ खाद्यान्न अब भी गोदामों में सड़ रहा हैं। उल्लेखनीय है कि राजेन्द्रग्राम में शासकीय वितरण प्रणाली की 121 दुकानें संचालित हैं, जहां लगभग 56 हजार हितग्राही है।
एक दूसरे पर आरोप प्रत्यारोप
नागरिक आपूर्ति प्रबंधक एसके द्विवेदी ने बताया कि गेहूं की खराबी की जिम्मेदारी वेयरहाउस प्रबंधक और गोदाम मालिक की है। जिसने रख-रखाव की अनदेखी करते हुए उसे सुरक्षित भंडारित नहीं कराया। वेयरहाउस ने गेहूं भंडारण में तकनीकि स्टाफों की मदद नहीं ली। जिसके कारण बाहर से आने वाली गेहूं को सीधे भंडारित करवा दिया। वहीं गोदाम के कर्मचारियो का कहना है कि खराब होने के दो मुख्य कारण है, पहला गीला और दूसरा अमानक गेहूं। जब शहडोल से रैंक आती है तो उसे अमानक पाए जाने पर विभागीय अधिकारियों द्वारा दवाब में भंडारित करना पड़ता है। जिसका नतीजा है कि सालभर में सभी गेहूं की बोरी खराब हो गई। जानकारों का मानना है कि गेहूं बेहद अमानक और घटिया स्तर का हो गया है। जिसके उपयोग से परिवारों के स्वास्थ्य पर विपरीत प्रभाव पड़ सकता है। हालांकि गेहूं का अपग्रेडेशन नहीं किया जा सकता। बावजूद विभाग उसे अपग्रेडेशन कर खपाने में जुटा है।
जानकारी मिलने पर नोटिस भेजा है
प्रबंधक नागरिक आपूर्ति विभाग अनूपपुर एसके द्विवेदी ने बताया कि वेयरहाउस प्रबंधक की लापरवाही के कारण गेहूं खराब हुआ है। खराब गेहूं का अपग्रेडेशन करवाया जा रहा है। अभी मैं नया आया हूं, जानकारी मिलने पर नोटिस भेजा है,आगे की कार्रवाई की जाएगी।