समानांतर कांग्रेस चल रहें लोगो पर क्या् होगी कार्यवाही
अनूपपुर। जिले ही नहीं वरन गली-गली की गुटबाजी आज कांग्रेस की पहचान बन गई है। प्रदेश की सत्ता के साथ नगर सत्ता से लगभग 15 वर्षों से बाहर कांग्रेस अपने अस्तित्व की लड़ाई अपने लोगों से ही लड़ रही है। पार्टी में ऐसा कोई कद्दवार नेता नहीं है जो बिखरी कांग्रेस को एक कर सके। तीन विधानसभा 13 गुट में बटी पार्टी को स्वंम प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष भी नहीं समझ पा रहें हैं। जिसे पार्टी ने विधानसभा चुनाव के दौरान बाहर का रास्ता दिखाया था वह लोग भी पार्टी के विधायक के दम पर अंदर ताल ठोक रहें हैं। जिससे समझ में आता हैं कि विधायक के नेतृत्व में जिले में एक समानांतर कांग्रेस का संचालन हो रहा हैं। तीन दिवसीय दौरे पर 11 फरवरी की रात प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी का आगवन पुष्पराजगढ़ विधानसभा से हो रहा हैं। जहां वह 12 फरवरी को पुष्पराजगढ़ विधानसभा के काग्रेस जनों से मिलेगें या विधायक के लोगो से यह तो बैठक के बाद ही पता चलेगा। शाम को अनूपपुर और दूसरे दिन कोतमा विधानसभा के कांग्रेस जनो के साथ होगे।
पुष्पराजगढ़ विधानसभा अध्यक्ष जीतू पटवारी जहां से प्रवेश करेंगे वहां कांग्रेस के विधायक फुंदेलाल सिंह हैं जिनके छात्र छाया के नीचे पार्टी फल फूल नहीं पा रही हैं वह स्वंय पुत्र माेह में फंसे हुए हैं जहां स्वंय की पहचान तो उन्होंने बना ली है किंतु पार्टी की पहचान गुम होती जा रही है। हालात ऐसे हैं कि इनके अलावा कोई दूसरा नेता वहां पनप नहीं पा रहा है।
अनूपपुर विधानसभा में ऐसा कोई कद्दवार नेता नहीं है जो पूरी कांग्रेस को समेट कर एक धागे में पिरो सके, जिस पर पार्टी ने एक प्रशासनिक अधिकारी जो सेवा से त्यागपत्र देकर विधायक द्वारा खत्म कांग्रेस को निरंतर जीवित कर लोगो को एक करने के कार्य में लगे हैं। जिसका पार्टी के भीतर ही असंतुष्ट कांग्रेसी जमकर विरोध कर रहे हैं। जबकि विरोध करने का कोई कारण समझ नहीं आ रहा हैं। यहां भी विधायक विरोध का नेतृत्व करते दिखाई दे रहे हैं। वह नहीं चाहते कि जिस कांग्रेस को स्वंम के जिला अध्यक्ष रहते कुछ नहीं कर पाये उसे को अच्छा करें। उन्हें ऐसा जिला अध्यक्ष चाहिये जो इनके इसरे पर कार्य करें। जिला अध्यक्ष की असफलता के लिए इनके लोग आए दिन गुटबाजी को बढ़ावा देते हुए एक समानांतर कांग्रेस चल रहे हैं। सूत्रों की माने तो बुधवार को जीतू पटवारी के सामने असंतुष्ट गुट जिला अध्यक्ष की शिकायतों का पिटारा खोलेगा।
ऐसा ही हाल कोतमा विधानसभा का हैं जहो दो पूर्व विधायक अपनी जमीन बनाने के लिए पार्टी को ताक पर रखे हुए हैं। एक पूर्व विधायक वर्ष 2023 के विधानसभा चुनाव के दौरान पार्टी विरोधी गतविधियों के कारण निलंबन का समाना करना पड़ा इनके साथ युवा कांग्रेस व एनएसयूआई जिला अध्यक्ष सहित लगभग 6 लोग शामिल थे जिनका अबतक निलंबन समाप्त नहीं हुआ हैं। अनारक्षित सीट होनेकी वजह से यहा कि स्थिती एक अनार सौ बीमार वाली स्थिती हैं। ऐसे में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी क्या सभी को साध सकेगे। पटवारी के लिए यह चुनौती रहेगी।
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