बरसात के पहले सुधार का मिला आश्वासन
अनूपपुर। जैतहरी
जनपद पंचायत स्थित ताराडांड जलाशय से सिंचित होने वाले तीन ग्राम पंचायत कर्राटोला, ताराडांड, दुलहरा अब भी सिंचाई की
सुविधा से वंचित है। लगभग 6 करोड़ की लागत से तैयार ताराडांड जलाशय वर्ष 2017-18 में तत्कालीन विधायक
द्वारा लोकार्पित किया गया था। लेकिन आनन फानन में जलाशय लोकार्पण हुए तीन साल बीत
जाने बाद भी ताराडांड जलाशय तकनीकि रूप से अबतक तैयार नहीं हो सका हैं। जलाशय से
पानी निकासी के लिए बनाए गए स्लूस गेट आज भी खराब है। स्लूस गेट का दरवाजा पत्थर
पर जाम है, जिसके
कारण अधूरे बंद दरवाजे से लगातार बारहों मास पानी की निकासी बनी रहती है। विभागीय
स्तर पर कई बार सुधार कार्य भी कराया गया, लेकिन हालात यह है कि दरवाजा का सुधार कार्य नहीं हो सका है। स्लूस
गेट से लगी कैनाल का कार्य पूरा नहीं हो सका है। कुछ स्थानों पर नाला का निर्माण
कराया गया है, लेकिन
अधिकांश हिस्से कच्ची नालियों की बनी पड़ी है। जहां जलाशय का पानी किसानों की खेतों
की बजाय अनुपयोगी स्थानों पर बह रहा है।
जानकारी के अनुसार वर्ष 2013-14 के दौरान जल संसाधन विभाग द्वारा जिला मुख्यालय से 12 किलोमीटर दूर ताराडांड
ग्राम पंचायत में 457.58 लाख की लागत से 69.64 हेक्टेयर भूमि पर ताराडांड जलाशय का निर्माण कराया गया था। जलाशय का
निर्माण देवी कंस्ट्रक्शन द्वारा किया गया है। जलसंसाधन विभाग के अधिकारियों के
अनुसार ताराडांड जलाशय को ग्राम पंचायत के बीच से गुजर रहे नाला के उपर बनाया गया
है। जिसमें कर्राटोला, ताराडांड, दुलहरा के कई गांवों को सिंचाई से जोड़ा गया है। मुख्य और सहायक दो
नहरों के सहारे लगभग 340 हजार हेक्टेयर भूमि को सिंचित किया जाना प्रस्तावित है, और विभाग कर्राटोला तक
कैनाल का निर्माण भी करा चुकी है। वहीं जलाशय के ले-आउट के आधार पर कुल 2.54 मिलियन घनमीटर पानी का
भराव किया गया है। इसमें जलाशय की अधिकतम उंचाई 15.41 मीटर उंची रखते हुए 1.82 मिलियन घनमीटर जल का सिंचाई में उपयोग किया जाना है।
3 मीटर से नीचे जलाशय का
पानी
जानकारों का मानना है कि ताराडांड जलाशय में नियमानुसार जलाशय के
बांध के उपरी हिस्से से 3 मीटर नीचे तक पानी भरा रहना चाहिए था। लेकिन वर्तमान में स्लूस गेट
की खराबी और निर्माण तकनीकि में आई त्रुटि में यह 3 मीटर से काफी नीचे जल भराव कर रहा है। वहीं लगातार स्लूस गेट से
पानी निकासी के कारण क्षमता के अनुसार जलाशय अपना पानी भंडारण नहीं कर पा रहा है।
बॉक्स: पानी बाद भी फसलें प्यासी
ताराडांड जलाशय निर्माण मुख्य उद्देश्य प्रकृतिक जल सरंक्षण को
बढ़ावा देते हुए आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों में सिंचाई की सुविधा उपलब्ध कराना
था। जिसमें अनूपपुर के बस्ती क्षेत्र, दुलहरा, कर्राटोला के कुछ हिस्से, ताराडांड के लगभग 340 हजार हेक्टेयर भूमि को सिंचित किया जाता। किसानों का मानना है कि इन
तीन ग्राम पंचायतों में सब्जी सहित मोटे अनाज का उत्पाद सबसे अधिक होता है। यहां
की सब्जियां जिला मुख्यालय सहित पूरे सम्भाग तक में अपनी पहुंच बनाई हुई है। लेकिन
सिंचाई के अभाव मेंं यहां के जमीन का उत्पाद प्रभावित हो रहा है।
कार्यपालन यंत्री जलसंसाधन अनूपपुर एसपी पटेल ने बताया कि रीवा से
टीम आई थी पानी ज्यादा होने पर कार्य नहीं किया जा सका हैं। वर्ष के पूर्व सभी
कार्य करा लिए जायेंगे।