समकालीन
साहित्य मे बाजार वाद विषय मे दो दिवसीय राष्ट्रीय शोध संगोष्ठी का शुभारंभ
अनूपपुर।
शासकीय महाविद्यालय जैतहरी में हिन्दी विभाग द्वारा राष्ट्रीय शोध संगोष्ठी का
समकालीन साहित्य में बाजार वाद, विविध
सन्दर्भ का आयोजन किया जा रहा है। इस संगोष्ठी का शुभारंभ कार्यक्रम के मुख्य
अतिथि सभ्भायुक्त रजनीश श्रीवास्तव, विशिष्ट
अतिथि कलेक्टर अजय शर्मा, कार्यक्रम
की अध्यक्षता कर रहे विधायक रामलाल रौतेल, नगर
पालिका परिषद जैतहरी अध्यक्ष नवरत्नी शुक्ला एवं संगोष्ठी के संयोजक डॉ परमानंद
तिवारी द्वारा किया गया।
मुख्य अतिथि
सभ्भायुक्त रजनीश श्रीवास्तव ने सामाजिक परिदृश्य मे साहित्य के विशेष स्थान का
उल्लेख करते हुए कहा कि मानवीय संवेदनाओं को जीवंत रखने मे साहित्य का विशिष्ट
स्थान है। आज ब$ढते
हुए बजारवाद के कारण मानवीय मूल्य संशय मे हैं। यही कारण है कि आज जन मानस को व्यवस्थित
जीवन व्यतीत करने के लिए बाह्य बल की आवश्यकता महसूस हो रही हैं। आपने कार्यक्रम
मे उपस्थित छात्राओं को संबोधित करते हुए यह सलाह दी कि छात्र अपने अंदर की मानवीय
संवेदनाओ को सुरक्षित करके रखें। सदैव समाज के उत्थान एवं परहित के कार्यों के लिए
तत्पर होकर सशक्त भारत के निर्माण मे सहयोग दे।
वैचारिक पी$डा को निरूपित करने
वाला साहित्य ही शास्वत -कलेक्टर
कलेक्टर ने
संगोष्ठी मे उपस्थित प्रबुद्घ जनो से मुखातिब होते हुए कहा कि बाजार को ध्यान मे
रख कर लिखे गए साहित्य क्षणिक आनंद दिला पाते हैं। इनकी आयु कम होती है, परंतु मानवीय
सवेदनाओं एवं वैचारिक पी$डाओं
को व्यक्त कर रहे उद्गार शास्वत है अमर हैं। आपने कहा ऐसा साहित्य जिसमे मानवीय
सवेदनाएं शून्य हो वह साहित्य नही है, मानवीय
संवेदनाओ का सजीव चित्रण एवं उसका प्रभावी उपयोग ही समसामयिक साहित्य का लक्ष्य
होना चाहिए।
आदिवासी कला
को संरक्षित करने की भूमिका निभा रहा है साहित्य- विधायक
कार्यक्रम की
अध्यक्षता कर रहे विधायक रामलाल रौतेल ने आदिवासी जीवन एवं उनकी संस्कृति के
संरक्षण एवं संवर्धन मे साहित्यकारों की भूमिका की सराहना करते हुए कहा किसी भी
क्षेत्र की कला एवं संस्कृति का विकास, प्रसार
एवं उसे जीवंत रखने मे साहित्य की सदा ही विशेष भूमिका रही है। आज के समसामयिक युग
मे जहां मानवीय मूल्यों का स्थान कहीं न कहीं आर्थिक मूल्यों ने लिया है वहाँ पर
इस संस्.ति को बचा के रखने के लिए साहित्यिक समुदाय को आगे ब$ढकर जिम्मेदारी लेनी
होगी। दो दिवसीय संगोष्ठी १० एवं ११ मार्च को स्वसहायता भवन जैतहरी मे आयोजित की
जा रही है , इस
संगोष्ठी में देशभर के कई विश्वविद्यालयों एवं महाविद्यालयों के आचार्य, अध्येता, शोधार्थी भाग ले रहे
है, जिसमें
डॉ. आर आर सिंह, डॉ.
कमलिनी पाणीग्रही,कटक
नवनीत पनारा, सुरेन्द्र
नगर एम रामचन्द्रम हैदराबाद, डॉं.उर्मिला
खरपूसे मंडला, डॉ.
ममता उपाध्याय रीवा आदि अनेक विद्वान आए हुए हैं।
संक्षेपिका
का किया गया विमोचन
शासकीय
महाविद्यालय जैतहरी में हिन्दी विभाग द्वारा राष्ट्रीय शोध संगोष्ठी का समकालीन
साहित्य में बाजार वाद, विविध
सन्दर्भ का आयोजन किया जा रहा है। इस संगोष्ठी मे समकालीन साहित्य मे बाजारवाद
विविध संदर्भ पर शोध संक्षेपिका का कार्यक्रम के मुख्य अतिथि सभ्भायुक्त रजनीश
श्रीवास्तव, विशिष्ठ
अतिथि कलेक्टर अजय शर्मा, कार्यक्रम
की अध्यक्षता कर रहे विधायक रामलाल रौतेल, नगर
पालिका परिषद जैतहरी अध्यक्ष नवरत्नी शुक्ला एवं संगोष्ठी के संयोजक डॉ. परमानंद
तिवारी द्वारा विमोचन किया गया।