अनूपपुर। प्रथम अपर सत्र न्यायालय पंकज जायसवाल की न्यायालय ने विचाराधीन थाना कोतवाली अनूपपुर के आरोपी 28 वर्षीय दिलीप केवट, 30 वर्षीय नीलमन उर्फ मन्नू केवट, 33 वर्षीय संतोष कुषवाहा सभी निवासी ग्राम खांडा को हत्या के अपराध में सश्रम आजीवन कारावास व अर्थदण्ड की सजा सुनाई। पैरवी प्रधान जिला अभियोजन अधिकारी हेमन्त अग्रवाल द्वारा की गई। प्रकरण अत्यंत गंभीर प्रकृति का था, जिसे जिला दण्डाधिकारी की अध्यक्षता में गठित समिति द्वारा चिहिन्त प्रकरण की श्रेणी में रखा गया था।
प्रधान जिला अभियोजन अधिकारी ने बताया कि तीनों आरोपियों द्वारा शराब पीने और गाली-गलौच के मामूली विवाद को लेकर संयोजित तरीके से निर्माणाधीन मकान पर मृतक मोनू उर्फ विकास सिंह को ले जाकर उसे इतना मारा कि लकड़ी का बत्ता टूट गया मोनू की मौके पर ही मृत्यु हो गई और मौके से भाग गए। घटना स्थल निर्माणाधीन मकान के पास मोनू उर्फ विकाश की खून से लथपथ शव मिलने पर अज्ञात के विरूद्ध थाना कोतवाली में हत्या का प्रकरण पंजीबद्ध जांच के दौरान आवश्यिक साक्ष्यों का संकलन करते हुए आरोपियों को गिरफ्तार किया गया और कब्जे से घटना के समय पहने हुए कपड़े जप्तस किये गए, आवश्येक वैज्ञानिक साक्ष्यों का संकलन किये जाने के पश्चात अभियोग पत्र न्यायालय में प्रस्तुत किया गया। न्यायालय में प्रकरण का विचारण पश्चात तीनों आरोपियों को सश्रम आजीवन कारावास व अर्थदण्ड की सजा सुनाई। साथ ही न्यायालय द्वारा मृतक मोनू के आश्रितों को प्रतिकर दिये जाने की अनुसंषा की हैं।
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