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बुधवार, 20 जनवरी 2021

सोनमुड़ा का सोन टॉवर जर्जर,लोहे के गाटर में लगा जंग से हुआ खराब,अमरकंटक विकाश में शामिल


100 फिट नीचे सोन नदी के गिरते पानी और उगते हुए सूर्य देखने वाले की जान खतरे में

अनूपपुर/अमरकंटक मैकल पहाडिय़ों में स्थित पवित्र नगरी अमरकंटक से नर्मदा, सोन एवं जोहिला नदियों का उद्गम स्थल होने के साथ ही तीर्थस्थल व साधु संतो की तपोभूमि है। वनो एवं पहाडिय़ो से अच्छादित यह क्षेत्र पर्यटको को अपनी ओर आकर्षित करता है। लेकिन सोन नदी के उद्गम स्थल सोनमुड़ा प्रशासन की अनदेखी और राजनीति का शिकार हो रहा हैं। पर्यटकों के लिए पहाडिय़ों की सुन्दरता निहारने के लिए बना सोन टॉवर (सनराइज प्वांइट) र्जजर हालत में हैं जहां रोज सैंकड़ों लोग यहां से घाटी और जंगल से ढ़की पहाडियों के सुंदर दृश्य तथा झरने के रूप से गिरती सोन नदी को देखने आते हैं। र्जजर हो चुके सोन टॉवर पर चढ़कर कई दर्जनों पर्यटक 100 फीट नीचे का नाजारा देख आनंद लेते है। जों कभी भी धरासाई हो सकती हैं जिसस बड़ी दुर्घटना की संभावना बनी हुई है। इस सम्बध में महंत सोमेश्वर गिरी स्थानिय प्रशासन के साथ एसडीएम से शिकायत भी की हैं। वहीं प्रशासन का कहना हैं कि भारत सरकार पर्यटन मंत्रालय द्वारा माँ नर्मदा एवं सोन नदी के उद्गम क्षेत्र तीर्थराज अमरकंटक में दर्शनार्थियों की सुविधा एवं पर्यटन के विकास हेतु प्रसाद (तीर्थयात्रा कायाकल्प और आध्यात्मिक संवर्धन ड्राइव) योजना अंतर्गत 49.98 करोड़ रुपए प्रदान किए गए हैं। जिसमे इसे शामिल किया गया हैं।


सोन टॉवर जर्जर,
प्रशासन दुर्घटनाओं के इंतजार में

सोनमुड़ा में 100 फिर नीचे गिरते सोन नदी के पानी को देखने के लिए प्रशासन द्वारा सोन टॉवर बनवाया गया था, जो अब पूरी तरह से जर्जर हो गया है। सोन टॉवर में लगे दोनो ओर लोहे के गाटर जंग लग कर पूरी तरह से खराब हो चुके है, जिसके बाद भी जिम्मेदार विभाग सोन टॉवर के मरम्मत के नाम पर खाना पूर्ति की गई थी, लेकिन सोन टॉवर में लगे लोहे के गाटरों को नही बदला गया। जिस पर चढऩे वाले दर्जनो श्रद्धालुओं एवं पर्यटको के वजन से कभी भी धरासाई हो सकता है। जबकि इस टॉवर की गहराई लगभग 100 फिट है फिर भी जिला प्रशासन बिना किसी सुरक्षा के बड़ी दुर्घटना के इंतजार में बैठे है।

महंत सोमेश्वर गिरी कर चुके है शिकायत

नर्मदाकुंड से लगभग 1.5 किलो मीटर दूर स्थित मैकन पहाडिय़ों के किनारे श्री सिद्ध शोणाक्षी शक्ति पीठ एवं सोनभद्र उद्गम स्थल की दयनीय हालत को सुधारने कई शिकायत नगर परिषद् अमरकंटक सहित पुष्पराजगढ़ राजस्व विभाग के अधिकारियों से की जा चुकी है। जिनमें सनराइज प्वांइट (सोन टॉवर) में सुरक्षा की दृष्टि से किसी भी तरह की सुरक्षा नही होने से यह सनराइज प्वांइट की जगह सोसाइट प्वांइट के नाम से नई पहचान मिलती जा रही है। इसके साथ ही यहां लगे लोगो के एंगल, गॉटर जंग लगकर पूरी तरह से जर्जर हो चुके है। जहां दर्शनार्थियो की सुरक्षा पर सवाल खड़ा हो रहा है।

महंत सोमेश्वर गिरी ने बताया कि सोन प्रपात व पहाडिय़ों में शराबियो और नशेडिय़ो का अड्डा बना हुआ है, जिससे स्थल की पवित्रता भंग हो रही है।

लगातार हो रही मिट्टी का कटाव

महंत शोमेश्वर गिरी महराज ने बताया कि पर्यावरण की दृष्टि से निरंतर मिट्टी का कटाव हो रहा है, मिट्टी के कटाव को रोकने के लिए वृक्षो का रोपण आवश्यक है। लेकिन जिला प्रशासन द्वारा सोनमुड़ा स्थल पर किसी तरह की ध्यान नही दिया जा रहा है। अमरकंटक क्षेत्र में पन्नी के बैन होने के बाद भी ऊपर खुले दुकानदारों द्वारा पन्नी में भरकर समान की बिक्री की जा रही है। जिसके कारण उक्त स्थल के चारो ओर गदंगी फैली हुई है। जिसके कारण अमरकंटक मेकल पर्वत की दुर्लभ जड़ी बूटी विलुप्त के कागार पर है।

नगर परिषद के सीएमओं रविकरण त्रिपाठी ने बताया कि इसकी जिम्मेदारी पर्यटक विभाग की हैं। हमारा काम साफ -सफाई का जिसे हम कराते हैं।

पर्यटक विभाग का कहना हैं कि सोनमूड़ा सहित पूरे अमरकँटक को भारत सरकार पर्यटन मंत्रालय द्वारा माँ नर्मदा एवं सोन नदी के उद्गम क्षेत्र तीर्थराज अमरकंटक में दर्शनार्थियों की सुविधा एवं पर्यटन के विकास हेतु प्रसाद (तीर्थयात्रा कायाकल्प और आध्यात्मिक संवर्धन ड्राइव) योजना अंतर्गत 49.98 करोड़ रुपए प्रदान किए गए हैं। जिसमे इसे शामिल किया गया हैं।

विभिन्न संस्थानों के बैनर,पोस्टर अन्य प्रचार सामग्री से हरे भरे पेड़ों को नुकशान,नियमों का उल्लधं


पर्यावरण संरक्षण के लिए अभियान युवा संघ ने चलाया अभियान

अनूपपुर प्रकृति द्वारा मनुष्य को दिया गया सबसे मूल्यवान उपहारों में से एक पर्यावरण (वन) आदिकाल से प्रकृति की उपासना भारतीय संस्कृति का हिस्सा रहे,पेड़- पौधे, जल व जीव संरक्षण की वैज्ञानिक दृष्टिकोण समाहित रही है। शासन पर्यावरण संरक्षण के तहत विभिन्न कार्यक्रम चला रही हैं। वहीं दूसरी ओर पेड़ व प्रकृति के साथ हो रहे दोहन को नजरंदाज कर मनुष्य स्वार्थपरता को साबित कर रहे हैं। सड़क के किनारे हरे भरे पेड़ों पर विभिन्न संस्थानों के बैनर, पोस्टर व अन्य प्रचार सामग्री पेड़ों में बड़ी-बड़ी कीले लगाकर नुकसान पहुंचा रहे है। जबकि पेड़ों पर कील लगा पोस्टर लगाना पर्यावरण संरक्षण अधिनियम 1986 का सीधा उल्लंघन हैं। इसके लिए जनजातीय कल्याण के साथ नर्मदा व पर्यावरण संरक्षण के लिये कार्य करने वाली संस्था प्रणाम नर्मदा युवा संघ ने इसके सरंक्षण के लिए अभियान चलाया हैं।

युवा संघ ने बुधवार को प्रेस विज्ञप्ति में बताया कि राष्ट्रिय हरित कोर अधिनियम 2013 के अनुसार पेड़ों पर बैनर, पोस्टर का प्रयोग करना अपराध की श्रेणी में आता है, साथ ही यह अमानवीय हैं। सभी नियमों के बावजूद भी इसका उलंघन सरेआम हो रहा हैं और प्रशासन अंजान बना हैं। एक शोध के अनुसार यह साबित हो गया हैं कि पेड़ - पौधे में भी जान होती है। पेड़-पौधों को भी उतना ही दर्द होता है जितना एक जीव को चोट लगने पर होती हैं, इसके बावजूद स्वार्थ के लिए बड़ी बेरहमी से पेड़ों पर कील लगाकर बैनर, पोस्टर का प्रयोग होता हैं। पेड़ों को दर्द देकर ना केवल हम जंगल को नुकसान नहीं पहुंचा रहे वरन्  प्रकृति के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं, अपने जीवन के साथ खिलवाड़ कर रहे इस पृथ्वी पर निवास करने वाले हर उस प्राणी के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं जिनकी सांसें इस सुंदर सी प्रकृति पर निर्भर हैं।

युवा संघ ने बताया कि विगत दिनों में पेड़-पौधों का दोहन कर के अपने पर्यावरण का संतुलन को बिगाड़ रहें हैं। जिससे विभिन्न प्रकार की बीमारियों से जूझ रहा है इसका सिर्फ कारण पर्यावरण के साथ खिलवाड़ करने के नतीजा है। मौसम में तेजी से बदलाव,जलवायु परिवर्तन इसमें संतुलन ना होना इन सभी का कारण सिर्फ और सिर्फ प्रकृति के साथ खिलवाड़ करना है।

युवा संघ ने बताया कि पेड़ों पर बैनर, पोस्टर लगाना लोगो को आम बात लगती है। अमरकंटक वनीय क्षेत्र के साथ सभी जगह पेड़ों में बैनर,पोस्टर दिख जाते है। साल 1901 में 10 मई को भारतीय वैज्ञानिक सर जगदीश चंद्र बोस ने साबित कर दिया था कि पेड़-पौधों में भी जीवन होता है। 1901 में ये सच सब को पता चल गया था मगर यह सब जान कर भी हम उन्हें बेजान समझ कर इन खूबसूरत से पेड़- पौधे पर हम अत्याचार कर रहे है। हर दिन,हर पल उन्हें चोट ओर दर्द पहुंचा रहे है। उनके तकलीफ से खुद को अनजान बना कर रखे है।

जब तक हम आत्मनिर्भर नहीं होंगे,हमारा विकास नहीं होगा - खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री


रजिस्टे्रशन 1322
रोजगार मिला 431 को

अनूपपुर। जब तक हम आत्मनिर्भर नहीं होंगे, तब तक हमारा और आपका विकास नहीं होगा। बेरोजगार युवक-युवतियों को रोजगार से जोडऩे के लिए आज पूरे मध्यप्रदेश के जिलों में एक साथ रोजगार मेलों का आयोजन किया जा रहा है। उद्देश्य है कि हम आत्मनिर्भर बनकर प्रदेश और देश का विकास करें तथा देश को हर मामलों में आत्मनिर्भर बनाएं। प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री द्वारा आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। बुधवार को खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण मंत्री औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान में अनूपपुर में आयोजित जिला स्तरीय रोजगार मेले का शुभारंभ करते हुए बेरोजगार युवक-युवतियों को सम्बोधित कहीं। इस मौके पर कलेक्टर चंद्रमोहन ठाकुर, जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी मिलिंन्द कुमार नागदेवे, एसडीएम अनूपपुर कमलेश पुरी, विंध्य विकास प्राधिकरण के पूर्व उपाध्यक्ष रामदास पुरी, सहकारी बैंक के पूर्व संचालक बृजेश गौतम सहित जनप्रतिनिधि उपस्थित रहे।


खाद्य मंत्री बिसाहूलाल सिंह ने स्वरोजगार के जरिए आत्मनिर्भर बनने पर जोर देते हुए कहा है कि राज्य सरकार बेरोजगार युवाओं को रोजगार देकर आत्मनिर्भर बनाने को कृत संकल्प है। इस दिशा में लगातार प्रयास भी किए जा रहे हैं। जब तक हमारे युवा रोजगार या व्यवसाय में स्थापित नहीं होंगे, तब तक हम विकास की कल्पना नहीं कर सकते। यही वजह है कि अनूपपुर के बच्चों को रोजगार एवं व्यवसाय में स्थापित करने के उद्देश्य से तकनीकी शिक्षा देने के लिए अनूपपुर में औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान की स्थापना की गई। औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान में अध्ययनरत बच्चों का आव्हान किया कि वे खूब मन लगाकर पढ़ाई करें, ताकि अब्बल योग्यता हासिल कर स्वरोजगार या व्यवसाय में स्थापित हो सकें।

मंत्री ने कहा कि जिस तरह अनूपपुर जिले के चहुंमुखी विकास के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं, उसी तरह अमरकंटक के चहुंमुंखी विकास की कार्ययोजना भी बनाई गई है। रोजगार हेतु चयनित युवक-युवतियों को प्रमाण-पत्र बांटे गयें। रोजगार मेले में रायपुर, बिलासपुर, पीथमपुर, धार सहित स्थानिय कम्पनियों ने हिस्सा लिया। रोजगार के लिए 1322 रजिस्टे्रशन कराएं  रोजगार के लिए 431 का चयन हुआ।

अमरकंटक के कायाकल्प के लिए 49.98 करोड़ के कार्यो की गुरूवार को रखी जायेगीं आधारशिला


मुख्यमंत्री
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केन्द्रीय पर्यटन मंत्री एवं खाद्य मंत्री होगें शामिल

अनूपपुर भारत सरकार पर्यटन मंत्रालय द्वारा माँ नर्मदा एवं सोन नदी के उद्गम क्षेत्र तीर्थराज अमरकंटक में दर्शनार्थियों की सुविधा एवं पर्यटन के विकास हेतु प्रसाद (तीर्थयात्रा कायाकल्प और आध्यात्मिक संवर्धन ड्राइव) योजना अंतर्गत 49.98 करोड़ रुपए प्रदान किए गए हैं। योजनांतर्गत आकल्पित विकास कार्यों में क्षेत्र के सौंदर्यिकरण, संरक्षण, संवर्धन एवं पर्यटन विकास के कार्यों को समाहित किया गया है। जिसे 2 वर्ष की अवधि में अमलीजामा पहनाया जाएगा। कार्यों का क्रियान्वयन मध्यप्रदेश टूरिज्म बोर्ड द्वारा किया जाएगा। प्रमुख सचिव/ सचिव मध्यप्रदेश पर्यटन विभाग उक्त कार्यों के क्रियान्वयन एवं निगरानी के लिए नोडल अधिकारी रहेंगे।

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान तथा केन्द्रीय पर्यटन एवं संस्कृति राज्य मंत्री Ÿप्रहलाद सिंह पटेल के मुख्य आतिथ्य में 21 जनवरी को जिले के अमरकंटक में करोड़ो रुपये लागत के निर्माण कार्यों एवं विकास कार्यों का भूमिपूजन एवं लोकार्पण होगा। कार्यक्रम की अध्यक्षता खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण मंत्री बिसाहूलाल सिंह करेंगे तथा पर्यटन, संस्कृति एवं अध्यात्म मंत्री ऊषा बाबू सिंह ठाकुर विशेष अतिथि होंगी। आदिम जाति कल्याण एवं जनजातीय कार्य मंत्री मीना सिंह, सांसद हिमाद्री सिंह, जिला पंचायत अध्यक्ष रूपमती सिंह एवं पुष्पराजगढ़ विधायक फुन्देलाल सिंह मार्को समेत अन्य जनप्रतिनिधिगण कार्यक्रम में शामिल करेंगे।

प्रसाद योजनांतर्गत माँ नर्मदा उद्गम मंदिर में 4.12 करोड़ रुपए की लागत से सौंदर्यिकरण, संरक्षण एवं दर्शनार्थियों की सुविधा हेतु कार्य किए जाएँगे। 17 करोड़ 72 लाख की लागत से इन्द्रदमन ताल एवं दक्षिणी तट का सौंदर्यिकरण पदयात्री पुल,इंद्रदमन ताल में 1 करोड़ 11 लाख की लागत से सौंदर्यिकरण का कार्य,माँ नर्मदा के उद्गम दक्षिणी तट में 16 करोड़ 11 लाख की लागत से लैंडस्केपिंग, उद्यान विकास, डेकोरेटिव पोस्ट लाइटिंग, चेन लिंक फेंसिंग, पाथवे, कार्व्ड स्टोरी पैनल, सीसीटीवी, जनसुविधाएँ टॉयलेट ब्लॉक, कपड़े बदलने हेतु कीयोस्क, वाहन पार्किंग क्षेत्र, स्टोन बेंच आदि का कार्य होगा। माँ नर्मदा पर 7 करोड़ 81 लाख की लागत से पदयात्री पुल का निर्माण कार्य होगा। 8 करोड़ से मेला ग्राउन्ड,1 करोड़ 32 लाख की लागत से बनेगा 1290 वर्ग मीटर का विशाल कथा मंडप,2 करोड़ 14 लाख की लागत से बनेगा टुरिस्ट फैसिलिटी सेंटर, आगंतुक पर्यटकों की सुविधा हेतु 2 करोड़ 14 लाख की लागत से अमरकंटक में टुरिस्ट फैसिलिटी सेंटर बनाया जाएगा। जिसमें ऑडीओ विज़ूअल हाल, लैंडस्केपिंग, डेकोरेटिव बेंच एवं आंतरिक रोड सहित अन्य सम्बंधित कार्य शामिल हैं। माई की बगिया, सोनमुड़ा एवं कपिलधारा में 5 करोड़ 40 लाख रुपए से सौंदर्यिकरण कर उन्हें और आकर्षक बनाना, सोनमुड़ा एवं कपिलधारा में पर्यटकों के आकर्षण हेतु 75 लाख रुपए की लागत से कैंटिलीवर ग्लास ब्रिज का कार्य किया जाएगा। इसके साथ ही अमरकंटक क्षेत्र में जनसुविधाओं, पैदल पथों, आंतरिक मार्गों, इनफॉर्मेशन साइनेज, बस स्टैंड में जन सुविधाओं के विकास सहित क्षेत्र के सौंदर्यिकरण हेतु योजनांतर्गत विभिन्न विकास कार्य किए जाने हैं।


खाद्य एवं मंत्री ने किया कार्यक्रम स्थल का निरीक्षण

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के 21 जनवरी को अमरकंटक में आयोजित कार्यक्रम में शामिल होगें जिसे देखते हुए बुधवार को खाद्य मंत्री बिसाहूलाल सिंह, संभागायुक्त नरेश पाल, एडीजीपी जी. जनार्दन तथा कलेक्टर चन्द्रमोहन ठाकुर ने विभिन्न अधिकारियों के साथ कायक्रम स्थल निरिक्षण कर तैयारियों का जायजा लिया।

इस मौके पर मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत मिलिन्द कुमार नागदेवे समेत विभिन्न विभागों के अधिकारी मौजूद थे। खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण मंत्री एवं संभागायुक्त ने कार्यक्रम स्थल पर की गई विभिन्न व्यवस्थाओं को देखा और अधिकारियों से तैयारियों की जानकारी ली।

बुधवार, 13 जनवरी 2021

केंद्रीय पर्यटन विभाग ने प्रसाद योजना में अमरकंटक को किया शामिल,50 करोड़ से होगा विकाश

 


स्थानीय कला, संस्कृति, हस्तकला, व्यंजन मिलेगा बढ़ावा, विश्वस्तरीय बुनियादी ढांचा होगा विकसित

अनूपपुर अमरकंटक मां नर्मदा का उद्गम स्थल के चहुमुखी विकास के लिये केंद्रीय पर्यटन मंत्रालय ने प्रसाद योजना के तहत मध्य प्रदेश के अमरकंटक का चयन किया है। केंद्रीय पर्यटन विभाग ने देश के मप्र का अमरकंटक सहित 5 अन्य प्रदेश के धार्मिक स्थलों को इसमे शामिल किया गया हैं,जिसमें अमरकंटक के विकास हेतु सबसे अधिक राशि भी अन्य धार्मिक स्थलों की तुलना में दी जा रही है जो करीब 50 करोड़ है।

राष्ट्रीय मिशन तीर्थयात्रा कायाकल्प प्रसाद


तीर्थयात्रा कायाकल्प और आध्यात्मिक संवर्धन ड्राइव (प्रसाद) एक राष्ट्रीय मिशन है, जिसे पर्यटन मंत्रालय द्वारा वर्ष 2014-15 में शुरू किया गया था। यह योजना शत प्रतिशत केन्द्रीय रूप से वित्त पोषित है। जिसमे धार्मिक पर्यटन अनुभव को समृद्ध करने के लिए देश भर के तीर्थ स्थलों की पहचान और विकास पर केंद्रित है। इसका मुख्य उद्देश्य पूर्ण धार्मिक पर्यटन अनुभव प्रदान कराना और साथ ही प्राथमिकता वाले और स्थायी तरीके से तीर्थ स्थलों का एकीकृत विकास करना है। जानकारी अनुसार वर्ष 2020 में प्रसाद योजना में पर्यटन मंत्रालय ने देश के त्रिपुरा राज्य के त्रिपुर सुंदरी मंदिर,तेलंगाना राज्य के जोगुलंबा देवी मंदिर,अरुणाचल प्रदेश के परशुराम कुंड, सिक्किम के युकसोम व छत्तीसगढ़ के डोंगरगढ़ स्थित बमलेश्वरी देवी मंदिर शामिल हैं।

उद्देश्य

स्थायी रूप से पर्यटन आकर्षण,धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देना ताकि रोजगार सृजन और आर्थिक विकास में इसका प्रत्यक्ष और बहुमुखी प्रभाव पड़े। स्थानीय कला, संस्कृति, हस्तकला, व्यंजन इत्यादि को बढ़ावा देना है। धार्मिक स्थलों में विश्वस्तरीय बुनियादी ढांचा विकसित करना। तीर्थस्थलों के विकास के लिए कम्युनिटी बेस्ड डेवलपमेंट और प्रो-पुअरटूरिज्म कांसेप्ट का भी पालन करना। पब्लिक कैपिटल से लाभ प्राप्त करना। आय के स्रोतों में वृद्धि करना। समग्र विकास के लिए क्षेत्र में पर्यटन के महत्व के बारे में स्थानीय समुदायों के बीच जागरूकता पैदा करना

पर्यटन को बढ़ावा देने की दिशा में एक बड़ा कदम:

प्रदेश में और भी कई धार्मिक स्थल हैं जिनकी अपनी अपनी ख्याति पूरे देश भर में हैं। अमरकंटक का चयन केंद्र सरकार द्वारा किए जाना यहां की पहचान और पर्यटन को बढ़ावा देने की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है। भारत के मानचित्र में अमरकंटक मां नर्मदा उद्गम स्थल पहचान का मोहताज नहीं है लेकिन केंद्र सरकार की पहल से अमरकंटक का विकास और बेहतर होगा जो कि अभी तक अमरकंटक उपेक्षा का शिकार होता आया है। बताया गया इन स्थलों पर श्रद्धालुओं से जुड़ी सुविधाओं को जुटाने सहित पूरे क्षेत्र का समग्र विकास किया जाएगा।

मिनी स्मार्ट सिटी पर भी कार्य चल रहा:

वर्तमान समय अमरकंटक में मिनी स्मार्ट सिटी पर कार्य योजना पर कार्य हो रहा है लेकिन 3 वर्ष में यहां की कार्य प्रगति बेहद धीमी है। केंद्रीय पर्यटन मंत्रालय द्वारा दी जाने वाली विकास राशि से अमरकंटक और आसपास क्षेत्र का समुचित विकास और विस्तार होगा जानकारी अनुसार इस हेतु राशि भी जारी कर दी गई है। बताया गया इन छह स्थलों के विकास के लिए पर्यटन मंत्रालय ने कुल 268 करोड रुपए से ज्यादा की राशि स्वीकृत की है। 

गांजा की कार्यवाही में कोतमा पुलिस संदेह के घेरे में,तीन आरोपियों को छोड़े जाने की चर्र्चा


कार्यवाही भालूमाड़ा पुलिस की
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श्रेय लेने और सांठ-गांठ का आरोप

अनूपपुर कोतमा पुलिस द्वारा 9 जनवरी को निगवानी रोड शिव मंदिर के पास चार पहिया वाहन में गांजा का परिवहन करने पर दो आरोपियों को 3 किलो गांजा के साथ गिरफ्तार कर जमकर वाहवाही बटोरी थी, असल में पकड़े गए पांच आरोपियों में तीन आरोपियों को छोड़ कर सिर्फ दो के खिलाफ कार्यवाही की गई है। इस कार्यवाही पर प्रश्र चिन्ह खड़ा हो गया है और भालूमाड़ा पुलिस की इस कार्यवाही को अपने नाम लेने का श्रेय लिया गया है।

मुखबिर की सूचना पर 9 जनवरी को भालूमाड़ा पुलिस ने लतार गांव में वाहन क्रमांक सीजी 13 सी 0077 की जांच के दौरान 3 किलो गांजा सहित पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया गया था, जिन्हे कार्यवाही के लिए भालूमाड़ा थाना में लाया गया। लेकिन इस बीच कोतमा थाना प्रभारी राकेश वैश्य ने श्रेय लेने के चक्कर में वाहन सहित पांचो आरोपियों को कोतमा थाना ले गए। लेकिन भालूमाड़ा थाना से कोतमा थाना पहुंचने के पहले ही पांच आरोपियों में तीन आरोपी जिनमें रिजवान, पप्पू एवं राजेश सिंह को छोड़ दिया गया और जमुना प्रसाद पिता मोहन केवट निवासी चोलना टिकरीटोला थाना जैतहरी एवं एवं चालक दूजेश पिता टीकेश्वर रजवार निवासी बरडोढ़ी अंबिकापुर छ.ग. को गिरफ्तार कर कार्यवाही की गई।

कोतमा पुलिस द्वारा की गई कार्यवाही के बाद लतार गांव में जैसे ही लोगो को पता चला तो उन्होने इस बात का खुलासा किया, जिसके बाद भालूमाड़ा थाना प्रभारी रामनाथ आर्मो ने बताया कि मामले के समय मै अनूपपुर में था, जहां मुझे मेरे स्टॉफ द्वारा सूचना दी गई कि ग्राम चोलना की ओर से आ रहे वाहन क्रमांक सीजी 13 सी 0077 में रखे 3 किलो गांजा के साथ पांच आरोपियों को पकड़कर भालूमाड़ा थाना लाया गया है, लेकिन मेरे भालूमाड़ा थाना पहुंचने से पहले ही कोतमा थाना प्रभारी राकेश वैश्य द्वारा वाहन, गांजा सहित पांच आरोपियों को कोतमा थाना ले जा चुके थे।

इससे कोतमा थाना प्रभारी पर कई सवाल खड़े हो गए है, जहां उन्होने इस पूरी कार्यवाही में तीन आरोपियों को छोड़े जाने तथा श्रेय लूटने के लिए भालूमाड़ा पुलिस की पूरी कार्यवाही को अपना बताना इससे प्रतीत होता हैं कि पूरी योजना पहले ही बना रखी थी। कार्यवाही पर कोतमा सहित भालूमाड़ा थाना क्षेत्र के लोगो में पुलिस इस कारनाम चर्चाओं में है,वहीं एक गलती के कारण पूरे जिले की पुलिस बदनाम हो गई है। 


मंगलवार, 12 जनवरी 2021

पदाधिकारियों,कार्यकर्ता को व्यक्ति के लिए नहीं विचारधारा के लिए काम करने की आवश्यकता- आलोक शर्मा


भाजपा जिला कार्यकारिणी के गठन को लेकर की गई रायसुमारी

अनूपपुर भारतीय जनता पार्टी की जिला कार्यकारिणी के गठन को लेकर भाजपा कार्यालय में मंगलवार को प्रदेश पदाधिकारियों भोपाल महापौर आलोक शर्मा एवं सीहोर पूर्व जिलाध्यक्ष सीताराम यादव की उपस्थिति में रायसुमारी की गई। जिसमे भाजपा जिलाध्यक्ष को जिला कार्यकारिणी बनाने से पहले जमीनी स्तर से लेकर उन तमाम कार्यकर्ताओं के कार्यों का आकलन करने के साथ ही जिले भर के अपेक्षित पदाधिकारियों के विचारों को शामिल करने का मंथन चला।

इस दौरान भाजपा जिलाध्यक्ष बृजेश गौतम, प्रदेश कार्यसमिति सदस्य अनिल गुप्ता, अनुसूचित जनजाति आयोग के पूर्व अध्यक्ष नरेंद्र मरावी, पूर्व विधायक सुदामा सिंह, पूर्व जिलाध्यक्ष आधा राम,जिला पंचायत अध्यक्ष रूपमती सिंह, युवा मोर्चा प्रदेश उपाध्यक्ष जितेंद्र सोनी, महामंत्री अखिलेश कुमार द्विवेदी, भूपेंद्र सिंह सेंगर, भारत सिंह, अंबिका तिवारी, बबीता सिंह की उपस्थिति रहें।

भोपाल महापौर आलोक शर्मा ने कहा कि जिला कार्यकारिणी के लिए जो भी नाम सुझाए जाएं वह किसी व्यक्ति विशेष के ना होकर संगठन हित में होने चाहिए। भाजपा एक अनुशासन विचारधारा की पार्टी है रीति नीति और सिद्धांत पर काम करने वाली पार्टी है। यही कारण है कि जब कोई भाजपा पसंद नहीं करता था तो उस समय हमारे पूर्वजों ने संघर्ष करके इस संगठन को खड़ा किया। आज देश की सबसे बड़ी राजनीतिक पार्टी बनकर यदि खड़ी है तो उसके पीछे कार्यकर्ताओं की अहम भूमिका है। हर कार्यकर्ता और पदाधिकारियों को व्यक्ति के लिए नहीं विचारधारा के लिए काम करने की आवश्यकता है। भाजपा की अदृश्य निगाहें उन कार्यकर्ताओं पर होती हैं जो अच्छा काम करते हैं अपने अंदर ज्ञान संपदा का अविष्कार हर कार्यकर्ता करें जिससे कि वह आगे चलकर पार्टी और देश हित में काम कर सके। अच्छे आचरण से अच्छा कार्यकर्ता बनाता है

उन्होंने कहा कि जिला कार्यकारिणी में आठ उपाध्यक्ष, तीन महामंत्री, 8 मंत्री एक कोषाध्यक्ष के अलावा 7 महिलाएं इस कार्यकारिणी में शामिल की जाएंगी। जिला पदाधिकारी के लिए 55 वर्ष की आयु सीमा निर्धारित की गई है विशेष परिस्थितियों में यह आयु सीमा 60 वर्ष होगी। वहीं जिला कार्यसमिति के लिए आयु सीमा 70 वर्ष तक तय की गई है। जो भी पदाधिकारी के नाम सुझाव के लिए दिए जाएंगे उनके आयुसीमा पर सभी लोग विचार कर नाम भेजेंगे।  एक अच्छी टीम जिले के अंदर खड़ी हो इसके लिए सभी के सुझाव लिए गए अब देखना यह होगा कि भाजपा जिले में सुयोग्य संगठन दे पाता हैं या।

नगर विकास मंच ने नो इंट्री में प्रवेश पर प्रतिबंध लगाने सौंपा शिकायती पत्र


दो दिवस पर कार्यवाही नही होने पर अनशन में बैठेगा मंच

अनूपपुर नगर में नो इंट्री के दौरान भारी वाहनो के प्रवेश पर रोक लगाए जाने की शिकयती पत्र नगर विकास मंच अनूपपुर के संयोजक एड.संजीव कुमार द्विवेदी न मंगलवार को कलेक्टर के नाम अपर कलेक्टर सरोधन सिंह को सौंपा।

जिसमे कहा गया हैं कि जिला प्रशासन द्वारा पूर्व में मुख्यालय के आमजनों, दुकानदारों की व्यवस्था को देखते हुए सुबह 9 बजे से शाम 9 बजे तक शहर में नो इंट्री का नियम लागू किया गया है। बावजूद इसके कोयला से भरे भारी वाहन  नोइंट्री के नियमों को तोड़कर बेधड़क जिला मुख्यालय से गुजर रहे है, जिससे जनमानस एवं सड़क किनारे संचालित दुकानदारों व राहगीरों, स्कूली बच्चे परेशान हो रहे है। आवागमन करने में लगातार परेशान होना पड़ रहा है। भारी वाहनो में लोडिग़ भी मानक के विपरीत है, जिसके कारण जर्जर तिपान पुल भी ध्वस्त हो सकता है, जिसे भारी वाहनो को नो इंट्री में प्रवेश न देकर नगर के लोगो को न्यायहित में आवश्यक है। दो दिवस में नो इंट्री में दौड़ रहे भारी वाहनो के प्रवेश पर प्रतिबंध लगावाए जाने अथवा नगर विकास मंच अनशन में बैठने को मजबूर होगा, जिसकी समस्त जिम्मेदारी प्रशासन की होगी।

हिन्दुस्थान समाचार/ राजेश शुक्ला

रेत का अवैध परिवहन करते वेंकटनगर पुलिस ने ट्रैक्टर किया जब्त


अनूपपुर
रेत का अवैध उत्खनन कर परिवहन करने की लगातार शिकायत के बाद वेंकटनगर पुलिस ने मंगलवार को रेत का अवैध परिवहन करते हुए ट्रैक्टर को जब्त किया गया है।

चौकी प्रभारी के.एल.बंजारे ने बताया कि वेंकटनगर स्थित अलान नदी से मंगलवार को रेत का अवैध उत्खनन कर परिवहन करते समय ट्रैक्टर क्रमांक सीजी 15 डीडी 3139 को रोकते हुए चालक विजय चौधरी पिता रामस्वरूप चौधरी से वाहन में लोड रेत से संबंधित दस्तावेज की मांग की गई,चालक द्वारा मौके पर किसी भी प्रकार कर दस्तावेज नही दिखाया गया। जिस पर पुलिस ने ट्रैक्टर को जब्त करते हुए चौकी में खड़ा कराए जाने के साथ ही चालक विजय चौधरी एवं ट्रैक्टर मालिक रामस्वरूप चौधरी के खिलाफ धारा 379 एवं खनिज अधिनियम के तहत कार्यवाही की गई।

स्थानिय व्यापारी की सांठ-गांठ छत्तीसगढ़ की धान बिकने आई जिले में,दो ट्रक में 370 बोरी जब्त


किसानो की जगह व्यापारी बेच रहे धान
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उपार्जन केन्द्र रेउला, कोतमा एवं देवगवां संदेह के घेरे में

अनूपपुर मुखबिर की सूचना पर खाद्य एवं आपूर्ति विभाग द्वारा 12 जनवरी को कोतमा के बिल्ला व्यापारी के गोदाम से निकले धान के दो ट्रक में लदी 370 बोरी धान को जब्त करते हुए उपार्जन नीति के उल्लंघन करते पाए जाने पर वाहनों को पुलिस अभिरक्षा में कोतमा थाने में खड़ा करवाते हुए आवश्यक वस्तु अधिनियम के तहत कार्यवाही की गई है। कार्यवाही के दौरान दोनो वाहनो में धान की बोरियों में छत्तीसगढ़ शासन की स्टेनसील लगी थी।


यह था मामला

मुखबिर की सूचना पर जिला खाद्य एवं आपूर्ति अधिकारी अंबोज श्रीवास्तव के निर्देशन में सहायक आपूर्ति अधिकारी वॉय.एस. तिवारी, कनिष्ठ आपूर्ति अधिकारी प्रदीप द्विवेदी, सीमा सिंह एवं प्रदीप त्रिपाठी की टीम गठित कर 12 जनवरी की सुबह लगभग 7 बजे कोतमा  ज्योति पेट्रोल पंप के पास खड़े दो ट्रको की जांच की गई। जिसमे ट्रक क्रमांक सीजी 04 एमसी 7812 में 250 बोरी एवं मिनी ट्रक क्रमांक सीजी 10 एएफ 1896 में 120 बोरी धान पाई गई। चालक संदीप साहू एवं पुष्पराज सिंह ने अपने बयान में बताया कि कोतमा के व्यापारी भीमसेन गुप्ता उर्फ बिल्ला सेठ के गोदाम से रात के समय दोनो ट्रक लोड कर खड़ा किया गया था,जिस उपार्जन केन्द्र में पंजीयन के आधार पर डिमांड आने पर उस उपार्जन केन्द्र में भेज दिया जाता है।


दोनो ट्रक जब्त कर पुलिस अभिरक्षा में सौंपा गया

जिला खाद्य एवं आपूर्ति विभाग की टीम द्वारा की गई जांच में दोनो ट्रक चालको के पास न तो किसानो का पंजीयन की कॉपी पाई गई और न ही वाहन में लोड धान के कोई दस्तावेज मिले है। कोतमा क्षेत्र के उपार्जन केन्द्रो में किसानो की जगह व्यापारियों द्वारा समर्थन मूल्य पर विक्रय करने के प्रयोजन से अवैध परिवहन किया जा रहा था, जिसके बाद दोनो ट्रको के चालको के बयान पर ट्रको में लोड 370 बोरी धान को जब्त करते हुए वेयर हाउस को सुपुर्द किया गया साथ ही दोनो ट्रको को कोतमा पुलिस को अभिरक्षा हेतु सौंपा गया है। वहीं इस पूरी कार्यवाही को कलेक्टर न्यायालय में पेश किया जाएगा।

जिले में उपार्जन नीति का खुला उल्लंघन

जिले में समर्थन मूल्य पर धान खरीदी केन्द्रो के धान खरीदी के अंतिम समय में अब किसानो की जगह व्यापारियों की धान लाकर उपार्जन नीति का खुला उल्लंघन किया जा रहा है। जहां प्रत्येक वर्ष विवादो में रहने वाले खरीदी केन्द्र कोतमा, रेऊला एवं देवगवां इस वर्ष भी विवादो में आ गया है। जहां के व्यापारियों द्वारा प्रदेश शासन की उपार्जन नीति के खिलाफ जाकर धोखाधड़ी करते हुए किसानो के लिए बनाई गई समर्थन मूल्य का व्यापारियों द्वारा लाभ लिया जा रहा है।

किसान पंजीयन में चल रहा खेल

प्रदेश शासन के लिए बनाई गई समर्थन मूल्य पर धान खरीदी योजना का लाभ अब किसानो की जगह व्यापारी ले रहे है। अनूपपुर जिले में बनाए गए 29 खरीदी केन्द्रो में अब तक 6 लाख 49 हजार 762 क्विंटल धान खरीदी कर जिले के अब तक का सभी रिकार्डो को घ्वस्त कर दिया हैं अभी खरीदी चालू हैं। जिसके बाद अब किसान या तो स्वयं  व्यापारियों से धान की खरीदी कर अपने पंजीयन में बेच रहे है तो दूसरी तरफ व्यापारी उपार्जन केन्द्रो में किसानो के पंजीयन पर नजर रखते हुए अपनी धान संबंधित खरीदी केन्द्रो में पहुंचा रहें है।

खाद्य एवं आपूर्ति अधिकारी अंबोज श्रीवास्तव का इनका कहना है कि जांच में धान व्यापारियों का होना पाया गया है,अग्रिम कार्यवाही करते हुए प्रतिवेदन जांच कलेक्टर न्यायालय में पेश कर आगे की कार्यवाही की जाएगी।

 

गुरुवार, 7 जनवरी 2021

शांतिकुंटी ने नर्मदा सफाई के लिए बढ़ाया हाथ, कार्य में लगे वाहनों को देगे ईधन


नर्मदा उद्गम से गाद हटाने का कार्य युद्धस्तर पर जारी

अनूपपुर। शांतिकुंटी के महंत श्री रामभूषण दास जी महाराज ने नर्मदा की सफाई में लगे वाहनो के लिए 500 लीटर डीजल के देने घोषण वहीं गुरूवार को की हैं। गुरूवार को भी अमरकंटक में माँ नर्मदा नदी के उद्गम क्षेत्र रामघाट में गाद हटाने का कार्य युद्धस्तर पर जारी है। कार्य में प्रशासनिक अधिकारियों के साथ स्थानीय साधु संत एवं जनप्रतिनिधियों द्वारा सक्रिय सहभागिता निभाई जा रही है। आशा है कि शीघ्र ही आशानुरूप परिणाम प्राप्त होंगे एवं माँ नर्मदा निर्मल,अविरल स्वरूप को प्राप्त करेंगी।


पवित्र पुण्य सलिला मां नर्मदा के उद्गम स्थल अमरकंटक में नर्मदा पर बने पुष्कर बांध की सफाई, सौंदर्रीकरण,घाट निर्माण आदि सेवा कार्य का आरंभ्भ बुधवार को वेद मंत्रोच्चार के बीच हुआ। स्थल के गहरीकरण एवं सफाई के लिए पूज्य श्री कल्याण दासजी महाराज द्वारा 15 लाख रुपएं के साथ रामघाट के क्षतिग्रस्त घाटो की मरम्मत के लिए रेत और गिट्टी के साथ दो सौ बोरी सीमेंट भी देने की बात कहीं हैं। साथ ही मृत्युंजय आश्रम ने सहयोग का बीड़ा उठाया हैं।

मंगलवार, 5 जनवरी 2021

भिखमतिया को न्याय दिलाने पूर्व विधायक ने मुख्यमंत्री को लिखा पत्र


पटवारी से भूमि कब्जा दिलाने की मांग

अनूपपुरराजस्व विभाग में कर्मचारी ने बेवा भिखमतिया कोल की भूमि पर अनूपपुर शहर में 8 एकड़ से अधिक भूमि पर कब्जा किया हैं,जिसकी जानकारी पटवारी, राजस्व निरीक्षक, तहसीलदार, एसडीएम,अपर कलेक्टर, कलेक्टर, कमिश्नर सभी को मालूम है। पीडि़त परिवार एक वर्ष पूर्व आपके समक्ष उपस्थित होकर न्याय की गुहार लगा चुके हैं,आपने न्याय देने का आश्वाशन भी दिया था। जबकि पटवारी के विरूद्ध धारा 420 के तहत प्रकरण भी कायम है और न्यायालय में विचाराधीन है। मंगलवार को पूर्व विधायक रामलाल रौतेल ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह का लिखे पत्र गरीब बेवा महिला को न्याय दिलाने की मांग की हैं।


पत्र में पूर्व विधायक ने लिखा हैं कि सुशासन दिवस पर आपने कहा है कि जनता परेशान नहीं होगी,जो गड़बड़ करेगा उसे किसी भी हालत में छोड़ा नहीं जाएगा। भू-माफिया,रसूखदार के विरूद्ध एक्शन अवश्य लिया जाएगा। मध्यप्रदेश के समस्त कलेक्टर्स को निर्देशित भी किया है। यह कदम स्वागत योग्य है, आमजन में प्रसन्नता भी है. तथा जनता का विश्वास भी जगा है। अनूपपुर जिला मुख्यालय में तथा आस-पास के गांव में जमीन की फर्जीवाड़ा के कई उदाहरण हैं। बे-लगाम भू-माफिया हैं,भूमि मालिक को नहीं मालूम उसकी जमीन बेंच दी गई है, गरीबों की भूमि पर बेजा कब्जा किया जा रहा है। बे-खबर राजस्व विभाग मूकदर्शक है। राजनैतिक संरक्षण प्राप्त भू-माफिया से आमजन भयकान्त है,कब जमीन लुट जाए इसकी चिन्ता रहती है।


पूर्व विधायक ने लिखा हैं कि कलेक्टर अनूपपुर को गरीब बेवा महिला के प्रति सहानुभूति है, न्याय देना चाहता है, लेकिन हिम्मत नहीं उठा पा रहा है। कारण अपनी कलेक्टरी बचाना है। किसी भी हालत में मैनेज करके कलेक्टर बने रहने की प्रबल इच्छा है, होना भी चाहिए, लेकिन कर्तव्यों को ध्यान देना आवश्यक है। उन्होंने जिले में सक्रिय भू-माफिया, राजनैतिक संरक्षण प्राप्त दबंगों से आम जनों को राहत देने तथा भू-माफिया के विरूद्ध कठोर कार्यवाही की बात कहीं हैं।

नर्मदा के उद्गम के पुष्कर बांध की सफाई और सौंदर्रीकरण प्रारंभ्भ


अनूपपुर
। पवित्र पुण्य सलिला मां नर्मदा के उद्गम स्थल अमरकंटक में नर्मदा पर बने पुष्कर बांध की सफाई, सौंदर्रीकरण,घाट निर्माण आदि सेवा कार्य का आरंभ्भ (श्रीगणेश) मंगलवार को पुजारी वन्दे महाराज ने वेद मंत्रोच्चार के बीच हुआ।

ज्ञात हो कि मां नर्मदा के उद्गम स्थल के गहरीकरण एवं सफाई के लिए पूज्य श्री कल्याण दासजी महाराज द्वारा 15 लाख रुपएं के साथ रामघाट के क्षतिग्रस्त घाटो की मरम्मत के लिए रेत और गिट्टी के साथ दो सौ बोरी सीमेंट भी देने की बात कहीं हैं। साथ ही मृत्युंजय आश्रम ने सहयोग का बीड़ा उठाया हैं।

मंगलवार को सफाई का कार्य प्रारंभ्भ किया गया। इस दौरान अमरकंटक नगर पंचायत अध्यक्ष प्रभा पनारिया, उपाध्यक्ष राम गोपाल द्विवेदी (दादू महाराज), एसडीएम पुष्पराजगढ़, सीएमओ  कल्याण सेवा आश्रम से हनुमानदास जी महाराज, कामता प्रसाद द्विवेदी,बबीता सिंह, राधेश्याम उपाध्याय,अमित राजपूत,सैंकी द्विवेदी, दिव्यम द्विवेदी, मुकेश वर्मा, संजय श्रीवास, अंजय तिवारी, शुलेमान खान सहित अन्य जन उपस्थित रहें।

दोहरे हत्याकांड का का खुलासा: एक प्रेमिका दो प्रेमी बना हत्या का कारण

नबालिक सहित दो गिरफ्तार, भेजे गये न्यायिक अभिरक्षा  अनूपपुर। एक प्रेमिका दो प्रेमी के विवाद में एक प्रेमी युवक ने अपने नाबालिग साथी के साथ म...