
सोमवार, 16 जुलाई 2018
एमएसडब्ल्यू छात्रों को मिला अंतर्राष्ट्रीय संस्था के साथ इंटर्नशिप का मौका

दो दिनो की बारिश से किसानो के चेहरे खिले,खेतों में रोपाई शुरू,उमस से मिली राहत
रविवार से हो रही बारिश ने
किसानों को धान की रोपाई का अवसर दे दिया है। बारिश से खेतों में ठहरे पानी को
मचाकर नर्सरी में तैयार धान के पौधों को लगाना शुरू कर दिया है। इन दिनों खेतों
में मजदूरों का झुंड रोपाई करने में व्यस्त है। किसान भी वर्षा को देखते हुए जल्द
से जल्द धान वाली खेतों में रोपाई का कार्य पूरा करना चाह रहे हैं ताकि समय से फसल
तैयार हो सके। 30 जुलाई
तक किसानों के पास फसल बुवाई का मौका है। रुकरुक कर तेज बारिश होने से किसानों की
चिंता काफी हद तक कम हो गई। रोपाई के लिए जरूरत का पानी मिल गया है। किसान मौके को
न गंवाकर बुवाई व रोपाई का कार्य पूरा करने में जुटे हैं। जानकारी अनुसार जिले में
1 लाख 79 हजार हेक्टेयर
में खरीफ की बोवनी का लक्ष्य रखा गया है जिसके विरुद्घ 15 जुलाई तक 63 प्रतिशत बोवनी
पूरी कर ली गई। धान, मक्का, सोयाबीन की बुवाई ने अब तेजी से हो रही है।
जिले में चक्रवात का सिस्टम बनने
से पूरे जिले में पिछले तीन दिनों से बारिश हो रही है। सुबह और शाम झमाझम बारिश से
जल स्रोतों में पानी का भराव होने लगा है। जिले की सोन, तिपान, जोहिला, बकान, अलान नदियों
में जल स्तर अब बढ़ गया है। रुक-रुककर तेज बारिश हो रही किंतु अभी भी जमीन में नमी
नहीं आ पाई है जिससे लोगों को उमस का सामना करना पड़ रहा है। तीन दिनों से बादलों
की लुकाछिपी भी बनी हुई है। एक तरफ बारिश से लोगों को वातावरण ठंडा होने से राहत
मिली है तो वहीं बारिश के कारण बन रही सड़कों और कच्चे मार्गों से आवागमन करने
वाले परेशान हो रहे हैं। जिला मुख्यालय से शहडोल, जैतहरी, राजेन्द्रग्राम
अमरकंटक जाने वाले मार्गो में निर्माण कार्य होने से बरसात के कारण सड़क में
मिट्टी की वजह से कीचड़ फैल रहा है और राहगीरों को आने-जाने में असुविधा का सामना
करना पड़ रहा है। कार्य में देरी की वजह से आखिर वही हो रहा जिसका डर था। इन
मार्गों की खुदाई हो जाने से सड़क में हुए गहरे गड्ढों के कारण लोग हिचकोले भरते
हुए चलने को विवश हैं तो वहीं सड़क में वर्षा का पानी ठहरने से सड़क तालाब जैसे हो
गए हैं।
कन्या मा.वि.परासी विभागीय अधिकारियों की अनदेखी
अनूपपुर। जनपद अनूपपुर
के ग्राम पंचायत परासी में संचालित शासकीय कन्या माध्यमिक विद्यालय विभागीय
अधिकारियों की अनदेखी के चलते कई समस्याओं से जूझ रहा है। विद्यालय प्रांगण में
बालिका छात्रावास भी संचालित है। विद्यालय में लगभग 107 बालिकाएं
अध्ययनरत हैं,
जिन्हे संस्था में बेहतर सुविधा न होने से पढ़ाई करने में परेशानी उठानी पड़
रही है। विद्यालय में चार कमरे हैं जिनमें से दो कमरों में बरसात का पानी भर रहा
है। बारिश होने पर 1 से 8 की छात्राओं को दो कमरों में बैठाया जाता। भवन की समस्या
जनपद शिक्षा केंद्र को है, लेकिन नए भवन का निर्माण न कराए जाने से जगह की समस्या आ
रही है। कन्या विद्यालय में कक्षा 1 से 8वीं तक की कक्षाएं लग रही हैं।
छात्रावास की बालिकाओं के साथ ही गांव की बालिकाएं अध्ययनरत हैं। स्कूल में
बाउंड्रीवाल तो है लेकिन गेट खराब होने के कारण एवं मरम्मत न कराए जाने से
बालिकाएं स्कूल लगने के बाद अक्सर बाहर निकल आती हैं। जिससे सुरक्षा नहीं हो पाती।
भवन के सामने नाली का निर्माण पंचायत ने कराया था, लेकिन स्कूल के प्रवेश द्वार पर
नाली खुली छोड़ दी गई, नाली में बडा गड्ढा होने से गिरने का डर बना रहता है। साथ
ही सायकल लेकर आने वाली छात्राओं को असुविधा होती है।
परासी का प्राथमिक शाला वर्ष 2015-16 में
माध्यमिक शाला में उन्नयन हुआ था। उन्नयन के पश्चात विद्यालय को जो शैक्षिक
सुविधाएं विभाग से मिलनी चाहिए वह नहीं दी गई। न तो माध्यमिक शाला के लिए भवन मिला
और न ही स्टाफ। केवल एक शिक्षक विद्यालय में दिए गए प्राथमिक विद्यालय में एक
शिक्षक है। इन शिक्षकों को संस्था प्रभारी का कार्य खुद करना पड़ता है। पढ़ाने एवं
विभागीय कार्य दोनो करने के कारण यहां की छात्राओं को शिक्षक विषयवार पढ़ाई नहीं
करा पा रहे। प्रध्यानाध्यापक इस विद्यालय में नहीं हैं। विद्यालय में दो शौचालय का
निर्माण कराया गया था जिनमें एक पूरी तरह तरह ध्वस्त हो गया है। दूसरा जो उपयोग हो
रहा है उसमें पानी की व्यवस्था न होने की वजह से छात्राओं को बाल्टी से पानी लेकर
जाना पड़ता है इसके साथ ही बनाए गए फर्स भी पूरी तरह उखड़ गई है जिससे छात्राओं को
परेशानियों का सामना करना पड़ता है।
इनका कहना है
विद्यालय का गेट 15 दिनों पूर्व
टूट गया था, जिसकी
मरम्मत कराई जा रही है। शीघ्र ही उसे मुख्य द्वार पर लगाया जाएगा। साथ ही निर्मित
नाली में ढक्कन लगाने के लिए सरपंच से कहा जाएगा। विद्यालय में शौचालय व अन्य
समस्याओं की जानकारी संकुल को भेजी जा चुकी है।
रामराघव विश्वकर्मा,अध्यापक
शा.मा.कन्या विद्यालय परासी
बजार बैठकी जनपद पंचायत पुष्पराजगढ़ सीईओ राजेन्द्र त्रिपाठी के सह पर 8542500 का
जनपद पंचायत पुष्पराजगढ़ सीईओ राजेन्द्र त्रिपाठी के सह पर 8542500 का नही है अता पता
मामला सप्ताहिक बजार बैठकी का,जांच पर बड़सकती है राषि
पुष्पराजगढ़
: जनपद पंचायत पुष्पराजगढ़ अपनी भौगौलिक क्षेत्रफल, विविध पर्यावरण
सुन्दरता के साथ मॉ नर्मदा के उदगम स्थली अमरकंटक के नाम से मध्यप्रदेष ही
नही पूरे भारत वर्ष में जाना जाता है। वही दूसरी तरफ तहशील पुष्पराजगढ़ में
एक मात्र 119 ग्राम पंचायतों का जनपद पंचायत है। आदिवासी बाहूल्यता रखने
वाले पुष्पराजगढ़ जनपद में आदिवाशियों के विकास व उत्थान के लिये सरकार
द्वारा समय समय पर कई योजनायें संचालित की जाती रही है,किन्तु इन योजनाओं
का क्रियान्यवन वास्तविकता के धरातल पर नागन्य ही दिखाई देता है,उसकी वजह
जनपद पंचायत पुष्पराजगढ़ में पदस्थ सीईओ व उनके अधिनस्थ कर्मचारियों की
निरकुंसता है।
सूचना का अधिकार अधिनियम बना मजाकः--
जनपद पंचायत पुष्पराजगढ़ के मुख्य कार्यपालन अधिकारी राजेन्द्र त्रिपाठी वा उनके मातहत कर्मचारी ग्राम पंचायत सचिव भी अपनी कार्यशैली में सूचना का अधिकार अधिनियम की धज्जियां उड़ाने में पीछे नही हैं। किरगी,मोंहदी,दोनिया,सरई,लालपुर पूर्व,खाटी,अमदरी,व भेजरी में लगने वाले सप्ताहिक बाजार बैठकी से पिछले तीन वर्षों में कितनी राशि प्राप्त हुई,कितनी राशि का आहरण किया गया,और कितनी राशि पंचायत खाते में शेष है सूचना के अधिकार के तहत मांगी गई, किन्तु आज दिनांक तक प्राप्त नही की जा सकी,पंचायतों में लगने वाले सप्ताहिक बाजार से जहां एक ओर जनता को अपने उपयोग कि वस्तुएं आसानी से उपलब्ध हो जाती है,वही दूसरी तरफ पंचायतें वँहा लगने वाले दुकानों के मालिकों से दुकान संचालन के एवज में पैसे वसूल करती हैं,यह वसूल किए गए पैसे विकाश कार्य मे खर्च किया जाता है, ग्राम पंचायतें बैठकी वसूली का कार्य बोली के माध्यम से ठेका देकर ठेकेदार से करवाती है,अग्रलिखित ग्राम पंचायतों के पिछले तीन वर्षों में दिये गये ठेके उससे प्राप्त हुई राषि और उसका किया गया व्यय के नाम पर सरद द्विवेदी व पुष्पराज सिंह ने जानकारी मांगी थी,तानाशाही रवैया के आदि हो चुके सरपंच सचिवों ने जब जानकारी देने से आना कानी करने लगे तब दोनो उक्त जानकारी प्राप्त करने के उद्देश्य से जनपद पंचायत में दूसरी अपील कर अग्रलिखित सूचना प्राप्त करनी चाही पर वँहा भी निरंकुशता के आदि हो चुके सीईओ के मातहत टाल-मटोल ही करते रहे,कुछ जानकारी तो दी गई लेकिन दी गई जानकारी मांगी गई जानकारी से भिन्न थी,जनपद पंचायत पुष्पराजगढ़ सीईओ और सचिवों द्वारा 2005 सूचना के अधिकार अधिनियम कि खुलेआम धज्जियां उड़ाई जा रहीं है,जानकारी नही मिलने पर दोनों नव यूवक शरद दुवेदी और पुष्पराज सिंह इसकी शिकायत पुष्पराजगढ़ एस.डी.एम के.बालागुरु एवं जिला पंचायत सीईओ से की साथ ही पूरा मामला मीडिया के सामने भी रखा है।
181 की उड़ाई गई धज्जिया
मुख्यमंत्री षिवराज सिंह चौहान की महत्वाकांछी योजना डायल 181 कि जनपद पंचायत पुष्पराजगढ़ द्वारा धज्जिया उड़ाई जा रही है डायल 181 योजना जब षुरू की गई थी तब इसका उद्वेष्य सीधे जनता से संवाद कर उनकी परेषानियो को हल करना तथा प्रषासन की कमियो पर खुद प्रदेष के मुखिया षिवराज सिंह चौहान द्वारा मानीटरिंग कर दुरूस्त करने की थी किन्तु 181 पुष्पराजगढ़ की जनता के लिये महज दिखावा बन के रह गई है यहा पदस्थ अधिकरी 181 पर की गई षिकायतो की गलत जानकारी प्रदेष के मुखिया तक पहुंचा रहे है इस तरह गलत जानकारी भेजने की बड़ी संख्या है उसके अंष कुछ इस प्रकार है 5311312, 5311387, 5328546, 5784276, 5318852, षिकायत क्रमांको में लगातार गलत जानकारी देकर गुमराह करते रहे और प्रदेष के मुखिया को उचित जानकारी तक नही दे सके हद तो तब हो गई जब पुष्पराज सिंह द्वारा डायल 181 में षिकायत क्रमांक 5311312 में 26 जून 2018 में मुख्यकार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत पुष्पराजगढ़ के प्रतिवेदन के अनुसार षिकायत सूचना के अधिकार से सम्बधित है सूचना अधिकार 2005 की धारा 19(1) के तहत षिकायत कर्ता के द्वारा इस कार्यालय में प्रथम अपील प्रस्तुत की गई है प्रथम अपीलीय अधिकारी द्वारा सुनवाई की जा रही है और साथ ही यह लिख दिया जाता है षिकायत बन्द की जाये 25 जून 20108 षिकायत निराकरण एल (3) अधिकारी द्वारा दर्ज किया गया है 25 जून को फिर सीईओ राजेन्द्र त्रिपाठी द्वारा षिकायत बन्द करने को कहा गया है यह फेहरिस्त इतनी लंबी है कि षिकायत क्रमांक 5311312 को यदि प्रिन्ट आउट कराकर देखा जाये तो 15 से 20 पन्ने कम पड़ जायेगें लेकिन न तो पुष्पराज सिंह को आज दिंनाक तक जानकारी मिली और न डायल 181 के माध्यम से न्याय मिला यह षिकायत प्रथम बार 12.01.2018 को 181 पर दर्ज कराई गई थी
सप्ताहिक बजार नीलामी की सूची
ग्राम पंचायत सरई 2016.17 ठेकेदार सुनिल सिंह द्वारा 291000 में लिया गाया था 2017.18 ठेकेदार यदुवंष द्वारा 293000 में लिया गया था इनके द्वारा पंचायत मे कितनी राषि जमा की गई है उसकी कोई जानकारी उपलब्ध नहीं है यदि उपलब्ध है तो सूचना के आधिकार अधिनियम 2005 के तहत जानकारी क्यों उपलब्ध नहीं कराई जा रहीं है इसीक्रम में ग्राम पंचायत बरांझ ठेकेदार का नाम गोविन्द बजांरा राषि 60000 हंसराम 70000 ग्राम पंचायत दोनिया ठेकेदार का नाम समय सिंह राषि 70000 सेवाराम सिंह 78000 ग्राम पंचायत भेजरी ठेकेदार का नाम स्वामीदीन 110000 बब्बू नायक 110000 ग्राम पंचायत लीलाटोला ठेकेदार का नाम मनबोध विष्वकर्मा 190000 दोमल सिंह उद्दे 210000 ग्राम पंचायत दमेहड़ी ठेकेदार का नाम रामगोपाल सिंह 400000 षिवकुमार सेन 515000 ग्राम पंचायत बिलासपुर ठेकेदार का नाम षम्भूसिंह 285000 शम्भू सिंह 210000 ग्राम पंचायत लालपुर पूर्व ठेकेदार का नाम षिवकुमार नापित 114000 किषनलाल 583000 ग्राम पंचायत देवरा ठेकेदार का नाम मन्ना सिंह 60000 मन्ना सिंह 118000 ग्राम पंचायत पड़मनिया ठेकेदार का नाम षिवलाल नोहरा 7000 गोमती 6000 ग्राम पंचायत मोंहदी ठेकेदार का नाम अमरजिया बाई 115000 सीताबाई 462000 ग्राम पंचायत करपा ठेकेदार का नाम अवतरा सिंह 230000 कन्ना नायक 205000 ग्राम पंचायत लेड़रा ठेकेदार का नाम लाल सिंह 300000 चितरंजन सिंह 295000 ग्राम पंचायत हर्राटोला ठेकेदार का नाम (2016-17)में नीलामी नही की गई शम्भू सिंह नेटी 75000 ग्राम पंचायत कोड़ार ठेकेदार का नाम दुर्गेष सिंह मराबी 83000 कमल सिंह परस्ते 20000 ग्राम पंचायत मिट्ठूमहुआ ठेकेदार का नाम नरसिंह 105000 वीरेन्द्र भान सिंह 190000 ग्राम पंचायत किरगी ठेकेदार का नाम शषांक शेखर जायसवाल 991000 प्रिंस कुमार जायसवाल 1240000 ग्राम पंचायत अमदरी ठेकेदार का नाम सुनील कुमार 301500 ओमकार सिंह 150000 समस्त ग्राम पंचायते ठेकेदार को ठेका तो देती है लेकिन ठेके से प्राप्त आय व्यय का हिसाब सूचना के अधिकार नियम के तहत देने से आनाकानी करती है य तो ठेके से प्राप्त हुई आय पंचायत के खाता में जमा नही की गई है या इसका हिस्सा उच्चअधिकारियो को पहुचाया गया है चाहे जो हो जनपद की गाड़ी कमाई का खुलेआम बन्दरबाट किया जा रहा है
ग्राम पंचायत भेजरी में ठेकेदार ही बदल गया
ग्राम पंचायत भेजरी में जिस ठेकेदार को सप्ताहिक बजार बैठकी वसूली का ठेका दिया गया जनपद पंचायत पुष्पराजगढ़ की भररेसाही से ठेकेदार व ठेके की राषि ही बदल गई 2016-17 में ठेकेदार सूरत सिंह को 135000 में बोली के माध्यम से ग्राम पंचायत द्वारा सप्ताहिक बजार वसूली का ठेका दिया गया था भररेसाही की बानगी तो देखिये ग्राम पंचायत भेजरी का ठेकेदार ही बदल दिया गया 2015-16 में डिफाल्टर हुये ठेकेदार स्वामीदीन को 110000 में ठेका दे दिया गया जबकि रिर्काडो को खंगाला जाये तो स्वामीदीन 2016-17 में बोली ही नही बोला था ठीक इसी क्रम में 2017-18 में 285000 में स्वसहायता भवन में ठेका वीरन सिंह को प्राप्त हुआ था इस सत्र में भी बोली में हिस्सा न लेने वाले बब्बू नायक को 110000 में ठेका दे दिया गया पहले हुये सप्ताहिक बजार के ठेके किस नियम से बदले गये समझ के परे है किस नियम के तहत बब्बू नायक व स्वामी दीन बजार बैठकी की वसूली करते रहे और ग्राम पंचायत सहित जनपद पंचायत के आला अधिकारी मौन रहे क्या इस तरीके का कृत्य आई पी सी की
सीइओ राजेन्द्र त्रिपाठी के कार्यकाल में नही हुई बोली
जनपद पंचायत पुष्पराजगढ़ में पदस्थ सीईओ राजेन्द्र त्रिपाठी जहां पिछले हुये सप्ताहिक बजारो के ठेके की राषि गबन का हिसाब सूचना के अधिकार अधिनियम 2005 (1) के तहत उपलब्ध नही करा रहे है वही सत्र 2018-19 मे अपने तानासाही रवैया अपनाकर सप्ताहिक बाजारों की बोली नही लगने दी जो राषि ठेकेदार के माध्यम से ग्राम पंचायतो में आनी चाहिये क्या बोली नही होने से उतनी राषि पंचायत द्वारा वसूल की जा सकती है जहां बोली के माध्यम से पड़े लिखे बेरोजगारो को रोजगार उपलब्ध कराया जा सकता था उसकी जगह बोली न होने से कई यूवक बेरोजगार रह गये साथ ही पुष्पराजगढ़ जनपद में सप्ताहिक बाजार जब से संचालित हो रहे है यह पहला वाक्या है जब बोली नही लगाई गई आखिर ऐसा किस नियम के तहत हुआ किसी के समझ में नही आ रहा जबकि खुद सीइओ द्वारा सीसीटीवी कैमरे की निगरानी पर दो सप्ताह का समय ईक्छुक ठेकेदारो को बोली हेतु दिया गया था अचानक आखिर कौन सी घटना आन पड़ी कि बजार बैठकी बोली ही बन्द कर दी गई साथ ही किसी ठेकेदार को आज दिनांक तक कोई सूचना नही दी गई ग्राम पंचायत किरगी में 1500 रूपये की रसीद दिनांक 22.04.2018 बाल्मीक गौतम पिता रामावतार गौतम दैनिक वसूली हेतु राषि लेकर वसूली करने के लिये अधिकृत किया गया था जब बाल्मीक गौतम बैठकी वसूली करने बाजार पहुंचा उससे पहले ही पंचायत द्वारा राषि बाजार से वसूल कर ली गई बाल्मीक गौतम के पास बकायदा 1500 रूपये की सरपंच द्वारा हस्ताक्षरित रसीद है आखिर माजरा क्या है ये तो सीईओ राजेन्द्र त्रिपाठी य संबधित पंचायत जाने ठेकेदारो के समझ से परे है ।
धारा 420 के तहत नही आती किन्तु ’जब सईया भये कोतवाल तो डर काहे का‘ के तर्ज में जनपद पंचायत सीईओ राजेन्द्र त्रिपाठी और उनके मातहत मनमानी करते रहे
मामला सप्ताहिक बजार बैठकी का,जांच पर बड़सकती है राषि

सूचना का अधिकार अधिनियम बना मजाकः--
जनपद पंचायत पुष्पराजगढ़ के मुख्य कार्यपालन अधिकारी राजेन्द्र त्रिपाठी वा उनके मातहत कर्मचारी ग्राम पंचायत सचिव भी अपनी कार्यशैली में सूचना का अधिकार अधिनियम की धज्जियां उड़ाने में पीछे नही हैं। किरगी,मोंहदी,दोनिया,सरई,लालपुर पूर्व,खाटी,अमदरी,व भेजरी में लगने वाले सप्ताहिक बाजार बैठकी से पिछले तीन वर्षों में कितनी राशि प्राप्त हुई,कितनी राशि का आहरण किया गया,और कितनी राशि पंचायत खाते में शेष है सूचना के अधिकार के तहत मांगी गई, किन्तु आज दिनांक तक प्राप्त नही की जा सकी,पंचायतों में लगने वाले सप्ताहिक बाजार से जहां एक ओर जनता को अपने उपयोग कि वस्तुएं आसानी से उपलब्ध हो जाती है,वही दूसरी तरफ पंचायतें वँहा लगने वाले दुकानों के मालिकों से दुकान संचालन के एवज में पैसे वसूल करती हैं,यह वसूल किए गए पैसे विकाश कार्य मे खर्च किया जाता है, ग्राम पंचायतें बैठकी वसूली का कार्य बोली के माध्यम से ठेका देकर ठेकेदार से करवाती है,अग्रलिखित ग्राम पंचायतों के पिछले तीन वर्षों में दिये गये ठेके उससे प्राप्त हुई राषि और उसका किया गया व्यय के नाम पर सरद द्विवेदी व पुष्पराज सिंह ने जानकारी मांगी थी,तानाशाही रवैया के आदि हो चुके सरपंच सचिवों ने जब जानकारी देने से आना कानी करने लगे तब दोनो उक्त जानकारी प्राप्त करने के उद्देश्य से जनपद पंचायत में दूसरी अपील कर अग्रलिखित सूचना प्राप्त करनी चाही पर वँहा भी निरंकुशता के आदि हो चुके सीईओ के मातहत टाल-मटोल ही करते रहे,कुछ जानकारी तो दी गई लेकिन दी गई जानकारी मांगी गई जानकारी से भिन्न थी,जनपद पंचायत पुष्पराजगढ़ सीईओ और सचिवों द्वारा 2005 सूचना के अधिकार अधिनियम कि खुलेआम धज्जियां उड़ाई जा रहीं है,जानकारी नही मिलने पर दोनों नव यूवक शरद दुवेदी और पुष्पराज सिंह इसकी शिकायत पुष्पराजगढ़ एस.डी.एम के.बालागुरु एवं जिला पंचायत सीईओ से की साथ ही पूरा मामला मीडिया के सामने भी रखा है।
181 की उड़ाई गई धज्जिया
मुख्यमंत्री षिवराज सिंह चौहान की महत्वाकांछी योजना डायल 181 कि जनपद पंचायत पुष्पराजगढ़ द्वारा धज्जिया उड़ाई जा रही है डायल 181 योजना जब षुरू की गई थी तब इसका उद्वेष्य सीधे जनता से संवाद कर उनकी परेषानियो को हल करना तथा प्रषासन की कमियो पर खुद प्रदेष के मुखिया षिवराज सिंह चौहान द्वारा मानीटरिंग कर दुरूस्त करने की थी किन्तु 181 पुष्पराजगढ़ की जनता के लिये महज दिखावा बन के रह गई है यहा पदस्थ अधिकरी 181 पर की गई षिकायतो की गलत जानकारी प्रदेष के मुखिया तक पहुंचा रहे है इस तरह गलत जानकारी भेजने की बड़ी संख्या है उसके अंष कुछ इस प्रकार है 5311312, 5311387, 5328546, 5784276, 5318852, षिकायत क्रमांको में लगातार गलत जानकारी देकर गुमराह करते रहे और प्रदेष के मुखिया को उचित जानकारी तक नही दे सके हद तो तब हो गई जब पुष्पराज सिंह द्वारा डायल 181 में षिकायत क्रमांक 5311312 में 26 जून 2018 में मुख्यकार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत पुष्पराजगढ़ के प्रतिवेदन के अनुसार षिकायत सूचना के अधिकार से सम्बधित है सूचना अधिकार 2005 की धारा 19(1) के तहत षिकायत कर्ता के द्वारा इस कार्यालय में प्रथम अपील प्रस्तुत की गई है प्रथम अपीलीय अधिकारी द्वारा सुनवाई की जा रही है और साथ ही यह लिख दिया जाता है षिकायत बन्द की जाये 25 जून 20108 षिकायत निराकरण एल (3) अधिकारी द्वारा दर्ज किया गया है 25 जून को फिर सीईओ राजेन्द्र त्रिपाठी द्वारा षिकायत बन्द करने को कहा गया है यह फेहरिस्त इतनी लंबी है कि षिकायत क्रमांक 5311312 को यदि प्रिन्ट आउट कराकर देखा जाये तो 15 से 20 पन्ने कम पड़ जायेगें लेकिन न तो पुष्पराज सिंह को आज दिंनाक तक जानकारी मिली और न डायल 181 के माध्यम से न्याय मिला यह षिकायत प्रथम बार 12.01.2018 को 181 पर दर्ज कराई गई थी
सप्ताहिक बजार नीलामी की सूची
ग्राम पंचायत सरई 2016.17 ठेकेदार सुनिल सिंह द्वारा 291000 में लिया गाया था 2017.18 ठेकेदार यदुवंष द्वारा 293000 में लिया गया था इनके द्वारा पंचायत मे कितनी राषि जमा की गई है उसकी कोई जानकारी उपलब्ध नहीं है यदि उपलब्ध है तो सूचना के आधिकार अधिनियम 2005 के तहत जानकारी क्यों उपलब्ध नहीं कराई जा रहीं है इसीक्रम में ग्राम पंचायत बरांझ ठेकेदार का नाम गोविन्द बजांरा राषि 60000 हंसराम 70000 ग्राम पंचायत दोनिया ठेकेदार का नाम समय सिंह राषि 70000 सेवाराम सिंह 78000 ग्राम पंचायत भेजरी ठेकेदार का नाम स्वामीदीन 110000 बब्बू नायक 110000 ग्राम पंचायत लीलाटोला ठेकेदार का नाम मनबोध विष्वकर्मा 190000 दोमल सिंह उद्दे 210000 ग्राम पंचायत दमेहड़ी ठेकेदार का नाम रामगोपाल सिंह 400000 षिवकुमार सेन 515000 ग्राम पंचायत बिलासपुर ठेकेदार का नाम षम्भूसिंह 285000 शम्भू सिंह 210000 ग्राम पंचायत लालपुर पूर्व ठेकेदार का नाम षिवकुमार नापित 114000 किषनलाल 583000 ग्राम पंचायत देवरा ठेकेदार का नाम मन्ना सिंह 60000 मन्ना सिंह 118000 ग्राम पंचायत पड़मनिया ठेकेदार का नाम षिवलाल नोहरा 7000 गोमती 6000 ग्राम पंचायत मोंहदी ठेकेदार का नाम अमरजिया बाई 115000 सीताबाई 462000 ग्राम पंचायत करपा ठेकेदार का नाम अवतरा सिंह 230000 कन्ना नायक 205000 ग्राम पंचायत लेड़रा ठेकेदार का नाम लाल सिंह 300000 चितरंजन सिंह 295000 ग्राम पंचायत हर्राटोला ठेकेदार का नाम (2016-17)में नीलामी नही की गई शम्भू सिंह नेटी 75000 ग्राम पंचायत कोड़ार ठेकेदार का नाम दुर्गेष सिंह मराबी 83000 कमल सिंह परस्ते 20000 ग्राम पंचायत मिट्ठूमहुआ ठेकेदार का नाम नरसिंह 105000 वीरेन्द्र भान सिंह 190000 ग्राम पंचायत किरगी ठेकेदार का नाम शषांक शेखर जायसवाल 991000 प्रिंस कुमार जायसवाल 1240000 ग्राम पंचायत अमदरी ठेकेदार का नाम सुनील कुमार 301500 ओमकार सिंह 150000 समस्त ग्राम पंचायते ठेकेदार को ठेका तो देती है लेकिन ठेके से प्राप्त आय व्यय का हिसाब सूचना के अधिकार नियम के तहत देने से आनाकानी करती है य तो ठेके से प्राप्त हुई आय पंचायत के खाता में जमा नही की गई है या इसका हिस्सा उच्चअधिकारियो को पहुचाया गया है चाहे जो हो जनपद की गाड़ी कमाई का खुलेआम बन्दरबाट किया जा रहा है
ग्राम पंचायत भेजरी में ठेकेदार ही बदल गया
ग्राम पंचायत भेजरी में जिस ठेकेदार को सप्ताहिक बजार बैठकी वसूली का ठेका दिया गया जनपद पंचायत पुष्पराजगढ़ की भररेसाही से ठेकेदार व ठेके की राषि ही बदल गई 2016-17 में ठेकेदार सूरत सिंह को 135000 में बोली के माध्यम से ग्राम पंचायत द्वारा सप्ताहिक बजार वसूली का ठेका दिया गया था भररेसाही की बानगी तो देखिये ग्राम पंचायत भेजरी का ठेकेदार ही बदल दिया गया 2015-16 में डिफाल्टर हुये ठेकेदार स्वामीदीन को 110000 में ठेका दे दिया गया जबकि रिर्काडो को खंगाला जाये तो स्वामीदीन 2016-17 में बोली ही नही बोला था ठीक इसी क्रम में 2017-18 में 285000 में स्वसहायता भवन में ठेका वीरन सिंह को प्राप्त हुआ था इस सत्र में भी बोली में हिस्सा न लेने वाले बब्बू नायक को 110000 में ठेका दे दिया गया पहले हुये सप्ताहिक बजार के ठेके किस नियम से बदले गये समझ के परे है किस नियम के तहत बब्बू नायक व स्वामी दीन बजार बैठकी की वसूली करते रहे और ग्राम पंचायत सहित जनपद पंचायत के आला अधिकारी मौन रहे क्या इस तरीके का कृत्य आई पी सी की
सीइओ राजेन्द्र त्रिपाठी के कार्यकाल में नही हुई बोली
जनपद पंचायत पुष्पराजगढ़ में पदस्थ सीईओ राजेन्द्र त्रिपाठी जहां पिछले हुये सप्ताहिक बजारो के ठेके की राषि गबन का हिसाब सूचना के अधिकार अधिनियम 2005 (1) के तहत उपलब्ध नही करा रहे है वही सत्र 2018-19 मे अपने तानासाही रवैया अपनाकर सप्ताहिक बाजारों की बोली नही लगने दी जो राषि ठेकेदार के माध्यम से ग्राम पंचायतो में आनी चाहिये क्या बोली नही होने से उतनी राषि पंचायत द्वारा वसूल की जा सकती है जहां बोली के माध्यम से पड़े लिखे बेरोजगारो को रोजगार उपलब्ध कराया जा सकता था उसकी जगह बोली न होने से कई यूवक बेरोजगार रह गये साथ ही पुष्पराजगढ़ जनपद में सप्ताहिक बाजार जब से संचालित हो रहे है यह पहला वाक्या है जब बोली नही लगाई गई आखिर ऐसा किस नियम के तहत हुआ किसी के समझ में नही आ रहा जबकि खुद सीइओ द्वारा सीसीटीवी कैमरे की निगरानी पर दो सप्ताह का समय ईक्छुक ठेकेदारो को बोली हेतु दिया गया था अचानक आखिर कौन सी घटना आन पड़ी कि बजार बैठकी बोली ही बन्द कर दी गई साथ ही किसी ठेकेदार को आज दिनांक तक कोई सूचना नही दी गई ग्राम पंचायत किरगी में 1500 रूपये की रसीद दिनांक 22.04.2018 बाल्मीक गौतम पिता रामावतार गौतम दैनिक वसूली हेतु राषि लेकर वसूली करने के लिये अधिकृत किया गया था जब बाल्मीक गौतम बैठकी वसूली करने बाजार पहुंचा उससे पहले ही पंचायत द्वारा राषि बाजार से वसूल कर ली गई बाल्मीक गौतम के पास बकायदा 1500 रूपये की सरपंच द्वारा हस्ताक्षरित रसीद है आखिर माजरा क्या है ये तो सीईओ राजेन्द्र त्रिपाठी य संबधित पंचायत जाने ठेकेदारो के समझ से परे है ।
धारा 420 के तहत नही आती किन्तु ’जब सईया भये कोतवाल तो डर काहे का‘ के तर्ज में जनपद पंचायत सीईओ राजेन्द्र त्रिपाठी और उनके मातहत मनमानी करते रहे
कठना नदी का डायवर्सन पुल फिर बहा आवागमन पूरी तरह ठप्प
अनूपपुर। जैतपुर से अनूपपुर जिला
मुख्यालय को जोडऩे एमपीआरडीसी विभाग जीएचवी कंपनी द्वारा 36 किमी की सड़क 170 लाख
की लागत से बनवा रही है। जैतपुर से गिरवा तक सड़क बन गई है। गिरवा से रामपुर तक
सड़क अभी हाल में बना ली गई है। जिले की सीमा में सड़क निर्माण का कार्य शुरू किया
जा रहा है। रामपुर से खांड़ा गांव के मध्य कठना नदी में मार्च माह के दौरान ठेका
कंपनी द्वारा पुल बनाने का काम शुरू किया गया किंतु कार्य में लेटलतीफी ऐसी की गई
कि 4 माह बाद भी पुल नहीं बनाया जा सका। बारिश आ गई और अब आवागमन के लिए जो अस्थाई
डायवर्सन पुल ढोला डालकर बनाया गया था। 8 जुलाई के बाद 14 जुलाई की दोपहर फिर से
बारिश के तेज बहाव वाले पानी में पूरी तरह बह गया, जिससे मार्ग से आवागमन फिर पूरी
तरह ठप्प हो गया है। वाहनो का चलना बंद होने से आमजन की परेशानियां बढ़ गई हैं।
पहले तो कंपनी ने कठना नदी पर
बने पुल को गर्मी के मौसम में तोड़ दिया। यहां पर 50 मीटर से अधिक की लंबाई का पुल
बनाया जाना है। एमपीआरडीसी और जीएचवी कंपनी को सड़क बनाने के दौरान मालूम था फिर
भी उसने समय-सीमा का ध्यान नहीं रखा। कार्य में देरी की, यदि नदी में
पुल बनाने की कार्रवाई जनवरी माह से पूर्व में शुरू कर दी जाती तो पुल अब तब तैयार
हो जाता। यहां तक की कंपनी ने बारिश के मद्दे नजर डायवर्सन पुल को लेकर भी
लापरवाही बरती। इस बात को हल्के मे लिया गया कि बारिश में बहाव से डायवर्सन मार्ग
नहीं बहेगा। अब हालत यह हो गई है कि जरा सी बरसात में रास्ता पूरा बंद हो रहा है।
शनिवार सुबह क्षेत्र में हुई बारिश से नदी का जल स्तर बढ़ गया और निर्माणाधीन पुल
के बगल में बनाई गई डायवर्सन पुल मार्ग बह गया। रास्ता बंद होने से बस सहित अन्य
वाहनों का गुजरना बंद हो गया है। दो पहिया वाहन भी पुल के स्थान पर भरे पानी से
नहीं आ जा पा रहे हैं। बहाव इतना तेज था कि जो दो ढोल लगाए गए थे वह बह गए। जैतपुर
क्षेत्र में चिकित्सा की उचित व्यवस्था न होने से इस क्षेत्र के ग्रामीण अनूपपुर
इलाज के लिए पूरी तरह निर्भर हैं। इसी तरह यहां से कई विद्यार्थी उच्च शिक्षा
ग्रहण करने के लिए बस से प्रतिदिन आना-जाना करते हैं। रेल यातायात के लिए भी इसी
रास्ते से लोग आते हैं। एक तरह से रामपुर, गिरवा, केशवाही सहित अन्य गांव के लोगों
को अनूपपुर आना सीधा और सुलभ रहता है। इस पुल के बहने से ग्रामीण और बस से यात्रा
करने वाले आमजन सभी प्रभावित हुए हैं। मजदूरी करने इस क्षेत्र से जो मजदूर आते थे
और जो किसान बाजार करने जाते है। बस सहित जीप, ऑटो चलते हैं, जो बंद हो गए
हैं। डायवर्सन पुल के बहने से आने वाले सप्ताह भर मार्ग को तैयार करना कंपनी के
लिए एक चुनौती ही है। ऐसी दशा में रास्ता अभी कुछ और दिन बंद रहेगा। जिससे लोगों
की परेशानियां बढ़ जाएंगी।

इनका कहना है
बारिश थमने और नदी का जल स्तर कम
होने पर स्थल का अवलोकन कर दूसरी डायवर्सन रोड बनाई जाएगी, ताकि आवागमन
प्रभावित न हो
डीपी तिवारी प्रबंधक एमपीआरडीसी
नपा की हड़ताल से शहर में दिखने लगा असर
लगा गंदगी का ढ़ेर,पेयजल सहित अन्य व्यवस्था बिगड़ी
अनूपपुर। सातवें वेतनमान और
नियमितीकरण सहित अन्य मांगो को लेकर जिले की 2 नगर पंचायत एवं 3 नगरपालिका
कर्मचारियों द्वारा सोमवार को भी हड़ताल की गई। इस अनिश्चित कालीन हड़ताल का असर
पेयजल और सफाई व्यवस्था पर पडऩे लगा है। नगर के प्रत्येक वार्ड में जगह-जगह कचरे का
ढ़ेर जमा होने लगा है। 6 दिनों से घर-घर कचरा का संग्रहण न होने से लोग घरों के
बाहर कचरा फेकने लगे हैं जिससे बीमारियों का अनदेशा बढ़ गया है। रविवार को
नगरपालिका के बस्ती क्षेत्र के पंप हाऊस का मोटर जल जाने से पेयजल व्यवस्था बिगड़
गई है। जिले के सभी निकाय में नपा कर्मचारियों की हड़ताल से जहां विभागीय कार्य
ठप्प पडे हुए हैं,
वहीं आमजन को मिलने वाली आवश्यक सुुविधाओं पर भी प्रभाव पडऩे लगा है। 11 जुलाई
से नगरपालिका निकाय के कर्मचारी अनिश्चित कालीन कामबंद कर हड़ताल कर रहे हैं।
पिछली बार एक दिवसीय हड़ताल से निकाय की व्यवस्थाओं पर कोई फर्क नहीं पड़ा था।
किंतु इस बार लगातार जारी हड़ताल ने अत्यावश्यक सेवाओं पर भी असर दिखाना शुरू कर
दिया है। सोमवार को जिले के कोतमा, पसान, जैतहरी, अमरकंटक एवं
अनूपपुर निकाय के कार्यालय एवं मैदानी कर्मचारियों की हड़ताल जारी रही। प्रत्येक निकाय
के कार्यालय में बंद का महौल बना हुआ है। लोगों को विभागीय कार्य न होने से
परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। पानी की सप्लाई तो की जा रही है, लेकिन सफाई
पूरी तरह ठप्प है। जिला मुख्यालय में चारो तरफ गंदगी का ढ़ेर लगा हुआ है। बस
स्टैंड सहित कई जगह कचरे के ढेर लगा है। मवेशियों के मलमूत्र, पॉलीथिन एवं बस
स्टैण्ड के दुकानदारों द्वारा फेंका जा रहा कचरा यहां का परिवेश पूरी तरह दूषित
किया हुआ है। कचरे से उठने वाली दुर्गंध से बचने मुसाफिरों को रूमाल मुंह में रखना
पड़ता है। इसी तरह नगर के हर वार्ड की तस्वीर बनती जा रही है जहां कूड़े-कचरे का
ढेर धीरे-धीरे बढ़ता चला जा रहा है। बरसाती पानी में कचरा भीगकर सडऩे लगा है जिससे
सडऩ से दुर्गंध उठने लगी है और मच्छर पनपने लगे हैं। यदि हड़ताल जल्द न थमी तो
कचरे से लोग बीमार होने लगेंगे।
अनूपपुर शहर दो भागों में
विभाजित है, 1 से 8
वार्ड बाजार क्षेत्र में और 9 से 15 बस्ती क्षेत्र शामिल हैं। जानकारी अनुसार
बस्ती क्षेत्र के वार्ड क्रमांक 10 अंतर्गत रजहा तालाब के समीप पंप हाऊस है जहां
वर्तमान से 7 वार्डों में पानी की सप्लाई की जा रही है। यहां रविवार को दो में एक
का मोटर जल गया है। बड़ी आबादी वाला क्षेत्र होने के कारण अब यहां पानी की समस्या
खड़ी होगी। सुबह कुछ समय के लिए पानी चालू किया गया था फिर मोटर जल गया। बताया गया
बस्ती क्षेत्र में 3 दिन में 1 बार पानी दिया जाता रहा। अब एक 15 एचपी वाले मोटर
से 7 वार्डों में पानी की सप्लाई होना मुश्किल हो गया है। अधिकतर लोग पंप लगाकर
पानी खींच लेते हैं जिससे 30 में 10 घर ऐसे रह जाते जहां पानी नहीं पहुंच पाता। अब
मोटर जलने से यहां के लोगों को पानी की समस्या उठानी होगी। अबतक मोटर सुधारने के
लिए भेजा नहीं जा सका था। हडताल चलने के कारण मोटर के जल्द बनने की उम्मीद भी कम
है और ईधर टैंकर के पहिए भी नहीं चल रहे।
सफाई व्यवस्था के लिये 15 वार्डो
में 60 कर्मचारी रखे गए हैं। बुधवार से दफतरी कर्मचारियों के साथ ही स्ट्रीट लाइट, जल प्रदाय के
कर्मचारी समेत सफाई कर्मचारी, इंजीनियर सभी हड़ताल में हैें। आवश्यक सेवा देखते हुए जल
प्रदाय विभाग के कर्मचारी दिन में एक बार नल चालू कर लोगों को पानी दे रहे हैं, लेकिन वे मांगो
के लिए हड़ताल भी कर रहे हैं। कोई भी कर्मचारी नगरपालिका परिसर में नहीं जा रहा
है। स्ट्रीट लाइट भी कस्बों में छोड़कर बाहरी मार्गो में चालू नहीं की जा रही
जिससे मुख्यालय से बाहर जाने वाले रास्तो में अंधेरा बना हुआ है। इस हड़ताल में
सफाई कर्मचारियों के शामिल होने से हड़ताल का असर सफाई व्यवस्था पर खासा पड़ा है।
आपत्तिजनक हालत में पत्नी को दूसरे के साथ देख पति ने की थी हत्या
पत्नी की हत्या के बाद सोसाइटी
नोट लिख आत्महत्या करने के फिराक में था पति

अपत्तिजनक हालत मे पत्नी को देख
की हत्या
घटना दिनांक से लगातार फरार चल
रहे राजू कोल को पुलिस ने 15 जुलाई को गिरफ्तार कर उससे पूछताछ की
गई, जिस पर
उसने बताया कि 12 जुलाई की रात्रि लगभग 8 बजे
महिला बती बाई,
राजू कोल एवं बती बाई की बहन सती कोल, राजू को साढू भाई नत्थूलाल कोल घर में
बैठकर शराब पिए,
जहां रात लगभग 8.30 बजे सती कोल एवं नत्थू कोल मृतिका के
पुत्र पिन्टू कोल का इलाज कराने सूरज कोल एवं नारेन्द्र कोल की मोटर साईकिल से
मेडियारास ले गए। वहीं राजू कोल खाना खाने ढाबा गया जब वह रात लगभग 10 बजे
घर पहुंचा तो अपनी पत्नी के साथ नरेश पटेल को आपत्तिजनक हालत में देखा और गुस्से
में आकर घर में रखी बांस की लकडी से नरेश पटेल को पिटने लगा जहां बच कर नरेश भाग
गया, जिसके
बाद राजू ने अपनी पत्नी पर लकडी से कई प्रहार किया जिससे उसकी मौत हो गई।
सोसाइट नोट लिख आत्महत्या के
प्रयास में था पति
जानकारी के अनुसार हत्या दिनांक
से फरार चल रहे आरोपी राजू कोल बिलासपुर फरार हो गया था, जहां 15 जुलाई
को आत्महत्या करने के लिए बाजार से रस्सी खरीद अंतिम बार अपने घर ग्राम परसवार गया
था, जहां
मुखबिर ने आरोपी को देखे जाने की सूचना दी गई। जिसके बाद पुलिस ने मौके पर पहुंच
राजू कोल गिरफ्तार किया गया जहां जांच में उसकी जेब से एक सोसाइट नोट मिला, जिसमें उसने
अपनी पत्नी तथा नरेश पटेल के संबंधो का जिक्र करते हुए घटना से आहत होकर अपना जीवन
समाप्त करने की योजना में था। प्रकरण में पुलिस ने आरोपी राजू कोल पिता छलकू कोल
उम्र 41 वर्ष निवासी परसवार एवं नरेश पटेल पिता
नूतन पटेल निवासी परसवार के विरूद्ध धारा 302, 109 के
तहत मामला पंजीबद्ध करते हुए नरेश पटेल को गिरफ्तार कर दोनो आरोपियों को न्यायालय
में प्रस्तुत किया जहां से उसे जेल भेज दिया गया। उक्त कार्यवाही में सहायक उप
निरीक्षक अभय राज सिंह, आरक्षक शैलेन्द्र दुबे, सनत द्विवेदी ने हत्या का खुलासा करने
में सराहनीय प्रयास रहा। जिस पर पुलिस अधीक्षक ने उन्हे पुरूस्कृत करने की घोषणा
की है।
आकाशीय बिजली गिरने से 75 वर्षीय वृद्ध की मौत
परिजनो ने पुरानी रंजिश को लेकर
हत्या की जताई आशंका
अनूपपुर। कोतवाली थाना
अंतर्गत ग्राम कोदैली में 15 जुलाई
की दोपहर लगभग 12 बजे आकाशीय बिजली से 75
वर्षीय वृद्ध की मौत हो गई। जहां परिजनो
ने जमीन विवाद को लेकर पुरानी रंजिश बताते हुए हत्या की आशंका जताई। पुलिस से मिली
जानकारी के अनुसार आकाली केवट पिता मंगल केवट जो की दोपहर लगभग १२ बजे साईकिल से
अपने खेत गया था जहां बारिश के दौरान छिपने के लिए पेड के नीचे पहुंचा जहां आकाशीय
बिजली की चपेट में आने से उसकी मौत हो गई। वहीं घटना की सूचना ग्रामीणो द्वारा
परिजनो व पुलिस को दी, जहां मौके पर पहुंची पुलिस ने घटना स्थल का निरीक्षण किया, लेकिन परिजनो
द्वारा जमीन के पुराने विवाद को लेकर हत्या की आशंका जताई। वहीं पुलिस ने शव का
निरीक्षण कर पंचनामा तैयार करते हुए शव को पीएम के लिए जिला चिकित्सालय भेजा गया, जहां पीएम
उपरांत शव परिजनो को सौंप दिया गया। डॉक्टरो ने बताया कि आकालू के शरीर में चोट के
कोई भी निशान नही पाए गए है, वहीं आकाशीय बिजली गिरने से ही उसकी मौत हुई है। वहीं पुलिस
ने मर्ग कायम कर मामले की जांच में जुटी हुई है।
नवागत नगर निरीक्षक का चोरो ने चोरी की घटना को अंजाम देकर किया स्वागत

नवागत नगर निरीक्षक के पहुंचते
ही चोर हुए सक्रिय
राजनगर में चोरो द्वारा नवागत
नगर निरीक्षक के पहुंचते ही शांति नगर में चोरी की घटना को अंजाम देते हुए उनका
स्वागत किया। नगर में लगातार बढ़ती चोरियों को रोकने एवं नगर की शांति व्यवस्था
बनाए रखने के लिए जहां नगर निरीक्षक लगातार उदासीन देखे जा रहे है। वहंी थाने में
पदस्थ पुलिस कर्मियो द्वारा भी नगर में आदतन बदमाशो व अपराधियों पर नकेल कर पाने
में अक्षम साबित हो रहे है। वहीं रात के समय पुलिस की गश्त पर भी कई सवाल खड़े हो
चुके है। जहां नगर निरीक्षक की उदासीनता साफ झलक रही है।
अब तक इन चोरियों का नही हुआ
खुलासा
रामनगर थाना क्षेत्र अंतर्गत अब
तक हुई चोरियों में 5 सितंबर 2016 को राजनगर के रानू सिंह की दुकान में हुइ्र चोरी, 15 नवंबर 2016
को शंकर दत्त निवासी शांति नगर के घर में लाखों के जेवरात सहित अन्य समानो की चोरी, 12 दिसंबर 2016
को वेद प्रकाश सिंह के घर में बने राम मंदिर से नगद सहित सामान की चोरी, 18 दिसंबर 2016
को निमहा निवासी शिव भजन चौधरी के घर में चोरी, 23 मार्च 2016 को शांति नगर निवासी
अखिलेश सिंह के घर से नगदी सहित जेवरात की चोरी, 20 जून 2016 को डॉ. अमीर कुमार
सी सेक्टर कॉलोनी से जेवरात सहित नगदी की चोरी, 30 जनवरी 2017 को राजेंद्र प्रसाद
मार्को के घर से कम्प्यूटर सहित 20 हजार नगद की चोरी, 1 फरवरी 2017
को मलगा निवासी जमुना प्रसाद केवट के घर में चोरी, वही आमाडांड मोबाइल व्यापारी ऋषि
तिवारी के दुकान में सेंधमारी कर 16 नग मोबाइल व
अन्य सामानों सहित 40 हजार की चोरी का खुलासा पुलिस अब तक
नही कर पाई है।
अपराधिक गतिविधियो पर नही लगाम
जानकारी के अनुसार रामनगर
क्षेत्र में अवैध कारोबारियों में लगे लोगो सहित सट्टा, जुआं, कबाड़ अवैध
शराब सहित कोयलांचल क्षेत्र में वाहनो से डीजल, कोयले, व कॉलरी के कबाड की चोरियों पर
लगाम नही कसा जा रहा है। जिसमें क्षेत्र व आसपास के आपराधिक प्रावृत्तियो पर पुलिस
नकेल कस पाने में असफल रहे है। जिसके कारण चोरी, लूट जैसी घटनाओं में लगातार
बढोत्तरी हो रही है। वहीं कोयलांचल व छत्तीसगढ़ सीमा से लगे होने के कारण पुलिस
अधीक्षक ने क्षेत्र में लगातार गुंडा, बदमाशो व अपराधिक प्रवृत्ति के
व्यक्तियो पर लगाम कसे जाने के निर्देश दिए गए थे, लेकिन इस ओर किसी तरह का ध्यान
नही दिया जा रहा है।
इनका कहना है
चोरो को पकडने का प्रयास किया जा
रहा है। जल्द ही मामले का खुलासा किया जाएगा।
वीभेन्द्रु वेंकट टांडिया, थाना प्रभारी
रामनगर
राष्ट्रीय बालस्वास्थ्य से गीता के होंठो से मिला बचपन
बेला रेल फाटक आवश्यक रखरखाव हेतु १८ जुलाई को बंद

पत्नी ने लगाया अपने ही पति पर दुष्कर्म का आरोप, पति गिरफ्तार

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