सिटी
स्कैन की कमी खली,गम्भीर
मरीजों की नहीं हो रही जांच
अनूपपुर। जिले में कोरोना संक्रमितों के लगातार बढ़ते आंकड़ों के
बाद गम्भीर मरीजों के शहडोल रेफर पर अप्रत्यक्ष मनाही हो गई है। जिसके कारण पिछले
चार दिनों से अनूपपुर जिले से एक भी गम्भीर मामले रेफर नहीं किए गए हैं। यहां लगभग
55 गम्भीर मरीजों का इलाज जारी है। जिसमें जिला चिकित्सालय कोविड आइसोलेशन वार्ड
में 35 तथा शासकीय कन्या शिक्षा परिसर में बनाए गए कोविड केयर सेंटर में 20 मरीजों
का इलाज जारी है। हालांकि अभी तक किसी भी गम्भीर कोविड मरीज की मौत का मामला इलाज
के दौरान ऑक्सीजन या दवाई के अभाव में होना सामने नहीं आया है। 23 अप्रैल को दो
संक्रमित मरीजों को बॉड डेड हालत में लाया गया था, जिसपर भी चिकित्सकों ने
प्राथमिक उपचार कर दोबारा जान फूंकने के प्रयास किए थे। लेकिन अनूपपुर कोविड
आइसोलेशन वार्ड और कोविड केयर सेंटर में इलाजरत मरीजों के लिए सिटी स्कैन की
सुविधा नहीं मिलने से उनके इलाज प्रभावित हो रहे हैं। यहां के दोनों सेंटरों में
कार्यरत चिकित्सक बिना वास्तविक मरीजों की गम्भीरता असमंजस्यता की स्थिति में इलाज
कर रहे हैं।
चिकित्सकों
का मानना है कि अगर सिटी स्कैन की सुविधा होती तो मरीजों का इलाज और बेहतर और फ्री
हैंड में हो सकता है। इससे पूर्व पीएस खनिज और कोविड प्रभारी भोपाल ने जिला
चिकित्सालय में कोविड तैयारियों का जायजा लेते हुए चिकित्सकों की कमी और कोविड
मरीजों की जांच में सिटी स्कैन की व्यवस्था नहीं होने पर गम्भीर मरीजों को तत्काल शहडोल
रेफर करने के निर्देश दिए थे, ताकि ऐसे मरीजों को तत्काल जांच कर इलाज किया जा सके। लेकिन शहडोल
में अचानक बढ़े मरीजों की संख्या और ऑक्सीजन की कमी पर अब मेडिकल कॉलेज ने भी अपने
जिले के मरीजों के लिए भी नो इंट्री की सूचना भी चस्पा करवा दी है।
मरीजों
की वास्तविक स्थिति से अंजान
जिला
चिकित्सालय या जिले में सिटी स्कैन सेंटर के अभाव में कोरोना संक्रमित मरीजों की
नियमित जांच नहीं हो रही है। सिटी स्कैन के अभाव में मरीजों में कोरोना वास्तविक
संक्रमण स्थिति का आंकलन स्पष्ट नहीं हो पाता। चिकित्सकों के अनुसार सिटी स्कैन से
लंग्स की स्थिति संक्रमण की प्रतिशता का अनुमान चलता है, इससे संक्रमण के अनुसार
मरीजों का इलाज होता है।
निजी
सेंटर का सहारा
शहडोल
मेडिकल कॉलेज की मनाही के बाद अब शहडोल के ही एक निजी सिटी स्कैन सेंटर पर जांच की
सहमति बनी है। जिसमें अनूपपुर से रोजाना 2-3 मरीजों को सिटी स्कैन के लिए वाहन से
शहडोल भेजा जा रहा है। इस आवाजाही और जांच में मरीजों को 4-5 घंटे का समय व्यतीत
हो जाता है। बताया जाता है कि इस जांच के लिए चिकित्सीय दल की सलाह के बाद
सम्बंधित मरीज को जांच के लिए शहडोल भेजा जाता है।
बिस्तरों
की सुविधा
जिला
चिकित्सालय में 40 और वन स्टॉप सेंटर में 10 बिस्तर ऑक्सीजन बिस्तर की सुविधा बनाई
गई है। जबकि कन्या शिक्षा परिसर कोविड केयर सेंटर में 100 ऑक्सीजन बिस्तर के साथ
सामान्य 200 बिस्तर की व्यवस्था बनाई गर्ई है। यहां 500 बिस्तर जिसमें 100 ऑक्सीजन
400 सामान्य किया जाना प्रस्तावित है। इसके अलावा जिले के 6 सीएसची जैतहरी, कोतमा, फुनगा, परासी, राजेन्द्रग्राम, वेंकटनगर में 10 ऑक्सीजन
बिस्तर कोविड सेंटर तैयार रखा गया है। विदित हो कि जिले में 55 गम्भीर तथा 860 होम
आइसोलेट मरीज हैं।
200
लीटर प्रति मिनट ऑक्सीजन की होगी सुविधा
जिला
अस्पताल में ऑक्सीजन प्लांट लगाने का कार्य प्र्रगति पर है। 200 लीटर प्रति मिनट
क्षमता का प्लांट होगा। तैयार होने में लगभग एक माह लगेगा। इससे जिला अस्पताल को
अन्य ऑक्सीजन प्लांट पर निर्भर नहीं होना होगा।