अजय गुप्ता, रोहित व प्रभात कुमार गुप्ता को पहले जेल
अनूपपुर। न्यायालय अपर सत्र न्यायाधीश राजेन्द्रग्राम की न्यायालय ने थाना अमरकंटक के अपराध की धारा 302, 307, 294, 323, 34 भादवि के आरोपी 45 वर्षीय वीरेन्द्र गुप्ता पुत्र प्रकाश चंद्र गुप्ता निवासी ग्राम भेजरी को धारा 302 सहपठित धारा 34 भादवि में आजीवन कारावास एवं 500 रूपये अर्थदण्ड की सजा सुनाई हैं। पैरवी वरिष्ठ सहायक जिला अभियेाजन अधिकारी नारेन्द्रदास महरा द्वारा की गई।
वरिष्ठ सहायक जिला अभियोजन अधिकारी ने बताया कि 05 मई 2012 को फरियादी संजीव कुमार गुप्ता ने आहत दिलीप कुमार के साथ थाना अमरकंटक में रिपोर्ट लेख कराया कि ग्राम भेजरी बाजार में अपने घर के पास बैठकर बाजार का हिसाब-किताब कर रहा था, उसी समय रात्रि को बस स्टैण्ड भेजरी तरफ से रिंकू गुप्ता आया और शिव मंदिर के सामने दिलीप गुप्ता को गंदी-गंदी गाली देने लगा, दिलीप ने मना किया तो डण्डा से मारा, जिससे दिलीप के जांघ व पेट में लगी। उसी समय पीछे से प्रभात गुप्ता हाथ में चाकू लेकर आया और जान से खत्म करने के इरादा से दिलीप कुमार गुप्ता के पेट में सामने से चाकू घोप दिया, जिससे दिलीप गुप्ता के पेट की आंत निकली गयी। मोनू एवं वीरेन्द्र गुप्ता दोनों लाठी से मारपीट किए। दिलीप के चिल्लाने पर राजाराम गुप्ता, मुन्नालाल गुप्ता, शंकरलाल, राजेन्द्र गुप्ता, प्रमोद गुप्ता ने आकर बीच-बचाव किया। रिपोर्ट के आधार पर आरोपितों के विरुद्ध अपराध की अंतर्गत धारा 307, 294, 323, 34 भादवि के अंतर्गत प्रथम सूचना रिपोर्ट पंजीबद्व किया गया। आहत दिलीप को मेडीकल परीक्षण हेतु अमरकंटक चिकित्सालय भेजा गया, जहां ईलाज के दौरान मृत्यु हो गई। आरोपित वीरेन्द्र गुप्ता फरार हो गया। जिस पर आरोपित अजय गुप्ता, मोनू उर्फ रोहित व प्रभात कुमार गुप्ता के विरुद्ध अभियोग पत्र न्यायिक मजिस्टेट प्रथम श्रेणी राजेन्द्रग्राम की न्यायालय मे पेश किया गया। न्यायालय ने आरोपित अजय गुप्ता, मोनू उर्फ रोहित व प्रभात कुमार गुप्ता को पूर्व में ही दोष सिद्ध किया जा चुका हैं। आरोपित वीरेन्द्र गुप्ता के फरार होने के कारण न्यायालय में आरोपित वीरेन्द्र गुप्ता के विरूद्व स्थाई गिरफ्तारी वारंट जारी किए जाने का आदेश दिया। जिस पर 12 दिसंबर 2017 को आरोपित वीरेन्द्र गुप्ता के मिलने पर गिरफ्तारी पंचनामा बनाया गया। विवेचना उपरांत आरोपित वीरेन्द्र गुप्ता के विरुद्ध पूरक अभियोग पत्र न्यायालय में पेश किया गया। जहां अभियोजन की पैरवी पर न्यायालय द्वारा अपराध प्रमाणित पाए जाने पर सजा सुनाई।