अनूपपुर। कोतमा नगरपालिका अध्यक्ष
मोहिनी वर्मा ने २८ मई को संयुक्त कलेक्ट्रेट पहुंच कलेक्टर से मुलाकात कर कोतमा
नगर की स्वास्थ्य समस्याओ के संबंध में जानकारी दी। नपाध्यक्ष ने बताया कि कोतमा
नगर जिले का सबसे बड़ा व्यवसायिक केन्द्र होने के बावजूद स्वास्थ्य सुविधाओ की मूल
भूत सुविधाओ से वंचित है। जिस पर सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में नियमित
चिकित्सकों एवं प्राथमिक जांच हेतु लैब एवं नि: शुल्क मिलने वाली दवाईयों की
तत्काल व्यवस्था कराई जाए ताकि नगर सहित आसपास के लगे गांवो के मरीजों को
छोटी-छोटी बीमारियों के इलाज के लिए अन्यत्र न भटकना पड़ता है। जिस पर कलेक्टर ने यथा
संभव समस्याओं का निराकरण करने का आश्वासन दिया।
मंगलवार, 29 मई 2018
कोतमा एसडीएम को हटाए जाने पीडित किसानों ने सौंपा ज्ञापन
अनूपपुर। एसईसीएल जमुना कोतमा क्षेत्र
के आमाडांड खुली खदान में ९ अप्रैल को आमाडांड एवं १५ मई को निमहा में किसानों की
बैठक अनुविभागीय अधिकारी राजस्व कोतमा की अध्यक्षता में संपन्न हुई थी, जिसमें सर्व सम्मति से
४०० रिक्त पदों में पहले म.प्र. पुर्नवास नियमों के तहत पात्र किसानों को रोजगार
दिया जाना था। जिस पर एसडीएम कोतमा ने कुहका, निमहा, आमाडांड के किसानों की पात्रता सूची का पुर्ननिरीक्षण का भरोसा भी दिया था।
लेकिन एसडीएम ने पात्रता सूची में न तो हस्ताक्षर किया और ना ही पुर्नवास नियम के
तहत पात्र लोगो को रोजगार देने की कोई कार्यवाही रविवार २७ मई को भालूमाडा गेस्ट
हाउस में अनुविभागीय अधिकारी राजस्व, अनुविभागीय अधिकारी पुलिस, नायब तहसीलदार, कोतमा नगर निरीक्षक रामनगर की उपिस्थति में सरपंच निमहा तथा एक ही परिवार के
चार सदस्यों एवं ३ पंचों सहित कुल ७ किसानों की बैठक कर एसईसीएल के अधिकारियों ने
डिसेंडिंग के आधार पर रोजगार का निर्णय कर गोपनीय तरीके से बैठक कर लिया गया।
जिसके बाद निमहा के किसानों का गुस्सा फूट पड़ा और २८ मई को निमहा के किसान तहसील
कार्यालय कोतमा पहुंच एसडीएम कोतमा को तत्काल हटाने, अजीत सोडा, महाप्रबंधक संचालन, विधि अधिकारी
देवेन्द्र तिवारी, नोडल अधिकारी राजस्व विनोद सिंह को बर्खास्त करने की मांग का ज्ञापन कलेक्टर
के नाम सौंप ३१ मई तक मांगे पूरी नहीं होने पर आमांडाड में क्रमिक भूख हड़ताल की
सूचना दी गई। किसानों का आरोप है कि एसडीएम कोतमा, कॉलरी के बंगले में
रहता है, कॉलरी का पानी, बिजली, डीजल, सुख सुविधाएं प्राप्त
कर निजी स्वार्थ की पूर्ति करता है जिसके कारण एसडीएम कोतमा एसईसीएल का सीईओ बन
बैठा है ऐसे एसडीएम को तत्काल कोतमा से अन्यंत्र हटाया जाए और किसी निष्पक्ष
अधिकारी की नियुक्ति की जाए। किसानों की मांग है कि एसईसीएल ने जिस तरह अन्य
किसानों को म.प्र. पुर्नवास नियम के तहत रोजगार दिया है उसी तरह अन्य पात्र
किसानों को ४०० रिक्त पदों में नियुक्ति की जाए, अजीत सोडा, विनोद सिंह, देवेन्द्र तिवारी
द्वारा किसानों को अनावश्यक प्रताडित किया जाकर १३ वर्षो से परेशान किया जा रहा है, उन्हे तत्काल बर्खास्त
किया जाए, बीते ८ माह से अधिक समय से एक क्रमिक भूख हडताल आमाडांड खुली खदान में संचालित
है, अब अन्य किसान
भी आमाडांड के भूख हडताल की ओर है। किसानों का कहना है कि हमारी जमीन खोद ली गई, कोयला निकाल लिया गया
और हमें रोजगार न देकर प्रबंधन ऐसे लोगो से बैठक करता है जिनकी जमीन में अभी तीन
रोजगार दिया जा चुका है और २० वर्ष बाद भी उन जमीनों में कोयला उत्खनन नहीं होगा
प्रबंधक जब ग्राम सभा की बैठक में असफल रहा तब प्रशासन से मिलकर यह खेल खेला गया।
उच्च न्यायालय के आदेश की अव्हेलना, राजस्व अधिकारी उच्च न्यायालय की याचिका में पारित आदेश दिनांक पुर्नवास समिति
की बैठक एसईसीएल द्वारा आयोजित की गई। बैठक में पारित प्रस्ताव अनुसार आज दिनांक
म.प्र. पुर्नवास नियम १९९१ एवं संशोधित अधिनियमों के तहत पात्र व्यक्तियो की सूची
अनुविभागीय राजस्व द्वारा जारी नहीं की गई। जबकि एसईसीएल द्वारा ४०० खाली पदों की
जानकारी दी जाकर म.प्र. पुर्नवास नियम के तहत पात्र व्यक्तियों को रोजगार देने का
प्रस्ताव पारित किया गया था। राजस्व अनुविभागीय अधिकारी एवं एसईसीएल प्रबंधन के
रवैये के कारण आज दिनांक तक उक्त पीडित किसानों को रोजगार एवं मुआवजा नहीं मिल
सका। वहीं ज्ञापन सौपने वालो में आमाडाड, निमहा, कुहका के किसानों ने कोतमा एसडीएम मिलिन्द्र नागदेवे को हटाए जाने का ज्ञापन
कलेक्टर के नाम नायब तहसीलदार कोतमा को सौंपा। ज्ञापन सौंपने वालो में खेलावन, धनीराम, पुरूषोत्तम, रामावतार, राजकुमार, अमोल, मान सिंह, जमुना गुप्ता, राजेश गौतम, रोशन लाल, रमेश कुमार, सत्य नारायण, कोमल सेवक, रामरतन, ध्यान सिंह, समय लाल, फूलचंद, जयलाल, सुग्रीव, विश्वनाथ, रामसिंह मार्को, हरिलाल, लालदास, रमाशंकर, मोहनलाल केवट, महेन्द्र सिंह, शारदा शर्मा, अशोक मिश्रा, मनोज कुमार, ललन सिंह, शशांक गर्ग, संग्राम सिंह, रमाकांत गिरी, शेखर शरद दुबे सहित
समस्त किसान उपस्थित रहे।
पुलिस लाईन में हुआ बलवा परेड, जमकर चली लाठी-पत्थर
अनूपपुर। पुलिस लाईन अनूपपुर में २९ मई
को आगामी आने वाले त्योहारों एवं किसान आंदोलन के मद्देनजर कानून व्यवस्था को बनाए
रखने पुलिस अधीक्षक सुनील कुमार जैन की उपस्थिति में बलवा परेड का अभ्यास रक्षित
निरीक्षक कमलेश परस्ते द्वारा कराया गया। बलवा परेड में जिला पुलिस बलए एसएएफ के बल, नगर सेना बल शामिल रहे। किसी भी आपात स्थिति में कानून व्यवस्था को ध्यान में
रखकर बलवाईयों एवं उपद्रविंयों द्वारा पत्थरबाजी एवं तोडफोड की स्थिति में अपने आप
को एवं जनधन को सुरक्षित रखते हुए बलवाईयों पर किस तरफ कार्यवाही की जाती है। उक्त
बलवा परेड मे सर्वप्रथम बलवाईयों को बलवा की स्थिति निर्मित न हो इसके लिए
मजिस्ट्रेट एवं तहसील दार द्वारा समझाईश दी गई। उसके बाद बलवाईयों द्वारा पत्थर
बाजी करने पर अशु्रगैस के गोले एवं सेल छोडे गए तथा बलवाईयो के तितर बितर नही होने
पर आवश्यक बल का प्रयोग किया गया। बलवाई तितर बितर ना हो कर और उग्ररूप धारण कर
शासकीय एवं प्राईवेट सम्पतियों में तोडफोड करने लगे जिससे ज्यादा जनधन की हानि
होने की स्थिति निर्मित हो गई जिस पर मजिस्ट्रेट द्वारा 2 राउंड गोली चलाने का
आदेश दिया गया। जिसमे बलवाईयों के लीडर के पैर में गोली लगने से घायल हो गया।
जिसको पुलिस द्वारा तुरंत नजदीकी स्वास्थ्य केन्द्र में उपचार हेतु रवाना किया
गया। बलवाईयो के लीडर को गोली लगने पर सारे बलवाई तितर बितर हो गए इसके बाद
सर्चिंग पार्टी द्वारा घटना स्थल के आसपास की एरिया का बारीकी से निरीक्षण किया
गया। बलवा परेड में पुलिस अधीक्षक सुनील कुमार जैन, अतिरिक्त पुलिस
अधीक्षक वैष्णव शर्मा, एसडीओपी अनूपपुर उमेश गर्ग, जिला होमगार्ड कमाडेंट जेपी उईके, थाना प्रभारी कोतवाली, चचाई, जैतहरी, भालूमाडा, यातायात प्रभारी एवं स्टॉफ के अलावा समस्त थाना चौकी बल एवं पुलिस अधीक्षक
कार्यालय का बल शामिल रहा।
अखिल भारतीय किसान सभा ने आमसभा कर अपनी मांगो के संबंध में सौंपा ज्ञापन
अनूपपुर। अखिल भारतीय किसान सभा अनूपपुर
के मांगो के समर्थन में धरना प्रदर्शन के माध्यम से 5 सूत्रीय मांगो को
लेकर २९ मई को जिला मुख्यालय स्थित इंदिरा तिराहे में आमसभा आयोजित कर कलेक्टर के
नाम एसडीएम अनूपपुर को ज्ञापन सौंपा। वहीं आयोजन में प्रांतीय अध्यक्ष जनक राठौर
ने बताया कि ज्ञापन के माध्यम से अनूपपुर जिले में सिंचाई की समुचित व्यवस्था हेतु
स्टॉप डेम, डायवर्सन नहर निकाल कर लिफ्ट ऐरिगेशन के माध्यम से सिंचाई की व्यवस्था किए
जाने, किसानो का
बकाया बिजली बिल माफ किए जाने व उनके विरूद्ध अपराधिक प्रकरण बनाकर बिजली बिल माफ
किए जाने व उनके विरूद्ध अपराधिक प्रकरण बनाकर सख्ती से विद्युत बिल की वसूली
कार्यवाही रोक लगाए जाने, वन अधिकार कानून के तहत वन भूमि पर काबिज किसानो को पट्टा दिए जाने, मोजर वेयर कंपनी की
प्रभावित गांव के विस्थापित किसानो को पुनर्वास नीति का पालन किए जाने व उनको
नौकरी दिलाए जाने तथा मध्यप्रदेश पॉवर जनरेटिंग कंपनी चचाई में नेशनल सिक्योरिटी
सर्विस कैम्प चचाई अंतर्गत प्राइवेट सुरक्षा सैनिक के पद पर वर्ष 2014 से कार्यरत जिन लोगो
को कार्य से हटा दिया गया है उन्हे कार्य में वापस लिए जाने एवं बकाया मजदूरी का
भुगतान दिलाए जाने संबंधी मांग रखी गई थी।
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