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सोमवार, 25 नवंबर 2024

कौन धीरेंद्र शास्त्री मैं नहीं जानता,जनता समय - समय पर स्वत: स्फूर्त सांस्कृतिक आन्दोलन किया- प्रेमभूषण जी महाराज

योग्यता ईश्वर प्रदत्त आशीर्वाद है, थोपी नहीं जा सकतीं पत्रकारो के सवालो के जबाब में कहीं 

अनूपपुर। कौन धीरेंद्र शास्त्री मैं नहीं जानता। भारत जैसे विशाल देवभूमि में कभी भी सांस्कृतिक आन्दोलन करना नहीं पड़ा। आवश्यकता के अनुरुप समय - समय पर जनता स्वत: स्फूर्त तरीके से करती रहती है। भारत की सनातन ऊर्वरा शक्ति शाश्वत है। यह कभी नष्ट नहीं हो सकती। लोगों के उत्पात करने से कुछ नहीं होने वाला। आज वैश्विक परिदृश्य का आकलन कर लें तो तस्वीर एकदम स्पष्ट नजर आती है। दुनिया में सनातन धर्म सबसे अधिक स्वीकार्य धर्म है। अनूपपुर‌ में श्रीराम कथा कर रहें  कथावाचक प्रेमभूषण जी महाराज ने सोमवार को पत्रकारों से वार्ता के दौरान कहीं। पूछे गये प्रश्नों के जवाब में उन्होंने कहा कि डार्विन का सर्वाइवल आफ फिटेस्ट सिद्धांत हमेशा से लागू रहा है। दुनिया में वही जीवित रहेगा जो फिट यानि योग्य होगा। योग्यता ईश्वर प्रदत्त आशीर्वाद है। 

अयोध्या जी की घटना पर पूछे गये सवाल पर कहा कि आज जनता घर में एसी में बैठे नेताओं को पसंद नहीं करती। आपको जनता के बीच,उनके मुद्दों को लेकर जाना होगा। जनता अपने बीच आपकी उपस्थिति चाहती है। अयोध्या जी की गरिमा को लेकर उन्होंने दो टूक शब्दों में कहा कि अयोध्या जी में कोई विवाद नहीं है। वहाँ श्रद्धालुओं और दर्शनार्थियों की सुविधा के लिये बहुत से कल्याणकारी कार्य कराए गये हैं। अयोध्या जी का सर्वांगीण विकास हुआ है। पहले राम नवमी में पैदल चलते थे तो पैर जलता था। अब सरकार ने वहां ऐसी व्यवस्था बना दी है कि लोगों को कष्ट ना हो।

बागेश्वर पीठाधीश पंडित धीरेंद्र शास्त्री की पद यात्रा के सवाल पर प्रेमभूषण जी महाराज ने कहा कि कौन धीरेंद्र शास्त्री मैं नहीं जानता। देश को आरक्षण की अभी जरुरत के सवाल पर कहा कि यह कमजोर वर्ग को मजबूत बनाने का कार्य है। इससे योग्य लोगों पर कोई असर नहीं पड़ता। योग्यता ईश्वर प्रदत्त है। जैसे कथाकार,पत्रकार, चित्रकार ईश्वर प्रदत्त है। ये तीनों योग्यताएं थोपी नहीं जा सकतीं।

उन्होंने कहा कि प्रथम पूज्य श्री गणपति, भगवान शंकर, जगत जननी जगदंबा, भगवान श्री हरि: और सूर्य की नित्य पूजा होती है। भगवान श्रीराम त्रेता से आज कलियुग तक करोड़ो लोगों के आराध्य हैं। उनका नाम जप, चिंतन लोग पूरी श्रद्धा से, अन्तःकरण में सदा सर्वदा करते रहते हैं। काशी नगर के विकास की उन्होंने सराहना करते हुए कहा कि श्रद्धालुओं की आवश्यकता के अनुरूप वहाँ का सुविधाजनक विकास हुआ है। परमपूज्य जी ने पत्रकारों के सभी प्रश्नों के जवाब देते हुए सरल - सहज भाव से सभी को प्रभावित किया। 


3 टिप्‍पणियां:

  1. धीरेन्द्र शास्त्री जी को कौन नहीं जानता,आप की ये बात सही नहीं है।

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  2. अपनी श्रेष्ठता दिखाने का इगो है क्योंकि धीरेन्द्र महराज को अधिकतर सभी जानते है

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