आखिर कब पकड़
में आयेगे आईपीएल के सट्टेबाज
अनूपपुर। कोयलांचल समेत पूरे जिले में आईपीएल का सवाब लो
गों के सिर चढ़ कर बोल रहा है।
चाल-चरित्र और चेहरे की बात करने वाली पार्टी के लोगों के द्वारा प्रशासन को खुली
चुनौती देते हुये इस खेल को अंजाम दे रहे हैं और प्रशासन मूक दर्शक बनकर चैकों और
छक्कों पर तालियां बजाते नजर आ रहा है। वहीं दूसरी ओर जिले में राजनीतिक शून्यता
पूर्व की भांति अभी भी कायम है। जनप्रतिनिधि की नजर इस ओर आखिर क्यों नहीं जा रही
है। समाज में बुराई का रूप ले रहे इस आईपीएल सटटे पर सबकी खामोशी अब बड़ा सवाल
बनती जा रही है। पड़ोसी जिले में पुलिस ने तत्परता दिखाते हुये आईपीएल में चल रहे
सटटे पर कार्यवाही करते हुये माफियाओं को गिरफतार करते हुये बड़ी कार्यवाही की है।
किंतु अनूपपुर जिले के पुलिस अधिकारियों को जिले में चल रहे इस गोरख ध्ंाधे के
बारे में लगातार जानकारी मिलने के बावजूद कार्यवाही न होना उनके सूचना संकलन पर
सवालिया निशान लगा रहा है। सुत्रो की माने तो एक खिलाडी का घर तक बिक गया जिसे
सट्टेबाजो ने ही ले लिया।
बीते पखवाड़े
भर से कोयलांचल में आईपीएल खेलने वालों की लाईन लंबी होती जा रही है। इस खेल में
खादी व खाकी का संरक्षण सटोरियों को मिलता नजर आ रहा है। सटोरियों के द्वारा भी
खेल को नये तरीके से अंजाम दिया जा रहा है। वह तकनीक का भी पूरा इस्तेमाल करते नजर
आ रहे हैं। सटोरियों के द्वारा खिलाडियों से एडवांस के रूप में एक निष्चित रकम जमा
कराई जाती है, जिसके बाद उन्हें एक नंबर दे दिया जाता
है ताकि आगे का खेल नाम से न होकर नंबर के रूप में संचालित किया जा सके। सारा
हिसाब-किताब मैच के समाप्त होने के एक घंटे के भीतर ही सटोरियों के द्वारा घर
पहुंच सेवा के रूप में निपटा दिया जाता है। रात के अंधेरे में हिसाब-किताब करते
हुये अगले दिन की फिर तैयारी प्रारंभ कर दी जाती है। हद तो तब हो जाती है जब रात
के राजकुमार को सारी जानकारी होने के बावजूद कोई कार्यवाही नहीं की जाती।
कोयलांचल में
आईपीएल महोत्सव के कर्ताधर्ता वार्ड नंबर 8 में बैठकर इस महोत्सव में लोगों को
शामिल कर पूरे खेल को त्योहार के रूप में मनाते नजर आ रहे हैं। वहीं इस महोत्सव को
कोतमा के राजकुमार की मौन स्वीकृति खेल में चार चांद लगा रही है। कोयलांचल के युवा
पहले ही सटटे की लत में फंसकर अपना जीवन बर्बाद कर रहे थे, अब वार्ड नंबर 8 से संचालित आईपीएल महोत्सव के आयोजकों के द्वारा युवा वर्ग को
इस खेल में शामिल कर अंतिम कील ठोंकने का का प्रयास किया जा रहा है। ऐसे में पुलिस
की खामोषी भी बड़ा सवाल बनता जा रहा है।
आखिर क्यों
खामोष है पुलिस
कोयलांचल को धन
की नगरी भी कहा जाता है, वहीं कोतमा अनूपपुर
जिले की आर्थिक मजबूती के लिये भी जाना जाता है। ऐसे में माफियाओं का आर्थिक लाभ
कैसे बढे यह माफियाओं के द्वारा सुनिष्चित करने के लिये तमाम तरह के खेलों को
अंजाम दिया जाता है। पुरानी कहावत है कि पुलिस की जानकारी के बिना कोई अपराध
मुमकिन नहीं, ऐसे में कोतमा में आईपीएल में लाखों का
जुआं कैसे संचालित हो रहा है। क्या पुलिस का सूचना संकलन तंत्र कमजोर हो गया है या
पुलिस इस मामले में कोई सूचना संकलित करना ही नही चाहती। यदि पुलिस चाह ले तो
माफिया उनके पहुंच से बहुत दूर नहीं है। आईपीएल महोत्सव में पुलिस की खामोषी जनता
के बीच चर्चा का बिषय बनी हुई है।
पकड़ से दूर
सरगना
पूरे कोयलांचल
में आईपीएल के संचालकों का नाम लोगों के जुबान पर छाया हुआ है। बावजूद इसके
प्रषासन में बैठे हुये जिम्मेदारों के कान में जूं नहीं रेंग रही है। जब गली-गली
में संचालकों के नाम छाये हुये हैं तब पुलिस तक आखिर यह नाम क्यों नहीं पहुंच रहे
हैं। कोतमा के एक वार्ड विषेष से संचालित आईपीएल का रगना पुलिस की पहुंच से दूर
क्यों है। क्या चंद सिक्कों के फेर में यूं ही अभयदान मिलता रहेगा।
किस रोषनी में
गुम हुसे हेमू, जोषी और रवि
जिस बात की
जानकारी पूरे कोयलांचल क्षेत्र को है उस बात की जानकारी आखिर पुलिस को कैसे नहीं
है। आईपीएल चालू होने के साथ ही कुछ नाम लोगों की जुबान पर छाये हुये हैं। जिनमें
हेमू व जोषी दो नाम प्रमुखता से चाय व पान की गुमटियों पर लोगों के बीच चर्चा का
बिषय बने हुये हैं। आखिर यह रात के अंधेरे में कहां गुम हो जाते है। जहां राजकुमार
की पहुंच भी संभव नहीं है। आखिर वह कौन सी ऐसी जगह है जहां पर बैठकर पूरे महोत्सव
को अंजाम दिया जा रहा है।
हाईटेक हुआ
आईपीएल महोत्सव
जैसे-जैसे देष
हाईटेक हो रहा है वैसे-वैसे माफियाओं ने भी खुद को अपडेट किया है। कोतमा के आईपीएल
के संचालकों ने खुद को अपडेट करते हुये अब सेषन के रूप में अपने खिलाडियों को नंबर
आवंटित करते हुये सारा खेल मोबाइल के जरिये ऑपरेट करते नजर आ रहे हैं। यदि पुलिस
थोड़ा सा सजग होकर माफियाओं के नंबर ट्रेस करे तो आईपीएल का सारा काला चि_ा सामने होगा। जिनमें खेलने व खिलाने वाले दोनों के नाम सामने होंगे। यदि
पुलिस चाहे तो कोयलंाचल से इस हाईटेक हुये व्यापार पर लगाम लगाई जा सकती है।
आखिर क्या कहते
हैं जनप्रतिनिधि
अनूपपुर जिले
में सामाजिक बुराई का रूप ले चुके आईपीएल सटटे पर जब जिले के जनप्रतिनिधियों से
बात की गई तो जनप्रतिनिधियों ने प्रषासन से बात करने की बात कही। किंतु बीते
पखवाडे भर से लगातार अखबारों की सुर्खियां बन रहे आईपीएल सटटे पर अभी तक
जनप्रतिनिधियों की नजर न पडना भी अपने आप में एक सोचनीय बिषय है। ऐसे में जनता के
द्वारा जिन्हें विकास की कमान सौंपी जाती है वह कितने सजग प्रहरी हैं सहज ही
अंदाजा लगाया जा सकता है। आईपीएल सटटे पर जब हमारे द्वारा चुने हुये
जनप्रतिनिधियों से बात की गई तो चल रहे सटटे पर उनकी जुबानी कुछ इस तरह की है-
यदि ऐसा है तो
गलत है हमारी पार्टी के लोगों के द्वारा ऐसा कोई भी काम नहीं किया जाता है आप
जानकारी उपलब्ध कराइये, कार्यवाही की जाएगी।
रामलाल रौतेल विधायक अनूपपुर
विधानसभा।
यह एक सामाजिक
बुराई है, समाज में ऐसा नहीं होना चाहिये। मैं आज
ही प्रशासनिक अधिकारियों से बात कर इस बुराई को समाप्त करने का प्रयास करूंगा।
मनोज अग्रवाल विधायक, कोतमा विधानसभा।
हमारी पार्टी
ऐसे कार्यों का सदैव विरोध करती आई है, आईपीएल में लग रहे सटटे के विरोध में कांग्रेस पार्टी द्वारा ज्ञापन सौंपकर
कार्यवाही की मांग की जाएगी।
बिसाहूलाल सिंह पूर्व मंत्री
म0प्र0 शासन।
यदि भारतीय
जनता पार्टी की आड़ में कुछ लोग ऐसे आपराधिक कृत्य में शामिल हैं तो गलत है। हमारी
पार्टी ऐसा कोई संदेश नहीं देती न ही ऐसे कार्यों का समर्थन करती है।
राजेश सोनी भाजपा नेता, कोतमा।