प्रीलिटिगेशन प्रकरण के 250 प्रकरणों का निराकरण, 2.39 करोड़ से अधिक की अवॉडिड राशि
अनूपपुर। वर्ष 2018 में दम्पत्ति का विवाह हुआ जिससे उन्हें दो पुत्री प्राप्त हुई, परन्तु सामाजिक कुरीति दहेज विवाद का कारण बन गया और पति ने अपनी पत्नी को घर से निकाल दिया। जिसके बाद दम्पत्ति को समझाईश और एक साथ जीवनयापन करने की सलाह पर दोनों पक्षकार सहमत हुए और राजीनामा कर राजी-खुशी एक साथ अपने घर गए। शनिवार को अनूपपुर नेशनल लोक अदालत के आयोजन के दौरान पति-पत्नी प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश पी.सी. गुप्ता एवं प्रधान न्यायाधीश कुटुम्ब न्यायालय मनोज कुमार लढ़िया के आमने सामने हुए। जहां न्यायाधीश की समझाइश के बाद पति और पत्नी साथ रहने के लिए राजी हो गए। कोर्ट रूम में ही दोनो ने एकदूसरे को हार पहनाया एवं न्यायाधीश द्वारा दम्पत्ति को पौधा देकर खुशी-खुशी पति के साथ रवाना कर दिया। नेशनल लोक अदालत में 4 विवादो का निपटारा महत्पूतर्ण रहा।
नेशनल लोक अदालत में प्रीलिटिगेशन प्रकरणों के 452 प्रकरण रखें गए, जिसमें 250 प्रकरणों का निराकरण करते हुए 29,26,377/-रूपयें की राशि अवॉडिड की गई। इसी तरह न्यायालयों के लंबित प्रकरणों में 793 प्रकरण रखें गए, जिसमें 678 प्रकरणों का निराकरण करते हुए 2,39,21,953/-रूपयें की राशि अवॉडिड की गई।
ज्ञात हो कि म0प्र0 राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण जबलपुर के निर्देशानुसार एवं प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश एवं अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, अनूपपुर के मार्गदर्शन में नेशनल लोक अदालत का आयोजन शनिवार को किया गया। जहां जिला एवं सत्र न्यायालय अनूपपुर एवं तहसील सिविल न्यायालय कोतमा/राजेन्द्रग्राम में 14 खण्डपीठों का गठन किया गया। जिला स्तर पर 06 खण्डपीठ, तहसील सिविल न्यायालय कोतमा में 05 खण्डपीठ एवं राजेन्द्रग्राम हेतु 03 खण्डपीठ का गठन किया गया।
इसके पूर्व जिला न्यायालय में आयोजित नेशनल लोक अदालत का शुभारंभ मॉ सरस्वती जी की चित्र में पुष्पमाला अर्पित कर एवं दीप प्रज्जवलित कर किया गया। इस अवसर में प्रधान न्यायाधीश कुटुम्ब न्यायालय मनोज कुमार लढ़िया, द्वितीय जिला न्यायाधीश/संयोजक नेशनल लोक अदालत नरेन्द्र पटेल, जिला न्यायाधीश/सचिव मोनिका आध्या जिला विधिक सेवा प्राधिकरण अनूपपुर, प्रथम जिला न्यायाधीश पंकज जायसवाल, मुख्य न्यायिक दण्डाधिकारी चैनवती ताराम, अंजली शाह न्यायिक मजिस्टेट, पारूल जैन न्यायिक मजिस्टेट, सृष्टि साहू न्यायिक मजिस्टेट, जिला अधिवक्ता बार संघ से अध्यक्ष संतोष सिंह परिहार, सचिव राम कुमार राठौर, शासकीय अभिभाषक पुष्पेन्द्र कुमार मिश्रा, लीगल एड डिफेंस काउंसिल रामकृष्ण सोनी एवं जिला अधिवक्ता संघ के समस्त अधिवक्तागण तथा जिला न्यायालय अनूपपर समस्त अधिकारी व कर्मचारीगण उपस्थित रहें। जिला न्यायालय अनूपपुर में आयोजित नेशनल लोक अदालत में विभिन्न प्रकरणों में पक्षकारों के मध्य आपसी सामंजस्य एवं राजीनामें के आधार पर प्रकरणों का निराकरण किया गया।
शक करने की वजह अलग हुए दम्पत्ति65 वर्ष की आयु में हुए एक
रमेश बनाम रश्मी(परिवर्तित नाम) वर्ष 2018 में हिन्दु रीति-रिवाज से दम्पत्ति का विवाह हुआ एवं वर्ष 2020 में पति का पत्नी पर शक करने की वजह से दोनों में विवाद शुरू हुआ एवं विवाद विवाह विच्छेद तक पहुंच गया। नेशनल लोक अदालत में प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश पी.सी. गुप्ता एवं प्रधान न्यायाधीश कुटुम्ब न्यायालय मनोज कुमार लढ़िया की समझाईश के बाद दम्पत्ति राजी-खुशी अपने घर गए।
शराब की लत ने किया अलग, लोक अदालत में हुआ मिलन
राकेश बनाम हेमलता (परिवर्तित नाम) वर्ष 2013 में हिन्दु रीति रिवाज से दम्पत्ति का विवाह हुआ। जिससे तीन पुत्रियों का जन्म हुआ, परन्तु शराब के नशे ने दम्पत्ति को अलग कर दिया, 6 माह अलग रहने के पश्चात नेशनल लोक अदालत में प्रधान न्यायाधीश कुटुम्ब न्यायालय मनोज कुमार लढ़िया द्वारा दम्पत्ति को समझाईश एवं पति को नशे से दूर रहने की सलाह दी गई। जिस पर दोनों राजी-खुशी तैयार हुए और अपने घर साथ गए।
नेशनल लोक अदालत ने दिलाया मुआवजा राशि
प्रेमलता बनाम बीमा कंपनी (परिवर्तित नाम) मोटर दावा दुर्घटना अधिकरण में चल रहे मामले का हुआ नेशनल लोक अदालत में निराकरण, पति की मृत्यु वाहन दुर्घटना में हो जाने से बेसहारा विधवा महिला को न्याय स्वरूप 40 लाख रूपये की राशि नेशनल लोक अदालत के माध्यम से प्राप्त हुई। प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश पी.सी. गुप्ता एवं प्रथम अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश पंकज जायसवाल के प्रयासों से महिला को अनावेदक बीमा कंपनी के माध्यम से 40 लाख रूपये की राशि प्रदाय की गई।
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