अनूपपुर। मैकल पहाड़ी पर घने जंगल और ऊंचाई पर स्थित प्राकृतिक सौंदर्य स्थल अमरकंटक में एक बार फिर तापमान गिरने से यहां ओस रूपी बर्फ जमा हो गई। इसी तरह अनूपपुर में रविवार की सुबह सीजन का सबसे ठंडा दिन रहा। मध्य प्रदेश के अनूपपुर जिले की पवित्र नगरी अमरकंटक में दिसंबर में कड़ाके की ठंड के लिए जाना जाता हैं। गत वर्ष की बात करें, तो पारा लुढ़क कर 1.6 डिसे तक पहुंच गया था, जबकि इस बार तो रविवार की भोर में अबतक का सबसे कम न्यूनतम तापमान ही 1 डिग्री सेल्सियस है।
उत्तर भारत की सर्द हवाओं ने अनूपपुर जिले लोगों को कड़ाके की ठंड का अहसास दिला रहीं है। जिला मुख्याथलय सहित पूरे जिले में कई दिनो से शीतलहर की चपेट में है। जहां अमरकंटक में पारा लुढकने से तापमान जमाव बिंदु 1 डिग्री सेल्सियस में पहुंचा गया हैं। सतपुड़ा मैकल अंचल की पहाड़ी वादी पर बसा अमरकंटक अपनी ठंड के लिए देशभर में जाना जाता है। इन दिनों यहां कड़ाके की ठंड पड़ रही है। जहां अमरकंटक की धरा पर घास पर ओस की बूंदे जमी हुई नजर आई। यहां का न्यूनतम तापमान रविवार की सुबह 1 डिग्री दर्ज किया गया। अमरकंटक के नर्मदा मंदिर उद्गम कुंड से लेकर रामघाट, कपिलधारा तक के मैदानी क्षेत्र में नर्मदा तट के किनारे घास सफेद हो गई थी, जो सुबह करीब 9 बजे तक थी।
शाम की तरह सुबह भी गलन भरी ठंड थी। लोग अलाव जलाए हुए नजर आए। सुबह हल्की कोहरे की धुंध भी थी। सुबह चार पहिया वाहनों में भी ओस जमा हुई थी। कोटि तीर्थ कुंड, रामघाट जहां सुबह से नर्मदा भक्तों का डुबकी लगाने भीड़ लग जाया करती थी, भारी ठंड के चलते लोग बेहद कम नजर आए। जैसे-जैसे दिन आगे बढ़ा यहां चहल-पहल बढ़नी शुरू हो गई। अमरकंटक क्षेत्र में दिसंबर और जनवरी के माह में सर्वाधिक ठंड का वातावरण रहता है। यहां न्यूनतम तापमान 0 से भी नीचे चला जाता है। अमरकंटक की तरह पुष्पराजगढ़ तहसील क्षेत्र में भी कड़ाके की ठंड है। यह पूरा अंचल आदिवासी है तथा पहाड़ी अंचल होने तथा अमरकंटक के घनघोर जंगल की वजह से यहां भी भारी ठंड बरकरार रहती है।
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